हमारे शरीर के अहम कार्यों के लिए आयरन बहुत जरूरी होता है जैसे हिमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है. रेड ब्लड सेल्स में एक प्रकार का आयरन प्रोटीन होता है जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है. 

जबकि शरीर में हिमोग्लोबिन न होने पर हेल्दी रेड ब्लड सेल्स का विकास कम हो जाता है और आयरन की कमी होने पर बच्चों की मांसपेशी, टिश्यू, और सेल्स को जरूरी ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है.

बच्चों के लिए आयरन सप्लीमेंट – Iron supplements for kids in hindi

सिरप

  • डॉक्टर द्वारा प्रीस्क्राइब किए गए सिरप को दे सकते है.
  • इनमें बच्चे के लिए जरूरी सभी सामग्री मौजूद होती है.
  • काफी सारे आयरन सप्लीमेंट में अन्य सामग्री भी होती है तो इसलिए डॉक्टर द्वारा बताए गए सप्लीमेंट को ही लें.

पाउडर

  • इसे आप बच्चे की फेवरेट ड्रिंक्स, फूड आदि में मिलाकर दे सकते है.
  • उदाहरण के लिए – ओटमील, दही, आदि में खाना अच्छा ऑप्शन हो सकता है.

चबाने वाली गोली

  • अगर आप सिरप या ड्रॉप्स की मात्रा को लेकर चिंतित है तो ऐसे में गोली चबाना बेहतर ऑप्शन रहता है.
  • यह मीठी होने के अलावा आसानी से खाई जा सकती है.
  • साथ ही एक ही गोली में कई विटामिन भी होते है. 

लिक्विड ड्रॉप्स

  • यह बेहतर रहते है क्योंकि इसे शरीर द्वारा बेहतर अवशोषित किया जाता है.
  • इसे लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें और प्रीस्क्राइब की गई मात्रा में ही सेवन करें.
  • ध्यान रहें कि आयरन सप्लीमेंट का सेवन करने से दांतों के रंग में बदलाव आ सकता है.
  • ऐसे में हर बार आयरन सप्लीमेंट का सेवन करने के बाद ब्रश जरूर करें. 

आयरन सप्लीमेंट के संभावित साइड इफेक्ट क्या होते है? – What are the side effects of iron supplements in hindi?

  • आयरन सप्लीमेंट के कारण पाचन समस्याएं जैसे पेट खराब होना, मल के रंग में बदलाव, कब्ज, आदि हो सकते है.
  • भोजन से पहले या खाली पेट सेवन करने पर यह बेहतर रूप से अवशोषित होते है.
  • अगर बच्चे को इसके नाकारात्मक दुष्प्रभाव होते है तो भोजन के बाद भी आयरन सप्लीमेंट दिए जा सकते है.
  • आयरन का जरूरत से ज्यादा सेवन करने से गंभीर हेल्थ समस्याएं हो सकती है तो इसलिए आयरन सप्लीमेंट देने से पहले डॉक्टर से बात जरूर करें.
  • आयरन का ओवरडोज होने पर कमजोरी, गस्त, गंभीर उल्टी, नाखूनों का पीला या नीला हो जाना, आदि.
  • ओवरडोज होने पर मेडिकल इमरजेंसी की जरूरत पड़ सकती है.

बच्चों में आयरन की कमी

स्तनपान करने वाले शिशुओं को जरूरी मात्रा में मिनरल और प्रोटीन मिलते रहते है. वहीं जब शिशु माता का दूध न पीकर हल्का फुल्का भोजन खाना शुरू कर देता है (सामान्यता 6 महीने का शिशु). 

ऐसे में बच्चे को आयरन की जरूरत पड़ सकती है क्योंकि भोजन से सही मात्रा में आयरन प्राप्त करना मुश्किल होता है. जिस कारण आयरन की कमी के चलते अनेमिया होने का रिस्क रहता है.

