इस लेख में आप जानेंगे नाखून पर चांद की शेप के बारे में – यह शेप क्यों होती है, नाखून के रंग में बदलाव, नाखून के चांद का बड़ा या छोटा होना आदि – 

नाखूनों पर आधे चांद की शेप क्यों होती है? – Why fingernails have shape of half moon nails in hindi?

  • फिंगर के नाखून पर आधा चांद बनने को लुनुला कहा जाता है.
  • लुनुला नाखून के नीचे (जहां नाखून और त्वचा मिलते है) बनता है.
  • लुनुला हमारे नाखूने के नीचे वाले टिश्यू होते है.
  • इसमें नर्व, लिम्फ और ब्लड वैसल्स होते है.
  • साथ ही यह नाखून को सख्त करने वाली सेल्स को भी बनाते है.
  • हर किसी के नाखून में टिश्यू होते है और जरूरी नही कि हर नाखून पर आधा चांद नज़र आए.

नाखून पर हेल्दी चांद कैसा दिखता है? – What do healthy lunulae look like in hindi?

  • नाखून पर चांद (लुनुला) का सफेद रहने का मतलब होता है कि आप हेल्दी है.
  • अधिकतर आधे चांद अंगूठों पर दिखते है.
  • जबकि कुछ लोगों की फिंगर पर यह छोटे साइज के होते है और शायद ही दिखते है.

नाखून के चांद का रंग बदलना क्या होता है? – What if my nail color changes in hindi?

कभी कभी, चांद (लुनुला) या पूरे नाखून के रंग बदलना किसी कंडीशन की ओर इंगित करता है जैसे –

  • डायबिटीज़ होने पर नाखून पीला नील हो जाता है.
  • हार्ट फेलियर होने पर लाल हो जाता है.
  • रिनल रोग होने पर ब्राउन या पूरा नाखून सफेद हो सकता है.
  • रिनल फेलियर के मामलों में चांद ब्राउन हो जाता है.
  • विलसन रोग के मामलों में चांद नीला हो जाता है.
  • यैल्लो नेल सिंड्रोम होने पर नाखून पीले हो जाते है.

आधे चांद के असामान्य रंग के कारण क्या है? – What causes abnormal coloring in hindi?

असामान्य लुनुला के कुछ कारण हो सकते है जैसे –

एंटीबायोटिक्स

  • जो दवाएं एक्ने और स्किन इंफेक्शन का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जाती है.
  • इनके लंबे समय तक उपयोग से नाखून का चांद पीला हो सकता है.

डायबिटीज़

  • लुनुला का पीला नीला होना बिना निदान की गई या अनियत्रित डायबिटीज़ के कारण हो सकता है.
  • यह जिंदगी भर रहने वाली कंडीशन होती है जिसमें शरीर की ब्लड शुगर कंट्रोल करने की क्षमता प्रभावित होती है.

यैल्लो नेल सिंड्रोम

  • इस कंडीशन में नाखून पतले होने के साथ साथ बहुत धीमे बढ़ते है.
  • नाखून बीच से बढ़ने लगता है और लुनुला गायब हो जाता है.
  • जिसके बाद पूरा नाखून पीला हो जाता है.
  • इसके होने पर निम्न कंडीशन जैसे क्रोनिक साइनस, निमोनिया, रूमेटॉइड अर्थेराइटिस, इम्यूनोडेफिशियंसी सिंड्रोम आदि हो सकते है.

टेरी नाखून

  • इस कंडीशन के कारण नाखून का ब्लक सफेद दिखने लगता है जिससे चांद गायब हो जाता है.
  • इसमें नाखून और त्वचा के आर्क के पास गुलाबी या लाल रंग के बैंड से अलग कर पहचाना जा सकता है.
  • यह एक या सभी फिंगर पर हो सकता है.
  • वृद्धों में यह एजिंग की नैचुरल प्रक्रिया होती है. 
  • जबकि अन्य मामलों में डायबिटीज़, लिवर रोग, हार्ट फेलियर, किडनी फेलियर हो सकता है. 

विल्सन रोग

  • यह बहुत ही रेयर कंडीशन होती है जो अंगों में कॉपर जमा होने के कारण होती है.
  • इसके दौरान नाखून का चांद नीला हो जाता है.

गंभीर रिनल रोग

  • इसमें चांद वाला भाग सफेद हो सकता है लेकिन कभी कभी नाखून आधा सफेद और आधा ब्राउन हो जाता है.
  • इसे रिनल रोग की ओर इंगित करने के रूप में जाना जाता है.

क्रोनिक रिनल फेलियर

  • इसके अनुभव करने वाले रोगियों के शरीर में मेलेनिन अधिक बनता है.
  • जिससे लुनुला ब्राउन हो जाता है.

हार्ट फेलियर

  • नाखून के चांद का लाल हो जाना हार्ट फेलियर की ओर इंगित करता है.

नाखून के चांद का छोटा या न होना क्या होता है? – What does it mean if my half moon nails are small or missing in hindi?

फिंगर पर चांद का न होना कोई चिंता का विषय नही है. यह हमारी स्किन के नीचे फिंगर के बेस पर होते है. कुछ मामलों में फिंगर पर चांद न होने के निम्न कारण हो सकते है.

इसके अलावा अगर आप थकान, कमजोरी आदि महसूस करते है तो तुरंत डॉक्टर से बात कर सलाह ली जानी चाहिए. जिससे डॉक्टर द्वारा समस्या का पता लगाकर उचित उपचार दिया जा सके.

नाखून के चांद का बड़ा होना क्या है? – What if my half moon nails are large in hindi?

  • रिसर्च के अनुसार इसके बारे में कुछ खासा अध्ययन मौजूद नही है.
  • कुछ रिपोर्ट के मुताबिक फिंगर का चांद कुछ कंडीशन जैसे कार्डियोवस्कुलर सिस्टम, हार्टबीट कम ज्यादा होना और कम ब्लड प्रेशर होने की तरफ इंगित करता है.
  • गैर वैज्ञानिक थयोरी की माने तो नाखूनों पर चांद का बड़ा होना एथलीट और शारीरिक एक्टिविटी करने वाले लोगों में आम है.

अंत में

रंग में बदलाव या फिंगर पर चांद का न होना कोई चिंता का कारण नही होना चाहिए. लेकिन नाखूनों के रंगों आदि में बदलाव को नोटिस या असामान्य लक्षणों का अनुभव करने पर डॉक्टर से मिलकर सलाह ली जानी चाहिए.

हाथों और पैरों के नीले पड़ने पर भी तुरंत डॉक्टर से सलाह करनी चाहिए क्योंकि यह खराब सर्कुलेशन या ब्लड में जरूरी ऑक्सीजन न पहुँचने के कारण हो सकता है. डॉक्टर द्वारा लक्षणों के आधार पर उचित उपचार दिया जाना चाहिए.

References –

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