इस लेख में आप जानेंगे दिमाग का कैंसर क्या होता है, लक्षण, कारण, रिस्क फ़ैक्टर, प्रकार, निदान, इलाज और बचाव –

दिमाग का कैंसर क्या होता है? – what is brain cancer?

  • दिमाग के सेल्स में होने वाली ओवरग्रोथ जिसके कारण गांठ या ट्यूमर विकसित होने को दिमाग का कैंसर कहा जाता है. (जानें – दिमाग से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में)
  • कैंसर या हानिकारक ट्यूमर के प्रकार पर आधारित दिमाग का ट्यूमर बहुत तेज़ी से विकसित होता है.
  • इससे आपके शरीर का काम करने का तरीका प्रभावित हो सकता है जिससे जीवन हानि का खतरा बना रहता है.

दिमाग के कैंसर के लक्षण क्या होते है – what are the symptoms of brain cancer?

इसके कई लक्षण ऐसे होते है जो दूसरी किसी कम घातक कंडीशन के कारण होते है. इसलिए नीचे बताए गए लक्षणों के अनुभव होने पर पैनिक न करें और डॉक्टर से सलाह कर निदान कराएं.

दिमाग के कैंसर के लक्षण ट्यूमर के आकार और स्थान पर निर्भर करते है जिसमें सबसे आम लक्षण –

  • सिरदर्द जो सुबह बहुत अधिक होता है
  • मतली
  • उल्टी
  • चलने में परेशानी
  • याददाश्त कमजोर होना
  • सोचने में परेशानी
  • बोलने में परेशानी
  • व्यवहार में बदलाव
  • दृष्टि समस्या
  • मांसपेशियों की जर्किंग
  • असामान्य आंखों की मूवमेंट
  • दौरे पड़ना
  • चक्कर आना
  • हाथ पैरों का सुन्न होना या टिंगलिंग
  • मांसपेशियां फड़कना

दिमाग के कैंसर के कारण और रिस्क फ़ैक्टर

  • इसकी असल वजह के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है.
  • हालांकि, फ़ैक्टर जैसे रेडिएशन की हाई डोज़ का एक्सपोजर, दिमाग के कैंसर की फैमिली हिस्ट्री आदि होते है.
  • शरीर के किसी दूसरे हिस्से में कैंसर होने पर दिमाग में ट्यूमर विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है लेकिन इसे दिमाग का कैंसर नहीं कहते है.
  • यह दिमाग तक फैलने वाले कैंसर होते है.

दिमाग तक फैलने वाले कैंसर –

अन्य फ़ैक्टर जो दिमाग के कैंसर से संबंधित है

  • स्मोकिंग करने
  • आयु बढ़ने
  • कुछ विशेष इंफेक्शन
  • कैंसर का कारण बनने वाली चीज़ों का कम करने जैसे प्लास्टिक, रबड़, पेट्रोलियम आदि.
  • पेस्टिसाइड, फर्टिलाइजर आदि का एक्सपोजर

दिमाग के कैंसर के प्रकार

  • शरीर के जिस हिस्से में कैंसर शुरू होता है उसे वही नाम दिया जाता है.
  • दिमाग का कैंसर दिमाग में शुरू होता है.
  • कुछ मामलों में इसे प्राइमरी दिमाग का कैंसर कहा जाता है.
  • शरीर के किसी दूसरे हिस्से में कैंसर शुरू होकर आपके दिमाग तक फैल सकता है जिसे मेटास्टेटिक ब्रेन कैंसर कहा जाता है.
  • दिमाग में कैंसर वाले ट्यूमर अधिकांश रूप से मेटास्टेटिक के कारण होते है.
  • इसके अलावा दिमाग के ट्यूमर के कुछ प्रकार और ग्रेड है.
  • इसके प्रकार दिमाग में स्थित स्थान पर निर्भर करते है.
  • जबकि ग्रेड ट्यूमर के विकास की तेज़ी के दर्शाता है.
  • ग्रेड 1 से 4 तक होते है जिसमें ग्रेड 4 को सबसे तेज़ ग्रोथ माना जाता है.
  • 120 प्रकार से अधिक दिमाग के ट्यूमर होते है.
  • अलग अलग डॉक्टर इन्हें अलग नामों से बुलाते है.

दिमाग के कैंसर का निदान कैसे होता है?

  • दिमाग के ट्यूमर के लक्षण होने पर निदान करने के लिए डॉक्टर द्वारा न्यूरोलॉजिकल परीक्षण किया जाएगा जिसमें ट्यूमर के दिमाग को प्रभावित करने के बारे में पता लगाया जाएगा.
  • इसके अलावा सीटी स्कैन, एमआरआई, पीईटी स्कैन जिससे ट्यूमर का स्थान पता लगाया जाता है.
  • लंबर पंचर जिसमें कैंसर सेल्स का पता लगाने के लिए दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड के आसपास फ्लूइड का छोटा सैंपल लिया जाता है.
  • दिमाग की बायोप्सी, जिसमें दिमाग से छोटी मात्रा में ट्यूमर को सर्जरी के माध्यम से निकाल कर टेस्ट कर उसके हानिकारक होने का पता लगाया जाता है.

