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उल्टी के लिए अदरक

अदरक का प्रयोग कैसे करें

  • एक कप गर्म पानी में थोड़ी अदरक घिस कर डालें और शहद मिलाएं.
  • इस पानी को दिन भर पीएं.
  • अगर आपका पेंट बर्दाश्त कर सके, तो आप थोड़ी हल्की अदरक की चाय भी ले सकते हैं.

अस्थमा के इलाज के लिए आसान अदरक उपचार

अस्थमा एक फेफड़ों की बीमारी है. जिसमें साँस लेने में कठिनाई हो होती है. अस्थमा या तो तीव्र या पुराना हो सकता है. फेफड़ों में हवा के प्रवाह में बाधा होने पर अस्थमा का अटैक पड़ सकता है.

अदरक अस्थमा के लिए एक प्रसिद्ध प्राकृतिक उपचार है. यह वायु-मार्ग की सूजन को कम करने में मदद करता है. साथ ही वायु-मार्ग की संकुचन को भी रोकता है. अध्ययनों से संकेत मिलता है कि इसमें ऐसे यौगिक पदार्थ होते हैं, जो कुछ अस्थमा की दवाओं की मांसपेशियों को आराम पहुंचाने वाले प्रभाव को बढ़ा सकता है.

  • उपाय 1 – अदरक का रस, अनार का रस और शहद को बराबर मात्रा में मिला लें, उसके बाद इस मिश्रण की एक बड़ी चम्मच दिन में दो या तीन बार सेवन करने से आराम मिलता है.
  • उपचार 2 – आप डेढ़ कप पानी में एक चम्मच पिसी हुई अदरक मिला लें और सोने से पहले इस मिश्रण का एक बड़ा चम्मच ले सकते हैं.
  • उपाय 3 – एक इंच अदरक को छोटे टुकड़ों में कर उसे उबलते पानी के एक बर्तन में डालें, इसे पांच मिनट के लिए उबलने दें ठंडा होने पर पी लें.
  • उपाय 4 – आपके फेफड़ों को विषमुक्त करने के लिए एक कप पानी में, एक बड़ी चम्मच मेथी के दाने और एक-एक छोटी चम्मच अदरक का रस और शहद मिलाए. उसे उबाले और काढ़ा बनाएं. हर सुबह और शाम इस घोल का सेवन करें.
  • उपाय 5 – आप कच्ची अदरक नमक के साथ मिलाकर भी खा सकते हैं.

चेहरे पर रंजित दाग़

चंदन पाउडर और गुलाब जल

  • त्वचा की अति-रंजकता की वजह से काले धब्बे पड़ सकते हैं.
  • मेलेनिन का अत्यधिक उत्पादन इस हालत के लिए जिम्मेदार है.
  • यह रंजित दाग़ शरीर के लगभग किसी भी हिस्से में हो सकते हैं. जिसमें चेहरा, गर्दन, हाथ, भुजाएं और पैर भी शामिल हैं.
  • आप स्वाभाविक रूप से कुछ सरल और आसान घरेलू उपचारों, जैसे चंदन पाउडर और गुलाब जल की मदद से इन दागों से छुटकारा पा सकते हैं.
  • दो बड़ी चम्मच चंदन पाउडर में पर्याप्त गुलाब जल मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनाएं.
  • इस लेप को प्रभावित त्वचा क्षेत्र पर लगाए. इसे आधे घंटे तक लगा रहने दें.
  • फिर हल्के गर्म पानी से चेहरा धो लें. सकरात्मक परिणामों के लिए इस उपचार का पालन दिन में दो बार या कुछ हफ़्तों के लिए करें.