बच्चों में आयरन की कमी होने के कारण उनका विकास प्रभावित होता है जिस कारण निम्न समस्याएं हो सकती है –

  • नया सिखने में परेशानी
  • व्यवहारिक समस्याएं
  • कमजोर मांसपेशियां
  • लोगों से मिल जुल न पाना
  • कमजोर इम्यून सिस्टम
  • इंफेक्शन का रिस्क अधिक रहना जिस कारण सर्दी खांसी होने का खतरा ज्यादा रहता है.

क्या आपके बच्चे को आयरन सप्लीमेंट का जरूरत है?

  • सामान्यता बच्चों को जरूरी विटामिन, मिनरल और आयरन आदि संतुलित और अच्छी पोषक मात्रा वाली डाइट से प्राप्त करनी चाहिए.
  • अगर आपके बच्चे को भोजन द्वारा जरूरी आयरन की मात्रा प्राप्त नहीं होती है तो सप्लीमेंट की आवश्यकता पड़ सकती है.

कुछ बच्चे आयरन की कमी के अधिक रिस्क पर होते है –

  • प्यूबर्टी के दौरान जिन बच्चों की ग्रोथ तेजी से होती है उन्हें यह हो सकता है.
  • शिशु जन्म के दौरान माता को आयरन की कमी होना.
  • युवा एथलीट जो नियमित एक्सरसाइज करते है.
  • किशोरावस्था वाली महिलाएं जिन्हें मासिक धर्म होते है.
  • हेल्थ कंडीशन जो पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रभावित करते है.
  • जन्म के समय शिशु का वजन कम होना.
  • समय से पहले शिशु का जन्म होना.

बच्चे को कितने आयरन की जरूरत पड़ती है?

  • 1 से 3 साल के बच्चे को प्रतिदिन 7 एमजी आयरन की जरूरत पड़ती है.
  • 4 से 8 साल के बच्चे को प्रतिदिन 10 एमजी आयरन की जरूरत पड़ती है.
  • 9 से 13 साल के बच्चे को प्रतिदिन 8 एमजी आयरन की आवश्यकता पड़ती है.

अधिक आयरन लेने पर इसकी विषाक्त्ता हो सकती है. 14 साल से कम आयु के बच्चे को 40 एमजी प्रतिदिन से अधिक नहीं लेना चाहिए. 

डॉक्टर से बात कब करें

बच्चों को आयरन सप्लीमेंट देने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. डॉक्टर द्वारा निम्न जांच की जा सकती है –

  • अनेमिया (खून की कमी) का पता लगाने के लिए नियमित जांच.
  • भूख न लगना
  • कमजोरी
  • व्यवहारिक समस्याएं
  • पसीना अधिक निकलना
  • अचानक से भूख लगना
  • संभावित दर से विकास न कर पाना

इसके अलावा डॉक्टर द्वारा ब्लड सैंपल लेकर बच्चे के रेड सेल्स का पता लगाया जाता है. आयरन की कमी होने पर सप्लीमेंट को प्रीस्क्राइब किया जा सकता है.

आयरन सप्लीमेंट से जुड़ी सावधानियां

  • कोई भी आयरन सप्लीमेंट देने से पहले डॉक्टर से सलाह लें.
  • डॉक्टर द्वारा निर्धारित सप्लीमेंट मात्रा का सेवन करें.
  • ऐसे सप्लीमेंट को बच्चों की पहुंच से दूर रखें.
  • ध्यान रहें कि बच्चे को ऐसे सप्लीमेंट दूध या किसी अन्य पेय पदार्थ के साथ न दें.
  • आयरन सप्लीमेंट को विटामिन सी रिच फूड्स को साथ सेवन करने से अवशोषण बेहतर हो सकता है.
  • विशेष ध्यान रहें कि आयरन लेवल को सामान्य होने में कुछ महीनों का समय लग सकता है.

अंत में

बच्चों के लिए कई तरह के आयरन सप्लीमेंट रूप मौजूद है – गोली, पाउडर, सिरप, लिक्विड ड्रॉप्स, आदि. इसके अलावा आयरन की कमी होने पर बच्चों की डाइट में आयरन रिच फूड्स को जल्दी से शामिल करें.

References –

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