सीने में संक्रमण क्या होता है, लक्षण, कारण, इलाज, जटिलताएं, बचाव और घरेलू उपाय –

सीने में संक्रमण क्या होता है? – What is chest infection in hindi?

  • सीने में संक्रमण एक प्रकार का सांस संबंधी इंफेक्शन होता है जो रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के निचले भाग को प्रभावित करता है.
  • ब्रोंकाइटिस और निमोनिया दो सबसे आम प्रकार के चेस्ट इंफेक्शन है.
  • चेस्ट इंफेक्शन मध्यम से लेकर गंभीर तक हो सकते है.
  • हमारे शरीर के रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के निचले भाग में फेफड़े, विंडपाइप और ब्रोंकी होते है.

चेस्ट इंफेक्शन के कारण क्या होते है? – What are the causes of chest infection in hindi?

निम्न कंडीशन में चेस्ट इंफेक्शन के फैलने के मौके अधिक होते है –

  • आयु अधिक होने
  • स्मोक करने
  • डायबिटीज
  • अस्थमा
  • कमजोर इम्यून सिस्टम
  • सीओपीडी
  • एचआईवी
  • गर्भवती होने
  • अंग प्रत्यारोपण आदि.

सामान्यता सीने में इंफेक्शन होने का कारण इसके प्रकार पर निर्भर करता है –

  • जिसके दो मुख्य कारण बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन में से एक होता है.
  • उदाहरण के लिए, निमोनिया की शुरूआत के अधिकांश कारण बैक्टीरिया को माना जाता है. जबकि ब्रोंकाइटिस का मुख्य कारण वायरस होता है.
  • वहीं चेस्ट इंफेक्शन से संक्रमित होने का कारण किसी दूसरे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना होता है.
  • उदारहरण – किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने के दौरान हवा और उनके द्वारा छुए हुए स्थान पर इंफेक्शन फैल जाता है जिसके संपर्क में दूसरे व्यक्ति के आने से वह संक्रमित हो जाता है.
  • इसके अलावा ऐसे किसी संक्रमित स्थान के संपर्क में आने पर वायरस या बैक्टीरिया संक्रमण फैल सकता है.

सीने में संक्रमण के लक्षण क्या है? – What are the symptoms of chest infection in hindi?

  • बुखार
  • सिरदर्द
  • मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन
  • सीने में असहजता
  • घरघराहट
  • सीने में बलगम
  • सांस लेने में परेशानी
  • थकान रहना
  • पीला या हरा कफ निकलना

चेस्ट इंफेक्शन का इलाज क्या है? – What is the treatment of chest infection in hindi?

  • वायरस के कारण चेस्ट इंफेक्शन के मामलों में एंटीबायोटिक्स प्रभावी नहीं होती है.
  • ऐसे में लक्षणों को ध्यान रखते हुए इलाज दिया जाता है.
  • बैक्टीरियल इंफेक्शन के मामलों में एंटीबायोटिक्स काफी प्रभावी रहती है.
  • माइल्ड मामलों में आप घर में टैबलेट ले सकते है.
  • गंभीर सीने में इंफेक्शन के मामलों में अस्पताल में जाकर इलाज लेना बेहतर है.
  • जबकि एंटीबायोटिक्स दवाओं का पूरा कोर्स किया जाना चाहिए.

सीने में इंफेक्शन होने पर क्या जटिलताएं हो सकती है? – What are the complications associated with a chest infection in hindi?

कभी कभी, ब्रोंकाइटिस के मामले निमोनिया का कारण बन सकते है. जबकि निमोनिया जैसे चेस्ट इंफेक्शन की जटिलताएं –

  • फेफड़ों में पानी भरना 
  • ब्लडस्ट्रीम में बैक्टीरिया
  • फेफड़ों में पस भरना

डॉक्टर से मदद कब लें

सीने में इंफेक्शन होने पर निम्न स्थितियों में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए –

  • गर्भावस्था
  • सीने में दर्द
  • खांसी का तीन हफ्ते से अधिक रहना
  • सांस तेजी से लेना
  • भ्रम की स्थिति
  • 5 साल से कम आयु के बच्चे जिन्हें चेस्ट इंफेक्शन के लक्षण होते है
  • 65 वर्ष से ज्यादा आयु होने
  • कमजोर इम्यून सिस्टम
  • कोई क्रोनिक हेल्थ समस्या होना
  • बुखार सिरदर्द जो खराब होता जाता है.

अन्य कंडीशन –

  • तीव्र ब्रोंकाइटिस के मामलों में चेस्ट इंफेक्शन अपने आप ठीक हो जाता है.
  • कफ को ढीला करने के लिए आप कुछ ओटीसी दवाएं ले सकते है.

डॉक्टर द्वारा –

  • शारीरिक परिक्षण जिसमें हार्ट और फेफड़ों की जांच की जाती है.
  • इंफेक्शन की गंभीरता को जानने के लिए सीने का एक्स-रे.
  • बलगम या खून का सैंपल लेकर भी इंफेक्शन की जांच की जा सकती है.

चेस्ट इंफेक्शन होने पर बचाव कैसे करें? – Chest infection prevention?

  • धूम्रपान करने से बचें.
  • संतुलित आहार का सेवन करें.
  • भोजन करने से पहले और बाद में अपने हाथों, मुंह, चेहरे को साफ रखें.
  • शराब का सेवन करने से बचें.
  • बिमार होने पर खांसने या छींकने के बाद नियमित रूप से हाथों को सैनिटाइज़ करें या धोए.

सीने में संक्रमण होने पर क्या घरेलू उपाय किए जा सकते है? – What are the home remedies for chest infection in hindi?

  • आप भाप ले सकते है इससे बलगम को ढीला करने में मदद मिलती है.
  • गुनगुने पानी में शहद और नींबू मिलाकर पीने से गले में ज्यादा खांसी से आराम मिलता है.
  • ध्यान रहें कि आप ठीक से आराम लें.
  • स्मोकिंग आदि करने से बचें.
  • ढ़ेर सारा पानी और फ्लूइड पिएं इससे शरीर में पानी की कमी होने से बचाव और खांसी के माध्यम से बलगम निकलने में आसानी रहती है.
  • रात को सीधे कमर के बल न सोएं बल्कि इसके विपरित होकर सोए.
  • ऐसी कंडीशन में कभी भी खांसी बंद करने वाली दवाएं न लें. खांसने से बलगम बाहर निकलता है जिससे फेफड़ों को साफ करने में मदद मिलती है.

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अंत में

चेस्ट इंफेक्शन का मुख्यता कारण लोवर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन का होना होता है.

संक्रमण के यह प्रकार माइल्ड से लेकर गंभीर तक हो सकते है. काफी सारे हल्के इंफेक्शन अपने आप हफ्ते भर के भीतर ठीक हो जाते है.

(एंटीबायोटिक्स दवाएं ज्यााद लेने से हो जाते है साइड इफेक्ट – अधिक जानने के लिए पढ़ें)

बैक्टीरियल इंफेक्शन के मामलों में एंटीबायोटिक्स का कोर्स जरूरी होता है. जबकि गंभीर मामलों में अस्पताल में जाकर इलाज की जरूरत पड़ती है.

References –

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