हम सभी भावनात्मक प्रवृत्ति के होते हैं और अक्सर हमारे जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं. हालांकि, हम सभी अलग-अलग तरीके से काम करते हैं, जिससे हमारे दिमाग अद्वितीय तरीके से काम करते हैं.

इसलिए हर व्यक्ति के लिए जीवन में उतार चढ़ाव के अलग-अलग कारण होते है. अगर कोई व्यक्ति निराशाजनक स्थिति में है तो दूसरे व्यक्ति के लिए निराशा होने का अलग कारण हो हो सकता है. निराशा की स्थिति हर व्यक्ति में अलग-अलग होती है.

अगर आप पूरी तरह से निराश और निराशावादी की भावना के साथ डिप्रेशन का सामना कर रहे है तो इसे मूड डिसऑर्डर के नाम से जाना जाता है, जो आजकल तेजी से लोगों में प्रचलति हो रही है.

पुरुषों की तुलना में महिलाओं को डिप्रेशन से निदान होने की ज्यादा संभावना होती है. डिप्रेस्ड लोग अपने जीवन में निराशा की भावना में डूबे होते हैं (ऐसी एक भावना होती है जिसमे कुछ बुरा होने का डर होता है).

वे अक्सर अपने आप को अनिश्चितकाल की भावना में रखते है जिसमे वे खुद को अकेला, क्रोधित, निराशावादी और बेचैनी की भावना में लिप्त होता है.

डिप्रेशन के कुछ बताए गए संकेत नीचे सूचीबद्ध हैं:

  • निराशा और असहायता का अनुभव
  • थकान
  • ध्यान की कमी
  • आसानी से परेशान, चिड़चिड़ा या नाराज होना
  • नकारात्मक विचारों को नियंत्रित करने में असमर्थता
  • उन गतिविधियों में रुचि खोना जिन्हें आपने कभी आनंद लिया था
  • बेकार व्यवहार, जो पहले नहीं देखा गया था.
  • सोने और खाने के पैटर्न में परिवर्तन.
  • कार्यों को करने में कठिनाई जिसे आपने आसानी से पूरा किया करते थे
  • शराब और सिगरेट का अत्यधिक सेवन

यहां कुछ कारण दिए गए हैं कि लोग उदास क्यों महसूस करते हैं:

डिप्रेशन से कैसे लड़े – how to fight depression in hindi

बोलने की कोशिश करें

  • इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप जिस व्यक्ति को भरोसा करते हैं उसकी तलाश करें. 
  • एक प्रशिक्षित व्यक्ति या भरोसेमंद व्यक्ति आपकी बात सुन कर मदद कर सकता है. 
  • ज्यादातर मामलों में, एक योग्य परामर्शदाता को देखकर डिप्रेशन का प्रबंधन किया जा सकता है. 
  • कुछ मामलों में दवाएं भी उपयोगी हो सकती हैं.

खुद को जानें

  • दुनियाभर में ऐसे बहुत से लोग है जो अपने जीवन में कभी न कभी अवसाद से लड़ते है.
  • आपको पता नही होता है कि वह किस तरह के चैलेंज और मुसीबतों का सामना करते है.
  • डिप्रेशन होने पर खुलकर बात करना, स्वीकार करना और खुद से प्यार करना जरूरी होता है.

छोटे छोटे सकारात्मक पहलूओं को जानें

  • कुछ नकारात्मक बातों में कुछ छोटे छोटे सकारात्मक पहलू होते है उन्हें जानें.
  • रोजाना की डायरी लिखने से अच्छा और बुरा दोनों जानने में मदद मिलती है.
  • इसलिए नाकारात्मक के साथ साथ सकारात्मक पहलू भी लिखे जाने चाहिए.

पसीना बाहर निकालें

  • हालांकि, यह बहुत थकाऊ लग सकता है, 15 मिनट तक व्यायाम करने से राहत मिल सकती है. 
  • जितना अधिक आप व्यायाम करते हैं, उतना ही बेहतर आप महसूस करते हैं. 
  • व्यायाम भी मूड-बढ़ाने वाले रसायनों को रिलीज़ करता है जो डिप्रेशन को कम करता हैं.

वो काम करें जिससे खुशी मिलें

  • अवसाद के कारण आपको थकान हो सकती है.
  • इससे बचने के लिए वो काम करें जिससे आपको खुशी मिलें.
  • रिलैक्स करने के लिए आप अपने पसंद का काम कर सकते हैं.

सही भोजन खाएं

  • ओमेगा -3 फैटी एसिड वाले खाद्य पदार्थ किसी के मनोदशा में सुधार करने में मदद करते हैं. 
  • जबकि चीनी और परिष्कृत कार्बोस के साथ भोजन किसी के मूड पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. 
  • मनोदशा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करने के लिए अपना आहार बदलें. 
  • जंक फूड पर बिंगिंग उदास लोगों के बीच आम है, जिससे वजन बढ़ाना और अन्य जटिलताओं का कारण बनता है.
  • इसलिए जब आप महसूस करते हैं कि आप अंधकार में हैं, तो अंधकार के बाद निश्चित रूप से एक उम्मीद की किरण होती है.

संगीत सुनना

  • रिसर्च के अनुसार मूड को बूस्ट करने के लिए संगीत सुनना काफी लाभ देता है.
  • इससे सकारात्मक विचारों में मदद मिलती है.

प्रकृति के साथ समय

  • काफी सारे अध्ययनों को मानना है कि हरे भरे वातावरण में रहने से मानसिक स्वास्थ बेहतर होता है.
  • सूर्य की रोशनी लेने से सेरोटोनिन लेवल बढ़ जाते है जिससे मूड बेहतर होता है.

काम करने की लिस्ट बनाए

  • जैसे घर साफ करना और कूड़ा बाहर फेकना.
  • कपड़ों को रंग के आधार पर अलग करके धोएं.
  • छोटी छोटी चीज़ो का ध्यान रखें.

मेडिटेशन

  • तनाव और घबराहट जैसे डिप्रेशन के लक्षणों से लड़ने के लिए मेडिटेशन करना बेस्ट है.
  • इससे हमें शारीरिक व मानसिक रूप से तनाव को कम करने में मदद मिलती है.
  • इसके लिए योग, मेडिटेशन, प्राणायाम आदि किए जा सकते है.

खुद की भावनाओं को दबाएं नही

  • इसके लिए आप अपने विचारों को लिख सकते है.
  • ऐसा करने से डिप्रेशन से लड़ने में मदद मिलती है.

रूटीन बनाए

  • आप खुद को व्यस्त रखने के लिए रोजाना का रूटीन इस प्रकार का बना सकते है.
  • थोड़ा हल्का लेकिन नियमित रूटीन रोजाना के काम में लाभ देता है.

पूरी नींद लेना

  • नींद की समस्या होना अवसाद के लक्षणों में से एक है.
  • इसके कारण आप ठीक से नींद नही ले पाते है और डिप्रेशन के लक्षण और भी ज्यादा खराब हो जाते है.
  • समय से सोना और जागना काफी मदद करता है.
  • रोजाना कम से कम 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए.

अंत में

हम में से बहुत सारे लोग ऐसे होते है जो शायद ही प्रोफेशनल से अपनी बात बोलना कठिन हो सकता है. इसके लिए आपको मनोचिकित्सक से संपर्क करना होता है. जो स्थिति के आधार पर दवाएं या थेरेपी के अलावा एक्यूप्रेशर आदि की सलाह दे सकते है.

References –

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