इस लेख में आप जानेंगे दिमाग को तेज़ करने वाली कुछ एक्सरसाइज के बारे में जिनसे काफी मदद मिलती है –

दिमाग की एक्सरसाइज – brain exercises

  • हमारा दिमाग हर चीज़ में शामिल होता है जैसे हम क्या करते है, शरीर के किसी हिस्से में कुछ महसूस करना आदि समेत कुछ सोचना भी इसमें शामिल होता है. (जानें – माका रूट के फ़ायदे)
  • दिमाग की एक्सरसाइज से फोकस, याद्दाश्त बेहतर करने या रोजमर्रा के जरूरी कामों को याद रखने में मदद मिलती है खासकर अधिक आयु वाले लोगों के अलावा सभी आयु वर्गों के लोग इनका लाभ उठा सकते है.
  • रिसर्च के अनुसार ऐसे कई तरीके है जिनकी मदद से आप अपनी मानसिक तेज़ी और दिमाग को हेल्दी रखने की ओर मदद कर सकते है.
  • कुछ दिमाग की एक्सरसाइज करने से याद्दाश्त को बूस्ट करने, एकाग्रता बढ़ाने और फोकस करने में मदद मिलती है.
  • जिससे किसी भी टास्क को जल्दी, आसानी से करने और आयु बढ़ने पर दिमाग को शांत रखने में मदद मिलती है. 
  • इन दिमाग की एक्सरसाइज़ो में –

दूसरे लोगों को कोई नई स्किल सीखाना

  • कुछ भी नया सीखने का सबसे बेहतर तरीका है किसी दूसरे को कोई नई स्किल सीखाना.
  • किसी नई स्किल को सीखने के बाद आपको उसे अभ्यास करने की जरूरत होती है.
  • दूसरे को उसे सीखाने से आपको गलतियां जानने, उन्हें सही करने और अधिक जानने के मौका मिलता है.

पज्जल खेलना

  • इसके लिए आप किसी फैमस जगह की फोटो पज्जल का इस्तेमाल कर सकते हैं.
  • किसी फैमस इंसान या फिर मिक्की माउज़ फोटो पज्जल आदि को लगाने से दिमाग को मजबूत करने में मदद मिलती है.
  • रिसर्च के अनुसार, ऐसी पज्जल को सॉल्व करने से मल्टीपल कॉग्नेटिव क्षमताओं को बढ़ाने और देखने संबंधी याद्दाश्त को बनाए रखने में मदद मिलती है. (जानें – अश्वगंधा के लाभ)
  • दूसरे शब्दों में समझने की कोशिश करें तो इस तरह की पज्जल में टुकड़ों को जोड़ने से दिमाग को चैलेंज मिलता है और एक्सरसाइज होती है.

म्यूजिक सुनना

  • दिमाग की रचनात्मक ताकत को बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा तरीका गाना सुनना है.
  • रिसर्च के अनुसार, खुश करने वाली धुनों को सुनने से अधिक रचनात्मक सॉल्यूशन मिलते है.
  • इसका मतलब है कि इससे दिमाग की शक्ति को बढ़ाने में मदद मिलती है.
  • आप धुन बनना सीख सकते है जिसके लिए आप कोई एक यंत्र जैसे पीयाने, गिटार आदि सीख सकते है. 

अपनी शब्दावली बनाएं

  • ज्यादा शब्दों का ज्ञान होने से आपको चतूर दिखने में मदद मिलती है.
  • लेकिन इसके अलावा रोजाना कुछ नए शब्दों को याद करने से दिमाग की एक्सरसाइज भी होती है.
  • रिसर्च के अनुसार, दिमाग के कई हिस्से शब्दावली से जुड़े टास्क, खासकर सुनने और देखने वाले एरिया में होती है. (जानें – शिलाजीत के फायदे)
  • इसको बूस्ट करने के लिए नोटबुक पर लिखना शुरू करें.
  • रोजाना कम से कम एक नया शब्द अर्थ समेत लिखे जिसका आपको मतलब नहीं पता है.
  • रोज कम से कम 5 नए शब्द याद करने की कोशिश करें.

