इस लेख में आप जानेंगे पुरूषों में पीरियड्स होने के बारे में –

क्या पुरूषों को पीरियड्स होते है – do men have periods

  • महिलाओं की ही तरह पुरूषों को भी हार्मोन बदलाव आदि का अनुभव हो सकता है.
  • रोजाना सुबह के समय पुरूषों का टेस्टोस्टेरोन लेवल बढ़ता है और शाम होने पर यह कम हो जाता है.
  • टेस्टोस्टेरोन लेवल दिन प्रति दिन अलग अलग हो सकते है. (जानें – कैसे करते है दो पुरूष आपस में सेक्स)
  • कुछ का मानना है कि पुरूषों में यह हार्मोन बदलाव प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम (पीएमएस) जैसे होते है.
  • प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम में महिलाओं को मूड स्विंग्स, थकान, डिप्रेशन आदि महसूस होता है.

क्या पुरूषों में यह हार्मोनल बदलाव हर महीने होते है जिससे इन्हें पुरूषों को पीरियड्स कहा जाए?

  • जी हां, ऐसे कुछ विशेषज्ञ है जिनके अनुसार इसे इर्रिटेबल मेल सिंड्रोम कहा जाता है.
  • ऐसा दावा इर्रिटेबल मेल सिंड्रोम नाम की किताब में लेखक द्वारा किया गया है.
  • किताब में लेखक ने हार्मोन बदलाव के कारण होने वाले लक्षण और बायोलॉजिकल तथ्यों को आधार लेते हुए यह कहा हैं.
  • लेखक के अनुसार, गे पुरूषों को महिलाओं की ही तरह हर महीने हार्मोन चक्र का अनुभव होता है इसलिए इसे पुरूष पीरियड्स कहा जाता है.
  • विशेषज्ञों की मानें तो महिलाओं को पीरियड्स और हार्मोन बदलाव उनकी नैचुरल प्रजनन चक्र के कारण होते हैं, जिस कारण वह गर्भधारण करने में सक्ष्म होती हैं.
  • जबकि गे पुरूषों को ऐसे किसी चक्र का अनुभव नहीं होता क्योंकि अंडों के प्रजनन के लिए उनके पास यूटेरस नहीं होता है.
  • साथ ही पुरूष गर्भधारण करने में सक्ष्म नहीं होते हैं, उनके पास यूटेरिन लिनिंग नहीं होती जिससे योनि से ब्लड निकलता है और इसे पीरियड्स कहा जाता है.
  • एक्सपर्ट के अनुसार, पुरूषों में ऐसे पीरियड्स नहीं होता जिसमें ब्लीडिंग हो. (जानें – टेस्टोस्टेरोन लेवल बूस्ट करने के तरीके)
  • लेकिन टेस्टोस्टेरोन लेवल कम या ज्यादा हो सकते है जिसके कारण उनको हार्मोन असंतुलन वाले लक्षण का अनुभव हो सकता है जो पीएमएस से मिलते जुलते होते है.

इर्रिटेबल मेन सिंड्रोम के कारण क्या है?

  • टेस्टोस्टेरोन के कम या तेज होने के कारण यह कंडीशन होती है. हालांकि इसका कोई मेडिकल साक्ष्य नहीं है.
  • लेकिन पुरूषों के शारीरिक और मानसिक विकास में टेस्टोस्टेरोन काफी अहम भूमिका निभाता है.
  • परंतु इर्रिटेबल मेल सिंड्रोम के कारण टेस्टोस्टेरोन लेवल में बदलाव हो सकता है.
  • इन फ़ैक्टर में आयु, तनाव, रोग, डाइट और वजन में बदलाव, इटिंग डिसऑर्डर शामिल है.
  • साथ ही इन फ़ैक्टर में पुरूषों की मानसिक हेल्थ पर भी असर पड़ता है.

इर्रिटेबल मेन सिंड्रोम के लक्षण

  • जैसे लक्षण महिलाओं को पीएमएस के दौरान होते है वैसे ही लक्षण पुरूषों को इसके दौरान होते है.
  • इर्रिटेबल मेन सिंड्रोम के दौरान महिलाओं के प्रजनन चक्र जैसे मानसिक पैटर्न पुरूषों में नहीं होता है.
  • पुरूषों में लक्षणों में गुस्सा, थकान, लो लिबिदो, घबराहट, हाइपरसेंसिटिविटी, आत्म-विश्वास की कमी, भ्रम, डिप्रेशन आदि शामिल है. (जानें – गुस्सा कैसे कंट्रोल करें)
  • इन लक्षणों का अनुभव करने का कारण टेस्टोस्टेरोन लेवल की कमी भी हो सकती है.
  • टेस्टोस्टेरोन लेवल की कमी होने पर डिप्रेशन, मूड समस्या, लो लिबिदो आदि हो सकते है.
  • इन लक्षणों के बने रहने पर डॉक्टर से बात कर सलाह ली जानी चाहिए.
  • इस कंडीशन का निदान होने पर इलाज किया जा सकता है.
  • मेनोपॉज के पास पहुंचने वाले पुरूषों या मध्यम आयु वाले लोगों को टेस्टोस्टेरोन लेवल की कमी के लक्षण महसूस हो सकते है.
  • पुरूष पीरियड्स नाम का उपयोग मल या पेशाब में खून मिलने जितनी होती है, जो इंफेक्शन आदि के कारण भी हो सकता है. (जानें – पुरूषों में मेनोपॉज के बारे में)
  • जबकि मल या पेशाब में खून आने पर डॉक्टर से बात कर सलाह ली जानी चाहिए.

लाइफ़स्टाइस बदलाव मदद कर सकते है

  • इसमें लक्षणों को मैनेज करने, तनाव से राहत पाने के तरीके, मूड स्विंग्स होने पर उनसे कैसे निपटें शामिल है.
  • एक्सरसाइज, हेल्दी डाइट, शराब और स्मोकिंग से बचना आदि से लक्षणों को रोका जा सकता है.
  • लो टेस्टोस्टेरोन के कारण लक्षण होने पर डॉक्टर से सलाह लें.
  • कुछ लोग टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट के लिए जाते है लेकिन इसमें भी रिस्क होता है.
  • अगर डॉक्टर को किसी दूसरे रोग का अंदेशा है तो वह टेस्ट या प्रक्रिया को फॉलो कर सकते है.

अंत में

खराब दिनों के कारण व्यवहार बदलाव एक अलग चीज़ है. लेकिन शारीरिक और मानसिक लक्षणों का बना रहना बिल्कुल ही अलग चीज़ होती है. ऐसे में डॉक्टर से मिलकर सलाह ली जानी चाहिए. (जानें – पेनिस पर तिल होने के बारे में)

जबकि जनानंग से ब्लीडिंग आदि होने पर तुरंत मेडिकल सहायता ली जानी चाहिए. पुरूषों को पीरियड्स में ब्लीडिंग आदि नहीं होती है. ऐसा होना किसी इंफेक्शन या दूसरी समस्या का संकेत है.

References –

 

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