पाइल्स जिसे आमतौर पर बवासीर के नाम से भी जाना जाता है, यह एक ऐसा रोग है जिसके बारे में पता लगने पर लोग एक दूसरे का मज़ाक भी उड़ाते है. जिसके कारण इस रोग से ग्रसित होने वाले बहुत से लोग खुलकर इसके बारे में बात नही कर पाते हैं. ऐसी स्थितियों में वह इस रोग को बढ़ा लेते है जिसके बाद अंत में सर्जरी का ही ऑप्शन रह जाता है.

हम आपको डरा नही रहें है, लेकिन इसके बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है तो आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है बवासीर से जुड़ी सारी जानकारी जो सभी को पता होनी चाहिए –

बवासीर क्या होता है? – What is (piles) hemorrhoids in hindi

  • यह एनस (गुदा) में मौजूद सूजी हुई नसे होती है, जिसपर अधिक सूजन हो जाने पर मस्सा भी कहा जाता है. 
  • बवासीर के यह मस्से गुदा के अंदर या गुदा के बाहर हो भी सकते है. (जानें – एनल कैंसर के बारे में)
  • गुदा के बाहर वाले मस्से को फिशर भी कहा जाता है.
  • इन मस्सो के कारण रोगी को दर्द, काफी ज्यादा खुजली और बैठने में समस्या का सामना करना पड़ता है.
  • इसका इलाज कर समस्या को ठीक किया जा सकता है.

बवासीर के लक्षण – What are the symptoms of (Piles) Hemorrhoids in hindi

  • एनस (गुदा) क्षेत्र के आसपास काफी खुजली होना
  • गुदा के आसपास दर्द और जलन महसूस होना
  • फिशर की कंडीशन में गुदा के आसपास मस्सा होना जिसमें दर्द होता है
  • शौच के दौरान काफी दर्द का सामना करना
  • शौच का पता न चलना
  • शौच के दौरान खून जाना

हालांकि, इस स्थिति के होने पर काफी दर्द का सामना करना पड़ता है. इससे हमारी जान को किसी भी तरह का खतरा नही होता है. परंतु अगर आपको लगे कि यह बिना किसी ट्रीटमेंट के अपने आप ठीक हो जाएंगे तो ऐसा कुछ नही है.

जबकि ऐसा कुछ ही मामलों में देखने को मिलता है कि इससे पीड़ित रोगी को खून की कमी, कमज़ोरी या त्वचा का पीला पड़ना आदि लक्षण देखने को मिलें.

बवासीर का कारण – what are the causes of (Piles) Hemorrhoids in hindi?

  • ज़ोर लगाना – शौच करने के दौरान ज़ोर लगाने से मस्से बाहर आ सकते है जिसे फिशर कहा जाता है.
  • पुरानी कब्ज – लंबे समय से कब्ज की समस्या रहने पर बवासीर हो सकती है.
  • मल टाइट होने पर – कब्ज के कारण मल(पोट्टी) टाइट आने पर आपको पाइल्स का सामना करना पड़ सकता है.
  • बैठे रहने – ज्यादा लंबे समय तक बैठे रहने से भी यह हो सकता है.
  • फैमिली हिस्ट्री – अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री है तो यह जेनेटिक्स भी हो सकते है.
  • मोटापा – यह बहुत सारे रोगों की जड़ होता है उन्ही में से एक पाइल्स भी है.
  • फाइबर कम लेना – भोजन में फाइबर न लेने से मल टाइट हो जाते है जिससे शौच के दौरान गुदा की दिवार को नुकसान पहुंचता है और वह सूज जाती है.
  • डायरिया – शरीर में पानी की मात्रा कम होने पर भी कब्ज हो जाती है जिससे यह समस्या होती है.
  • लैक्सेटिव – जरूरत से ज्यादा दवा का इस्तेमाल करने से भी यह हो जाते है.
  • प्रेगनेंट या जन्म देते समय – काफी महिलाओं को यह समस्या प्रेगनेंसी या बच्चे को जन्म देते समय हो जाती है.
  • ज्यादा वजन उठाने – जिम में या बाहर अधिक वजन उठाने से भी पाइल्स हो सकता है.
  • गुदा सेक्स – जिसे एनल सेक्स के कारण गुदा के अंदर के टिश्यु खराब हो जाते है जो पाइल्स का कारण हो सकते है.

बवासीर के प्रकार – types of (Piles) Hemorrhoids in hindi

यह हमेशा दिखाई नही देते है लेकिन जब यह बढ़ जाते है तो यह लाल रंग या बिना रंग के बम्प जैसे दिखाई पड़ते है. अधिकतर पाइल्स गंभीर नही होते है और हो सकता है कि आपको उनका पता भी नही चलें. ऐसे सिर्फ 5 प्रतिशत लोग ही होते है जिनको इसके लक्षण दिखाई देते है और ऐसे बहुत कम लोग होते है जिन्हे उपचार की जरूरत होती है.

