इस लेख में आप जानेंगे दांतों के कालेपन का कारण, लक्षण और इलाज के बारे में –

दांतों का कालापन क्या होता है? – what is Black Teeth?

  • दांतों का कालापन किसी डेंटल समस्या का लक्षण हो सकता है जिसको इग्नोर नहीं किया जाना चाहिए.
  • दांतों के रंग अलग अलग जैसे सफेद से लेकर पीलापन और सफेद-ग्रे रंग आदि के सामान्यता होते है.
  • वहीं दांतों का सफेद रंग इसके इनेमल में मौजूद कैल्शियम की मात्रा पर निर्भर करता है.
  • इनेमल दांतों की एक सख्त, बाहरी कवर होता है. (जानें – दांतों के पीलापन को दूर कैसे करें)
  • कैल्शियम नैचुरल रूप से सफेद होता है और दांतों को अधिकांश रंग कैल्शियम से मिलता है.
  • हालांकि, दांतों के रंग में बदलाव होना आदि के मामलों में अन्य चीज़ों के मिलने के कारण होता है.
  • समय के साथ दांतों में मौजूद इनेमल घिसने लगता है जिससे अंदर की लेयर डेंटिन दिखने लगती है.
  • जिस कारण दांत डार्क दिखने लगता है.
  • दांत का इनेमल बाहरी रूप से भी डार्क हो सकता है.

दांतों के कालापन के कारण क्या होते है? – what are the causes of Black Teeth

सामान्यता दांतों के कालेपन का कारण दो होते है –

  • बाहरी – इसमें दांतों को बाहरी रूप से क्षति होती है जिसमें टारटर, स्टेनिंग या डेंटल इनेमल को प्रभावित करने वाले अन्य चीज़े.
  • अंदरूनी – यह दांत के अंदर से शुरू होकर बाहर की तरफ बढ़ती है. इसका कारण दांत के भीतर मौजूद कंडीशन के कारण सड़न और नुकसान पहुंचता है. (जानें – डेंटल इम्प्लांट के बारे में)

आमतौर पर दांतों का कालापन एक रात में नहीं होता है. इसमें समय लगता है. दांतों के नुकसान बढ़ने से पहले डेंटिस्ट से सलाह लेना जरूरी है. कुछ सामान्यता बाहरी और अंदरूनी दांतों के कालेपन के कारणों में –

  • कैविटी – यह बैक्टीरिया के कारण होने वाली कंडीशन होती है जिसमें डेंटल इनेमल को नुकसान पहुंचता है. दांतों में छोटे छेद दिखने लगते है जिसमें से डार्क दिखना शुरू हो जाता है.
  • टारटर – यह प्लेग के ठोस रूप से जमा होने के कारण हो जाता है. अधिकांश मामलों में यह मसूड़ों की लाइन पर दिखने लगता है. टारटर के कुछ रूप काले होते है.
  • तंबाकूस्मोकिंग या तंबाकू चबाने से दांतों पर निशान पड़ जाते है.
  • विशेष दवाएं – तरल आयरन सप्लीमेंट लेने से दांतों का कालापन हो सकता है.
  • स्टेनिंग – डार्क रंग के प्रोडक्ट का ज्यादा सेवन करने से दांतों पर काले निशान आदि हो सकते है.
  • डेंटल रिस्टोरेशन – दांतों पर फिलिंग और क्राउन आदि के मामलों में दांतों का कालापन हो सकता है, जिसमें सिल्वर सल्फाइड का उपयोग होता है.

दांतों के कालेपन को ठीक करने के लिए डेंटिस्ट की जरूरत होती है. दुनिया के कुछ देशों में काले दांत को सुंदरता का प्रतीक माना जाता था. ऐसे में देशों में जापान, लाओस, वियतनाम शामिल थे. हालांकि, आज के समय में इसकी लोकप्रियता नहीं है. लेकिन इन देशों की अधिक आयु वाली महिलाओं में काले दांत देखने को मिल सकते है.