गुर्दे की पत्थरी के लिए उबले हुए प्याज का रस

  • प्याज विभिन्न बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में एक सहयोगी है.
  • प्याज में फिनोलिक्स और फ़्लवोनोइद्स होते हैं.
  • जिनमें प्रबल कैंसर विरोधी, सूजन विरोधी, एंटीऑक्सिडेंट और कोलेस्ट्रॉल विरोधी गुण होते हैं.
  • यह एक मूत्रवर्धक के रूप में कार्य करता है.
  • जो मूत्र के माध्यम से शरीर के अतिरिक्त तरल पदार्थों को निष्कासित करने में मदद करता है.
  • यह गुण गुर्दे की पथरी के गठन को रोकने में विशेष रूप से उपयोगी है.
  • मूत्र के माध्यम से छोटे पत्थरों को निकालने में मदद कर सकता है.
  • उबले हुए प्याज का रस गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए बहुत प्रभावी है.
  • एक गिलास उबलते हुए पानी में 2-3 छोटे प्याज डालें और 10-15 मिनट के लिए उबालें.
  • उबालने के बाद, इस मिश्रण को छान लें और थोड़ी देर के लिए ठंडा होने दें.
  • जब यह ठंडा हो जाए,
  • इसमें थोड़ी शक्कर और नमक मिलाएं.
  • इस मिश्रण को प्रतिदिन 2-3 बार जूस की तरह पिएं.
  • यह गुर्दे की पथरी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए बहुत कारगर उपाय है.

दृष्टि की समस्या में सुधार करने के लिए

  • ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें जिनमें आपकी आँखों के लिए पर्याप्त पोषक तत्व और विटामिन हों.
  • हरी पत्तेदार सब्जियाँ, मछली जैसे सैलमन और ट्यूना, नारंगी. नींबू जैसे खट्टे फलों का रस, फल जैसे केले और सूखे मेवे आपको अपनी आंखों के लिए पोषक तत्व प्रदान करने में मदद कर सकते हैं.
  • विटामिन ई, सी और ए युक्त खाद्य पदार्थ ज्यादा खाएं.
  • यह खाद्य पदार्थ गाजर, कीवी, स्क्वैश, चीज़, दूध, खरबूजा, पालक, करोंदा, पपीता, जैतून, गेहूं के बीज, वनस्पति तेल और इसी तरह के अन्य खाद्य पदार्थ हो सकते हैं.
  • एंटीओक्सीडेंट आपकी आंखों के लिए भी अच्छे होते हैं.
  • एंटीऑक्सीडेंट में भरपूर खाद्य प्रदार्थ हैं जैसे पत्तेदार सब्जियाँ, काली मिर्च, अंडे, शकरकंद और कद्दू.
  • अंगूर, ब्लूबेरी और गोजी बेर भी दृष्टि में सुधार करते हैं क्योंकि उनमें फ़्लवोनोइड्स होते हैं.
  • खाद्य पदार्थ जिनमें लेसितिण, सिस्टीन और सल्फर होते हैं वह मोतियाबिंद के गठन को रोकने में मदद करते हैं.
  • इन लाभों के लिए लहसुन, केर, प्याज और प्याज के पौधे खाएं.
  • ज्यादा पानी पीने से आपका शरीर जल मिश्रित रहता है. यह आपकी आँखों को सूखने से बचाता है.
  • धूम्रपान से आपकी दृष्टि प्रभावित हो सकती है.
  • साथ ही मोतियाबिंद का कारण बन सकती है. इसलिए कोशिश करें और धूम्रपान से बचें.

बदहजमी के लिए अनानास

  • एक अच्छे पके हुए अनानास को टुकड़ों में काटें
  • दो टुकड़े (100-200 ग्राम) खाएं
  • इसकें 30 मिनट के बाद खाना खाएं

सांस की बदबू

  • नींबू पानी का प्रयोग करें
  • सांस की बदबू रोकने के लिए नींबू पानी के साथ अक्सर कुल्ला करें.

अपने थायरॉयड को जानें

  • थायराइड आपकी हंसली के ठीक ऊपर, आपकी गर्दन में एक तितली के आकार की ग्रंथि होती है.
  • यह आपकी अंत: स्रावी ग्रंथियों में से एक है, जो हार्मोन बनाती है.
  • थायराइड हार्मोन आपके शरीर में कई गतिविधियों की दर को नियंत्रित करते हैं.
  • इनमें कितनी तेजी से आप कैलोरी खपाते हैं और कितनी तेजी से आपका दिल धड़कता है, शामिल हैं. यह सभी गतिविधियाँ आपके शरीर की चयापचय हैं.
  • टीएसएच एक हार्मोन है, जो थायरॉयड ग्रंथि की गतिविधि को नियंत्रित करता है.
  • उचित उपचार लेने के लिए थायराइड के संकेतों और लक्षणों को जानना बहुत महत्वपूर्ण है.

