इस लेख में आप जानेंगे खुजली के बारे में, यह क्या होती है, इसके कारण, लक्षण, निदान और घरेलू उपचार –

Table of Contents

खुजली क्या होती है? – What is itching in hindi?

  • त्वचा की खुजली जिसे खाज भी कहा जाता है.
  • यह परेशान करने वाली उत्तेजना होती है जिसमें आप राहत पाने के लिए स्क्रैच करते है.
  • इसके संभावित कारणों में अंदरूनी रोग और स्किन कंडीशन हो सकते है.
  • कारण सामान्य या पता न होने पर डॉक्टर से मिलकर सलाह ली जानी चाहिए.
  • डॉक्टर द्वारा स्थिति के आधार पर इलाज दिया जाता है.

खुजली के कारण क्या होते है? – What causes itching in hindi?

  • खुजली को सामान्य (पूरे शरीर में) या एक छोटे से क्षेत्र या स्थान पर स्थानीयकृत किया जा सकता है.
  • यह कुछ बहुत गंभीर का परिणाम हो सकता है, जैसे कि किडनी फेलियर या डायबिटीज (हालांकि असामान्य) या कुछ कम गंभीर जैसे कि सूखी त्वचा या कीट के काटने से हो सकती है.

स्किन कंडीशन

प्रेगनेंसी

  • कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान खुजली अनुभव होती है.
  • यह हाथ, स्तन, पेट या जांघों पर हो सकते है.
  • कुछ मामलों में यह पहले से होती है जैसे एक्जिमा जो प्रेगनेंसी में अधिक खराब हो जाता है.

खुजली वाले उत्तेजक

  • पदार्थ जो त्वचा को परेशान करते हैं और खुजली करते हैं वे आम हैं.
  • जहर आइवी और जहर ओक और कीड़े जैसे पौधे जैसे मच्छर ऐसे पदार्थ पैदा करते हैं जो खुजली पैदा करते हैं.
  • ऊन, इत्र, कुछ साबुन या रंगों और रसायनों के संपर्क में आने पर कुछ लोगों को खुजली होती है.
  • एलर्जी, जैसे फ़ूड एलर्जी त्वचा को भी परेशान कर सकती है.

नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर

इंटरनल डिसऑर्डर

  • सिरोसिस
  • ल्यूकेमिया
  • टाइफाइड
  • अनेमिया
  • बाइल डक्ट
  • किडनी फेलियर
  • लिमफोमा

दवाएं

  • एंटीफंगल
  • पैनकिलर
  • एंटीबायोटिक्स

कंडीशन जो खुजली का कारण हो सकती है? – What are the conditions that cause itching in hindi?

ड्राई स्किन

कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस

  • स्किन की खुजली, लाल, स्कैली या फटना होता है.
  • फुंसी आदि से मवाद बहना.
  • रैश का निर्धारित स्थान होता है जो उत्तेजक के स्किन संपर्क होने पर दिखता है.
  • एलर्जी के संपर्क में आने के घंटों से लेकर दिनों के बाद दिखने लगता है. 

सिरोसिस

  • डायरिया, भूख कम लगना, वजन घटना, पेट पर सूजन होती है.
  • आसानी से कटना और ब्लीडिंग होना भी होता है.
  • त्वचा की खुजली के अलावा स्किन और आंखों का पीला होना.

फ्ली बाइट

  • पैरों और तलवों के नीचे क्लस्टर में स्थित होते है.
  • खुजली, लाल बम्प जो लाल हेलो से घिरा होता है.
  • कीट के काटने के तुरंत बाद लक्षण दिखने शुरू हो जाते है.

रगवीड एलर्जी

हाइव्स

  • यह छोटे, गोल और रिंग के आकार या बड़े शेप के हो सकते है.
  • लाल, गर्म और छुने पर हल्का दर्द होता है.
  • एलर्जी के संपर्क में आने के बाद खुजली आदि होने लगती है.

