हमारे शरीर के लिए कई पोषक तत्वों, जरूरी फैट्स, प्रोटीन, मिनरल, कैल्शियम आदि की जरूरत होती है जिसमें से एक बहुत जरूरी तत्व ओमेगा 3 फैटी एसिड होते है. लेकिन काफी सारे लोग ऐसे है जिन्हें यह नही पता कि ओमेगा 3 क्या होता है.

आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि ओमेगा-3 फैटी एसिड क्या होता है, इसके प्रकार और फायदे –

ओमेगा-3 फैटी एसिड क्या है? – What is omega-3 fatty acid in hindi

  • यह हमारे पूरे शरीर के स्वास्थ में काफी सारे लाभ प्रदान करती है.
  • इसे हमारा शरीर खुद नही बनाता है, हम इसे डाइट के जरिए ले सकते है.
  • ओमेगा एसिड के प्रकार – एएलए (ALA) डीएचए(DHA) और ईपीए (EPA).
  • एएलए (ALA) को अल्फा – लिनोलेनिक एसिड कहा जाता है जो पौधो में मिलता है.
  • डीएचए (DHA) को डोकोसाहेक्साएनॉईक एसिड कहा जाता है जो जानवरों से मिलने वाले फ़ूड से होता है.
  • ईपीए (EPA) को ईकॉसापैंटेनॉइक एसिड कहते है जो शौवल या कहे काई में पाया जाता है.
  • ओमेगा 3 एसिड वाले फ़ूड्स जैसे फैटी फिश, फिश ऑयल, फ्लैक्स सीड(अलसी के बीज), चीया सीड, अलसी का तेल और वालनट्स होते है.
  • इनके अलावा ओमेगा 3 सप्लीमेंट फिश ऑयल या अलगाय ऑयल में मिल जाते है.

ओमेगा 3 एसिड के प्रकार – omega 3 fatty acid types in hindi

एएलए

  • हमारी डाइट में उपलब्ध होने वाला सबसे कॉमन ओमेगा 3 का प्रकार है जिसे हमारा शरीर एनर्जी के लिए प्रयोग करता है.
  • यह हमें अलसी के बीज, फ्लैक्ससीड ऑयल, कैनोला ऑयल, चीया सीड, वालनट्स, हैम्प सीड और सोयबीन में मिलता है.

ईपीए

  • यह अधिकतर जानवरों से बने प्रोडक्ट में पाया जाता है जैसे फैटी फिश और फिश ऑयल.
  • हमारे शरीर में इसके कई फंक्शन होते है.

डीएचए

  • ओमेगा 3 फैटी एसिड में मौजूद डीएचए (DHA) हमारे दिमाग, आंखें और शरीर के कई हिस्सों के लिए बहुत जरूरी होता है.
  • प्रेगनेंट और बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी डीएचए की जरूरत होती है क्योंकि इससे शिशु के स्वास्थ और बुद्धि पर भी असर पड़ता है.
  • साथ ही ओमेगा 3 के कई हेल्थ बेनिफिट भी है जिसमें बिमारियों से लड़ना शामिल है.
  • यह जानवरों से बने प्रोडक्ट जैसे फैटी फिश, फिश ऑयल, मांस, अंडे और घास खाने वाले जानवरों से मिलने वाले दूध और इससे बनी चीज़ो में डीएचए की अच्छी खासी अमाउंट होती है.

ओमेगा 3 फैटी एसिड के फायदे – What are the benefits of omega-3 fatty acid

डिप्रेशन और घबराहट के लिए

  • अवसाद या कहे डिप्रेशन और घबराहट होना दुनियाभर के लोगों की आम समस्याओं में से एक है.
  • अवसाद होने पर उदासी, ज़िंदगी से रूचि कम होना, एनर्जी न रहना आदि लक्षण होते है.
  • घबराहट होने पर लगातार चिंता और अधीरता होती है.
  • अध्ययनों के अनुसार जो लोग ओमेगा 3 का नियमित सेवन करते है उन्हें अवसादग्रस्त होने का खतरा कम रहता है.
  • साथ ही जो लोग घबराहट और अवसाद से ग्रस्त है और उन्हें ओमेगा 3 सप्लीमेंट लेने से लक्षणों में राहत मिलती है.
  • डिप्रेशन और घबराहट से लड़ने के लिए ईपीए काफी प्रभावी होता है.

आंखों के लिए

  • रेटिना के लिए डीएचए बहुत जरूरी होता है.
  • डीएचए की सही मात्रा न मिलने पर दृष्टि की समस्या देखने को मिलती है.
  • ओमेगा 3 का नियमित सेवन करने से आंखों के अंधेपन या क्षति जिसे मैक्युलर डीजनरेशन कहा जाता है आदि स्थितियों के खतरे को कम करते है.