उबले हुए अंडे और सिरका

  • अंडे सस्ते और विटामिन, खनिज, प्रोटीन और गुणकारी वसा से भरे होते हैं.
  • एक मध्यम अंडे में कैलोरी 63, प्रोटीन 6 ग्राम और वसा 4 ग्राम होते हैं.
  • जिनमें से अधिकांश दिल को स्वस्थ रखने वाले असंतृप्त वसा होते हैं.
  • अगर आप अपने रक्त शर्करा के स्तर पर ध्यान दे रहे हैं. तब उनकी प्रोटीन और वसा की मात्रा के साथ-साथ कार्बोहाइड्रेट के अभाव के कारण, अंडा एक उत्कृष्ट पसंद है.
  • दुनिया भर के कई विशेषज्ञों का कहना है, कि सिरका के साथ उबला हुआ अंडा आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और कम करने के लिए एक अत्यंत प्रभावी और लाभप्रद घरेलू उपचार है.
  • यह घरेलू उपचार बनाने में बहुत ही आसान है. आपको सिर्फ दो आसानी से उपलब्ध सामग्रियों की जरूरत है – एक उबला हुआ अंडा और सिरका.
  • शाम को एक अंडा उबाल लें और छीलने के बाद उसमें एक कांटे का उपयोग करते हुए कुछ छेद करें.
  • एक कटोरी में अंडा रखें और उसपर सेब का सिरका डालें. इसको रात भर छोड़ दें. सुबह सिरका हटाकर आपको अंडा खाने की जरूरत है.
  • अंडा खाते समय, एक गिलास हल्का गर्म पानी पिए जिसमें आपको एक बड़ी चम्मच सिरका मिलाने की ज़रुरत होगी.

टिनिटस

  • टिनिटस एक ऐसी अवस्था है जिसमें लोगों को निरंतर ध्वनि सुनाई देती है.
  • इसका कारण कोई बाहरी स्रोत नहीं होता है. इस ध्वनि को आपके सिर में होने वाली खनखनाहट, गूँज और टिक-टिक शोर के रूप में वर्णित किया जा सकता है.
  • कानों की खनखनाहट को एक या दोनों कानों में और सिर में सुना जा सकता है. इसकी आव़ाज रेंज नीची या ऊँची हो सकती है.
  • इसके कारण अत्यधिक या बढ़ते हुए शोर का अनावरण, सिर और गर्दन पर चोट या कान में संक्रमण होते हैं. व्यक्तियों की एक छोटी संख्या में टिनिटस एक गंभीर हालत का एक संकेत है.

गाजर का रस

  • गाजर के रस सें अस्थमा का अटैक रोकें
  • अस्थमा से पीड़ित लोगों को खांसी, सांस की तकलीफ और घुटन जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है.
  • गाजर का रस इन लक्षणों को कम करके अस्थमा के अटैक से बचाता है.
  • गाजर सबसे अच्छे खाद्य पदार्थों में से एक है. यह शरीर से अत्यधिक बलगम को दूर करने में मदद करता है.
  • हालांकि गाजर का रस अस्थमा की वास्तविक स्थिति का इलाज नहीं कर सकता.
  • लेकिन यह अस्थमा के दौरों के लक्षणों को नियंत्रित कर सकता है.
  • अस्थमा से बचाव के लिए गाजर के रस का काढ़ा पालक के साथ मिलाकर बनाया जाता है.
  • गाजर और पालक का रस निकालने के लिए जूसर का प्रयोग करें.
  • जूस निकालने के 15 मिनट के अंदर सेवन किया जाना चाहिए.
  • अस्थमा के दौरों को रोकने के लिए एक दिन में दो से तीन बार इसको पीना चाहिए.

