आपने बहुत सारे किस्से कहानियों में पुरूष लिंग पर तिल को लेकर बहुत कुछ सुना और पढ़ा होगा, यह एक ऐसा मुद्दा है जिसके बारे में लोग खुलकर बात करना पसंद नहीं करते है. इस लेख में आप जानेंगे पुरूषों के लिंग पर तिल और मस्सों से जुड़ी हुई जानकारी, यह कितने घातक होते है, क्या करें और होने वाले रोग, पेनिस पर तिल होने के फायदे –
पुरूष लिंग पर तिल – mole on penis in hindi
- स्किन पर होने वाले छोटे डार्क पैच जिनसे कोई नुकसान होता है उन्हें तिल कहा जा सकता है.
- तिल के विकसित होने का कारण मेलेनिन (पिगमेंट) होता है.
- जब यह पिगमेंट स्किन पर न फैल कर, बाहरी परत पर किसी एक जगह जमा हो जाता है तो उसे तिल कहा जाता है.
- शरीर पर तिल होना बहुत आम है, आप तिलों के साथ पैदा होते है जो आयु बढ़ने के साथ दिखने लगते है.
- किसी भी व्यस्क के शरीर पर 10 से 40 या उससे ज्यादा तिल होते है.
- जबकि बहुत से लोग तिल हटाने के लिए घरेलू उपचार भी करते है.
- यह शरीर पर कही भी हो सकते है फिर चाहे वह आपका पेनिस ही क्यों न हो.
- वैसे तो पेनिस पर किसी भी तरह की स्पॉट आपको चिंतित कर सकता है लेकिन तिल से शायद ही कुछ समस्या या कोई लक्षण होते है.
- इसके अलावा कई अन्य तरह के स्पॉट और बम्पस पेनिस पर दिखाई दे सकते है जिसमें से अधिकतर खतरनाक नही होते है.
- ऐसे ही काफी स्पॉट्स को लोग कॉस्मेटिक कारणों के चलते पसंद नही करते है.
- कुछ तिलों जैसे स्पॉट के लिए आपको इलाज की जरूरत होती है.
- किसी भी इलाज को शुरू करने से पहले मेडिकल अनुशंसा की जानी चाहिए.
- साथ ही सर्जरी या लेजर उपचार से संबंधित हेल्थ रिस्क को भी जानना चाहिए.
- अधिकतर स्पॉट या मस्सों को आपको ऐसे ही छोड़ देना चाहिए.
पेनिस पर अन्य प्रकार के निशान या स्पॉट
- तिलों के अलावा अन्य सबसे कॉमन स्पॉट झाई होती है.
- तिलों की तुलना में झाई थोड़े हल्के रंग और ज्यादा एरिया में फैली हुई होती है.
- जबकि समय के साथ झाईयां डार्क होती जाती है.
- झाईयां मेलेनिन के छोटे कलस्टर होते है और इनसे स्वास्थ को कोई नुकसान नही होता है.
- पेनिस पर झाई होना बिल्कुल सामान्य है.
पेनिस पर अन्य प्रकार की ग्रोथ स्पॉट दिख सकती है तो इसलिए जरूरी है कि इन्हें पहचाना जाए. निम्न कंडीशन के होने पर उपचार की जरूरत पड़ती है –
एंजियोकेराटोमस
- फैली हुई ब्लड वैस्लस की छोटी ग्रोथ को एंजियोकेराटोमस कहा जाता है.
- यह ग्रोथ पेनिस के हेड, स्क्रोटम और ग्रोइन एरिया के आसपास हो सकती है.
- यह ट्रीटमेंट जैसे लेज़र थेरेपी आदि प्रक्रियाओं से हटाई जा सकती है.
पर्ली पेनाईल पैप्युल्स
- पैप्युल्स छोटे, गोल सफेद या पिंक रंग के होते है.
- यह पेनिस के सिरे पर एक या दो लाइन में बम्प जैसे हो सकते है.
- यह संक्रामक नही होते है और न ही किसी एसटीआई के कारण होते है.
- इसके लिए किसी उपचार की जरूरत नही होती है.
- लेकिन अगर आप चाहते है तो लेज़र थेरेपी से इसे हटा सकते है जिसके बाद हल्की स्कैरिंग रहती है.
फोर्डिस स्पॉट्स
- यह छोटे या पीले बम्पस होते है जो पेनिस के सिरे या शाफ्ट पर हो सकते है.
- महिलाओं में यह स्पॉट वुल्वा (योनिमुख) पर हो सकते है.