फ़ूड एलर्जी

  • इस कंडीशन को मेडिकल इमरजेंसी के रूप में जाना जाता है.
  • जब किसी ग्रसित व्यक्ति का इम्यून सिस्टम किसी विशेष फ़ूड् या पेय पदार्थ के खिलाफ प्रतिक्रिया करना इसका कारण होता है.
  • फ़ूड खाने के बाद इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया के आधार पर लक्षण दिखने में मिनटों से लेकर घंटों तक का समय लग सकता है.
  • इसके लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते है जिसमें छींकना, आंखों में खुजली, सूजन, रैश, हाइव्स, पेट में ऐंठन, मतली, उल्टी और सांस लेने में समस्या शामिल है. (जानें – ग्लूटेन फ्री फ़ूड लिस्ट)
  • एलर्जी ट्रिंगर करने वाले फ़ूड्स में गाय का दूध, अंडे, पीनट, मछली, शैलफिश, गेहूँ, सोया आदि.

स्कैबीज़

  • लक्षण दिखने में 4 से 6 हफ्तों का समय लग सकता है.
  • सफेद या फ्लेश के जैसी लाइन होती है.
  • गंभीर खुजली वाले रैश, फुंसी या स्कैली होती है.

एक्जिमा

  • बर्न की तरह दिखता है.
  • अधिकतर हाथों और फोरआर्म पर होते है.
  • बहने वाली फुंसी होती है.
  • स्किन लाल, स्कैली और खुजली वाली होती है.

खसरा

  • इसके लक्षणों में गले में खराश, बुखार, आंखों से पानी आना, भूख न लगना, खांसी और नाक बहना शामिल है.
  • छोटे लाल स्पॉट जो मुंह के अंदर नीले सफेद दिखते है.
  • लाल रैश जो चेहरे से लेकर शरीर पर 3 से 5 दिनों में फैल जाते है.

डायपर रैश

  • स्किन लाल, सूखी और खुजली वाली हो जाती है.
  • डायपर के संपर्क में आने वाले एरिया में रैश होते है.
  • छुने पर गर्मी होती है.

सोरायसिस

  • खुजली आदि हो सकते है.
  • अधिकतर खोपड़ी, कोहनी, घुटनों और लोवर बैक पर होते है.
  • स्कैली, सिलवर रंग के स्किन पैच हो जाते है.

रैश

  • इसमें स्किन के रंग और बनावट में देखने वाले बदलाव होते है.
  • इसके कई कारण हो सकते है जिसमें कीटे के काटने, एलर्जिक रिएक्शन, दवाओं के साइड इफेक्ट, फंगल स्किन इंफेक्शन, बैक्टीरियल स्किन इंफेक्शन या ऑटोइम्यून रोग हो सकते है.
  • रैश के कई लक्षणों को घर में मैनेज किया जा सकता है लेकिन गंभीर रैश के मामलों में बुखार, दर्द, चक्कर आना, उल्टी, सांस लेने में परेशानी समेत तुरंत मेडिकल उपचार की जरूरत होती है.

चिकनपॉक्स

  • फुंसी वाले मवाद से भरे हुए लाल खुजली वाले पैच पूरे शरीर पर होते है.
  • रैश के साथ बुखार, शरीर में ऐंठन, गले में खराश और भूख न लगना होता है.

आखिरी स्टेज का किडनी रोग

  • ऑटोइम्यून रोग जिसमें कई प्रकार के लक्षण होते है और यह शरीर के अलग अंग और सिस्टम को प्रभावित करते है.
  • चेहरे पर तितली के आकार का रैश जो नाक से होकर दोनों गालों पर होता है.
  • इसके लक्षण अल्सर से लेकर रैश होते है.
  • सूर्य के संपर्क में आने से रैश की कंडीशन अधिक खराब हो सकती है.

बॉडी जूँ

  • सिर और प्यूबिक जगह के जूँ से अलग शरीर के जूँ और छोटे अंडे कपड़ों और शरीर पर भी दिखते है.
  • स्किन पर लाल खुजली वाले बमप्स समेत एलर्जिक रिएक्शन के कारण रैश हो सकते है.
  • साथ ही प्रभावित एरिया में इसके कारण स्किन का पतला और डार्क होना होता है.