कब्ज के लिए जैतून का तेल

कब्ज एक बहुत ही आम पाचन विकार है. सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है. कब्ज की वजह से मल निकालने में कठिनाई होती है. जिसकी वजह से व्यक्ति को कठोर मल का निकास करने के लिए ज़्यादा दबाव लगाने की ज़रुरत भी पड़ सकती है.

अन्य लक्षणों में फूला हुआ पेट, असामान्य रूप से छोटे या बड़े मल, अम्लता, भूख न लगना, सांस की बदबू, सिर दर्द, अवसाद, मुँहासे और मुँह के छाले हैं.

कब्ज के मुख्य कारणों में से कुछ बुरा आहार, अपर्याप्त पानी का सेवन, अनियमित शौच की आदत, शारीरिक श्रम का अभाव, पेंट की मांसपेशियों की कमजोरी, बवासीर, तनाव और कुछ दवाओं का सेवन हैं.

आपके पाचन तंत्र की कार्यक्षमता बढ़ाने और कब्ज के इलाज के लिए कई घरेलू उपचार हैं. जैतून का तेल ऐसे उपचारों में से एक है.

  • विधि 1 – एक बड़ी चम्मच जैतून का तेल और नींबू का रस मिलाएं. इसें सुबह नाश्ते से पहले लें. इस सें कब्ज में बहुत तेजी से राहत मिलती है.
  • विधि 2 – सुबह खाली पेट और रात में सोने से एक घंटा पहले एक चम्मच निगलें. इसें नियमित रूप सें तब तक जारी रखें, जब तक आपकी कब्ज ठीक न हो जाएं.

साँसों की बदबू

  • साँस की दुर्गंध जिसे हलितोसिस के नाम से भी जाना जाता है.
  • सांस की बदबू के कई कारण हो सकते हैं, जैसे दुर्गन्धयुक्त खाद्य पदार्थ खाना, धूम्रपान, शुष्क मुँह, चिकित्सीय कारण, मसूड़ों की बीमारी और साइनस.
  • हालाँकि, सांस की बदबू का प्राथमिक कारण बैक्टीरिया है. जो आपकी जीभ पीछे या आपके दाँतों के बीच निर्मित होता है.
  • कई पीढ़ियों से नींबू पानी से कुल्ला करके सास की बदबू का इलाज किया जा रहा है.
  • नींबू के अम्लीय तत्व आपके मुंह में बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकते हैं. साथ ही उसकी खुशबू, बुरी गंध को छुपाने में मदद करती है.
  • सिर्फ एक कप पानी में एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं. इसके साथ अपना मुँह कुल्ला करें.
  • आप इसमें थोड़ा नमक मिला कर भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
  • इस उपाय से आपको शुष्क मुँह की समस्या को हल करने में मदद मिलेगी, जो मुँह की बदबू के मुख्य कारणों में योगदान करती है.

काली चाय

  • दस्त आम पेट की समस्याओं में से एक है जो कम से कम एक वर्ष में दो बार एक व्यक्ति को प्रभावित करता है.
  • हालांकि, यह काफी आम है. लेकिन दस्त काफी असहज हो सकता है और कमजोरी का कारण बन सकता है.
  • दस्त के हल्के मामलों में किसी भी उपचार की आवश्यकता नहीं होती है.
  • यदि आपको एक दिन में 3-4 बार पानीदार मल पारित करने की ज़रुरत पड़ती है, तो पर्याप्त तरल पदार्थ और पानी का सेवन करने सें आपका दस्त ठीक हो जाएगा.
  • आपको सिर्फ अपने पाचन तंत्र और अपने आप को कुछ आराम देने की जरूरत है.
  • आप बार-बार शौचालय जाने से अपने आपको नहीं रोक पाते, तो नीचे दिए गए काली चाय के उपायों का प्रयोग करें.
  • आपकी पसंदीदा काली चाय दस्त के लिए एक तेज़ महान उपचार है.
  • आप या तो बिना चीनी वाली काली चाय पी सकते हैं या फिर एक छोटी चम्मच चायपत्ती को सादे पानी के साथ निगल सकते हैं.

