पानी के बाद काली चाय को दुनियाभर में पीया जाता है. स्ट्रोंग स्वाद के अलावा इसमें दूसरी चायों की तुलना में अधिक कैफीन होता है, लेकिन कैफीन की मात्रा कॉफी से कम होती है.

ब्लैक टी के कई हेल्थ बेनेफिट्स भी होते है जिसमें एंटीऑक्सीडेंट समेत अन्य इंफ्लामेशन कम करने वाले कंपाउंड शामिल होते है. आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है काली चाय के ऐसी ही हेल्थ बेनेफिट्स –

काली चाय पीने के फायदे – black tea benefits in hindi

कैंसर के रिस्क को कम करने

  • कई प्रकार के कैंसर होते है जिसमें से कुछ की रोकथाम नही की जा सकती है.
  • ब्लैक टी में मौजूद पॉलीफेनोल्स कैंसर वाले सेल से बचाव करने में मदद करते है.
  • अध्ययनों में देखा गया है कि ब्लैक टी कैंसर सेल्स के विकास को कम करती है.
  • साथ ही यह ब्रेस्ट कैंसर के कारक ट्यूमर को फैलने से रोकते है.
  • हालांकि ब्लैक टी ब्रेस्ट कैंसर का वैकल्पिक उपचार नही है और इसपर अधिक अध्ययनों की जरूरत है.

हार्ट हेल्थ को बूस्ट करने

  • काली चाय में फ्लेवोनॉइड भी होते है जो एंटीऑक्सीडेंट ग्रुप का हिस्सा है. हमारे हार्ट के लिए यह काफी हेल्दी होते है.
  • चाय के अलावा फ्लेवोनॉइड, सब्जियों, फलों, रेड वाइन और डार्क चॉकलेट में भी मिलते है.
  • इनके नियमित सेवन से हार्ट रोग से जुड़े कई फैक्टर कम हो जाते है जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रोल, हाई ट्राइग्लिसराइड लेवल और मोटापा शामिल है.
  • अपने रूटीन में काली चाय शामिल करना डाइट में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा बढ़ा सकता है जिससे भविष्य में होने वाली स्वास्थ समस्याओं से बचा जा सकता है.

बेहतर फोकस करने

  • ब्लैक टी में कैफीन और अमिनो एसिड होता है जो फोकस और सजगता बेहतर करती है.
  • अमनो एसिड की मदद से दिमाग का फंक्शन बेहतर होने, रिलैक्स करने और फोकस करने में मदद मिलती है.
  • दूसरी कैफीनेटिड पेय के मुकाबले चाय से एनर्जी के साथ फोकस करने में मदद मिलती है.

एंटीऑक्सीडेंट गुण

  • एंटीऑक्सीडेंट के हमारी हेल्थ पर कई फायदे होते है.
  • इनके सेवन से शरीर से फ्री रेडिकल्स को हटाने के अलावा सेल्स के होने वाले नुकसान से बचाव होता है.
  • जिसके चलते किसी भी क्रोनिक रोग का रिस्क कम हो जाता है.
  • पॉलीफेनोल्स एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट होता है जो पेय पदर्थो जैसे ब्लैक टी में पाया जाता है.
  • इसी पॉलीफेनोल्स ग्रुप में कई अन्य एंटीऑक्सीडेंट के मुख्य सोर्स होते है जो पूरे स्वास्थ के लिए बहुत जरूरी होते है.
  • जानवरों पर हुए रिसर्च में पाया गया है कि ब्लैक टी में मौजूद तत्वों से डायबिटीज, मोटापा, बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल का रिस्क कम होता है.
  • साथ ही यह ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल करने में मदद करता है.
  • एक अन्य अध्ययन में देखा गया है कि ग्रीन टी के अर्क का कुछ हफ्तों तक सेवन करने से बॉडी फैट में कमी आती है.
  • कई सप्लीमेंट में एंटीऑक्ससीडेंट होते है लेकिन इन्हें लेने का सबसे बेहतर तरीका फ़ूड्स और पेय पदार्थ के जरिए लेना है.
  • कुछ रिसर्च में देखा गया है कि सप्लीमेंट रूप में एंटीऑक्सीडेंट लेने से सेहत को नुकसान हो सकता है. 

खराब कोलेस्ट्रोल को कम करने

  • हमारे शरीर में दो लिपोप्रोटीन होते है जो पूरे शरीर में कोलेस्ट्रोल को ले जाते है.
  • इन दो लिपोप्रोटीन में से एक लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) और दूसरा हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) होता है.
  • एलडीएल को खराब कोलेस्ट्रोल माना जाता है क्योंकि यह कोलेस्ट्रोल को शरीर के सेल्स तक पहुँचाता है.
  • एचडीएल को अच्छा कोलेस्ट्रोल माना जाता है क्योंकि यह कोलेस्ट्रोल को सेल्स से बाहर करके लिवर के जरिए बाहर निकाल देता है.
  • खराब कोलेस्ट्रोल के अधिक होने पर वह आर्टरीज में जमा होकर प्लेग बना देता है जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का रिस्क बढ़ जाता है.
  • कुछ अध्ययनों के अनुसार काली चाय में खराब कोलेस्ट्रोल को कम करने वाले गुण होते है.
  • साथ ही यह कोलेस्ट्रोल लेवल को बेहतर करके हार्ट रोग और मोटापा के रिस्क को कम करते है.

