इस लेख में आप जानेंगे चिकनपॉक्स (छोटी माता) क्या होता है, लक्षण, कारण, रिस्क फ़ैक्टर, निदान, जटिलताएं, इलाज और बचाव –

चिकनपॉक्स क्या होता है? – What is chickenpox in hindi?

  • चिकनपॉक्स जिसे चेचक या छोटी माता भी कहा जाता है, इसके दौरान पीड़ित के पूरे शरीर पर छोटी लाल फुंसी हो जाती है. (जानें – फोड़े के कारण और इलाज)
  • इसका कारण एक वायरस होता है, अधिकांश मामलों में बच्चे इससे प्रभावित होते है.
  • जीवन में इसका एक से अधिक बार होना बहुत ही रेयर होता है.
  • चिकनपॉक्स की वैक्सीन मौजूद है जो बच्चों को निर्धारित आयु सीमा पर दी जाती है.

चिकनपॉक्स के लक्षण क्या होते है? – What are the symptoms of chickenpox in hindi?

  • खुजली वाला रैश इसका सबसे सामान्य लक्षण है.
  • रैश और अन्य लक्षणों के विकसित होने से 7 से 21 दिन पहले शरीर में इसका इंफेक्शन होता है.
  • स्किन रैश के दिखने के 48 घंटे पहले संपर्क में आए लोगों के लिए आप संक्रामक हो सकते है.
  • बिना रैश वाले लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, भूख न लगना शामिल है.
  • इस तरह के लक्षणों के एक या दो दिन बाद आपको रैश विकसित होने शुरू हो जाते है.
  • रैश तीन फेज से गुजरते है – पूरे शरीर पर लाल या गुलाबी उभार, जिसके बाद यह उभार फुंसी बनकर पस निकलने लगता है.
  • तीसरे फेज में इन फुंसियों से पस निकलने के बाद पपड़ी पड़ना, सूखकर यह ठीक होने लगती है.
  • एक समय पर यह उभार पूरे शरीर पर एक जैसे नहीं होते.
  • नए उभार इंफेक्शन के साथ साथ दिखते रहते है.
  • पूरे शरीर से फुंसियों के निकल जाने तक आप संक्रामक रहते है.
  • इन्हें पूरी तरह से ठीक होने में 14 दिन का समय लगता है.

चिकनपॉक्स के कारण क्या होते है? – What are the causes of chickenpox in hindi?

  • वेरीसेल्ला ज़ोस्टर वायरस को चेचक का मुख्य कारण माना जाता है.
  • अधिकांश मामलों में यह संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से होता है.
  • फुंसियों के दिखने से एक या दो दिन पहले संपर्क में आए लोगों के लिए संक्रामक होता है.
  • सभी फुंसियों के साफ हो जाने तक यह संक्रामक रहता है.
  • इसके अलावा यह वायरस लार, छींकने, खांसने, फुंसियों के पस के संपर्क में आने से फैल सकता है.

चिकनपॉक्स का रिस्क किसको होता है? – Who is at the risk of developing chickenpox in hindi?

  • पहले से एक्टिव इंफेक्शन के एक्सपोज़र के कारण इसका रिस्क हो सकता है.
  • वायरस की इम्यूनिटी मां से नवजात शिशु को ट्रांसफर हो सकती है.
  • जन्म लेने के 3 महीने बाद तक यह इम्यूनिटी रहती है.
  • बिना खुद संक्रमित हुए कोई व्यक्ति दूसरे को भी वायरस फैला सकता है.

निम्न कंडीशन में रिस्क अधिक होता है –

  • 12 साल से कम आयु
  • व्यस्क जो बच्चों के साथ रहते है
  • संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने
  • स्कूल या क्रैच में समय बिताने
  • दवाओं या रोग के कारण इम्यून सिस्टम कमजोर होने

चिकनपॉक्स का निदान कैसे होता है? – How is chickenpox diagnosed in hindi?

