समय-समय पर रेगुलर आंखों का चेकअप कराना कई तरीकों में से एक है जो आंखों की रोशनी बढ़ाने और किसी प्रकार की इंजरी या बिमारी से बचने के लिए जरूरी होता है. 

आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है आंखों की रोशनी बेहतर करने के टिप्स जिनकी मदद से आप अपनी आंखों को अच्छा रख सकते हैं.

आंखों की रोशनी बढ़ाने के घरेलू उपाय – how to improve eyesight naturally in hindi

फिट रहें

  • एक्सरसाइज करने और फिट रहने के साथ हेल्दी वजन बनाए रखने से आंखों के स्वास्थ को बनाए रखा जा सकता है.
  • साथ ही इससे पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है.
  • मोटापे या अधिक वजन होने की समस्या से पीड़ित लोगों में टाइप 2 डायबीटिज़ हो सकती है जिससे आंखों की नसों को क्षति पहुँचती है
  • इस कंडीशन को डायबीटिक रेटिनोपैथी कहा जाता है.
  • इस कंडीशन के हो जाने के कारण शुगर का ब्लडस्ट्रीम में घूमना और रेटिना को नुकसान पहुँचाना.
  • जिससे दृष्टि की समस्या हो सकती है.
  • इसके लिए जरूरी है कि ब्लड शुगर लेवल की जाँच समय समय पर करते रहें.
  • जबकि ब्लड शुगर की समस्या होने पर इसका इलाज किया जाना चाहिए.

अपने हाथ और लेंस को साफ रखें

  • हमारे आंखों में इंफेक्शन और कीटाणु होने का खतरा रहता है.
  • कुछ भी ऐसी चीज़ जिससे आंखों में जलन आदि असहजता होने पर आंखों की रोशनी पर फर्क पड़ता है.
  • इसलिए अपनी आंखों को सीधे हाथों से धोने या कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वालों को इन्हें ठीक से साफ करना चाहिए.
  • कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वाले लोगों को उसे ठीक से साफ करना चाहिए.
  • कॉन्टैक्ट लेंस पर कीटाणु होने से आंखों में बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है.

विटामिन और मिनरल

आंखों की हेल्थ के लिए जरूरी है कि जरूरी पोषक तत्वों जैसे विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई के साथ-साथ मिनरल जैसे जिंक आदि जिनमें एंटीऑक्सीडेंट होते है जो मैकुलर डिजनरेशन से बचाव करते है.

मैकुलर डिजनरेशन एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें आंखों की रोशनी को कंट्रोल करने वाले हिस्से मैकुला में समस्या आ जाती है.

विटामिन और मिनरल की पूर्ण मात्रा वाले फल व सब्जियाँ जो आंखों के लिए अच्छे होते है –

  • गाजर
  • लाल मिर्च
  • ब्रोकोली
  • पालक
  • स्ट्राबैरी
  • शकरकंद
  • साइट्रस

इसके अलावा ओमेगा 3 फैटी एसिड वाली चीज़े जैसे साल्मन और फ्लैक्स सीड्स आंखों की हेल्थ के लिए अच्छा होता है.

कैरोटीनॉयड न भूलें

  • आंखों को बेहतर करने के लिए कई पोषक तत्वों की जरूरत होती है.
  • जिसमें लूटेन और ज़ैक्सांथीन जो कैरोटीनॉयड आंखों के रेटिना में मिलता है.
  • इन्हें हरी सब्जियों से प्राप्त किया जा सकता है जैसे – ब्रोकोली, ज़ुचिनी और अंडे.
  • लूटेन और ज़ैक्सांथीन को सप्लीमेंट के फॉर्म में लिया जा सकता है.
  • इससे कैरोटीनॉयड, मैकुला को बेहतर करके पिगमेंट डेंसिटी बेहतर करने और यूवी रेज के साथ ब्लू लाइट को निकालता है.

अच्छे प्रोटेक्टिव आईवियर पहनें

  • चाहे आप खेल रहें है या टीवी देख रहे है या कही बाहर धूप में निकलते है तो ऐसे में आंखों की सुरक्षा के लिए चश्मे आदि पहनने चाहिए.
  • केमिकल आदि का रिस्क होने, कोई शार्प वस्तु या किसी खेल के दौरान आंखों में नुकसान होने की संभावना से बचाव के लिए चश्मा आदि पहनना चाहिए.
  • ध्यान रहें कि चश्मा अच्छी क्वालिटी का हो.

क्रोनिक कंडीशन को मैनेज करने

  • आंखों के लिए सिर्फ डायबीटिज़ अकेला कारण नही होता है.
  • इसके अलावा दूसरी कंडीशन जैसे हाई ब्लड प्रेशर और मल्टीपल स्कलैरोसिस भी आंखों को प्रभावित कर सकती है.
  • इस तरह की कंडीशन क्रोनिक इंफ्लामेशन जो आपके आंखों से लेकर किसी भी दूसरे अंग को प्रभावित कर सकती है.
  • ऑप्टिक नर्व की इंफ्लामेशन के कारण दर्द और अंधापन हो सकता है.
  • हालांकि मल्टीपल स्कलैरोसिस जैसी कंडीशन की कोई रोकथाम नही होती बल्कि इसे हेल्दी आदतों और दवाओं से मैनेज किया जा सकता है.
  • हाई बीपी को हेल्दी हार्ट डाइट, एक्सरसाइज़ और दवाओं से ठीक किया जा सकता है.

स्मोकिंग न करें

  • फेफड़ो और हार्ट पर स्मोकिंग के सबसे अधिक साइड इफेक्ट होते है.
  • इसके अलावा बालों, दांत, स्कीन, आंख समेत शरीर के कई अंगों पर दुष्प्रभाव होता है.
  • स्मोकिंग करने से मोतियाबिंद और आयु आधारित मैकुलर डिजनरेशन का रिस्क बढ़ जाता है.
  • हालांकि स्मोकिंग छोड़ देने के बाद हमारा शरीर खुद से रिकवर करना शुरू कर देता है.
  • इसलिए स्मोकिंग नही करनी चाहिए.

20-20-20 को फॉलो करें

  • दिन के दौरन हमारी आंखे बहुत सारे काम करती है. 
  • खासकर जो लोग पूरे दिन कंप्यूटर पर काम करते है.
  • इस रूल का मतलब होता है कि हर 20 मिनट बाद अपने कंप्यूटर के स्क्रीन को घूरना बंद करें.
  • जिसके बाद 20 फूट दूर कम से कम 20 सेकेंड के लिए देखना चाहिए.
  • ऐसा करने से आई फ्लोटर की समस्या से निजात मिलती है.

फैमिली की आंखों की हिस्ट्री

कुछ आंखों की कंडीशन फैमिली की जेनेटिक्स के कारण भी होती है जैसे –

  • ग्लूकोमा
  • रेटिनल डिजनरेशन
  • आयु संबंधी मैकुलर डिजनरेशन
  • ऑप्टिक अट्रोफी

इसलिए अपने परिवार की हिस्ट्री को जाने और सावधानियां बरतें.

अंत में

ऐसा हो सकता है कि बहुत से लोगों को यह अजीब लगे कि हाथों को साफ रखने, हरी सब्ज़ियाँ खाने या अपने वजन को कंट्रोल रखना, आंखों के लिए जरूरी होता है.

हेल्दी लाइफस्टाइल और अपनी आंखों को सूरज से सुरक्षित रखने से आंखों की समस्या से नही बचा जा सकता है. लेकिन आंखों की रोशनी बढाने के टिप्स को फॉलो करके दृष्टि की समस्याओं को कम किया जा सकता है.

References –

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