इस लेख में आप जानेंगे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन क्या होता है, यूटीआई के लक्षण – पुरूषों और महिलाओ, कारण, रिस्क, निदान, ट्रीटमेंट, बचाव और घरेलू उपचार – Urinary tract infection in hindi

Table of Contents

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन क्या होता है – What is UTI Urinary Tract Infection in hindi

  • माइक्रोब्स के कारण होने वाला इंफेक्शन को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन कहा जाता है.
  • इन कीटाणुओं को माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है.
  • अधिकतर यूटीआई होने का कारण बैक्टीरिया होता है.
  • लेकिन कुछ यूटीआई फंगस के कारण वही रेयर मामलों में वायरस के कारण हो सकते है. (जानें – बैक्टीरियल बनाम वायरल इंफेक्शन के बीच अंतर)
  • इंसानों में होने वाले सबसे आम इंफेक्शनों में से एक यूटीआई होता है.
  • यूरिनरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन कही भी हो सकता है.
  • हमारे यूरिनरी ट्रैक्ट में किडनी, यूरेटर, ब्लैडर और यूरेथरा होता है.
  • अधिकतर यूटीआई लोवर ट्रैक्ट में यूरेथरा और ब्लैडर शामिल होता है.
  • जबकि ऊपरी ट्रैक्ट में यूटीआई होने पर यूरेटर और किडनी शामिल होते है.
  • हालांकि, ऊपरी ट्रैक्ट की यूटीआई बहुत रेयर होने के साथ काफी गंभीर होती है.

यूटीआई के लक्षण क्या होते है? – What are the symptoms of urinary tract infection in hindi

यूरिनरी ट्रैक्ट के संक्रमित हिस्से के आधार पर लक्षण दिखाई पड़ते है. जबकि निचले ट्रैक्ट की यूटीआई यूरेथरा और ब्लैडर को प्रभावित करता है.

लोवर ट्रैक्ट के लक्षणों में 

  • पेशाब में जलन
  • पेशाब में खून आना
  • क्लाउडी यूरीन
  • बार बार पेशाब आना
  • पेशाब में तेज़ गंध आना
  • पुरूषों में रेक्टल दर्द
  • महिलाओं में पेल्विक दर्द
  • यूरिन का रंग जो कोला या चाय की तरह दिखता है

जबकि ऊपरी ट्रैक्ट हमारी किडनी को प्रभावित करती है. जिससे बैक्टीरिया के किडनी के जरिए खून में पहुँचने पर जीवन हानि का खतरा बढ़ जाता है. इस कंडीशन से लो ब्लड प्रेशर, शॉक या मौत हो सकती है. 

ऊपरी ट्रैक्ट के लक्षणों में

  • बुखार
  • उल्टी
  • मतली
  • कमर के ऊपरी हिस्से और साइड में दर्द
  • ठंड लगना

पुरूषों में यूटीआई के लक्षण – what are the symptoms Urinary Tract Infection in men

  • पुरूषों और महिलाओं में ऊपरी ट्रैक्ट यूरिनरी इंफेक्शन एक जैसे होते है.
  • जबकि पुरूषों में लोवर ट्रैक्ट इंफेक्शन में रेक्टल दर्द के साथ पुरूष महिलाओं में एक जैसे लक्षण होते है.

महिलाओं में यूटीआई के लक्षण – what are the symptoms of Urinary Tract Infection in women

  • लोवर ट्रैक्ट यूरिनरी इंफेक्शन का अनुभव करने वाली महिलाओं को पेल्विक दर्द का अनुभव करना पड़ता है.
  • इसके अलावा अन्य लक्षण पुरूषों और महिलाओं में एक जैसे होते है.

यूटीआई के कारण और रिस्क फैक्टर – What are the causes and risk factors of uti Urinary Tract Infection in hindi

कुछ भी जिससे ब्लैडर खाली होने या यूरिनरी ट्रैक्ट में जलन होने पर यूटीआई हो सकती है. निम्न फैक्टर के कारण यूटीआई का रिस्क बढ़ सकता है –

  • आयु
  • किडनी स्टोन
  • पहले कभी यूटीआई होने
  • प्रोस्टेट बढ़ने
  • विशेष प्रकार का कैंसर
  • डायबिटीज़
  • प्रेगनेंसी
  • जन्म जात विकृत यूरिनरी बनावट
  • कमजोर इम्यून सिस्टम
  • सर्जरी या बेड रेस्ट के बाद बहुत कम घुमना फिरना

पुरूषों में यूटीआई रिस्क फैक्टर

  • अधिकतर लक्षण पुरूष और महिलाओं में एक जैसे होते है.
  • हालांकि बढ़ा हुआ प्रोस्टेट पुरूषों में अलग लक्षण होता है.