- इसके अलावा लोगों के होंठ या गालों पर भी यह हो सकते है.
- यह संक्रामक नही होते है और न ही इनसे कोई नुकसान होता है.
- फोर्डिस स्पॉट्स एक प्रकार के सिबेसियस ग्लैंड होते है जो स्किन को लूब्रिकेट करने वाला ऑयली तत्व होता है.
- लेज़र उपचारों, इलैक्ट्रोसर्जरी और अन्य प्रक्रियाएं फोर्डिस स्पॉट्स के इलाज में इस्तेमाल होती है.
- लेकिन ट्रीटमेंट लेना कोई जरूरी नही है.
मोल्लुसकम कंटेजियोसम
- यह संक्रामक वायरस होता है जिसके कारण स्किन पर बम्प्स हो जाते है.
- पेनिस पर मांस के रंग के बम्प्स के छोटे कलेक्शन दिख सकते है.
- यह कपड़े और टावल आदि से फैल सकता है.
- इसके उपचार में लेज़र सर्जरी आदि का उपयोग किया जाता है.
खाज़ (स्कैबीज़)
- स्किन के नीचे घुन के कण और अंडे होने के कारण यह होती है.
- इस कारण लाल, खुजली वाले संक्रामक बम्प्स हो जाते है.
- आमतौर पर खाज़ – फिंगर, ब्रेस्ट, पेनिस, जांघ, बगल, नीतंबू, कोहनी, कमर आदि पर हो सकते है.
टायसन ग्लैंड
- यह सिबेयसिस ग्लैंड की छोटी फॉर्म होती है.
- यह गोल, सफेद रंग के बम्प्स होते है जो स्किन का लचीला सेक्शन होता है.
- यह लचीला स्किन का सेक्शन पेनिस की फोरस्किन से जोड़ता है.
- खतना के दौरान इस भाग को अधिकतर हटा दिया जाता है.
- टायसन ग्लैंड एक सौम्य गांठ होती है जिसके लिए किसी इलाज की जरूरत नही होती है.
- इसके लिए कुछ कॉस्मेटिक उपचार जैसे लेज़र थेरेपी काफी मदद कर सकती है.
स्किन कैंसर
- अधिकतर पिनाइल कैंसर की शुरूआत स्किन कैंसर के रूप में होती है.
- इनमें सबसे आम स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा है जो पेनिस हेड या फोरस्किन पर विकसित होता है.
- यह धीरे धीरे विकसित होने वाला कैंसर है जो अधिकतर शुरूआत में पता लगने पर उपचारित हो जाता है.
- इसका पहले लक्षण पेनिस की शेप, साइज, रंग आदि में बदलाव होना होता है.
- इसके अलावा पेनिस पर अचानक से तिल आदि के विकसित होने की स्थिति हो सकती है.
लिम्फोसिल
- हमारे इम्यून सिस्टम और सर्कुलेटरी सिस्टम का हिस्सा लिम्फोसिल सिस्टम होता है.
- यह शरीर में इंफेक्शन से लड़ने के लिए वाइट ब्लड सेल्स को बनाता है.
- यह ब्लड में से प्लाज़मा को भी फिल्टर करता है.
- लिम्फेटिक सिस्टम से ट्रैवल करने वाले फ्लूइड को लिम्फ कहा जाता है.
- लिम्फेटिक सिस्टम में ब्लॉकेज़ होने पर उस छोटे कलेक्शन को लिम्फोसिल कहा जाता है.
- इस ब्लॉकेज के कारण लिम्फ आस पास के टिश्यू तक फैल जाती है.
- स्किन के नीचे छोटे बम्प्स को लिम्फोसिल कहा जाता है.
- एक दो दिन में यह अपने आप ठीक हो जाते है. इनके बने रहने पर डॉक्टर से बात करनी चाहिए.
स्किन टैग
- यह छोटी, स्किन पर ग्रोथ जो पलकों, गर्दन, बगल और ग्रोइन पर हो सकती है.
- आयु बढ़ने के साथ यह बनने लगते है.
- स्किन टैग संक्रामक नही होते है और यह कोलेजन से बनते है.
- कोलेजन स्किन और ब्लड वैस्लस में बनने वाला प्रोटीन है.
- इसे कई कॉस्मेटिक प्रक्रिया से हटाया जा सकता है.
(ग्रोइन दर्द के लक्षण, कारण, इलाज)
जननांग मस्सा
- यह जननांग के आसपास बनने वाले बम्प्स होते है.
- इनके होने का कारण एचपीवी होता है.
