आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है माइग्रेन दर्द क्या होता है, माइग्रेन का दर्द कहा होता है, माइग्रेन के लक्षण और इलाज और माइग्रेन दर्द को कम करने के नैचुरल उपाय –

माइग्रेन का दर्द क्या होता है? – What is migraine in hindi

  • आमतौर पर देखा गया है कि माइग्रेन सिर के एक हिस्से या कभी-कभी बीचों बीच या पीछे की तरफ से उठता है. 
  • इसकी प्रकृति धुकधुकी जैसी होती है जो 2 से लेकर 72 घंटों तक बना रहता है. 
  • इसके अलावा काफी लोगों को इसका दर्द यह रह-रहकर कई हफ्तों, महीनों या फिर सालों तक एक खासा अंतराल में उठता रहता है. 
  • माइग्रेन में दर्द इतना तीव्र होता है कि कई बार यह हथौड़ों की लगातार चोट का एहसास कराता है.
  • बात करें आज के परिपेक्ष में तो महिलाओं में माईग्रेन की समस्या, पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा देखी जाती हैं. 
  • महिलाओं में माइग्रेन आम तौर पर गर्भावस्था के दौरान और रजोनिवृत्ति के बाद नहीं होती हैं. 
  • अधकपारी का अटैक किसी भी उम्र में आ सकता है, लेकिन अधिकतर इसकी शुरूआत किशोरावस्था में ही हो जाती हैं.
  • ज्यादातर देखा गया है कि माइग्रेन अचानक होता है. जबकि कई बार यह हल्का शुरू होता है और धीरे-धीरे बहुत तेज दर्द का रूप लें लेता है. 
  • इसके अधिकतर मरीज वह होते हैं, जिनके परिवार में ऐसा इतिहास रहा हो. 
  • लोगों को माइग्रेन का पता तब चलता है, जब वह कई साल तक इस तकलीफ को झेलने के बाद माइग्रेन के लक्षणों से परिचित हो पाते हैं.

माइग्रेन के लक्षण क्या होते है? – What are the symptoms of migraine in hindi

  • बिना एक्सरसाइज करें पिछले 2 महीनों में 5 किलोग्राम से अधिक वजन का कम होना.
  • सिर में दर्द के साथ-साथ बार-बार पेशाब आना, तो समझ लें कि आप माईग्रेन से ग्रसित हैं.
  • इसके अलावा देखा गया है कि जब माईग्रेन का दर्द होता है तो व्‍यक्ति को चॉकलेट खाने की प्रबल इच्छा होती है और उसे लगता है कि चॉकलेट खाकर उसके सिर का दर्द ठीक हो जाएगा.
  • दिन भर बेवजह जम्‍हाई आना भी माइग्रेन के लक्षण है.
  • लाइट के प्रति अतिरिक्त संवेदनशीलता जिसे फोटोफोबिया कहा जाता है.
  • साउंड के प्रति अधिक संवेदनशील होना जिसे फोनोफोबिया कहा जाता है.
  • माइग्रेन के दर्द से पीड़ित एक तिहाई लोगों को ऑरा के माध्यम से इसका पूर्वाभास हो जाता है. 
  • आपको बता दें कि ऑरा किसी भी वस्‍तु या व्‍यक्ति के आसपास उसी आकार में रोशनी का दिखना होता है. 
  • ऐसा दर्द का अहसास 5 मिनट से 1 घंटे तक रह सकता है. 
  • ज्यादातर माइग्रेन से पीड़ित लोगों में साइनस के लक्षण भी नज़र आते हैं जिसमें भयंकर सिरदर्द के साथ आंखों से पानी निकलता है या नाक भर जाती है.
  • माईग्रेन के दौरान दर्द होने पर नींद सही से नहीं आती है और थकान भी महसूस होती हैं
  • इसमें पीड़ित की भावनाएं बहुत तेजी से बदलती हैं. जिसके चलते वह कभी बहुत ज्‍यादा उग्र, तो कभी ज्‍यादा शांत हो जाते हैं.
  • इसमें आंखों में भी भयानक दर्द होता है. 
  • पलकें झपकाने में भी भयानक जलन होती हैं.
  • देखा गया है कि इससें ग्रसित व्यक्ति को सिरदर्द के साथ उल्टी व मतली का भी शिकायत होती है.
  • शुरूआत में सिर में एक साइड में दर्द शुरू होता हैं और इतना ज्‍यादा बढ़ जाता है कि जिसके चलते गर्दन भी दुखने लगती हैं.

माइग्रेन का इलाज क्या है? – What is the treatment of migraine in hindi

  • माइग्रेन के उपचार में ज्यादा दर्द होने पर उसे दूर करने के लिए बर्फ रखना सबसे उपयोगी माना जाता हैं. माइग्रेन का सिरदर्द कम करने के लिए यह एक सबसे सरल और घरेलू उपचार हैं.
  • सिर पर आइस पैक रखने से मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद मिलती है और इससे दर्द भी कम हो जाता हैं. 
  • दर्द के दौरान प्रभावित क्षेत्र, कान के पीछे और गर्दन पर आइस पैक से धीरे-धीरे से मसाज करें.
  • माइग्रेन के इलाज में यह भी बताया जाता हैं कि सिर, गर्दन और कंधों की मालिश करने से इस दर्द में राहत महसूस होती है और यह बहुत मददगार भी साबित होता हैं.
  • तौलिये को गर्म पानी में डुबाकर, उसे दर्द वाले हिस्सों पर सिकाई करने से भी राहत मिलती हैं.
  • देखा गया है कि कुछ लोगों को ठंडे पानी से इसी तरह की मालिश से भी आराम मिलता हैं. 
  • इसके लिए बर्फ के टुकड़ों का इस्तेमाल किया जा सकता हैं. यह घर में किए जाने वाला माइग्रेन का उपचार हैं.