नया रास्ता

  • रोजाना के टास्क करने के लिए जरूरी है कि एक ही तरीके का इस्तेमाल हो, आप कुछ नया आज़मा सकते है.
  • रोजाना के ट्रांसपोर्ट रूट के स्थान पर आप दूसरा रूट चुन सकते है.
  • खुद ड्राइविंग न करके पब्लिक ट्रांसपोर्ट या बाइक आदि से जा सकते है.
  • इन छोटे मोटे बदलावों से आपके दिमाग को लाभ मिल सकता है.
  • इससे आपके सोचने की विधि में बदलाव हो सकता है. 

डांस करना

  • कई रोगों से बचाव करने वाली संस्थाओं का मानना है कि नए डांस स्टेप्स सीखने से दिमाग की एक्सरसाइज होती है जिससे दिमाग तेज़ होना और याद्दाश्त बढ़ना शामिल है.
  • अन्य शब्दों में समझना हो तो डांस करना शुरू कर दें.
  • इसके लिए आप अपनी मर्जी अनुसार डांस के प्रकार को चुन सकते है.

मेडिटेशन

  • रोजाना मेडिटेशन करने से शरीर को शांत रहने में मदद मिलती है.
  • साथ ही सांस को आराम से लेना समेत घबराहट और तनाव को कम करने मदद मिलती है.
  • मेमोरी को बेहतर करने के अलावा दिमाग की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलती है.
  • किसी शांत जगह बैठकर, आंखे बंद करें रोजाना कम से कम पांच मिनट के लिए मेडिटेट करें.

अपनी सभी इंद्रियों का उपयोग करें

  • इस प्रकार की एक्टिविटी करने की कोशिश करें जिसमें सभी इंद्रियों का उपयोग करना पड़े.
  • रिसर्च के अनुसार ऐसा करने से दिमाग को मजबूती मिलती है.
  • सभी 5 इंद्रियों का इस्तेमाल करने के लिए आप कुकीज़ बनना, किसी नई जगह जाना जहां आप वस्तु की खूशबू को सूंघना, छूना, स्वाद लेना, देखना और सुनना शामिल है.

दूसरे व्यक्ति पर फोकस करें

  • किसी दूसरे व्यक्ति से बात करते समय उनसे कुछ सकारात्मक सीखने की कोशिश करें.
  • इसके अलावा आप उनके शर्ट या पैंट का रंग, कौनसा चश्मा पहना है आदि नोट कर सकते है.
  • किसी के बारे में चार चीज़े याद रखने के लिए आप मेंटल नोट लिख सकते है जिससे बाद में याद रखने में मदद मिलें. 

नई भाषा सीखें

  • एक से अधिक भाषा बोलने के मामलों में लोगों को इससे कई कॉग्नेटिव लाभ मिलते है. (जानें – बाइपोलर डिसऑर्डर के बारे में)
  • कई अध्यनों की माने तो एक से अधिक भाषा बोलने से बेहतर याद्दाश्त, स्किल और रचनात्मकता बढ़ती है.
  • एक से ज्यादा भाषा में परिपूर्ण होने से अलग अलग टास्क करने में आसानी रहती है.
  • आयु संबंधी मानसिक गिरावट में कमी आती है.
  • नई भाषा सीखने के लिए कभी भी देर नहीं होती है.

नई स्किल सीखें

  • कुछ भी नई चीज़ सीखने से न सिर्फ मज़ा आता है लेकिन इससे दिमाग के कनेक्शन को मजबूत करने में मदद मिलती है.
  • रिसर्च के अनुसार इससे अधिक आयु वाले व्यस्कों को मेमोरी बेहतर करने में मदद मिलती है.
  • हमेशा कोई न कोई चीज़ ऐसी होती है जिसे आप सीखना चाहते है जैसे गाड़ी ठीक करना, घुड़ सवारी आदि.

अंत में

अपने दिमाग की सेहत पर ध्यान देना एक बेस्ट चीज़ हो सकती है. आपकी आयु को ध्यान न रखते हुए इससे आपको एकाग्रता, मेमोरी, याद्दाश्त को बेहतर करने में मदद मिलती है. 

अपनी रोजमर्रा की लाइफ़स्टाइल में दिमाग की एक्सरसाइज करने से दिमाग को नए चैलेंज, कॉग्नेटिव स्किल को तेज़ करने और कुछ नया सीखने में मदद मिलती है.

References –

 

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