आज इस लेख में आप जानेंगे विटामिन बी12 की कमी के 9 लक्षण – 

विटामिन बी12 की कमी के लक्षण – Vitamin b12 deficiency symptoms in hindi

मुँह के अल्सर

  • इसके कारण जीभ पर इंफ्लामेशन हो सकती है जिसे ग्लोसाइटिस कहा जाता है.
  • ग्लोसाइटिस होने पर जीभ का रंग, शेप में बदलाव के कारण दर्द, लाल होना और सूजन हो सकती है.
  • इस तरह की इंफ्लामेशन से जीभ पर छोटे दाने जैसे उभार हो जाते है इसमें टेस्ट बड होते है.
  • ग्लोसाइटिस के दर्द के कारण हमारे बोलने व खाने की क्षमता प्रभावित हो सकती है.
  • विटामिन बी12 की कमी के लक्षण वाले लोगों को अन्य ओरल लक्षण जैसे माउथ अल्सर, जीभ पर पीन या सुई जैली चुबन, जलन या मुँह में खुजली हो सकते है.   

मूड में बदलाव

  • बी12 के लो लेवल को मूड व दिमाग के डिसऑर्डर जैसे डिप्रेशन और डिमेंशिया से जोड़ा जाता है.
  • कुछ अध्ययनों का मानना है कि इसकी कमी के लक्षणों को विटामिन बी12 सप्लीमेंट के सेवन से ठीक किया जा सकता है.
  • लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह है कि मूड में बदलाव के साथ डिप्रेशन व डिमेंशिया के कई अन्य कारण भी हो सकते है.
  • इसके इलाज के लिए डॉक्टर से सलाह ली जानी चाहिए.

त्वचा की पीलापन

  • इसकी कमी के कारण लोगों की त्वचा का पीलापन या आंखों के सफेद भाग का पीलापन दिखाई देता है. इस कंडीशन को पीलिया कहा जाता है.
  • विटामिन बी12 की कमी के कारण शरीर में रेड ब्लड सेल्स के विकास में समस्या आती है.
  • हमारे डीएनए के प्रोडक्शन जो रेड ब्लड सेल्स बनाने के लिए जरूरी है, इसमें विटामिन बी12 काफी अहम भूमिका निभाता है.
  • इसकी कमी के कारण सेल्स बनना पूरा नही हो पाता जिस कारण वह अलग नही हो पाते है.
  • इस तरह की कंडीशन के कारण विशेष प्रकार का अनेमिया (खून की कमी) हो जाता है जिसे मेगालोब्लास्टिक अनेमिया कहा जाता है.
  • इस तरह के रेड ब्लड सेल्स ज्यादा बड़े होते है जो बोन मैरो से बाहर निकलकर सर्कुलेशन में नही आ पाते है.
  • इसी कारण त्वचा का रंग पीला दिखने लगते है.

तेज़ तापमान

  • इसके बहुत ही रेयर लक्षणों में से एक है तेज़ बुखार का होना.
  • लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह है कि तेज़ बुखार का कारण कोई बिमारी आदि होते है.
  • जबकि बी12 की कमी के कारण बुखार को उपचार से ठीक किया जा सकता है. 

सांसों की कमी व चक्कर आना

  • बी12 के कारण खून की कमी के चलते सांस लेने में परेशानी और हल्के चक्कर आना हो सकता है.
  • जब हमारे शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी होती है तो हमें ऑक्सीजन की जरूरत होती है.
  • इस तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह ली जानी चाहिए.

नर्व को नुकसान

  • लंबे समय तक विटामिन बी12 की कमी के लक्षण रहने पर नर्व को नुकसान हो सकता है.
  • साथ ही इसकी कमी के कारण नसों की रक्षा करने वाला तत्व बन नही पाता है जिससे नर्वस सिस्टम ठीक से काम नही कर पाता है.
  • इसके अन्य लक्षणों में से एक है शरीर में सुई और पीन जैसी चुबन का अहसास होना.