दिमाग के कैंसर का इलाज कैसे होता है?

दिमाग के कैंसर के कई इलाज मौजूद है. इसका इलाज शरीर के दूसरे हिस्से में होने वाले कैंसर से बिल्कुल अलग है. (जानें – सिबयेसिस सिस्ट के बारे में)

कैंसर के साइज, स्थान के आधार पर आपको एक या अधिक ट्रीटमेंट दिए जा सकते है. आपकी आयु और सामान्य हेल्थ जैसे फ़ैक्टर भी इसमें शामिल होते है.

कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी

  • आपको कीमोथेरेपी ड्रग दिया जा सकता है जो दिमाग के कैंसर सेल्स को खत्म कर सके और ट्यूमर को छोटा कर सके.
  • कीमोथेरेपी ड्रग मौखिक या इंजेक्शन के माध्यम से दिया जाता है.
  • सर्जरी से न हटाए जाने वाले ट्यूमर टिश्यू या कैंसर सेल्स को खत्म करने के लिए रेडिएशन थेरेपी दी जाती है.
  • इसे हाई एनर्जी वैव्स जैेसे एक्स-रे से किया जाता है.
  • कुछ मामलों में आपको एक ही समय पर कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी से गुजरना पड़ता है.
  • रेडिएशन ट्रीटमेंट के बाद कीमोथेरेपी भी की जाती है.

बायोलॉजिक ड्रग

  • ट्यूमर के खिलाफ शरीर के नैचुरल डिफेंस को रिस्टोर, बूस्ट या डाइरेक्ट करने के लिए डॉक्टर द्वारा यह ड्रग दिए जा सकते है.
  • इस तरह के ड्रग ट्यूमर तक सप्लाई पहुंचाने वाली ब्लड वैसल्स की ग्रोथ को रोक देती है.

रिहैबिलेशन

  • कैंसर के कारण दिमाग को नुकसान होने पर चलने, फिरने, अन्य सामान्य फंक्शन करने में परेशानी होने पर रिहैबिलेशन की जरूरत पड़ती है.
  • इसमें फिजिकल थेरेपी, बोलने वाली थेरेपी समेत अन्य थेरेपी शामिल होती है जिससे फिर से सीखने में मदद मिलती है.

अन्य दवाएं

  • डॉक्टर द्वारा लक्षणों और साइड इफेक्ट का इलाज करने के लिए दवाएं दी जा सकती है.
  • यह दवाएं दिमाग के ट्यूमर और कैंसर ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट को भी कम करती है.

क्लीनिकल ट्रायल

  • एडवांस मामलों में जब ट्रीटमेंट से कोई लाभ नहीं होता है तो क्लीनिकल ट्रायल थेरेपी और दवाओं का उपयोग होता है.
  • इस प्रकार के ट्रीटमेंट टेस्टिंग फेज में होते है.

सर्जरी

  • इसके ट्रीटमेंट में सबसे आम सर्जरी है. कुछ मामलों में ट्यूमर के स्थान के कारण सिर्फ कुछ हिस्सा ही हटाया जाता है.
  • कुछ मामलों में ट्यूमर दिमाग के संवेदनशील या न पहुंच पाने वाले स्थान पर होता है जिस कारण इसे हटाने के लिए सर्जरी कर पाना भी संभव नहीं होता है.

वैकल्पिक थेरेपी

  • हालांकि, दिमाग के कैंसर में इलाज के लिए इसपर अभी अधिक रिसर्च की जरूरत है.
  • डॉक्टर द्वारा किन्हीं दो थेरेपी को मिलाकर या लाइफस्टाइल बदलाव के साथ इलाज उपलब्ध कराए जा सकते है.
  • उदाहरण के लिए हेल्दी डाइट जो विटामिन, मिनरल सप्लीमेंट से भरपूर होती है, कैंसर इलाज में हुए पोषक तत्वों को नुकसान को कम कर सकती है.
  • एक्यूपंचर और कुछ हर्ब्स भी लाभ कर सकती है.
  • दवा के साथ किसी हर्ब आदि का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें क्योंकि यह कुछ दवाओं के साथ इंटरैक्शन कर सकते है.

दिमाग के कैंसर से बचाव कैसे होता है?

इससे बचाव करने का कोई खास तरीका नहीं होता है लेकिन निम्न चीज़ों से रिस्क को कम किया जा सकता है –

  • स्मोकिंग न करें
  • हानिकारक केमिकल से बचें
  • पेस्टिसाइड के एक्सपोजर से बचें
  • गैर जरूरी रेडिएशन से बचें 

अंत में

लंबे समय का इलाज ट्यूमर के स्थान, साइज, प्रकार पर निर्भर करता है. कुछ विशेष दिमाग के कैंसर होने पर बचने के आसार काफी कम होते है. (जानें – दिमाग की एक्सरसाइज के बारे में)

कुछ दिमाग के कैंसर ट्रीटमेंट मोतियाबिंद, आंखों में क्लाउडिनेस या दूसरे कैंसर ट्यूमर का रिस्क बढ़ा सकते है. 

References –

 

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