आज इस लेख में आप जानेंगे घुटनों में दर्द के घरेलू उपायों के बारे में –

घुटनो में दर्द के घरेलू उपाय – knee pain home remedies

वजन को मैनेज करना

  • अधिक वजन और मोटापा आपके घुटने के जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव डाल सकते हैं.
  • मोटापा और सूजन के बीच संबंध होता है.
  • कम बीएमआई की तुलना में हाई बीएमआई वाले लोगों में ऑस्टियोअर्थेराइटिस विकसित होने के मौके अधिक होते है.
  • अगर किसी लंबे समय से चली आ रही हेल्थ समस्या के कारण घुटनों में दर्द होता है तो ऐसे में वजन को मैनेज करके दवाब कम किया जा सकता है.
  • हाई बीएमआई और घुटनों में दर्द होने के कारण डॉक्टर आपको वजन कम करने की सलाह दे सकते है.

अदरक का अर्क

  • यह कई रूपों में मिल सकता है जैसे सप्लीमेंट, अदरक चाय, अदरक की जड़ आदि शामिल है.

विलो की छाल

  • लोग कभी-कभी जोड़ों के दर्द के लिए विलो छाल के अर्क का उपयोग करते हैं, क्योंकि यह दर्द और सूजन को दूर करने में मदद कर सकता है.
  • विलो की छाल का उपयोग करने से पहले ध्यान रहें कि कहीं आपको कोई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या तो नहीं है.
  • कोई डायबिटीज, लिवर समस्या, लो ब्लड प्रेशर या खून पतला करने वाले ड्रग, मतली या चक्कर की दवाएं लेने के अलावा 18 से कम आयु के मामलों में डॉक्टर से बात करनी चाहिए. 

तनाव और दर्द के लिए

  • पैर के मुड़ जाने या गिर जाने के कारण घुटने में किसी प्रकार का तनाव या दर्द हो जाने पर रेस्ट, बर्फ, सिकाई आदि को याद रखना चाहिए.
  • ऐसी कंडीशन में घुटने में दर्द होने पर बर्फ की सिकाई या ठंडी सब्जियां आदि को लगाकर सिकाई की जा सकती है.
  • सूजन से बचने के लिए घुटने पर गर्म पट्टी बांधी जा सकती है.
  • आराम करते समय अपने पैर को ऊपर की तरफ रखें.

हर्बल ऑइंटमेंट

  • इन हर्बल में दालचीनी, अदरक, तिल का तेल आदि में दर्द से राहत देने वाले प्रभाव होते है.
  • रिसर्च में इन हर्ब्स को दर्द से राहत जेने में काफी प्रभावी माना जाता है.
  • कुछ लोग इस प्रकार के उपचार कार्य करते हैं.
  • लेकिन यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि किसी भी हर्बल थेरेपी का घुटने के दर्द पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है

गर्म और ठंडी सिकाई

  • घुटनों पर हीटिंग पैड की मदद से दर्द में राहत मिल सकती है.
  • जबकि ठंडी सिकाई से इंफ्लामेशन को कम किया जा सकता है.
  • इस थेरेपी के लिए एक बार गर्म सिकाई और एक बार ठंडी सिकाई की जा सकती है.
  • एक बार में 20 मिनट सिकाई की जानी चाहिए.
  • इंजरी के शुरूआती 20 दिनों में 20 मिनट के लिए ठंडे पैड दिन में चार से आठ बार लगाए.
  • चोट लगने के पहले 24 घंटों में जैल पैक या अन्य कोल्ड पैक का उपयोग किया जा सकता है.
  • ध्यान रहें कि बर्फ को सीधे स्किन पर न लगाएं.
  • गर्म सिकाई करने से पहले जांच लें कि हीट पैड कहीं ज्यादा गर्म न हो.
  • चोट के दौरान जोड़ के गर्म होने पर हीट थेरेपी का उपयोग न करें.
  • सुबह सुबह हल्के गुनगुने पानी से नहाने से जोड़ों के दर्द में राहत मिल सकती है.

एक्सरसाइज

  • दैनिक एक्सरसाइज आपको अपनी मांसपेशियों को मजबूत रखने और गतिशीलता बनाए रखने में मदद कर सकता है.
  • ऑस्टियोअर्थेराइटिस और घुटने के दर्द के अन्य कारणों के इलाज के लिए आवश्यक है.
  • पैर को आराम देने या मूवमेंट को सीमित करने से आपको दर्द से बचने में मदद मिल सकती है.
  • लेकिन यह जॉइंट और धीमी गति से रिकवरी भी कर सकता है.
  • ऑस्टियोअर्थेराइटिस के मामलों में सिर्फ एक्सरसाइज ही जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए उपयुक्त नहीं होती है.
  • ऑस्टियोअर्थेराइटिस के मामलों में दूसरे व्यक्ति के साथ मिलकर एक्सरसाइज आदि करना बेहतर है.
  • हल्की एक्सरसाइज में वाल्क करना, साइकलिंग, योग, तैराकी आदि शामिल है.
  • इसके अलावा, गंभीर घुटने में दर्द, चोट के कारण तनाव या मोच आदि होने पर आराम भी करना चाहिए.
  • आप अपने थेरेपिस्ट को प्रोग्राम आदि डिजाइन करने के लिए बोल सकते है.

डॉक्टर से कब मिलें

  • गंभीर दर्द या सूजन होने
  • शरीर के दूसरे हिस्सों में लक्षण होने
  • गंभीर कटना फटना या विकृति होना
  • अन्य हेल्थ कंडीशन जिस कारण घाव भरने में परेशानी होती है
  • इंफेक्शन के संकेत जैसे बुखार आदि
  • लक्षण जो कुछ दिनों तक रहते है और अधिक खराब हो जाते है.

अंत में

यदि आपके पास हल्के से मध्यम घुटने का दर्द है, तो आप अक्सर घर पर इसका इलाज कर सकते हैं. चाहे मोच या गठिया के कारण होने वाले घुटने के दर्द को प्रबंधित करने के कई तरीके हैं.

सूजन, गठिया या मामूली चोट के कारण दर्द अक्सर चिकित्सा सहायता के बिना ठीक हो जाता है. घरेलू उपचार आपके आराम के स्तर में सुधार कर सकते हैं और लक्षणों को प्रबंधित करने में आपकी सहायता कर सकते हैं.

लेकिन अगर दर्द मध्यम से गंभीर होता है या यदि लक्षण लगातार बने रहते हैं या खराब हो जाते हैं, तो आपको पूर्ण मूल्यांकन के लिए चिकित्सा पर ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है.

इसके अलावा डॉक्टर द्वारा शारीरिक जांच के साथ साथ ब्लड टेस्ट या एक्स रे समेत अन्य टेस्ट किए जा सकते है. किसी अन्य समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से बात कर सलाह ली जानी चाहिए.

References –

 

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