सूखे और क्षतिग्रस्त बाल

सप्ताह में एक दो बार इन प्राकृतिक उपचारों का प्रयोग करें :

  • उपाय 1: 1/4 कप शहद को पतला करने के लिए पर्याप्त पानी में मिलाएं ताकि आप उसे अपने बालों में फैला सकें. गीले बालों में इस तरह लगाएं जैसे आप बालों को शैम्पू करते हैं. उसे 30 मिनट के लिए लगा रहने दें. गुनगुने पानी से धो लें.
  • उपाय 2: शहद और एप्पल साइडर सिरके को एक साथ मिला लें. हल्के गीले बालों में इस तरह लगाएं जैसे आप बालों को शैम्पू करते हैं. इसे 15 मिनट के लिए लगा रहने दें. गुनगुने पानी सें धो लें.
  • उपाय 3: 1/2 कप शहद और 1/4 कप जैतून के तेल को एक साथ मिला लें. अगर ज़रुरत हो तब हल्का गर्म कर लें. जैसे ज़रुरत हो वैसे बालों में लगाएं.
  • उपाय 4: नारियल तेल और शहद को मिलाकर अच्छे से घोल लें. हल्के गीले बालों में इस तरह लगाएं जैसे आप बालों को शैम्पू करते हैं. 10 मिनट के लिए लगा रहने दें फिर हल्के गर्म पानी से धो लें.

रिस्ट टैन

  • इसमें कलाई क्षेत्र की त्वचा का रंग भूरा हो जाता है.
  • इससे निजात पाने के लिए इस प्राकृतिक उपाय का प्रयोग करें.
  • बराबर मात्रा में शहद और नींबू के रस को मिला लें. अपनी टैन रेखाओं पर 25 मिनट के लिए लगा रहने दें और फिर धो लें.

बदहज़मी

  • यह आमतौर पर मसालेदार या वसायुक्त खाद्य पदार्थ या ज्यादा भोजन खाने के बाद होती है.
  • राहत पाने के लिए तुलसी का प्रयोग करें.
  • एक कप गर्म पानी में तुलसी की पत्तियाँ डालें और 10 मिनट के लिए भीगने दें. एक दिन में इस चाय के 3 कप तक पिए

त्वचा पर रेशस्

त्वचा पर रेशस् के लिए नीम सबसे अच्छा उपचार है.

  • मुट्ठी भर नीम की पत्तियों को पानी के साथ 15-20 मिनट के लिए उबाल लें.
  • इस मिश्रण को छान लें और ठंडा होने दें.
  • एक कपास के टुकड़े को इसमें भिगाए और 10 मिनट के लिए इसें प्रभावित क्षेत्र पर रखें.
  • इसें हर रोज़ दिन में दो बार करें.

दो मुँहे बाल

  • इस इलाज के लिए एलो वेरा जेल का उपयोग करें.
  • एलो वेरा जेल (एक या दो एलो वेरा पत्तियों से निकाला हुआ) को अपने बालों में मालिश करें. इसकें बाद 30 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर अपने बालों को शैम्पू से धो लें.
  • बेहतर परिणामों के लिए, आप इसें एक बड़े चम्मच नींबू के रस और दो बड़े चम्मच अरंडी का तेल, जैतून का तेल या जोजोबा तेल के साथ मिला सकते हैं. ऐसा एक हफ्ते में दो या तीन बार कुछ महीनों के लिए करें.

खराटे

इन पेपरमिंट उपचारों का प्रयोग करें.

  • उपाय 1: पेपरमिंट तेल के एक या दो बूँदें एक गिलास पानी में डालें. सोने से पहले इससें कुल्ला करें. यह सुनिश्चित करें कि आप इस घोल को निगले नहीं. इसे हर रोज़ करें जब तक आपको इच्छित परिणाम नहीं मिलता है.
  • उपचार 2: सोने से पहले अपनी नाक के निचले भागों में दोनों ओर पेपरमिंट तेल मलें.