हालांकि, हर 4 में से 3 लोगों को अपनी लाइफ में कभी न कभी बवासीर के लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है. अगर डॉक्टर के नज़रिये से जानने की कोशिश करें तो इसके चार प्रकार होते है –

इंटरनल

  • यह रेक्टम में पाए जाते है, गुदा में ज्यादा अंदर होने पर यह दिखाई नही देते है.
  • अधिकतर यह गंभीर नही होते और अपने आप ठीक हो जाते है.
  • इसका पता लगना के लिए ऐसी कोई नर्व नही है, लेकिन थोड़ी सूजन आने पर दर्द, खुजली, जलन आदि हो सकते है.
  • इनपर अधिक सूजन आने पर यह गुदा से बाहर आ जाते है जिस बवासीर के प्रोलैप्सड प्रकार के रूप में जाना जाता है.
  • इसके हो जाने पर शौच के दौरान खून आदि आ सकता है.

प्रोलैप्सड

गुदा से बाहर आने पर यह देखा जाता है कि यह कितना बाहर आया है जिस आधार पर डॉक्टर इसका ग्रेड बताते है.

  • ग्रेड 1 – कोई प्रोलैप्सड नही हुआ है.
  • ग्रेड 2 – शौच के दौरान ज़ोर लगाने पर यह बाहर आ जाता है और अपने आप वापस चला जाता है.
  • ग्रेड 3 – इसे आप खुद अंदर की ओर कर सकते है ताकि इसमें अधिक दर्द या इंफेक्शन न हो.
  • ग्रेड 4 – बाहर आ जाने पर बहुत ज्यादा दर्द हो जाने पर इसे वापस अंदर की ओर नही कर पा रहे है तो ऐसे में इसका इलाज किया जाना चाहिए.
  • इसके इलाज के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है जिसमें इन मस्सों को हटा दिया जाता है.

एक्सटरनल

  • यह बिल्कुल गुदा द्वार पर होते है जो जरूरी नही कि दिखाई दें.
  • लेकिन इन्हें गुदा पर लाल लम्प्स के रूप में देखा जाता है.
  • यह गंभीर मेडिकल समस्या नही होते है लेकिन रोजाना दर्द या परेशानी होने पर डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
  • इसके लक्षण भी इंटरनल पाइल्स जैसे ही होते है, अंतर यह है कि यह बाहर की तरफ होता है.
  • इसमें बैठने, शौच करने या कोई शारीरिक एक्टिवीटी के दौरान रेक्टल एरिया में दर्द होता है.
  • सूजन होने पर यह आसानी से दिख जाते है.

थ्रोमबोस्ड

  • इसमें ब्लड क्लॉट होते है जो गुदा के आसपास सूजन या उभार के रूप में दिखते है.
  • इस दौरान तीव्र दर्द के साथ खुजली, सूजन और लाल हो जाना हो सकता है.
  • लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और जरूरत अनुसार बतााया गया उपचार लेना चाहिए.

बवासीर का पता कैसे लगता है – How to diagnose (Piles) Hemorrhoids in hindi?

इसके लिए आपको डॉक्टर के पास जाना होगा जो आपकी एनल या रेक्टल एरिया को टेस्ट करेंगे जिसमें –

  • गुदा एरिया को देखना – इससे पाइल्स का पता लग जाता है. ऐसा करने से डॉक्टर अंदर और बाहर दोनों बवासीर का पता लगा सकते हैं.
  • डिजिटल एक्जाम करके – इसमें डॉक्टर ग्लव पहनकर, उसपर लूब्रिकेंट लगाकर आपके गुदा के अंदर अंगुली डालकर चेक कर सकते हैं.
  • एनोस्कोप का इस्तेमाल – यह एक ट्यूब होती है जिसे आपके रेक्टम में डालकर पता लगाया जाता है.

बवासीर का मेडिकल ट्रीटमेंट – What is the treatment of (Piles) Hemorrhoids in hindi

यह एक से दूसरे व्यक्ति में अलग हो सकता है और गंभीरता के आधार पर दिया जाता है. यह कुछ सर्जीकल उपाय है जो डॉक्टरों द्वारा किए जाते है जैसे –

  • रबर बैंड लिटिगेशन 
  • स्कलैरोथेरेपी
  • इंफ्रारेड कॉगुलेशन
  • हैमोरोइडेक्टॉमी
  • हैमरोइडोपेक्सी

बवासीर की रोकथाम के उपाय – Piles prevention tips

  • ज़ोर न लगाएं – पाइल्स के खराब होने से बचने के लिए शौच के दौरान ज़ोर न लगाएं.
  • पानी थोड़ा ज्यादा पीएं – दिन के दौरान पानी थोड़ा ज्यादा पिएं जिससे मल टाइट न हो.
  • शौच को रोके नही – बहुत से लोग शौच को रोक लेते है और बाद में जाते है, ऐसा करने से भी बवासीर का खतरा बढ़ जाता है.
  • एक्सरसाइज करना – ऐसा करने से आप कब्ज से खुद को बचा सकते है.
  • ज्यादा देर तक न बैठे – किसी भी कठोर जगह पर लगातार बैठने से भी बवासीर का संभावना बढ़ जाती है.
  • फाइबर का सेवन – अपनी डाइट में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं, ऐसा करने से मल सॉफ्ट हो जाते है और इस समस्या से बचा जा सकता है.
  • फाइबर वाले फ़ूड – पूर्ण गेहूं, ब्राउन राइस, ओट्स, गाजर, ब्रान, बकवीट आदि ले सकते हैं.