  • अगर आपको बिना किसी कारण खासकर ठंड और बुखार के लक्षण के साथ रैश विकसित होते है तो डॉक्टर को संपर्क करें.
  • एक या कई वायरस आपको प्रभावित कर सकते है.
  • गर्भवती होने के मामले में चिकनपॉक्स हो जाने पर डॉक्टर से बात करें.
  • शारीरिक जांच के आधार पर डॉक्टर द्वारा चिकनपॉक्स का निदान किया जाता है.

चिकनपॉक्स की संभावित जटिलताएं क्या हो सकती है? – What are the possible complications of chickenpox in hindi?

निम्न के होने पर तुरंत मेडिकल सहायता लें –

  • रैश के आंखों तक फैलने
  • रैश के लाल, टेंडर और गर्म होने
  • सांस लेने में परेशानी के साथ रैश होने पर चक्कर आना

इससे सबसे अधिक प्रभावित –

  • कमजोरी इम्यूनिटी वाले लोग
  • दूधमुहे बच्चे
  • अधिक आयु वाले व्यस्क
  • गर्भवती महिलाएं

गर्भवती महिलाओं को चिकनपॉक्स होने पर शिशु को जन्म दोष हो सकते है –

चिकनपॉक्स का इलाज कैसे किया जाता है? – How is chickenpox treated in hindi?

  • चेचक का निदान किए जाने वाले अधिकतर लोगों को उनके शरीर से वायरस के खुद से निकल जाने के इंतजार के लिए सलाह दी जाती है.
  • अभिभावकों को बच्चों को सार्वजनिक जगह नहीं जाने देने की सलाह दी जाती है जिससे वायरस फैले नहीं.
  • संक्रमित व्यस्कों को भी घर में रहना चाहिए.
  • खुजली से राहत के लिए डॉक्टर द्वारा ओटीसी क्रीम आदि प्रीस्क्राइब की जा सकती है.
  • इसके अलावा गुनगुने पानी से नहाना, बिना खुशबू वाला लोशन, हल्के सॉफ्ट कपड़े पहनने के सलाह दी जाती है.
  • वायरस के प्रतिकूल प्रभाव के रिस्क या जटिलताओं को अनुभव करने पर एंटीवायरल दवाएं दी जा सकती है. (जानें – वायरल रोगों के बारे में)
  • एंटीवायरल दवाएं चिकनपॉक्स का इलाज नहीं है लेकिन इनसे लक्षण कम होकर वायरल एक्टिविटी कम होती है.
  • साथ ही इनसे इम्यून सिस्टम को तेज़ी से ठीक होने में मदद मिलती है.

चिकनपॉक्स से बचाव कैसे होता है? – How can chickenpox be prevented in hindi?

  • चिकनपॉक्स वैक्सीन की दो डोज़ वाले लगभग 98 फीसदी लोगों का इससे बचाव होता है.
  • बच्चों को यह 12 से 15 महीने की आयु में इसे दिया जाता है.
  • जबकि 4 से 6 साल की आयु में बच्चों को बूस्टर दिया जाता है.
  • जिन व्यस्कों या बच्चों को वैक्सीन नहीं लगी है वह कैच अप डोज़ लगवा सकते है.
  • जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है उनकों संक्रमित लोगों को संपर्क में आने से बचना चाहिए.

अंत में

इसके अधिकतर मामलों को शरीर खुद से ठीक कर लेता है. इसके निदान के एक या दो हफ्ते बाद लोग अपने सामान्य काम पर लौट सकते है. (जानें – साफ त्वचा के टिप्स)

चिकनपॉक्स के ठीक हो जाने के बाद लोगों के शरीर में इसकी इम्यूनिटी विकसित हो जाती है. इसके अलावा बहुत ही रेयर मामलों में यह किसी को जीवन में दूसरी बार होता है.

References –

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