गले में खराश (गले का दर्द)

गले में खराश, दर्द, खुजली या गले की जलन को दर्शाता है. आपको भोजन और तरल पदार्थ निगलने में कठिनाई हो सकती है, जब आप निगलने का प्रयास करते हैं. तब दर्द बदतर हो सकता है.

गले की खराश सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती हैं. लेकिन गले में खराश का जोखिम कुछ लोगों में अधिक होता है. इनमें शामिल है –

  • बच्चे
  • धूम्रपान करने वाले
  • लोग जिन्हें एलर्जी हो
  • लोग जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली संकट में हो

लक्षण

गले में दर्द, गले की खराश का प्राथमिक लक्षण है. हालांकि, अन्य लक्षणों में शामिल हो सकते हैं –

  • सूखा गला
  • गर्दन में सूजी हुई ग्रंथियों
  • गलतुन्द्रिका पर सफेद धब्बे
  • कर्कशता

प्रमुख कारणों

  • वायरल संक्रमण
  • बैक्टीरियल संक्रमण
  • फफूंद, पालतू पशुओं की रूसी, पराग या अन्य उत्तेजक पदार्थों से प्रत्युर्ज होने पर इन एलर्जी कारकों के संपर्क में आने से हो सकता है.
  • शुष्क हवा भी आपके गले को अपक्व और खुजलीकारक महसूस करवा सकती है.
  • धूम्रपान या सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने से.
  • चीखना या बहुत ज्यादा बात करना भी गले की ऐंठन का कारण बन सकते हैं.
  • गर्ड
  • एचआईवी और गले के कैंसर जैसे कुछ मामले.

प्राकृतिक उपचार

गले में खराश से छुटकारा पाने के लिए हल्दी सबसे अच्छा उपाय है. उपयोग करने का तरीका जानें –

  • उपाय 1: एक गिलास गर्म पानी में एक-चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर डालें. इसें सुबह खाली पेंट धीरे-धीरे पी लें. तीन या चार दिनों के लिए रोज़ दिन में एक बार करें.
  • उपचार 2: एक गिलास गर्म दूध में एक छोटा चम्मच हल्दी पाउडर और एक छोटा चम्मच कुटी काली मिर्च का मिलाएं और बिस्तर पर जाने से पहले पी लें.
  • उपाय 3: खराब गले को आराम देने के लिए हल्दी से गरारे करें. एक गिलास गुनगुने पानी में आधा छोटी चम्मच हल्दी पाउडर और आधा छोटी चम्मच नमक डालें और अच्छी तरह मिला लें. दिन में दो बार इस मिश्रण के साथ गरारे करें.

त्वचा के छिद्र

चीनी एक अच्छा प्राकृतिक उपाय है.

  • उपाय 1: नींबू के रस की कुछ बूंदें, चीनी की दो बड़ी चम्मच और जैतून के तेल का एक बड़ी चम्मच मिला लें. हल्के-हल्के 20 से 30 सेकंड के लिए अपनी त्वचा पर मसाज करें. फिर इसे ठंडे पानी से धो लें. इसें नियमित रूप से सप्ताह में एक या दो बार उपयोग करें.
  • उपचार 2: एक नींबू के टुकड़े पर थोड़ी चीनी रखें और हल्के से अपने पूरे चेहरे पर रगड़ें. 10 मिनट के लिए छोड़ दें और उसके बाद अपने चेहरे को धो लें. यह कम से कम कुछ हफ्तों के लिए एक सप्ताह दो बार करें.

आंवला, रीठा और शिकाकाई शैम्पू

आपके बालों के लाभ के लिए एक घरेलु प्राकृतिक शैम्पू

  • आपके बालों को प्राकृतिक बनावट और प्राकृतिक तेल प्रदान करते हैं (कोमल, स्वाभाविक रूप से कम पीएच युक्त)
  • गिरते बालों को नियंत्रित करते हैं.
  • पूरी तरह से बालों का तैलियापन या गंदगी को निकालता है.
  • बालों को अधिक चमकीला और स्वस्थ्य रूप देता है.
  • इस शैम्पू के बाद किसी कंडीशनर का उपयोग करने की जरूरत नहीं है.
  • सभी प्रकार के बालों के लिए उपयुक्त है.
  • प्राकृतिक शोधक, सल्फेट, पेराबेन और अन्य योगजों के जैसे अवयवों से मुक्त जो कुछ ख़ास अच्छे नहीं होते.

