इस लेख में आप जानेंगे डायबिटीज को ठीक करने के होम्योपैथिक उपायों के बारे में –

डायबिटीज का होम्यपैथिक इलाज – Homeopathic treatment for diabetes in hindi?

  • सीजीजियम- जम्बोलियम
  • यूरेनियम नाइट्रिकम 
  • कोनियम
  • प्लम्बम
  • कैलेंडुला
  • फोस्फोरिक एसिड
  • कैंडिडा

डायबिटीज एक ऐसी कंडीशन है जिसमें ग्लूकोज़ (शुगर) हमारे ब्लडस्ट्रीम में जमा हो जाता है. जिस कारण इंसुलिन बनने और काम करने में परेशानी होती है.

पूरे विश्व के परिपेक्ष की बात करें तो डायबिटीज़ पूरी दुनिया की समस्या है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 2014 तक 42 करोड़ से ज्यादा लोग मधुमेह से पीड़ित थे और इस नंबर में उछाल जारी है.

डायबिटीज़ का इलाज डाइट में बदलाव, एक्सरसाइज और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं के साथ किया जाता है. 

लेकिन फिर भी ऐसे बहुत से लोग है जिनको डायबिटीज़ के लक्षण कंट्रोल करने में परेशानी होती है. इसके निम्न लक्षण हो सकते है –

होम्योपैथी क्या है – what is homeopathy in hindi

इसकी शुरूआत 18 वी शताब्दी में हुई थी. यह ‘लाइक क्योर लाइक’ के मूल सिद्धांत पर काम करती है जिसका अर्थ होता है कि अगर कोई चीज़ बीमारी का कारण होती है तो वह उसका इलाज भी हो सकती है.

डायबिटीज़ का इलाज करने के लिए कई होम्योपैथी उपचार मौजूद है जो इसके लक्षणों का इलाज करते है. इसके लिए कुछ अर्क को पानी के साथ मिलाकर होम्योपैथिक दवाएं तैयार की जाती है. जिसमें से कुछ टॉक्सिक होती है. 

हालांकि, यह काफी ज्यादा घूलनशील होते है जिसके लेवल माइक्रोस्कोप तक से देखे जाने मुश्किल होते है. इसी कारण रोग का इलाज कर इसका प्रभाव देखने को मिलता है.

होम्योपैथी दवाओं को लेने से पहले होम्योपैथिक डॉक्टर से सलाह ली जानी चाहिए. आपके लक्षणों के आधार पर वह आपको दवाएं निर्धारित कर सकते है.

डायबिटीज से संबंधित लक्षणों के लिए होम्योपैथिक उपचार? – Homeopathic medicine for diabetes in hindi?

यह दवाएं मिनरल, प्लांट या एनिमल से बनी होती है. इसलिए इसे नैचुरल कहा जाता है. होम्योपैथी सिद्धांत के अनुसार जब कोई चीज़ घूल जाती है तब उसके इलाज की क्षमता बढ़ जाती है. ऐसा तब होता है जब नैचुरल तत्व थोड़ी मात्रा में हो, जिसे निम्न तरीकों से दिया जा सकता है जिसमें –

  • शुगर पेलेट
  • ऑइंटमेंट
  • ड्रॉप्स
  • क्रीम
  • टैबलेट

होम्योपैथिक दवाएं रोग के लक्षण को ठीक करने और बचाव करने में मदद करते है.

  • सीजीजियम- जम्बोलियम – इसे प्यास, कमजोरी, स्कीन अल्सर और ज्यादा पेशाब आने के उपचार में किया जाता है.
  • यूरेनियम नाइट्रिकम – मतली, ज्यादा पेशाब आना, सूजन और पेशाब में जलन के लिए किया जाता है. 
  • कोनियम – हाथ और पैरों की सुन्नता और डायबिटीक न्यूरोपैथी के इलाज में होता है.
  • प्लम्बम – टिन्निटस और नर्व दर्द के अलावा हाथ और पैर की सुन्नता में मदद करता है.
  • कैलेंडुला – यह इंफेक्टिड अल्सर के इलाज में मदद करती है.
  • फोस्फोरिक एसिड – यह याददाश्त बेहतर करने, भ्रम की स्थिति या सिर भारी होना, रात को बार-बार पेशाब आना, हेयर लॉस और इरेक्शन बनाए रखने में समस्या हो सकती है.
  • कैंडिडा – यह यीस्ट इंफेक्शन के उपचार में मदद करता है.

क्या डायबिटीज में होम्योपैथिक ट्रीटमेंट काम करता है? – do homeopathic treatments for diabetes work in hindi?

होम्यपैथिक उपचार को लेकर कोई खासा तथ्य मौजूद नही है. इसे कई वर्षों से प्रयोग में लिया जा रहा है. हालांकि इसके प्रभाव को लेकर अभी और रिसर्च होना जरूरी है.

डायबिटीज होम्योपैथी ट्रीटमेंट से जुड़े क्या क्या रिस्क फैक्टर हो सकते है? – Risk factors associated with homeopathic treatment for diabetes in hindi

  • होम्येपैथिक दवाओं को ठीक से पानी के साथ घोलाकर पीने से कोई खासा साइड इफेक्ट नही होते है.
  • हालांकि इनमें टॉक्सिक सामग्री होती है.
  • इन दवाओं को यूएस की एफडीए से मान्यता प्राप्त नही है.
  • इसके कुछ मेडिसन के हल्के साइड इफेक्ट महसूस हो सकते है लेकिन वह न के बराबर होते है.
  • होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग करने से पहले इसके चिकित्सक से सलाह जरूर ली जानी चाहिए.

डायबिटीज़ की जटिलताएं –

  • हार्ट अटैक
  • स्ट्रोक
  • किडनी फेलियर
  • डायबिटीक न्यूरोपैथी
  • दृष्टि का नुकसान

अंत में

होम्योपैथी दवाओं के उपयोग से पहले होम्योपैथिक डॉक्टर से सलाह ली जानी चाहिए जिससे वह आपके लक्षण और स्थिति के आधार पर उचित ट्रीटमेंट लिया जा सकें.

साथ ही इसके डायबिटीज़ के इलाज में हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज और ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने के अलावा वजन बनाए रखना बहुत जरूरी है.

सबसे जरूरी कि होम्योपैथी उपचार शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर को पहले से चल रही दवाओं के बारे में बताना न भूले.

References –

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