माइग्रेन दर्द के लक्षणों को कम करने के नैचुरल उपाय – natural ways to reduce migraine symptoms in hindi

माइग्रेन बढ़ाने वाले फ़ूड्स न लें

  • हॉट डॉग, बैकन और सॉसेज आदि
  • रेड वाइन
  • अचार
  • ड्राई फ्रूट्स
  • प्रोसेस्ड फ़ूड्स
  • छाछ, दही आदि डेयरी प्रोडक्ट
  • मोनोसोडियम ग्लूटामेट वाले फ्लेवर बढ़़ाने वाले फ़ूड्स
  • ठंडे फ़ूड्स जैसे आईस्क्रीम
  • राजमा
  • चॉकलेट
  • चीज़ के कुछ प्रकार जैसे ब्लू, फेटा, चेडर, स्वीस आदि

इसके अलावा थोड़ी मात्रा में कैफीन के सेवन से राहत मिल सकती है. लेकिन ज्यादा कैफीन से माइग्रेन हो सकता है. माइग्रेन ट्रिंगर करने वाले फ़ूड्स का पता लगाने के लिए रोजाना फ़ूड डायरी बनाए रखें.

लैवेंडर ऑयल लगाएं

  • लैवेंडर के तेल से मालिश करने से माइग्रेन के दर्द में राहत मिलती है.
  • इसके लिए इसे सूंघ भी सकते है या सिर पर लगा सकते है.

एक्यूप्रेशर

  • अपनी फिंगर से करने सिर के एक्यूप्रेशर पॉइंट पर प्रेशर लगाने से दर्द में राहत मिलती है.
  • एक्यूप्रेशर सिर्फ एक नही काफी सारे रोगों में लाभ देता है.

योगा

  • सांस से संबंधित योगा कपालभाति और अनुलोम विलोम करने से काफी लाभ मिलता है.
  • इससे मेडिटेशन के साथ साथ शरीर का पोस्चर बेहतर होता है.
  • योगा से हमारी पूरी हेल्थ पर असर पड़ता है.

पुदीने का तेल लगाने

  • पुदीने के तेल के साथ साथ मेंथॉल लगाने से माइग्रेन को कम करने में मदद मिलती है.
  • इसे सीधे सिर पर भी लगाया जा सकता है.
  • यह मतली और लाइट संवेदनशीलता के मामलों में फायदा देता है.

अदरक

  • माइग्रेन के कारण मतली की समस्या के लिए अदरक काफी लाभ देती है.
  • इसके अलावा यह दवाओं के साइड इफेक्ट को कम करने में मदद करती है.

मैग्नीशियम डाइट

  • मैग्नीशियम की कमी के कारण सिरदर्द और माइग्रेन होते है.
  • अध्ययनों की माने तो मैग्नीशियम फ़ूड्स खाने से इसके कारण होने वाले दर्द में आराम मिलता है.
  • मैग्नीशियम डाइट – काजू, बादाम, अंडे, दूध, ओटमील, पीनट बटर, ब्राजील नट्स, सीसेम सीड्स, सूरजमुखी का तेल आदि.

अंत में

माइग्रेन जिसे हिंदी में अधकपारी कहा जाता है यह व्यक्ति के सिर में होने वाले तेज दर्द में से एक हैं. जो लोग माइग्रेन से ग्रसित होते है उनको कान के पीछे के हिस्से में बहुत तेज़ दर्द का अनुभव होता हैं जिससे सूजन भी आ जाती हैं. 

यह दर्द कुछ घंटो या दिनों तक रह सकता है. इसका कारण सिर के नीचे की धमनियों का बड़ा हो जाना होता है.

अधकपारी या कहे माइग्रेन का दर्द इतना ज्यादा होता है कि इससे ग्रसित व्यक्ति किसी भी चीज पर ध्यान नही लगा पाता. 

इसके अलावा माइग्रेन को दवा से कम तो किया जा सकता है लेकिन यह बार बार ना हो, इसके लिए आपको इसके दर्द को बढ़ाने वाले कारणों को पता होना चाहिए जिससे आप उनसे बच सकें.

साइंस के नजरिए से देखें तो अधकपारी एक प्रकार का न्यूरोवेस्कुलर डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति के सिर में रूक-रूक कर दर्द होता हैं. 

हालांकि, माइग्रेन के समय मस्तिष्क की सटीक क्रिया विधि की जानकारी नहीं है लेकिन ऐसा माना जाता है कि माइग्रेन के समय दिमाग में रक्त का संचार बढ़ जाता है जिससे व्यक्ति को तेज़ सिरदर्द का अनुभव होने लगता हैं.

अगर आपको माइग्रेन की समस्या है और आप लक्षणों को पहचान सकते है तो आपको उन्हें कम करना पता होना चाहिए.

काफी सारे लोग माइग्रेन के कारण काम आदि नही कर पाते तो ऐसे में आप ऊपर बताए गए घरेलू उपचार को फॉलो कर लाभ उठा सकते है.

जबकि गंभीर समस्या होने पर डॉक्टर से बात कर उचित उपचार लिया जाना चाहिए. साथ ही उनके द्वारा बताई गई दवाओं को समय से लिया जाना चाहिए.

References –

Share: