आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है डबल चिन क्या होता है, डबल चिन का घरेलू इलाज जिसमें एक्सरसाइज, डाइट और अन्य ट्रीटमेंट जिनकी मदद से आप डबल चिन से छुटकारा पा सकते है –

डबल चिन का इलाज – double chin ka ilaj

जेनेटिक्स कारण के चलते डबल चिन को एक्सरसाइज से टाइट किया जा सकता है. इसके अलावा डॉक्टर आपको निम्न सुझाव दे सकते हैं. (जानें – स्किन को टाइट कैसे करें)

लिपोलायसिस

  • इसे करने के लिए लेज़र का उपयोग किया जाता है जो फैट को पीघलाकर काम करती है. 
  • इसके लिए प्रक्रिया से पहले एनेस्थीसिया दिया जाता है. 
  • इस प्रक्रिया से केवल फैट का इलाज किया जाता है. 
  • यह फालतू स्कीन को कम नही करती है. 
  • जबकि इसके कुछ साइड इफेक्ट जैसे – सूजन, दर्द, छीलना आदि हो सकता है.

मेसोथेरेपी

  • इसे इंजेक्शन के द्वारा लगाया जाता है जिसमें फैट खत्म करने वाला कंपाउंड होता है.
  • इसके लिए कम से कम 20 इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है.
  • गलत तरीके से इंजेक्ट करने पर इससे नर्व को नुकसान होने का खतरा रहता है.
  • इसके साइड इफेक्ट्स जैसे – सूजन, छीलना, दर्द, सुन्न होना, लाल हो जाना हो सकते है.

डबल चिन के कारण – what causes double chin in hindi

  • इसे सबमेंटल फैट भी कहा जाता है, जो एक सामान्य कंडीशन होती है जिसमें ठोड़ी के नीचे फैट जमा हो जाते है.
  • यह स्थिति वजन बढ़ने के कारण देखने को मिलती है. लेकिन ऐसा जरूरी नही कि ओवरवेट व्यक्ति को ही डबल चिन की समस्या हो.
  • ऐसा काफी सारे मामलों में देखने को मिलता है जहां एजिंग के चलते ढीली स्कीन या जेनेटिक्स कारणों की वजह से डबल चिन हो जाता है.
  • अगर आपको डबल चिन है तो ऐसी बहुत सारी चीज़े है जैसे डबल चिन का घरेलू इलाज जिससे इस समस्या से निज़ात पाई जा सकती है.

डबल चिन के लिए एक्सरसाइज – double chin exercise in hindi

वैसे तो एक्सरसाइज से डबल चिन कम करने को लेकर कोई तथ्य मौजूद नही है लेकिन कुछ एक्सरसाइज है जो हमें ताकत बढ़ाने और चिन के आसपास की स्कीन और मांसपेशियों को टोन करने में मदद करती है. इन एक्सरसाइज को रोजाना कम से कम 10 से 15 बार किया जाना चाहिए –

जीभ स्ट्रैच

  • सीधे सामने देखे और जितना दूर हो सके जीभ को बाहर निकालें.
  • जीभ को ऊपर और नीचे की ओर खींचे.
  • 10 सेकेंड के लिए जीभ को होल्ड करके रिलीज करें.

स्ट्रैट जॉ जट

  • अपना सिर पीछे की ओर झुकाएं और ऊपर की ओर देखें.
  • अपने जबड़े के निचले हिस्से को थोड़ा ऊपर की ओर खींचे.
  • 10 काउंट करने तक जबड़े को होल्ड करें.
  • इसके बाद अपने जबड़े को रिलैक्स करें और सिर को वापस नॉर्मल पोजीशन में ले आए.

गर्दन स्ट्रैच

  • अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएं और ऊपर की तरफ देखें.
  • अपनी जीभ को मुंह के ऊपर तालू की तरफ प्रेस करें.
  • 5 से 10 सेकेंड के लिए होल्ड करें और फिर रिलीज करें.

बॉल एक्सरसाइज

  • अपने चिन के नीचे 9 से 10 इंच की बॉल रखें.
  • अपनी ठोड़ी को बॉल की तरफ प्रेस करें.
  • इसे कम से कम 25 बार दोहराए.

बॉटम जॉ जट

  • सिर पीछे की तरफ करके ऊपर देखें.
  • अपने मुंह को राइट तरफ करें.
  • जबड़े के नीचले हिस्से को स्लाइड करें.
  • 5 से 10 सेकेंड के लिए होल्ड करें.
  • इसके बाद मुंह को लेफ्ट तरफ करके इस प्रक्रिया को दोहराएं. 

पकर अप

  • सिर पीछे की ओर करें और ऊपर की तरफ देखें.
  • ऊपर की तरफ देखते हुए पाउट करें.
  • इससे चिन का एरिया स्ट्रैच होगा.
  • इसके बाद अपने सिर को नॉर्मल पोजीशन पर करें.

डबल चिन कम करने की डाइट – double chin diet food in hindi

वजन बढ़न के कारण डबल चिन होने पर, वजन कम करके इसे छोटा व पतला किया जा सकता है. वजन घटाने के सबसे बेहतर तरीकों में से एक रेगुलर एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट लेना है जैसे –

अंत में

आज के समय में खराब लाइफस्टाइल और आदतों के कारण लोगों को मोटापा जैसी समस्याओं से परेशान होना पड़ता है. मोटापा या कहे फैट जो पूरे शरीर पर कही भी हो सकता है.

उसी तरह यह चेहरे पर फैट आना और उसमें भी सबसे पहले डबल चिन हो जाना आपकी पर्सनलिटी को खराब कर सकता है.

हेल्दी डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज के साथ शरीर में जमा फालतू फैट से लड़ा जा सकता है. जब बात आती है डबल चिन से फैट कम करने की तो इसमें समय लगता है.

हालांकि, सर्जरी के मामलों में ऐसा नही होता है. परंतु सर्जरी के बाद भी फैट एक रात में कम नही होता है.

डबल चिन के साइज के आधार पर इसमें फर्क दिखने में कुछ महीने लग सकते है. अपने वजन का चेक रखना और अन्य रोगों के रिस्क कम होने पर बेनेफिट्स हो सकते है. इसके लिए रोगों जैसे –

  • कुछ विशेष प्रकार के कैंसर
  • हाई बीपी
  • स्ट्रोक
  • डायबीटिज़

किसी भी सर्जरी आदि का फैसला लेने से पहले हमेशा वजन घटाने, कार्डियो एक्सरसाइज और डबल चिन एक्सरसाइज को आज़माना चाहिए.

कोई भी नई डाइट या एक्सरसाइज शुरू करने से पहले या सर्जरी आदि का सोचने से पहले डॉक्टर से बात करके उससे जुड़े लाभ -हानि और जोखिमों को जान लेना चाहिए. साथ ही उनके द्वारा दी गई सलाह को फॉलों करना चाहिए.

References –

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