काले दांतों के लक्षण क्या होते है? – what are the symptoms of Black Teeth?

  • इसकी शुरूआत दांतों पर एक ग्रे या ब्राउन रंग के स्पॉट के रूप में हो सकती है.
  • समय के साथ यह स्पॉट काले हो जाते है.
  • इसके अलावा, व्यक्ति के दांतों पर मसूड़ों की लाइन पर कालापन दिख सकता है.
  • दांतों के कालेपन वाले बच्चों में ऐसा दिखना आम है. (जानें – ब्रश करते समय खून आने के बारे में)
  • काले टारटर की कॉमन साइट निचले जबड़े के अंदरूनी और बाहरी दांतों पर होते है.
  • काले दांत के कारण एरिया पर छेद विकसित हो सकते है जिससे समय के साथ इलाज न मिलने पर इनेमल को नुकसान पहुंचा सकते है.

दांतों के कालेपन का इलाज क्या है? – what is the treatment of Black Teeth?

  • दांतों के कालेपन का कोई घरेलू उपाय नहीं है.
  • इसके स्थान पर काले दांत हो जाने पर डेंटिस्ट की जरूरत होती है.
  • जिसमें डेंटिस्ट द्वारा दांतों की जांच की जाती है और कालेपन का पता लगाकर उपयुक्त इलाज दिया जाना चाहिए.
  • काले टारटर के कारण दांतों का कालेपन होने पर डेंटिस्ट द्वारा विशेष टूल्स की मदद से टारटर को हटाया जा सकता है. (जानें – दांतों को चमकाने के घरेलू उपायों के बारे में)
  • डेंटिस्ट द्वारा जांच के बाद बताया गया इलाज लेना चाहिए.

दांतों की सड़न न हटने पर

  • काफी सारे मामलों में दांतों के कालेपन को हटा पाना कठिन होता है. खासकर दांतों की सड़न के मामलों में ऐसा संभव है.
  • वहीं कभी कभी डेंटिस्ट द्वारा सड़न को हटाकर उसके स्थान पर छेद में फिलिंग भर सकते है.
  • जबकि दांतों की सड़न के डेंटिन या इनेमल तक पहुंचने पर आपको क्राउन की जरूरत पड़ सकती है.
  • दांतों की सड़न के स्थान पर क्राउन लगाने की प्रक्रिया को रूट कनाल कहा जाता है.
  • कुछ मामलों में दांतों की सड़न या नुकसान इतना अधिक होता है कि दांत को बचा पाना कठिन हो जाता है. (जानें – पर्सनल हाइजीन के बारे में)
  • ऐसे में डेंटिस्ट द्वारा दांत को हटाने की सलाह दी जाती है.
  • गंभीर रूप से स्ट्रेन वाले दांत का इलाज करने के लिए प्रोफेशनल द्वारा स्ट्रेन को हटाना और दांतों को सफेद करना हो सकता है.

अंत में

अगर आप दांत को बचाए जाने वाले समय तक डॉक्टर से मिल लेते है तो अच्छी डेंटल हाइजीन आदतें को अपनाकर टारटर, सड़न और स्ट्रेन से बचाव हो सकता है. इन अच्छी आदतों में –

  • दिन में दो बार दांतों को ब्रश करना और फ्लोराइड टूथपेस्ट का उपयोग करना शामिल है.
  • दिन में कम से कम एक बार फ्लॉसिंग करना.
  • नियमित रूप से 4 से 6 महीने के बीच में डेंटिस्ट को विजीट करना.
  • हेल्दी डाइट जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज शामिल हो और शुगरी मैदा वाले भोजन से बचें.
  • कुछ दवाओं या किसी कंडीशन के कारण होने वाली शुष्क मुंह की समस्या से बचें.

सही डेंटल केयर के साथ आगे बढ़ने से व्यक्ति द्वारा दांतों के कालेपन को फिर से होने से रोका जा सकता है.

References –

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