बवासीर का घरेलू उपचार – Home remedies for (Piles) Hemorrhoids in hindi

अगर आपको पाइल्स की शुरूआत ही हुई है और कंडीशन गंभीर नही है तो डॉक्टर आपको कुछ घरेलू उपायों की सलाह दे सकते है जिससे यह समस्या गंभीर होने से पहले ही अपने आप एक हफ्ते में ठीक हो सकती है. वैसे ही कुछ घरेलू उपचार है –

विच हैजल

  • यह बवासीर के दो मुख्य लक्षणों – दर्द और खुजली को कम करती है.
  • इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण सूजन को कम करते है.
  • इसे बाज़ार से लिक्विड रूप में ख़रीदा जा सकता है और सीधे बवासीर पर लगाया जा सकता है. 

एलोवेरा

  • प्राकृतिक रूप से एलोवेरा का उपयोग बवासीर का इलाज करने के लिए होता रहा है.
  • पाइल्स के अलावा भी कई स्कीन कंडीशन में इसका प्रयोग होता है.
  • इसमें जलन को रोकने वाले गुण होते है जो पाइल्स में काफी आराम देते है.
  • शुद्ध एलोवेरा जेल के लिए आप सीधे इसके पौधे की पत्ती का भी प्रयोग कर सकते है.
  • कुछ लोग एलोवेरा से एलर्जिक होते है ऐसे लोग इसे अपने हाथ पर लगाकर 24 से 48 घंटे इंतजार कर पता लगा सकते है कि उन्हे इससे एलर्जी है या नही.  

सीट्स बाथ

  • गर्म पानी में बवासीर की सिकाई करने से काफी आराम मिलता है.
  • इसके लिए एक छोटे प्लासटिक टब में गर्म पानी लें और उसमें कुछ ढक्कन बीटाडिन(लिक्विड) डाल लें.
  • कम से कम 20 मिनट तक उस पानी में बैठे.
  • ऐसा दिन में 2 से 3 बार किया जा सकता है.

ऑइंटमेंट लगाना

  • बाज़ार में ऐसी बहुत सी क्रीम और ऑइंटमेंट है जिनसे फटाफट आराम मिल जाता है.
  • कुछ ऐसे भी होते है जिनसे सूजन कम होती है और बवासीर ठीक होता है.

वाइप्स का इस्तेमाल

  • शौच के बाद टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल बवासीर की स्थिति को गंभीर कर सकता है.
  • ऐसे में वाइप्स का प्रयोग बिना जलन के साफ कर देता है. (जानें – पाइल्स के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में)
  • इसके लिए आप बाजार से विच हैजल या एलोवेरा वाले टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल कर सकते है.
  • ध्यान रहें कि वाइप्स में अल्कोहोल, परफ्युम या कुछ और उत्तेजक न हो.

ठंडी सिकाई

  • गुदा पर सूजन को कम करने के लिए गुदा की ठंडी सिकाई की जा सकती है.
  • इसके लिए आइस पैक या किसी कपड़े में बर्फ रखकर सिकाई कर सकते है.
  • ध्यान रहें कि बर्फ को सीधे स्कीन पर न लगाएं.
  • सिकाई कम से कम 15 मिनट हो.
  • बवासीर के दर्द में यह काफी प्रभावी इलाज साबित हो सकता है.

मल को सॉफ्ट करने वाली चीज़े

  • बाजार में ऐसे बहुत से सिरप, कैप्सूल या पाउडर आदि आते है जिन्हे पीने से मल टाइट नही आते है.
  • इसके अलावा फाइबर सप्लीमेंट का उपयोग करने से कब्ज में राहत मिलती है और मल सॉफ्ट हो जाते है.
  • मल सॉप्ट होने से शौच के दौरान दर्द नही होता है.

ढ़ीले और कॉटन के कपड़े

  • कॉटन के कपड़ों का उपयोग खासकर अंडरवीयर के लिए करने से गुदा का एरिया साफ और ड्राई रहता है.
  • इससे लक्षण कम हो जाते है.
  • इसके अलावा परफ्युम वाले डिटरजेंट के उपयोग से भी बचना चाहिए ताकि जलन न हो. 

अंत में 

सही उपचार के साथ ही आपको राहत मिलनी शुरू हो सकती है. इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से बात कर अपनी स्थिति की गंभीरता और रोजमर्रा को बदलाव के बारे में बात करनी चाहिए.

साथ ही खुद को स्वच्छ रखने के अलावा फिट रखने के लिए लंबे समय तक एक जगह पर बैठे रहने से बचना और एक्सरसाइज को अपने नियम में शामिल करना चाहिए.

References –

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