इस लेख में आप जानेंगे क्रोहन रोग क्या होता है, लक्षण, कारण, निदान, इलाज, डाइट और नैचुरल उपचार –

क्रोहन रोग क्या होता है? – what is crohn’s disease?

  • क्रोहन रोग एक प्रकार का इंफ्लामेटरी बाउल रोग है.
  • इसके बारे में अतिरिक्त रिसर्च की जरूरत है. (जानें – इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के बारे में)
  • रिसर्चरों के अनुसार, क्रोहन रोग कैसे विकसित होता है और इसे किस तरह बेस्ट रूप से मैनेज किया जा सकता है, इसके बारे में कोई ठोस साक्ष्य नहीं है.
  • हालांकि, पिछले तीन दशकों के दौरान ट्रीटमेंट में काफी बड़े बदलाव हुए है लेकिन कोई इलाज नहीं अभी तक उपलब्ध नहीं है.
  • क्रोहन रोग अधिकतर छोटी आंत और कोलन में देखने को मिलता है.
  • यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के किसी भी भाग (मुंह से लेकर गुदा) को प्रभावित कर सकता है.
  • इसमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के कुछ पार्ट शामिल हो सकते है और दूसरे पार्ट को स्किप कर सकती है.
  • क्रोहन रोग की गंभीरता माइल्ड से लेकर दुर्बल करने वाली हो सकती है.
  • गंभीर मामलों में यह रोग जीवन-हानि वाले फ्लेयर और जटिलताएं पैदा कर सकता है.

क्रोहन रोग के लक्षण क्या है? – what are the symptoms of crohn’s disease?

क्रोहन रोग के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते है. जबकि कुछ लक्षण समय के साथ खराब हो जाते है. लक्षणों का अचानक से विकसित होना बहुत रेयर होता है. क्रोहन रोग के शुरूआती लक्षणों में –

काफी सारे मामलों में लक्षणों को दूसरी कंडीशन से भ्रमित किया जा सकता है जैसे फ़ूड पॉइजनिंग, पेट खराब होना, एलर्जी आदि. इसके अलावा इन लक्षणों के बने रहने पर डॉक्टर से बात जरूर करें.

रोग के बढ़ने पर लक्षण गंभीर होते जाते है जिससे निम्न लक्षण हो सकते है –

  • फिस्टुला, जो गुदा नहर पर विकसित होने के अलावा काफी दर्द होता है.
  • सांसों की कमी होना.
  • एनीमिया के कारण एक्सरसाइज की क्षमता होना.
  • मुंह से लेकर गुदा तक कहीं पर भी अल्सर हो सकते है. (जानें – पेप्टिक अल्सर के बारे में)
  • जोड़ों और स्किन पर इंफ्लामेशन.

शुरुआती निदान किए जाने से गंभीर जटिलताओं से बचाव किया जा सकता है. साथ ही इससे जल्दी से ट्रीटमेंट शुरू किया जा सकता है.

क्रोहन रोग के कारण क्या है? – what causes crohn’s disease?

हालांकि, यह साफ नहीं है कि क्रोहन रोग के क्या कारण होते है. लेकिन निम्न फैक्टर इसके विकसित होने के मौके बढ़ा सकते है –

  • इम्यून सिस्टम
  • जिन्स
  • वातावरण

क्रोहन रोग से पीडित करीब 20 फीसदी लोगों के माता-पिता, भाई-बहन या बच्चे को यह रोग होता है.

निम्न फैक्टर क्रोहन रोग की गंभीरता को प्रभावित कर सकते है –

  • आयु
  • स्मोकिंग करना
  • आपका रेक्टम शामिल है या नहीं
  • रोग कितने समय से है
  • क्रोहन रोग वाले लोगों को आंतों का इंफेक्शन विकसित होने का रिस्क होता है. 
  • यह इंफेक्शन बैक्टीरिया, वायरस, फंगी या पैरसाइट के कारण हो सकता है और लक्षण की गंभीरता और जटिलताओं को प्रभावित कर सकता है.
  • इलाज के दौरान आपका इम्यून सिस्टम प्रभावित हो सकता है जिससे इस प्रकार का इंफेक्शन अधिक खराब हो सकता है.
  • क्रोहन रोग आपको दोनों फेफड़ों और आंतों के अलावा यीस्ट इंफेक्शन का सबसे कॉमन कारण होता है.
  • जरूरी है कि इस तरह के इंफेक्शन का निदान जल्दी से जल्दी करके सही उपचार उपलब्ध कराया जाए.

क्रोहन रोग का निदान कैसे होता है? – how to diagnose crohn’s disease?

इसका निदान करने के लिए कोई एक टेस्ट नहीं किया जाता है. डॉक्टर द्वारा निम्न टेस्ट करवाए जा सकते है –

  • ब्लड टेस्ट – जिसमें खून की कमी और इंफ्लामेशन मार्कर देखे जाते है.
  • एंडोस्कोपी – इसमें डॉक्टर द्वारा ऊपरी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट की जांच की जाती है.
  • स्टूल टेस्ट – इससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में खून का पता लगाया जाता है.
  • कोलोनस्कोपी – इसमें डॉक्टर द्वारा बड़े बाउल को देखा जाता है.
  • सीटी स्कैन या एमआरआई – इसमें एक्स-रे से ज्यादा जानकारी मिल जाती है. साथ ही डॉक्टर अंगों और टिश्यू को देख पाते है.
  • बायोप्सी – डॉक्टर द्वारा टिश्यू सैंपल या बायोप्सी की जाती है.

डॉक्टर द्वारा सारे जरूरी टेस्ट किए जाने के बाद, लक्षणों के संभावित कारण को जानकर क्रोहन रोग का निदान किया जाता है. कुछ टेस्ट एक से अधिक बार किए जा सकते है जिससे प्रभावित टिश्यू और रोग के विकास का पता लगाया जा सके.

क्रोहन रोग का ट्रीटमेंट क्या है? – What is the treatment of crohn’s disease?

इस रोग का कोई इलाज नहीं है लेकिन दवाओं से रोग को मैनेज किया जा सकता है. गंभीरता को कम करने के लिए कई सारे ट्रीटमेंट विकल्प लिए जा सकते है –

क्रोहन रोग के लिए डाइट – crohn’s disease diet

क्रोहन रोग के मामलों में एक से दूसरे व्यक्ति के लिए डाइट प्लान अलग होता है. ऐसा इसलिए क्रोहन रोग में आपके गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के अलग हिस्से शामिल हो सकते है.

इसलिए आपके लिए क्या बेहतर है जानना जरूरी है. जो डाइट में फ़ूड्स को शामिल करने या हटाने पर लक्षणों को ट्रैक करने से किया जाता है.

लाइफ़स्टाइल और डाइट बदलाव के साथ लक्षणों का फिर से आना कम करके गंभीरता को कम किया जा सकता है.

शरीर में पानी की कमी न होने दें

  • क्रोहन रोग के कारण शरीर की पानी अवशोषित करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है.
  • इसी क्षमता के प्रभावित होने के कारण शरीर में पानी की कमी हो सकती है.
  • वहीं ब्लीडिंग या डायरिया के मामलों में पानी की कमी का रिस्क बढ़ जाता है.

फैट का सेवन सीमित करना

  • क्रोहन रोग के कारण शरीर की फैट को अवशोषित करने और तोड़ने की क्षमता प्रभावित हो सकती है.
  • यह अतिरिक्त फैट छोटा आंत से होकर कोलन तक जा सकता है जिससे डायरिया हो सकता है.
  • 2017 में हुए के एक अध्ययन में देखने को मिला है कि हाई प्लांट आधारित फैट डाइट क्रोहन रोग में सकारात्मक हो सकते है.

डेयरी सेवन सीमित करना

  • ऐसा हो सकता है कि पहले आपके शरीर को डेयरी प्रोडक्ट को पचाने में परेशानी न होती हो.
  • लेकिन क्रोहन रोग में आपके शरीर को कुछ डेयरी प्रोडक्ट को पचा पाने में कठिनाई हो सकती है.
  • डेयरी प्रोडक्ट के सेवन से आपको पेट में दर्द, दस्त और कुछ लोगों को डायरिया हो सकता है.

विटामिन और मिनरल का वैकल्पिक सोर्स

  • क्रोहन रोग के कारण आपकी आंतों की दूसरे पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है.
  • ऐसे में पोषक तत्वों से पूर्ण भोजन करना काफी नहीं रहता है.
  • डॉक्टर से बात कर जानकारी लें कि आपके लिए कौन सी मल्टीविटामिन सही रहेगा.
  • साथ ही डॉक्टर से बात करें विचार करें कि आप के लिए क्या बेस्ट रहेगा, इससे आपको संतुलित डाइट लेने में मदद मिलेगी.

फाइबर सेवन की सही मात्रा

  • कुछ लोगों को हाई फाइबर, हाई प्रोटीन डाइट की जरूरत होती है.
  • अन्य लोगों को हाई फाइबर वाले फल और सब्जियों में मौजूद अतिरिक्त फाइबर के कारण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट बिगड़ सकता है.
  • क्रोहन रोग में डाइट को लेकर अधिक रिसर्च की जरूरत है तो ऐसे में अपने डॉक्टर से बात कर जानकारी लें.

क्रोहन रोग के लिए नैचुरल ट्रीटमेंट

  • प्रोबायोटिक्स
  • फिश ऑयल
  • सप्लीमेंट
  • प्रीबायोटिक्स
  • एलोवेरा
  • एक्यूपंचर

अंत में

क्रोहन रोग के प्रभावी उपचार हेतु रिसर्च जारी है और लक्षणों को सफलता पूर्ण ढंग से मैनेज किया जा सकता है. आपके डॉक्टर द्वारा सही दवाएं, वैकल्पिक उपचार और लाइफस्टाइल बदलावों के बारे में जानने में मदद मिलेगी.

अगर आपको गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण है तो डॉक्टर से बात कर कारण और संभावित समाधान के ऊपर चर्चा करें.

References –

 

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