महिलाओं के लिए यूटीआई रिस्क फैक्टर

  • खराब बाथरूम हाइजिन
  • छोटा यूरेथरा
  • सेक्स के कारण
  • स्पर्मीसाइड
  • बिना लूब्रिकेशन वाला कंडोम जिसके कारण एसटीआई हो सकती है
  • एस्ट्रोजन लेवल कम होना
  • डायफ्राम

यूटीआई का निदान – How to diagnose Urinary Tract Infection in hindi

  • लक्षणों के आधार पर यूटीआई होने पर डॉक्टर से सलाह लें.
  • शारीरिक जांच और लक्षणों को देखने के बाद यूटीआई निदान के लिए टेस्ट किए जाते है.
  • यूरिन का सैंपल लिया जाता है लेकिन यूरिन की शुरूआत और अंत को नही लिया जाता है.
  • इससे आपको स्किन से यीस्ट या बैक्टीरिया सैंपल लेने की जरूरत नही पड़ती है.
  • अंग ट्रांसप्लांट वाले रोगियों या अन्य कंडीशन से ग्रसित लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है.
  • यूरिन कल्चर का टेस्ट कर बैक्टीरिया या फंगस का पता लगाया जाता है.
  • अंत में जिसके बाद स्थिति के आधार पर उपचार दिया जाता है.

ऊपरी ट्रैक्ट की यूटीआई का निदान

  • सीबीसी
  • ब्लड कल्चर
  • यूरिन टेस्ट

रिकरंट यूटीआई का निदान

यूटीआई का इलाज – what is the treatment of Urinary Tract Infection in hindi

  • इसका इलाज कारण के आधार पर किया जाता है.
  • इसके कारण वाले कीटाणुओं का पता लगाने के लिए टेस्ट के रिजल्ट देखे जाते है.
  • अधिकतर मामलों में बैक्टीरिया के कारण यूटीआई होते है जिनका इलाज एंटीबायोटिक्स से किया जाता है.
  • कुछ मामलों में वायरस या फंगस के कारण भी यह हो सकते है जिनके इलाज के लिए एंटीवायरल दवाएं इस्तेमाल की जाती है. 

यूटीआई के लिए एंटीबायोटिक्स

  • इनका इस्तेमाल बेक्टीरिया के कारण होने वाली यूटीआई के लिए किया जाता है.
  • लोवर ट्रैक्ट की यूटीआई को इलाद मौखिक एंटीबयोटिक्स से होता है.
  • जबकि ऊपरी ट्रैक्ट यूटीआईके लिए एंटीबायोटिक्स को इंजेक्शन आदि के माध्यम से चढ़ाया जाता है.
  • किसी किसी मामले में एंटीबायोटिक्स के कारण बैक्टीरिया रसिस्टेंस विकसित कर लेता है जिस कारण एंटीबायोटिक्स का असर नही पड़ता है. (जानें – एंटीबायोटिक्स के साइड इफेक्ट के बारे में)
  • इसके लिए डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक्स का कोर्स कम समय का रख सकते है.

यूटीआई से बचाव – How to prevent yourself from Urinary Tract Infection in hindi

  • रोजाना कम से कम 6 से 8 गिलास पानी पीएं.
  • लंबे समय तक यूरिन को होल्ड न करें.
  • ब्लैडर खाली न कर पाने या पेशाब न रोक पाने की समस्याओं के बारे में डॉक्टर से चर्चा करें.

यूटीआई का घरेलू उपचार – What are the home remedies for Urinary Tract Infection in hindi

  • यूटीआई को ठीक करने के लिए कोई घरेलू उपचार नही है.
  • लेकिन कुछ विकल्प की मदद से दवाओं का असर बेहतर हो सकता है.
  • इसके लिए जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा पानी पीया जाए, जिससे शरीर का इंफेक्शन तेज़ी से साफ करने में मदद मिलें.
  • इसके अलावा क्रैनबेरी जूस का सेवन करने से यूटीआई का उपचार शुरू नही होता है.
  • क्रैनबेरी में मौजूद केमिकल विशेष प्रकार के बैक्टीरिया से बचाव करने में मदद करते है.
  • इससे भविष्य में यूटीआई फिर से आने के मौके कम हो जाते है. 

बिना उपचार वाली यूटीआई

  • यूटीआई का उपचार जितना जल्दी हो सके उतना जरूरी है.
  • बिना उपचार की यूटीआई और भी ज्यादा फैलने लगती है.
  • निचले ट्रैक्ट में होने वाली यूटीआई का उपचार आसान है.
  • ऊपरी ट्रैक्ट में होने वाले इंफेक्शन का इलाज मुश्किल होता है क्योंकि इसके ब्लड में फैलने के आसार अधिक होते है जिसे सेपसिस कहा जाता है.
  • यूटीआई का अंदेशा होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेकर जरूरी टेस्ट करवाने चाहिए.

प्रेगनेंसी के दौरान यूटीआई – UTI during pregnancy in hindi

महिलाएं जो गर्भवती है और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से परेशान है उन्हें तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. इसके दौरान गर्भवती माता को हाई ब्लड प्रेशर और समयपूर्व प्रसव (डिलीवरी) हो सकती है. साथ ही इसके इंफेक्शन का किडनी तक फैलने का खतरा रहता है.

इसके अलावा किसी अन्य समस्या व सवाल के लिए डॉक्टर से बात करके सलाह ली जानी चाहिए. जिससे समयपूर्व निदान के साथ उचित उपचार मिल सकें.

References –

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