आज के परिपेक्ष को देखें तो खराब जीवनशैली, खान-पान, आदि समेत कई कारणों के चलते बांझपन कम आयु में होने वाली समस्या बन गया है. इससे न सिर्फ महिलाएं बल्कि पुरूष भी काफी ज्यादा प्रभावित होते है. इस लेख में आप जानेंगे बांझपन (इनफर्टिलिटी) क्या है, लक्षण, कारण, ट्रीटमेंट, पुरूष और महिला इनफर्टिलिटी –

Table of Contents

बांझपन क्या है? – What is Infertility in hindi?

बांझपन का अर्थ – जब कोई जोड़ा 12 या उससे अधिक महीनों तक असुरक्षित (बिना कंडोम) सेक्स करने के बाद भी गर्भधारण करने में असमर्थ रहते है उसे बांझपन या इनफर्टिलिटी कहा जाता है.

आज के समय में मादा या नर बंध्यता दुनियाभर में तेज़ी से उभरने वाली समस्याओं में से एक है.

विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार, दुनियाभर में करीब 4 करोड़ से अधिक जोड़े इनफर्टिलिटी की समस्या से ग्रसित है.

पुरूष बांझपन या मेल इनफर्टिलिटी क्या होता है? – What is male Infertility in hindi?

अगर आप इंटरनेट पर खोजेंगे कि नर बंध्यता क्या है तो इसके अनेक जवाब आपको मिल सकते है. लेकिन मेल इनफर्टिलिटी के प्रमुख कारणों में –

  • स्पर्म का लो लेवल
  • स्पर्म का आकार असामान्य (मोरफोलॉजी)
  • स्पर्म अनुपस्थित होना
  • स्पर्म में कोई मूवमेंट न होना हो सकता है

महिलाओं में इनफर्टिलिटी क्या होता है? – What is female Infertility in hindi?

महिला प्रजनन अंगों में निम्न समस्याएं या असमानताओं के कारण इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है –

  • यूटेरस
  • ओवरी
  • एंडोक्राइन सिस्टम
  • फैलोपियन ट्यूब

हालांकि, बांझपन की समस्या बड़ी तब हो जाती है जब जोड़े पहली बार गर्भवास्था का प्रयास कर रहे हों.

बाँझ होने के लक्षण क्या होते है? – What are the symptoms of Infertility in hindi?

  • इनफर्टिलिटी का मुख्य लक्षण गर्भधारण न कर पाना होता है.
  • इसके कोई विशेष लक्षण नहीं होते है.
  • बांझपन की समस्या से परेशान महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म या कुछ मामलों में पीरियड्स नहीं होते है.
  • वहीं पुरूष बांझपन के मामलों में हार्मोन बदलाव जैसे बालों की ग्रोथ या सेक्सुअल फंक्शन कम होना शामिल है.

गर्भधारण करने से पहले निम्न स्थितियों में पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए –

महिलाएं जो गर्भधारण करने का प्रयास कर रही हैं –

  • 40 से अधिक आयु होने
  • अनियमित पीरियड्स
  • प्रजनन समस्याएं
  • एंडोमेट्रियोसिस
  • कैंसर का इलाज
  • मासिक धर्म न आना
  • पेल्विक इंफ्लामेटरी रोग
  • एक से अधिक गर्भपात
  • 35 से अधिक आयु होने और 6 महीने या उससे अधिक गर्भधारण करने का प्रयास करने
  • पीरियड्स के दौरान सामान्य से अधिक दर्द

पुरूषों के लिए –

  • अंडकोष का छोटा होना
  • प्रोस्टेट, सेक्स, या टेस्टिकुलर संबंधी समस्याओं का इतिहास होने
  • लो स्पर्म काउंट
  • कैंसर का इलाज
  • स्पर्म संबंधी अन्य परेशानियां
  • परिवार में प्रजनन समस्याओं का इतिहास
  • अंडकोष थैली की सूजन

इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट इन हिंदी – What is the treatment of Infertility in hindi?

कोई भी इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले डॉक्टर द्वारा समस्या का निदान किया जाता है. जिस आधार पर इलाज दिया जाता है. हालांकि, इनफर्टिलिटी के कुछ कारण ऐसे है जिन्हें ठीक नहीं किया जा सकता है.

महिला बांझपन का इलाज करने के लिए

  • दवाएं
  • सर्जरी
  • इंट्रायूटेरिन इनसेमिनेशन

पुरूष बांझपन का इलाज करने के लिए

  • दवाएं
  • सर्जरी 
  • जीवनशैली बदलाव

अन्य विकल्प इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) जिसमें –

  • गेस्टेशनल केरियर
  • डोनर एग्ग या स्पर्म
  • भ्रूण को स्थापित करना
  • स्पर्म इंजेक्शन

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) से संबंधित अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट की जटिलताएं – Complications associated with Infertility in hindi?

इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए निम्न बातों का खासा ख्याल रखें

जोड़ो को निम्न बातों का ख्याल रखना चाहिए

  • ऑव्यूलेशन के आसपास कई बार सेक्स करने से गर्भधारण करने के मौके सबसे अधिक होते है.
  • ध्यान रखें कि कम से कम ऑव्यूलेशन शुरू होने से 5 दिन पहले से सेक्स करें और ऑव्यूलेशन के अगले दिन तक सेक्स कर ट्राय कर सकते है.

महिला बांझपन होने पर निम्न चीज़े न करें

  • कैफीन का सेवन सीमित करना.
  • स्मोकिंग न करें.
  • शराब और अन्य ड्रग के सेवन से बचें.
  • मोटापा या कम वजन होने से बचें.
  • रोजाना हल्की हल्की एक्सरसाइज करें.

पुरूष बांझपन होने पर निम्न चीज़े न करें

  • तंबाकू, शराब समेत अन्य प्रकार के ड्रग का सेवन करने से बचें.
  • प्रजनन क्षमता को प्रभावित करने वाली दवाओं के सेवन से बचें.
  • स्पर्म प्रोडक्शन को प्रभावित करने वाले कारको से बचें.
  • रेगुलर एक्सरसाइज करें इससे स्पर्म की गुणवत्ता बेहतर बनी रहती है.
  • ज्यादा गर्म पानी के टब या नहाने से बचें यह स्पर्म की गुणवत्ता को प्रभावित करता है.

अंत में

सबसे जरूरी बात कि हो सकता है कि आपको इंटरनेट या आपके दोस्त आदि बांझपन का आयुर्वेदिक इलाज लेने की सलाह दे सकते है.

इसके अलावा बांझपन का आयुर्वेदिक इलाज संबंधी आपको अनेक लेख मिल जाएंगे जिसमें अनेक प्रकार की जड़ी बूटी का सेवन आदि बताया जाता है.

कृपया बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार का नया इलाज शुरू न करें. किसी भी नए प्रकार के इलाज का शुरू करने से पहले उससे होने वाले फायदे और नुकसान समेत प्रभावशीलता को जान लें.

बांझपन संबंधी किसी अन्य समस्या, सवाल या सलाह के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.

FAQs – इनफर्टिलिटी इन हिंदी – Infertility in hindi

बांझ विरोधी विटामिन का नाम क्या है?

  • विटामिन बी कॉम्पलेक्स – यह काफी सारे बी-विटामिन की श्रेणी का हिस्सा होते है.
  • बी-विटामिन की कमी के कारण शरीर में कई रोग पैदा हो सकता है.

महिलाओं में बांझपन का निदान करने के लिए कौन से टेस्ट किए जाते है?

  • ब्लड टेस्ट
  • हार्मोन टेस्ट
  • ऑव्यूलेशन टेस्टिंग
  • पेल्विक अल्ट्रसाउंड
  • एचएसजी टेस्ट
  • ओवेरियन रिजर्व टेस्टिंग

पुरूष बांझपन का निदान करने के लिए कौन से टेस्ट किए जाते है?

  • सीमेन गुणवत्ता जांच
  • हार्मोन टेस्ट
  • टेस्टिकुलर बायोप्सी
  • दिमाग की एमाआरआई
  • अंडकोष का अल्ट्रासाउंड
  • जेनेटिक टेस्टिंग
  • ब्लड टेस्ट के माध्यम से टेस्टोस्टेरोन लेवल का पता लगाना

शुक्राणु कम होने के क्या कारण?

  • खराब लाइफस्टाइल
  • शराब का सेवन
  • धूम्रपान करना
  • मोटापा आदि

क्या खाने से स्पर्म ज्यादा बनता है?

बच्चा पैदा करने के लिए क्या करना पड़ता है?

  • सेक्स या संभोग करना पड़ता है.
  • जिसके दौरान महिला साथी की योनि में लिंग का प्रवेश करा स्खलन करना पड़ता है.
  • जबकि महिला साथी के ऑव्यूलेशन समय के आसपास संभोग करने से गर्भधारण के मौके अधिक होते है.

महिला और पुरूष बांझपन में जोखिम क्या होते है?

  • आयु
  • तंबाकू
  • मोटापा
  • एक्सरसाइज न करना
  • वजन कम होना
  • शराब

स्पर्म बनने में कितना समय लगता है?

  • स्खलन के बाद स्पर्म बनने में कम से कम 10 हफ्तों का समय लगता है.

बांझपन किस विटामिन की कमी से होता है?

References –

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