प्रचीन समय से ही अलसी के बीज को इनके प्राकृतिक गुणों के लिए जाना जाता रहा है. ऐसा सिर्फ भारत में ही नही बल्कि पूरी दुनिया में होता रहा है. आज के समय की बात करें तो इन पर हुए कई शोध और अध्ययनों के बाद अलसी के बीज को सुपर फ़ूड भी कहा जाने लगा है. आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है अलसी के फायदे और इसके पोषक मूल्य –

अलसी के फायदे – What are the benefits of flax seeds in hindi?

फाइबर का अच्छा सोर्स

  • किसी भी महिला व पुरूष के लिए दिन की एक अलसी के बीज की चम्मच काफी होती है जिसमें 3 ग्राम फाइबर होता है.
  • फ्लैक्ससीड के अंदर दो तरह के फाइबर होते है – घूलनशील (20-40 फीसदी) और न घूल पाने वाले (60-80 फीसदी).
  • फाइबर हमारी बड़ी आंत में बैक्टीरिया के साथ मिल जाता है जिससे शौच बनता है.
  • जिसके बाद हमारा रेगुलर बाउल मूवमेंट होता है.
  • जहां एक तरफ घूलनशील फाइबर आंत में मिलकर और पाचन क्रिया को धीमा कर काम करता है.
  • वही यह ब्लड शुगर को रेगुलेट करने और कोलेस्ट्रोल को कम करने में मदद करता है.
  • जबकि न घूलने वाली फाइबर शौच में ज्यादा पानी को बढ़ाने जिससे शौच की मात्रा बढ़ती है, इस तरह काम करती है.
  • इससे टाइट मल की समस्या जो आगे जाकर बवासीर को जन्म दे सकती है, ऐसी स्थितियों से बचाव होता है.
  • साथ ही फाइबर से कब्ज से बचाव और बाउल मूवमेंट बेहतर रहता है.

कैंसर के रिस्क को कम करना

  • अलसी में मौजूद लिग्नांस एक प्रकार के प्लांट कंपाउंड होते है.
  • इनमें एंटीऑक्सिडेंट और एस्ट्रोजेन गुण होते है जो कैंसर के रिस्क को कम कर स्वास्थ को बेहतर करते है.
  • दूसरे प्लांट आधारित फ़ूड की तुलना में अलसी के बीज में 800 गुना ज्यादा लिग्नांस होते है.
  • साथ ही इससे महिलाओं में रजनोवृत्ति के बाद ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम हो जाता है.
  • पुरूषों को भी इसके कई लाभ होते है जैसे प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कम होना आदि.
  • इसके अलावा यह कोलन और स्कीन कैंसर के रिस्क को भी कम करता है.

हाई ओमेगा-3 फैटी एसिड

  • इसका सबसे अधिक लाभ शाकाहारी लोगों को होता है जिन्हें ओमगा-3 फैटी एसिड, लिग्नांस और फाइबर जैसे तत्व अलसी के बीज में अच्छी मात्रा में मिल जाते है.
  • ओमेगा-3 के इस शाकाहारी सोर्स अलसी में अल्फा -लिनोलेनिक एसिड (ALA) नाम का तत्व होता है जो हमारे द्वारा खाएं जाने वाले भोजन से हमें मिलता है, हमारे शरीर इसे नही बनाता है.
  • अध्ययनों के अनुसार, अलसी के बीज में मौजूद अल्फा -लिनोलेनिक एसिड नसों को अवरूद होने से रोकते है.
  • साथ ही यह नसों में या हार्ट की धमनियों में कोलेस्ट्रोल को जमा नही होने देते है जिससे धमनियों की सूजन और ट्यूमर आदि की ग्रोथ कम होती है.
  • कुछ अध्ययनों का यह भी मानना है कि कि अल्फा -लिनोलेनिक एसिड के उपयोग से स्ट्रोक का रिस्क भी कम हो जाता है.

कोलेस्ट्रोल के लिए

  • इसका एक अन्य फायदा इसमें कोलेस्ट्रोल का लेवल कम होना है जिससे हार्ट रोग का रिस्क कम हो जाता है.
  • इसके नियमित सेवन से खराब कोलेस्ट्रोल को कम किया जा सकता है.
  • ऐसा होना का कारण अलसी में मौजूद फाइबर होता है जो शरीर में मौजूद सॉल्ट के साथ मिलकर खराब कोलेस्ट्रोल को शरीर से बाहर कर देता है.
  • जो लोग कोलेस्ट्रोल से संबंधित समस्याओं से परेशान है उन्हें अलसी का सेवन करना चाहिए.

