इस लेख में आप जानेंगे ग्रोइन दर्द क्या होता है, इसका कारण, निदान, इलाज और बचाव –

ग्रोइन दर्द क्या होता है? – what is groin pain?

  • हिप का एरिया जो पेट और जांघ के बीच होता है उसे ग्रोइन कहा जाता है.
  • यह हिस्सा वहां होता है जहां पर पेट का निचला हिस्सा खत्म और पैर शुरू होता है.
  • पैरों को मूव करने के लिए ग्रोइन एरिया में पांच मांसपेशियां एक साथ काम करती है.
  • इसी एरिया में किसी भी प्रकार की असहजता को ग्रोइन दर्द कहा जाता है. (जानें – जांघ के ऊपरी हिस्से में दर्द के कारण)
  • अधिकांश मामलों में यह दर्द खेल कूद आदि के कारण होने वाली इंजरी के कारण होता है.
  • एथलीट में ग्रोइन एरिया में किसी मांसपेशी की मोच या तनाव होना काफी आम है.

ग्रोइन दर्द के कारण क्या होते है? What are the causes of groin pain in hindi?

सबसे आम कारण

  • ग्रोइन एरिया में किसी मांसपेशी, लिगामेंट या टेंडन में तनाव आदि के कारण दर्द होना इसके सबसे आम कारणों में से एक है.
  • एथलीटों में इसका होना सबसे आम माना जाता है.
  • फुटबॉल, रगबी, हॉकी आदि खेलने वाले लोगों में एक समय पर जाकर ग्रोइन दर्द होने की आशंका रहती है.
  • अन्य आम कारणों में इनगुइनल हर्निया शामिल है.
  • इनगुइनल हर्निया होने का कारण – पेट के निचले हिस्से का कोई अंदरूनी टिश्यू ग्रोइन मांसपेशी के कमजोर स्पॉट पर पुश होता है.
  • जिस कारण ग्रोइन एरिया में दर्द भरा उभार हो जाता है जिसमें काफी दर्द महसूस होता है.
  • किडनी स्टोन या हड्डी फ्रैक्चर के कारण भी ग्रोइन दर्द हो सकता है.

कम आम कारण

  • टेस्टिकुलर इंफ्लामेशन
  • हिप्स का ऑस्टियोअर्थेराइटिस
  • आंतों की सूजन
  • लिम्फ नॉड्स का बड़ा हो जाना
  • यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन
  • ओवेरियन सिस्ट

ग्रोइन दर्द का निदान कैसे होता है?

  • अधिकांश मामलों में किसी मेडिकल सहायता की जरूरत नहीं पड़ती है.
  • जबकि दर्द के गंभीर हो जाने, लंबे समय तक रहने या बुखार, सूजन साथ में आने पर डॉक्टर से सलाह ली जानी चाहिए.
  • लक्षणों के आधार पर डॉक्टर द्वारा आपके जरिए की गई शारीरिक क्रिया के बारे में पूछा जाएगा.
  • इससे आपके डॉक्टर को समस्या का निदान करने में मदद मिलेगी.
  • जिसके बाद वह ग्रोइन एरिया की शारीरिक जांच करेंगे.
  • जरूरत पड़ने पर कुछ टेस्ट भी किए जा सकते है.
  • हर्निया टेस्ट – डॉक्टर द्वारा स्क्रोटम में एक फिंगर को डाला जाएगा. स्क्रोटम अंडकोष की थैली होती है. जिसके बाद वह आपको खांसने के लिए बोल सकते है. खांसने से पेट में प्रेशर बनता है जिससे आंत को हर्निया की तरफ पुश करने में मदद मिलती है.
  • एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड – इससे किसी हड्डी के फ्रैक्चर, ओवेरियन सिस्ट या टेस्टिकुलर मास के कारण होने वाले ग्रोइन दर्द का पता चलता है.
  • सीबीसी – इंफेक्शन का पता लगान के लिए इस ब्लड टेस्ट को करवाया जाता है.

ग्रोइन दर्द का इलाज

  • ग्रोइन दर्द का इलाज आपके अंतनिर्हित कारणों पर निर्भर करता है.
  • हल्की फुल्की मोच आदि को आप घर में इलाज कर ठीक कर सकते है.
  • लेकिन दर्द के गंभीर होने पर मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ सकती है.

घरेलू देखभाल

  • मोच या मांसपेशी में तनाव के कारण दर्द होने पर घेरलू इलाज बेहतर है.
  • इसके लिए किसी भी प्रकार की शारीरिक क्रिया से कम से कम दो से तीन हफ्तों का रेस्ट लेना बेहतर रहता है.
  • इस रेस्ट के दौरान आपकी मांसपेशियों को नैचुरल रूप से ठीक होने में मदद मिलेगी.
  • दर्द को कम करने के लिए दर्द निवारक दवाएं ली जा सकती है.
  • इसके अलावा दिन में कुछ बार 20 मिनट बर्फ की सिकाई की जा सकती है.

मेडिकल ट्रीटमेंट

  • टूटी हुई हड्डी या फ्रैक्चर आपके कमर दर्द का कारण है, तो हड्डी को ठीक करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है.
  • यदि आपके इनगुइनल हर्निया आपके लक्षणों का अंतर्निहित कारण है, तो आपको सर्जरी की भी आवश्यकता हो सकती है.
  • यदि घरेलू देखभाल के तरीके आपके तनाव की चोट के लिए काम नहीं करते हैं, तो आपका डॉक्टर दवाओं को लिख सकता है.
  • जो आपके लक्षणों को दूर करने में मदद करने के लिए सूजन को कम करता है.
  • यदि यह काम नहीं करता है और आपको आवर्ती चोटें हो सकती हैं, तो ऐसे में आपको फिजियोथेरेपी की सलाह मिल सकती है.

डॉक्टर से संपर्क कब करें

  • लक्षण लंबे समय तक रहने और ग्रोइन दर्द के हल्के से गंभीर होने पर डॉक्टर से संपर्क करें.
  • यूरिन में ब्लड आने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
  • बुखार आने या मतली होने के अलावा लोवर बैक में दर्द, चेस्ट या पेट में दर्द का अनुभव होने डॉक्टर से संपर्क करें.
  • ये लक्षण अधिक गंभीर स्थिति के संकेत हो सकते हैं जैसे कि टेस्टिकुलर इंफेक्शन, टेस्टिकुलर टॉर्सन या टेस्टिकुलर कैंसर.
  • गंभीर टेस्टिकुलर दर्द होने पर तुरंत मेडिकल सहायता ली जानी चाहिए.

ग्रोइन दर्द से बचाव कैसे करें

  • ग्रोइन दर्द से बचने के लिए कुछ स्टेप्स लिए जा सकते है.
  • एथलीटों के लिए, हल्की स्ट्रेचिंग इंजरी को रोकने में मदद करने का एक तरीका है.
  • शारीरिक गतिविधि से पहले धीमी, स्थिर वार्म-अप करने से कमर की चोट के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है, खासकर यदि आप इसे लगातार करते हैं.
  • स्वस्थ वजन बनाए रखना और भारी वस्तुओं को उठाते समय सावधान रहना हर्निया को रोकने में मदद कर सकता है.

किसी अन्य समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से मिलकर बात करनी चाहिए.

 

References –

 

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