तुलसी के फायदे और उपयोग – basil seeds in hindi
भारत में प्राचीन काल से तुलसी के लाभ उठाएं जाते रहे हैं, हर घर में तुलसी को विशेष स्थान दिया जाता रहा है. आयुर्वेद में इसका उपयोग कई रोगों के उपचार हेतु होता रहा है. आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है तुलसी के फायदे और उपयोगों के बारे में –
तुलसी के फायदे और उपयोग – basil seeds in hindi
मिनरल का अच्छा सोर्स
- हमारी हड्डियों, मांसपेशियों के लिए कैल्शियम और मैग्नीशियम बहुत ही जरूरी तत्व होते है.
- जबकि रेड ब्लड सेल्स के विकास में आयरन की भूमिका अहम होती है.
- अधिकतर लोगों को अपनी डाइट में कैल्शियम और मैग्नीशियम की जरूरी मात्रा नही मिल पाती है.
- ऐसे में नियमित रूप से तुलसी के पत्ते खाने से इन मिनरल और पोषक तत्वों की रोजाना जरूरत को पूरा किया जा सकता है.
- साथ ही तुलसी के पत्तों को आयरन और कैल्शियम का अच्छा सोर्स भी माना जाता है.
ब्लड शुगर को कंट्रोल करने
- अध्ययन के अनुसार, टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों द्वारा भोजन के बाद 10 ग्राम तुलसी के पत्ते का पानी के साथ सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद मिलती है.
फाइबर में पूर्ण
- तुलसी के पत्ते घुलनशील फाइबर में पूर्ण होते है जो रोजाना का फाइबर जरूरत को पूरा करने में मदद करते है.
- 13 ग्राम तुलसी के पत्तों में 7 ग्राम फाइबर होता है.
कोलेस्ट्रोल को बेहतर करने
- पेक्टिन आपके आंत में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को बाधित करके रक्त कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है.
- हालांकि तुलसी के पत्तों के उपयोग को लेकर अभी और अधिक अध्ययन जरूरी है. (जानें – कोलेस्ट्रोल लेवल कम करने के टिप्स)
पाचन के लिए
- तुलसी में मौजूद तत्व में प्रीबायोटिक गुण होते है जो पेट के लिए काफी फायदेमंद होता है.
- साथ ही इसमें एंटी इंफ्लामेटरी बैक्टीरिया भी होता है जो आंतों को सपोर्ट करता है.
प्लांट कंपाउंड
- तुलसी में प्लांट कंपाउंड बहुत अधिक होते है जिसमें पॉलीफेनोल और फ्लेवोनॉइड शामिल है.
- यह एंटीऑक्सीडेंट होते है जो सेल्स को फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले नुकसान से बचाते है.
- साथ ही इनमें एंटी कैंसर और एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते है जो कई रोगों के रिस्क को कम करते है.
भूख कम करने
- तुलसी में मौजूद तत्व पेक्टिन पेट को जल्दी से खाली नही होने देता है.
- जिससे पेट को भरा महसूस करवाने वाले हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है.
- हालांकि, वजन कम करने के लिए तुलसी के उपयोग को लेकर अभी भी शोध जारी है.
ओमेगा-3 फैट का प्लांट सोर्स
- तुलसी के बीज की 1 चम्मच में 2.5 ग्राम ओमेगा-3 फैट होता है.
- साथ ही ओमेगा-3 फैटी एसिड को कई रोगों के रिस्क को कम करने के रूप में जाना जाता है.
- जिसमें हार्ट रोग, टाइप 2 डायबिटीज समेत एंटी इंफ्लामेटरी फायदे शामिल है.
इस्तेमाल करने का तरीका
- दही
- चाय
- सलाद
- सूप
- नींबू पानी
- ओट्स
- ब्रेड
- मिल्कशेक
- मिठाई
- भोजन
तुलसी के बीज को चिया सीड्स से बेहतर माना जाता है
- सबसे उल्लेखनीय पोषण संबंधी अंतर यह है कि चिया के बीज में ओमेगा -3 फैट से दोगुना से अधिक होता है, लेकिन तुलसी के बीज की तुलना में थोड़ा कम फाइबर होता है.
- भीगोए जाने पर चिया सीड्स और तुलसी के बीज फूल कर जेल के रूप में हो जाते है.
- जबकि तुलसी के बीज ज्यादा फूलते है.
- दोनों सीड्स का स्वाद अलग होता है और इनका उपयोग कई प्रकार के भोजन के साथ किया जाता रहा है.
संभावित साइड इफेक्ट
- तुलसी के बीज की उच्च फाइबर सामग्री से पाचन संबंधी प्रभाव जैसे पेट फूलना हो सकता है.
- यह आमतौर पर सबसे अच्छा फाइबर का सेवन बढ़ाने के लिए धीरे-धीरे अपने आंतों को समायोजित करने के लिए समय देने के लिए है.
- इन्हें विटामिन के का भी सोर्स माना जाता है जो ब्लड क्लोटिंग के लिए जिम्मेदार होता है.
- यह ब्लड को पतला करने वाले ड्रग ट्रीटमेंट के साथ इंटरैक्ट कर सकता है.
अंत में
तुलसी के बीज फाइबर में उच्च, मिनरलों का एक अच्छा स्रोत, पौधे-आधारित ओमेगा -3 फैट में समृद्ध है और लाभकारी प्लांट कंपाउंड में भरपूर मात्रा में होते है. इन्हें किसी भोजन, चाय, मिल्कशेक, सलाद आदि के साथ खाया जा सकता है. (जानें – अलसी के बीज के फायदों के बारे में)
इसके अलावा अगर आपके घर में तुलसी का पौधा नहीं है तो आप बाजार से इसका पाउडर आदि खरीद सकते है.
References –
- https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/27886704/
- https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/29670040/
- http://journal.appconnect.in/wp-content/uploads/2017/02/ReprintBPR137.pdf