एलर्जिक रिएक्शन

  • स्किन के किसी एलर्जी के साथ संपर्क में आने से खुजली, रैश दिखने शुरू हो जाते है.
  • रैश का दिखना इम्यून सिस्टम का एलर्जी के प्रति रिएक्शन होता है.
  • संक्रमित स्किन के संपर्क में आने के घंटों से लेकर दिनों के बाद लाल, स्कैली, खुजली वाली स्किन हो सकती है.
  • गंभीर और अचानक एलर्जिक रिएक्शन के कारण सूजन, सांस लेने में परेशानी जिसमें तुरंत मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ती है.

बाइट या स्टिंग

  • काटी हुई या चुभन वाली चगह पर हीट होना.
  • साथ ही प्रभावित एरिया पर दर्द, सूजन, लाल होना होता है.

कैंडिडा

  • यह स्किन फोल्ड जैसे बगलों, नितंबू, स्तनों के नीचे, दो फिंगर के बीच होते है.
  • इसकी शुरूआत खुजली, चुभन, लाल रैश के साथ जलन, सूखा दिखना, पपड़ी पड़ना आदि होता है.
  • त्वचा के फटने के बाद स्किन की सूजन और फुंसी आदि हो सकते है.

जॉक इच

  • ग्रोइन एरिया पर रैश जो खराब हो जाते है.
  • साथ ही ग्रोइन एरिया पर पपड़ी पड़ना, स्किन फटना आदि होता है.
  • लाल होना, खुजली बने रहना, जलन आदि होता है.

एथलीट फूट

रिंगवार्म

  • खुजली होना, गोल आकार के स्कैली रैश हो जाते है.
  • स्किन पर रैश रिंग के जैसी दिखती है जिसके कोनों पर यह फैला होता है.

बाइल डक्ट

  • यह मेडिकल इमरजेंसी की कंडीशन होती है जिसमें तुरंत इलाज की जरूरत पड़ती है.
  • इसके होने का कारण गॉलस्टोन होते है जो लिवर या पित की थैली में चोट के कारण होते है.
  • इसके अलावा ट्यूमर, इंफ्लामेशन, इंफेक्शन, सिस्ट या लिवर की क्षति होती है.
  • आंखों या स्किन का पीला होना, बिना रैश के तीव्र खुजली, डार्क यूरिन और हल्के रंग का मल भी इसके कारण होते है.
  • साथ ही पेट के ऊपरी राइट साइट में दर्द, मतली, उल्टी, बुखार भी शामिल है.
  • रूकावट आने पर गंभीर इंफेक्शन हो सकता है जिसमें तुरंत मेडिकल सहायता आवश्यक होती है.

मेडिकल सहायता कब लेनी चाहिए

  • जब आपको खुजली का कारण पता न हो.
  • खुजली गंभीर हो जाने.
  • अन्य लक्षणों के साथ खुजली का अनुभव होना.

खुजली के कारण का निदान कैसे होता है? – How to diagnose the cause of your itching in hindi?

शारीरिक परीक्षण के अलावा डॉक्टर आपसे निम्न सवाल कर सकते है –

  • कोई एलर्जी होने
  • दवाएं लेने
  • उत्तेजक पदार्थ के संपर्क में आने
  • क्या खुजली आती और जाती है
  • खुजली कितने समय से है

डॉक्टर द्वारा निम्न टेस्ट कराने के लिए बोल सकते है –

  • ब्लड टेस्ट
  • थायरॉइड फंक्शन टेस्ट
  • स्किन टेस्ट
  • स्किन बायोप्सी

एक बार कारण का पता लगने पर डॉक्टर द्वारा उचित उपचार दिया जाता है.

खुजली का घरेलू उपचार – home remedies for itching in hindi

  • अच्छे मॉइस्चराइजर का उपयोग करे जिससे स्किन ड्राई न हो.
  • खुजाने से बचें जिससे स्थिति गंभीर न हो.
  • ठंडे पानी से नहाने. (जानें – ठंडे पानी से नहाने के फायदे)
  • एंटी इच क्रीम का उपयोग कर सकते है.
  • उत्तेजक साबून समेत अन्य पदार्थ से दूर रहें.

अधिकांश खुजली उपचार योग्य होती है और यह एक गंभीर समस्या का संकेत नहीं होती है. हालांकि, निदान और उपचार की पुष्टि करने के लिए अपने चिकित्सक से जांच कराना सबसे बेहतर रहता है.

References –

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