अच्छी गुणवत्ता वाला प्रोटीन

  • शाकाहरियों की बात करें तो यह बहुत अच्छा प्लांट आधारित प्रोटीन है जिसके अनेक स्वास्थ लाभ है.
  • फ्लैक्ससीड में एमिनो एसिड, एस्पार्टिक एसिड और ग्लूटामिक एसिड की अच्छी मात्रा होती है.
  • कई अध्ययनों में देखने को मिला है कि अलसी के बीज इम्युन सिस्टम बेहतर करने, कोलेस्ट्रोल कम करने, ट्यूमर से बचाव के अलावा इसमें एंटी फंगल गुण भी मौजूद होते है.
  • हाल ही में हुए एक अध्ययन की माने तो जानवरों द्वारा मिलने वाले प्रोटीन और पौधों द्वारा मिलने वालाे प्रोटीन से हार्मोन में बदलाव होता है जिससे पेट भरा महसूस करता है और खाने की इच्छा कम होती है.

ब्लड प्रेशर कम करने के लिए

  • अलसी के बीज में ऐसे प्राकृतिक गुण होते है जो ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते है.
  • अध्ययनों में ऐसा देखने को मिला है कि जो लोग हाई बीपी की समस्या से परेशान होते है उन्हें अलसी के बीज का सेवन करना चाहिए.
  • नियमित सेवन से उनका हाई बीपी, सामान्य रहने लगता है और हार्ट रोग की समस्या का खतरा कम होता है.

ब्लड शुगर को कंट्रोल करने

  • आज के समय में टाइप 2 डायबीटिज पूरे विश्व के लिए चिंता बना हुआ है.
  • जिसमें खून में शुगर का लेवल हाई रहता है और शरीर इंसुलिन बनाने में सक्षम नही होता है.
  • इस समस्या से लड़ रहे लोगों को अलसी के बीज बहुत लाभ प्रदान करते है.
  • लेकिन ध्यान रहें कि ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने के लिए अलसी बीज के पाउडर को काफी कारगर माना जाता है.

वजन कंट्रोल करने

  • इसको दो भोजनों के बीच स्नैक के रूप में लिया जा सकता है.
  • साथ ही इसे भोजन में मिलाकर भी खाया जा सकता है.
  • ऐसा करने पर भूख कम लगती है और पेट भरा हुआ महसूस होता है.
  • फ्लैक्ससीड में मौजूद तत्व पाचन को धीमा कर देते है जिससे भूख कम लगती है.
  • ऐसा करने से अधिक वजन वाले लोगों को वजन को कम करने में मदद मिलती है.

भोजन सामग्री के रूप में 

  • रोजाना पानी में मिलाकर इसे पीया जा सकता है.
  • फ्लैक्ससीड ऑयल को सलाद पर ड्रेसिग के रूप में उपयोग कर सकते है.
  • अपने गर्म या ठंडे ब्रेकफास्ट पर फ्लैक्ससीड को ऊपर से डालकर खा सकते है.
  • इन्हें दही में मिलाकर भी लिया जा सकता है.
  • इसे कूकीज़, मफीन, ब्रेड या बैटर में लगाकर भी खाया जा सकता है.
  • स्मूथीज के साथ मिक्स भी किया जा सकता है.
  • अंडे की जगह इसे पानी के साथ ले सकते है.

फ्लैक्ससीड का पोषण मूल्य –  flax seeds nutritional value in hindi

इसके दो प्रकार होते है ब्राउन और गोल्डन, जिनमें बराबर पोषक मूल्य होते है. इसके एक चम्मच में –

फ्लैक्ससीड को डाइट में कैसे शामिल करें-

  • इसके बीज को आप सीधे भी खा सकते है.
  • जबकि इसके पाउडर रूप को सब्जि आदि में मिलाकर खाया जा सकता है.
  • इसके बीज को कॉफी बीन्स के साथ ग्राइंड कर सकते है.
  • इन्हें एयर टाइट कंटेनर में स्टोर भी किया जा सकता है.

फ्लैक्ससीड ऑयल

  • इसे कोल्ड प्रेसिंग की प्रक्रिया के जरिए निकाला जाता है.
  • हालांकि ऑयल, हीट और लाइट के लिए संवेदनशील होता है.
  • इसलिए बेहतर है कि ऑयल को डार्क ग्लास बोतल या किसी अधेरे वाली ठंडी जगह पर रखना चाहिए.
  • ऐसा इसलिए क्योंकि इसके कुछ पोषक तत्व गर्मी के लिए संवेदनशील होते है.
  • साथ ही इसे ज्यादा तापमान में पकाने के लिए ठीक नही माना जाता है.

आपको फ्लैक्ससीड की कितनी मात्रा की जरूरत है

  • इसके 1 चम्मच जो 10 ग्राम के आसपास हो, दिन में एक बार ली जा सकती है.
  • लेकिन अधिक से अधिक दिन में 5 चम्मच या 50 ग्राम से अधिक मात्रा नही होनी चाहिए.

अंत में

जब बात आती है लाभ की तो अलसी के बीज यानि फ्लैक्ससीड के लाभ बहुत ज्यादा है. छोटे से यह बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर आदि तत्वों से पूर्ण है.

यह हमें काफी सारे रोगों से बचाने के अलावा भोजन को टेस्टी बनाने के लिए भी जाने जाते है. इन्हें आप आसानी से बाज़ार से खरीद सकते है.

References –

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