कमजोरी और थकान

  • विटामिन बी12 की कमी के लक्षण के सबसे आम लक्षण थकान और कमजोरी आना होता है.
  • शरीर के रेड ब्लड सेल्स न बनने के कारण शरीर में हर जगह तक ऑक्सीजन नही पहुँच पाती है जिससे थकान रहती है.
  • अधिक आय़ु वाले लोगों में इस तरह के अनेमिया को ऑटोइम्यून कंडीशन के रूप में जाना जाता है.

चलने फिरने में परेशानी

  • समय से इलाज न मिलने पर नर्वस सिस्टम को नुकसान हो सकता है जिस कारण चलने फिरने में परेशानी होना हो सकता है.
  • इसके अलावा कमी के लक्षण आपके संतुलन और समन्वय को नुकसान पहुँचा सकते है.
  • इस तरह के लक्षण अधिकतर 60 से अधिक आयु वाले लोगों में दिखाई देते है.
  • लक्षण की रोकथाम व इलाज करने पर चलने फिरने की समस्या को ठीक किया जा सकता है.

दृष्टि की समस्या

  • विटामिन बी12 की कमी के कारण दृष्टि की समस्या जैसे धुंधलापन हो सकता है.
  • इलाज न मिलने के कारण नर्वस सिस्टम में ऑप्टीक नर्व की क्षति के चलते आंखों को नुकसान पहुँचता है.
  • इस समस्या के कारण आंखों से दिमाग तक सिगनल नही पहुँचते है इसे ऑप्टिक न्यूरोपैथी कहा जाता है.

अंत में

विटामिन बी12 एक पानी में घूलने वाला सॉल्यूबल विटामिन होता है इसे कोबालामिन भी कहा जाता है. यह हमारे शरीर में रेड ब्लड सेल्स के विकास करने के अलावा नर्वस सिस्टम के फंक्शन को ठीक करता है.

प्राकृतिक रूप से विटामिन बी12 जानवरों वाले फ़ूड्स जैसे मांस, फिश, अंडे, चिकन और डेयरी प्रोडक्ट में पाया जाता है. इसके अलावा यह बी12 के कुछ फॉर्टिफाइड प्रोडक्ट जैसे ब्रेड और प्लांट आधारित दूध में मिलता है.

आज के परिपेक्ष में बात करें तो खासकर अधिक आयु वाले लोगों में विटामिन बी12 की कमी होना काफी आम है. इसकी कमी के आसार तब भी अधिक होते है जब आप विटामिन बी12 को डाइट के माध्यम से ठीक से ले नही पाते या आपका शरीर इसको अवशोषित नही कर पाता है.

विटामिन बी12 की कमी के लक्षण वाले लोग –

इसकी कमी के लक्षण दिखने में सालों लग जाते है, जिसके बाद इसकी कमी का पता लगाना भी जटिल होता है. काफी सारे मामलों में देखा जाता है कि विटामिन बी12 की कमी को फॉलेट की कमी समझ लिया जाता है.

विटामिन बी12 के लेवल कम होने पर फॉलेट के लेवल भी कम हो जाते है. हालांकि, कम फॉलेट लेवल की समस्या को ठीक करने से विटामिन बी12 की कमी के कारण होने वाली समस्याओं का पता लगाना और भी कठिन हो जाता है.

आज के समय में विटामिन बी12 की कमी होना काफी आम है, साथ ही इसका पता लगाना भी बहुत मुश्किल होता है. अगर आपको इसके कोई लक्षण दिखाई दे या आप इसकी कमी के रिस्क पर हो तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह ली जानी चाहिए.

अधिकतर लोगों के लिए इसकी कमी को दूर करने के सबसे बेहतर तरीकों में से एक है विटामिन बी12 की डाइट को अपने भोजन में शामिल करना.

जबकि समस्या गंभीर होने पर डॉक्टर की सलाह पर विटामिन बी12 के इंजेक्शन भी दिए जाते है. लेकिन यह सिर्फ बहुत ज्यादा जरूरी होने पर ही किया जाता है.

References –

Share: