इस लेख में आप जानेंगे डायबिटीक न्यूरोपैथी का आयुर्वेदिक इलाज और इसे मैनेज करने के नैचुरल तरीके –

डायबिटीक न्यूरोपैथी का आयुर्वेदिक इलाज – Diabetic neuropathy ayurvedic treatment in hindi

डायबिटीक न्यूरोपैथी क्या है

  • कई सालों तक ब्लड शुगर लेवल के बढ़े रहने के कारण होने वाली पैरिफेरल नर्व के डिसऑर्डर को डायबिटीक न्यूरोपैथी कहा जाता है.
  • इस कंडीशन के सबसे आम प्रभावित प्रकारों में से एक पैर के तलवे में किसी भी प्रकार की संवेदना महसूस न करना है. हालांकि यह कंडीशन अचानक से नहीं होती है बल्कि इसके शुरूआती लक्षणों में पैर सुन्न होना, दर्द या टिंगलिंग हो सकते है.
  • कुछ मामलों में यह दर्द इतना तीव्र होता है कि पीड़ित व्यक्ति को दर्द से बचने के लिए इलाज की जरूरत पड़ती है. पैर में संवेदना न होने के कारण चोट समेत छाले होने का रिस्क बढ़ सकता है.
  • जिन लोगों को डायबिटीज है या उनके ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित रहते है. ऐसी कंडीशन में नियमित रूप से जांच की जानी चाहिए.
  • इसके अलावा डायबिटीक न्यूरोपैथी के कारण लोगों को चलने में कठिनाई और पैरों की मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है.
  • कई अन्य प्रकार की डायबिटीक न्यूरोपैथी शरीर के कुछ हिस्सों को प्रभावित कर सकते है जिसमें दर्द, कमजोरी आना, ऐंठन, जांघ की मांसपेशियो में कठोरता, चक्कर आना, डबल दृष्टि, झुकी पलकें आदि.

डायबिटीक न्यूरोपैथी को मैनेज करने के तरीके

ब्लड शुगर को कंट्रोल रखना

  • रक्त वाहिकाओं, नसों, त्वचा, आंखों और शरीर के अन्य हिस्सों के किसी और नुकसान को रोकने के लिए हेल्दी ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखना महत्वपूर्ण है.
  • अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने का सबसे अच्छा तरीका हेल्दी डाइट बनाए रखना हैं.
  • साथ ही दैनिक आधार पर एक्सरसाइज करना और तनाव मुक्त जीवन जीना जरूरी होता है.
  • यह सुनिश्चित करने के लिए कि रीडिंग सामान्य लेवल के भीतर है या नहीं, अक्सर ब्लड शुगर टेस्ट किए जाने चाहिए.

डाइट

  • किसी व्यक्ति की डाइट का उसके ब्लड शुगर लेवल पर सीधा प्रभाव पड़ता है. 
  • ब्लड शुगर को स्थिर करने के लिए रिफाइंड कार्ब्स और शुगर पेय पदार्थ के सेवन सख्ती से बचा जाना चाहिए.
  • ताजा फल और सब्जियां जो विटामिन और फाइबर में समृद्ध होती हैं डाइट में इनका सेवन किया जाना चाहिए. 
  • साथ ही एंटीऑक्सीडेंट नियमित रूप से खाया जाना चाहिए.
  • जैतून का तेल, नट्स, एवोकैडो, नारियल का तेल, अंडे का सफेद भाग, फलियां और स्टेविया जैसे अन्य फ़ूड्स ब्लड शुगर के लेवल को बनाए रखने में बहुत मदद करते हैं.

एक्सरसाइज

  • 2012 के अध्ययन में पाया गया है कि रोजाना एक्सरसाइज करने से डायबिटीक न्यूरोपैथी वाले रोगियों में ब्लड शुगर लेवल सामान्य रहते है.
  • रोजाना कम से कम 30 से 45 मिनट चलना, साईकल चलाना और तैराकी अच्छी एक्सरसाइज है.
  • इससे शरीर को इंसुलिन लेवल को बनाए रखने और बेहतर इस्तेमाल में मदद मिलती है.
  • एक्सरसाइज करने से कोलेस्ट्रोल को कम करने और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अच्छी होती है.
  • इन सभी के अलावा रोजाना एक्सरसाइज से मांसपेशियां मजबूत होने और फूर्ती लाने में मदद मिलती है. 

केमिकल से बचना

  • कीटनाशक, ब्यूटी प्रोडक्ट और अनावश्यक एंटीबायोटिक्स जैसे केमिकल डायबिटीक न्यूरोपैथी के रोगियों में किडनी स्टोन बनने के कारण हो सकते हैं.
  • ब्लड में टॉक्सिक होना, डायबिटीज के लक्षणों को बढ़ाता है जिससे अन्य जटिलताएं पैदा हो सकती है.
  • ऐसे में शराब या किसी अन्य तंबाकू का सेवन नहीं किया जाना चाहिए.
  • ऐसा नहीं करने से नर्व को नुकसान, हार्ट अटैक के रिस्क बढ़ सकते है.

तनाव को मैनेज करना

  • तनाव को कई रोगों के होने का कारण माना जाता है जिसमें से एक डायबिटीक न्यूरोपैथी भी है.
  • साथ ही यह ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाता है जिससे स्ट्रोक और हार्ट संबंधी रोगों का रिस्क बढ़ जाता है.
  • एक्सरसाइज, मेडिटेशन करने से लाभ मिलता है.
  • इसके अलावा परिवार के साथ समय बिताने से भी तनाव को कम करने में मदद मिलती है.
  • तनाव से राहत के लिए एक्यूपंचर प्रभावी उपचार है.

डायबिटीक न्यूरोपैथी के लिए आयुर्वेदिक दवाएं

शिलाजीत

  • भारतीय जिनसेंग के नाम से मशहूर यह आयुर्वेदिक दवा काफी प्रभावी होती है.
  • यह डायबिटीक न्यूरोपैथी के अलावा शरीर से कमजोरी को दूर करती है.
  • शिलाजीत का उपयोग एंटी स्ट्रेस एजेंट, कमजोर इम्यूनिटी, पूर्ण हेल्थ, एंटीऑक्सिडेंट, लिवर फंक्शन बेहतर करने, एलर्जी के लक्षण दूर करने, हार्ट का फंक्शन अच्छा करने, सेंट्रल नर्वस सिस्टम फंक्शन समेत कई अन्य स्थितियों को अच्छा करता है.

अश्वगंधा

  • इसे तनाव को कम करने वाली हर्ब के रूप में जाना जाता है.
  • यह भारतीय जिनसेंग नर्वस सिस्टम को सपोर्ट करती है.
  • यह हर्ब कई प्रकार के मानसिक और शारीरिक तनाव को ठीक करने में मदद करती है.
  • यह याददाश्त को अच्छा करने, फोकस बढ़ाने और मानसिक समस्याओं में मदद करती है.
  • साथ ही यह शारीरिक स्टैमिना और ताकत बढ़ाने में सहायक होती है.
  • डायबिटीक न्यूरोपैथी की रोकथाम में इसे प्रभावी माना जाता है.
  • अश्वगंधा को थकान, काल्फ में दर्द, डायबिटीज के कारण वजन कम होने, पैरो में संवेदना न रहना या सुन्न होना, घबराहट, तनाव, बार बार पेशाब आना आदि में किया जाता है.
  • इस हर्ब को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के उपचार और नर्व की कमजोरी में भी किया जाता है.
  • इसके अलावा इस हर्ब को मांसपेशियों में ताकत लाने, एजिंग, स्टैमिना बढ़ाने, शारीरिक व मानसिक क्षमता बेहतर करने के लिए उपयोग किया जाता है.
  • यह बच्चों, व्यस्कों या अधिक आयु वाले लोगों द्वारा ली जा सकती है.

इसके अलावा किसी अन्य समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से बात कर सलाह ली जानी चाहिए.

References –

 

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