- इसके होने का कारण संक्रमित व्यक्ति के त्वचा संपर्क में आने के कारण होता है.
- इसके लक्षण दिखने में हफ्तों से लेकर महीने भी लग सकते है.
- क्रायोथेरेपी, मेडिकल क्रीम और इलैक्ट्रोसर्जरी इसके ट्रीटमेंट होते है.
- हालांकि, किसी व्यक्ति के इम्यून सिस्टम 2 साल के भीतर अपने आप मस्सों को हटा देता है.
- एचपीवी से बचने के लिए सेक्स के दौरान कंडोम या डेंटल डैम का उपयोग किया जा सकता है.
सिफलिस
- यह गंभीर एसटीआई होती है जो शुरूआती स्टेज में पेनिस या इसके आसपास छाले बन जाते है.
- रोग विकसित होने पर रैश धड़ तक जा सकता है.
- सिफलिस का उपचार करने के लिए एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल किया जाता है.
- जबकि इलाज न मिलने पर यह आपके हार्ट, दिमाग या अन्य अंगों को नुकसान पहुँचा सकती है.
- बाद की स्टेजों में इस रोग का इलाज संभव नहीं है.
पेनिस पर तिल के मामले में क्या करें?
- नियमित रूप से स्किन की जांच करना बहुत जरूरी होता है.
- समय के साथ किसी तिल या मस्से में बदलाव होना एक प्रकार की स्किन कैंसर हो सकता है.
- हर मामले में यह स्किन कैंसर ही हो, ऐसा जरूरी नही है.
- पेनिस, स्क्रोटम या जननांगों की स्किन के आसपास किसी बम्प्स या बदलाव को देखना चाहिए.
- खुद से किसी बम्प या स्पॉट को छेड़े नहीं, इससे इंफेक्शन या स्कैरिंग हो सकती है.
अंत में
अगर आप अपने पेनिस के आसपास किसी तिल या मस्से को लेकर चिंतित है तो डॉक्टर से सलाह लेकर जानकारी लें. इसके लिए आप फिजिशियन या यूरोलॉजिस्ट को दिखा सकते है. किसी अन्य समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से सलाह ली जानी चाहिए.
FAQS – पेनिस पर तिल – Mole on penis in hindi
पेनिस पर तिल का तेल लगाने के फायदे
- कमजोर लिंग की समस्या दूर होती है और लिंग मजबूत बनता है.
- सेक्स टाइम को बढ़ाने में मददगार होता है.
- सीधा दोष वाले लोग संभोग का बेहतर रूप से आनंद उठा पाते है.
- पेनिस पर मालिश करने से नसे, मांसपेशियां मजबूत और रक्त प्रवाह बेहतर करती है.
- तिल का तेल पोषक तत्वों से पूर्ण होता है इसमें कैल्शियम, काफी सारे विटामिन मौजूद होते है.
पेनिस पर तिल के फायदे (पेनिस पर तिल होने के फायदे) – penis par til hone ke fayde
अलग अलग किताबों में इसके मतलब भिन्न है –
- समुद्रशास्त्र के अनुसार पेनिस पर तिल वाले व्यक्ति में काम (सेक्स) की भावना प्रबल होती है.
- जबकि अन्य दर्शनों के अनुसार पेनिस पर तिल वाले व्यक्ति के सेक्स संबंध कई महिलाओं से होते है. हालांकि, यह किसी व्यक्ति के चरित और अपनी समझ पर निर्भर करता है कि वह कैसा जीवन चाहता है.
- ज्योतिष के अनुसार पेनिस पर तिल वाले व्यक्ति का शुक्र काफी मजबूत होता है.
- ऐसे लोग अपनी तरफ लोगों का ध्यान आसानी से आकर्षित कर लेते है.
- साथ ही जिन लोगों के पेनिस पर तिल होता है वह सुंदर होते है.
- पेनिस पर तिल वाले पुरूषों में सेक्स की ललक अधिक होती है.
पेनिस पर तिल का महत्व या पेनिस पर तिल का मतलब
अलग अलग दर्शन विज्ञान में पेनिस पर तिल का मतलब भिन्न है जैसे ऐसे लोगों का शुक्र काफी मजबूत होता है. पेनिस पर तिल वाले लोगों को सेक्स के प्रति आसक्ति ज्यादा होती है जिस कारण कई महिलाओं के साथ संबंध रखने की प्रवृत्ति अधिक रह सकती है. साथ ही ऐसे लोगों को गुस्सा भी अधिक आता है.
(सेक्स करने के फायदे और नुकसान जानकर रह जाएंगे हैरान)
References –