आंतों के अच्छे फंक्शन के लिए

  • रिसर्च के अनुसार हमारी आंतों में ऐसे बहुत सारे बैक्टीरिया होते है जो स्वास्थ के लिए जरूरी होते है.
  • यह बैक्टीरिया हमारे इम्यून सिस्टम के लिए बहुत जरूरी होते है.
  • आंतो में मौजूद बैक्टीरिया टाइप 2 डायबिटीज़, कार्डियोवस्कुलर रोग, मोटापा, इंफ्लामेटरी बाउल रोग समेत कुछ प्रकार के कैंसर रिस्क को कम करते है. 
  • काली में चाय में मिलने वाले पॉलीफेनोल्स आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने और खराब बेक्टीरिया को रोकने में मदद करते है.
  • इसमें एंटीमाइक्रोबायल गुण होते है जो खरतनाक तत्वों को मारकर पाचन तंत्र की लिनिंग को रिपेयर करते है.

ब्लड प्रेशर कम करने

  • दुनियाभर में लोग हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से परेशान है. 
  • इसके होने से हार्ट अटैक, किडनी फेलियर, स्ट्रोक, दृष्टि की समस्या समेत अन्य हार्ट रोग होने का रिस्क बढ़ जाता है.
  • डाइट और लाइफ़स्टाइल बदलाव के साथ ब्लड प्रेशर को कम किया जा सकता है.
  • रिसर्च के अनुसार ब्लैक टी पीने से ब्लड प्रेशर को सामान्य करने में मदद मिलती है.
  • इसके अलावा लाइफ़स्टाइल बदलावों में तनाव को मैनेज करने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ मिल सकता है. 

ब्लड शुगर लेवल कम करने

  • बढ़े हुए ब्लड शुगर लेवल हार्ट की जटिलताओं का रिस्क ज्यादा कर सकते है.
  • जटिलताओं में टाइप 2 डायबिटीज, मोटापा, किडनी फेलियर, कार्डियोवस्कुलर रोग और डिप्रेशन हो सकता है.
  • ज्यादा शुगर खाने और मीठे पेय पदार्थ से ब्लड शुगर के लेवल और टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है.
  • शुगर खाने पर पैंक्रियाज से इंसुलिन हार्मोन शुगर को ले जाकर मांसपेशियों की एनर्जी के लिए इस्तेमाल होता है.
  • वही जरूरत से ज्यादा शुगर लेने पर वह शरीर में फैट बनकर स्टोर हो जाती है.
  • ब्लैक टी बिना चीनी वाला पेय पदार्थ होती है जो शरीर में इंसुलिन के स्तर को बेहतर करती है.

स्ट्रोक का रिस्क कम करने

  • जब दिमाग तक जाने वाली ब्लड वेसल्स ब्लॉक या क्षतिग्रस्त हो जाती है तो स्ट्रोक आता है.
  • इसे डाइट को मैनेज करने, शारीरिक गतिविधि करने, ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने समेत स्मोकिंग न करके स्ट्रोक का रिस्क कम किया जा सकता है.
  • जबकि अध्ययन के अनुसार इसे काली चाय के सेवन से कम किया जा सकता है.
  • इस रिसर्च में काली चाय और ग्रीन टी दोनों शामिल की गई थी.

इसे बनाने के लिए

  • सबसे पहले पानी को उबाल लें.
  • अगर आप टी बैग इस्तेमाल करते है तो उबले हुए पानी में उसे डाल दें.
  • पत्तियों का इस्तेमाल करने के लिए 2-3 ग्राम चाय की पत्तियों को पानी में डालकर 3 से 5 मिनट के लिए उबाले.
  • इसके बाद छान कर या टी बैग को निकाल कर उसे पी लें.

अंत में

अगर आप लो कैलोरी के ऑप्शन देखना चाहते है तो ऐसे में बिना चीनी वाली कॉफी के मुकाबले कम कैफीन वाली ब्लैक टी ले सकते है. इसके अलग, स्ट्रोग फ्लेवर में कई सारे एंटीऑक्सीडेंट होते है जिसके हेल्थ बेनेफिट्स बहुत सारे होते है. 

ब्लैक टी खरीदने के लिए आप लोकल स्टोर या ऑनलाइन भी ख़रीददारी कर सकते है.

References –

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