गठिया

दालचीनी का प्रयोग करें

  • उपाय 1: एक कप हलके गर्म पानी में आधा छोटी चम्मच दालचीनी पाउडर और एक बड़ी चम्मच शहद की मिलाएं और हर सुबह इसे खाली पेट पीए. इसे रोज़ कई दिनों के लिए करें.
  • उपचार 2: आप दालचीनी और शहद का पेस्ट बनाकर दर्द वाले क्षेत्र पर धीरे-धीरे इससे मालिश भी कर सकते हैं.

कमजोर हड्डियों (कमज़ोर होती हड्डियाँ)

हड्डियों आपके शरीर की सम्पूर्ण कार्यपद्धति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. वह आपके शरीर को एक ढांचा प्रदान करते हैं. वह आपके दिल जैसे महत्वपूर्ण अंगों की रक्षा करते हैं और आपके शरीर द्वारा प्रयोग किया जाने वाले खून का भी उत्पादन करते हैं. आप चल या दौड़ सकते हैं, यह इसलिए है क्योंकि आपकी हड्डियाँ और मांसपेशियाँ एक साथ मिलकर काम करती हैं.

कमजोर हड्डियाँ बढ़ती उम्र के एक समस्या की तरह लग सकती है. लेकिन हम अपने जीवन के आरंभिक दिनों (हमारी किशोरावस्था और 20 के आगे की उम्र) में काफी कुछ कर सकते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके की हमारी हड्डियां पूरी तरह स्वस्थ रहे.

यहाँ एक स्वस्थ भविष्य के लिए आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए 8 सुझाव दिए गए हैं –

  • कैल्शियम – खाद्य पदार्थ जो कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं उनमें दही, पनीर, दूध, पालक और कोलार्ड साग शामिल हैं.
  • विटामिन डी – झींगा, दृढ़ खाद्य पदार्थ जैसे अनाज और संतरे का रस, सार्डिन, अंडे (जर्दी में) और ट्यूना खाने से विटामिन डी की खपत को बढ़ावा मिलता है. जब सूरज के दर्शन हों तब शरीर में विटामिन डी का निर्माण भी होता है. एक हफ्ते में 3 दिन 10 से 15 मिनट धूप में रहना काफी होगा.
  • विटामिन के – करमसाग, ब्रोकोली, पालक जैसे खाद्य प्रदार्थ लें.
  • पोटेशियम – शकरकंद, सफेद आलू(त्वचा युक्त), दही और केले जैसे खाद्य पदार्थ खाने से आप पोटेशियम भर सकते हैं.
  • व्यायाम को प्राथमिकता – वजन संभालने वाले व्यायाम जैसे दौड़ना, चलना, रस्सी कूदना, सीढीयाँ चढ़ना आपकी हड्डियों को मजबूत बनाते हैं.
  • कैफीन का उपभोग कम करें – एक दिन में दो कप से ज्यादा कॉफ़ी पीने सें और पर्याप्त कैल्शियम का उपभोग ना करने से आपकी हड्डियाँ जल्दी कमज़ोर पड़ने लगेंगी.
  • शराब का उपभोग कम करें– शराब के ज्यादा उपभोग से हड्डियाँ कमज़ोर पड़ने लगती हैं.
  • धूम्रपान छोड़ दें – धूम्रपान शरीर को कुशलता से कैल्शियम को अवशोषित करने से रोकता है. जिससे हड्डियों का घनत्व कम होता है.

रोग प्रतिरोधक क्षमता

क्या आप अक्सर बीमार हो जाते हैं? संभावना है कि आपकी रोग प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है. रोगों से बचने के लिए इम्यून सिस्टम शरीर की सबसे महत्वपूर्ण प्रणाली होती है.

आम संकेत और लक्षण

  • बहुत ज्यादा चीनी का प्रयोग करना
  • निर्जलीकरण
  • लगातार सर्दी, एलर्जी और थकान
  • ग्रंथियां में सूजन
  • गंभीर संक्रमण और घाव भी
  • दीर्घकालिक तनाव

प्रमुख कारण:

  • व्यक्ति की भावनात्मक स्थिति
  • तनाव का स्तर
  • जीवनशैली
  • आहार विहार
  • पोषण का दर्जा / कमी

प्राकृतिक उपचार:

अपनी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए आप निम्नलिखित युक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं –

  • पर्याप्त नींद लें और तनाव का प्रबंधन करें.
  • तंबाकू और धूम्रपान से बचें.
  • शराब कम पीए.
  • बहुत सारी सब्जियां, फल, सूखे मेवे और बीज खाएं.
  • किण्वित दूध उत्पाद जैसे प्रोबायोटिक्स लें.
  • सूर्य का पर्याप्त प्रकाश लें.
  • लहसुन – एक या दो कच्चे लहसुन की कलियाँ रोजाना खाएं.
  • शहद – दिन की शुरुआत एक गिलास गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच शहद लेकर करें.
  • अदरक – रोजाना अदरक की चाय के एक सें दो कप पीने से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक से कार्य करती रहेगी.
  • ग्रीन टी – हर दिन ग्रीन टी के सुखदायक कप का आनंद लें. दूध ना मिलाएं, क्योंकि यह इसके उद्देश्य के लिए चाय के प्रभाव को कम कर देगा.
  • दही – रोजाना तौर पर दही खाने से आंतों के संक्रमण की घटनाएं कम हो सकती हैं, विभिन्न प्रकार के वायरल संक्रमण से लड़ सकता है.
  • पाचन में सुधार, आम सर्दी की लंबाई कम हो सकती है, पेचिश और विभिन्न प्रकार के दस्त का इलाज किया जा सकता है.
  • संतरे – सुबह एक गिलास ताजे संतरे का रस पीयें और एक गिलास बाद में दिन में.
  • चिकन सूप– जब सर्दी के लक्षणों से निपटना हो, जिसमें बहती नाक, बंद नाक और खाँसी शामिल है तब चिकन का सूप दिन में काई बार लें.

जन्म का निशान

जन्म चिह्न त्वचा पर एक सौम्य अनियमितता है जो जन्म के समय मौजूद होती है. यह जन्म के तुरंत बाद प्रकट होती है या आमतौर पर पहले महीने में वह त्वचा पर कहीं भी हो सकते हैं. जन्म के निशान मेलानोसाइट्स, चिकनी मांसपेशी, वसा, फाइब्रोब्लास्ट्स, केराटिनोसाइट्स या रक्त वाहिकाओं के अतिवृद्धि के कारण होते हैं.

प्राकृतिक उपचार

जन्मचिह्नों से छुटकारा पाने के लिए इन प्राकृतिक सुझावों का प्रयोग करें –

  • नींबू के रस का प्रयोग करें – जन्म के निशान पर नींबू के रस के कुछ बूंदे डालें, कम से कम 20 मिनट के लिए इसे छोड़ दें. इसे गुनगने पानी से धो लें और फिर अपनी त्वचा को साफ तौलिये के साथ सुखा लें. इस प्रक्रिया को प्रतिदिन कम से कम तीन बार दोहराएं जब तक कि जन्मचिह्न फीका ना हो जाए.
  • जैतून के तेल का उपयोग करें – जन्मचिन्ह पर जैतून के तेल की कुछ बूंदें लगाए. जैतून के तेल के साथ 5-10 मिनट के लिए जन्म चिह्न की मालिश करें. इसें कम से कम 20 मिनट के लिए छोड़ दें. इसें गर्म पानी से धो लें और फिर एक साफ तौलिये के साथ अपनी त्वचा को सुखा लें. इस प्रक्रिया को प्रतिदिन कम से कम तीन बार दोहराएं जब तक कि जन्मचिह्न फीका ना हो जाए.
  • विटामिन ए, विटामिन-सी, विटामिन-ई और सेलेनियम में समृद्ध खाद्य पदार्थ लें.
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