प्रेगनेंसी में शिशु के लिए

  • नवजात शिशु से लेकर 2 साल तक के बच्चों की दिमाग की ग्रोथ के लिए ओमेगा 3 बहुत जरूरी होता है.
  • डीएचए में 40 फीसदी पॉलीअनसैचुरेटिड फैटी एसिड दिमाग के लिए, जबकि 60 फीसदी आंखों के रेटिना के लिए उपयोगी होता है.
  • इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान ओमेगा 3 लेने से शिशु को बहुत से लाभ होते है जैसे – किसी भी प्रकरा के अनुवांशिक रोग होने का खतरा कम होना, दिमाग तेज़ होना, बेहतर रूप से कम्युनिकेशन करना और सोशल स्कील होना.

हार्ट रोग का रिस्क कम होना

  • आज के समय में हार्ट अटैक और स्ट्रोक मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है.
  • जबकि ओमेगा 3 का सेवन करना इसके खतरे को कम करता है.

अन्य हार्ट रोग जैसे

  • ट्राईग्लीसराइड – ओमेगा 3 का सेवन करने से ट्राईग्लीसराइड के लेवल में कमी आती है.
  • ब्लड प्रेशर – हाई बीपी की समस्या वाले लोगों में बीपी का स्तर कम होता है.
  • गुड कोलेस्ट्रॉल – ओमेगा 3 का सेवन करने से एचडीएल (HDL) कोलेस्ट्रॉल लेवल को अच्छा करता है.
  • ब्लड क्लॉट – इसके रेगुलर सेवन से खून पतला ही रहता है जिससे कई तरह के रोगों के होने का खतरा कम हो जाता है.
  • प्लेक – ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन करने से नसों को अवरूद्ध और हार्ड करने वाले प्लेग से राहत मिलती है और नसे आदि स्मूथ काम करती है.
  • इंफ्लामेशन – ओमेगा 3 का सेवन, सूजन, जलन के समय हमारे शरीर द्वारा रिलीज किए जाने वाले तत्व को बनाता है.

बच्चों में एडीएचडी के लक्षण कम करता है

  • यह एक प्रकार का व्यवहार का डिसऑर्डर होता है.
  • इसमें हाइपरएक्टिविटी, तीव्रता आदि देखने को मिलता है.
  • अध्ययनों के अनुसार इस डिसऑर्डर से ग्रसित लोगों में ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी होती है.
  • जबकि ओमेगा 3 का सेवन करने से एडीएचडी के लक्षणों में राहत मिलती है.

मेटाबॉल्कि सिंड्रोम के लक्षण कम होना

  • मेटाबॉल्कि सिंड्रोम कई स्थितियों का कलेक्शन होता है.
  • इसमें मोटापा या इससे जुड़ी समस्याएं जैसे – बैली फैट, हाई ब्लड प्रेशर, इंसुलिन रसिस्टेंस और हाई ट्राईग्लीसराइड होते है.
  • साथ ही कई प्रकार के स्वास्थ रोग जैसे हार्ट रोग और डायबीटिज आदि.

उत्तेजना से लड़ने में

  • इंफेक्शन और शरीर में क्षति होने पर होने वाली जलन, सूजन जैसी उत्तेजना को ओमेगा 3 का सेवन लाभ देता है.
  • काफी बार देखने को मिलता है कि बिना किसी चोट या इंफेक्शन के भी सूजन लंबे समय तक रह सकती है.
  • लंबे समय तक उत्तेजना रहने से बिमारी, हार्ट से जुड़ी बिमारी और कैंसर आदि तक हो सकते है.
  • ओमेगा 3 का सेवन करने से उत्तेजना से जुड़े तत्व का प्रोडक्शन कम होता है.

ऑटोइम्यून रोगों में लाभ

  • इस रोग के होने पर हमारा इम्युन सिस्टम खराब सेल्स के स्थान पर हेल्दी सेल्स को मारना और अटैक करना शुरू कर देते है.
  • इसका उदाहरण टाइप 1 मधुमेह है जिसमें हमारा इम्यून सिस्टम, पेनक्रियास में इंसुलिन बनाने वाले सेल्स को अटैक करता है.
  • इसलिए जीवन की शुरूआत के बाद से ही ओमेगा 3 का सेवन करने से कई प्रकार के रोग जैसे – मधुमेह, ल्यूपस, कोलाइटिस, सोरायसिस और गठिया आदि के उपचार में मदद करता है.

अल्ज़ाइमर रोग के लिए

  • आयु बढ़ने के साथ ही हमारे दिमाग के फंक्शन में गिरावट आती है.
  • ओमेगा 3 का सेवन करने से इसका खतरा कम हो जाता है.

कैंसर से बचाव

  • ओमेगा 3 का सेवन करने से कैंसर का रिस्क कम हो जाता है.
  • अध्ययनों की माने तो इससे करीब 55 फीसदी तक कोलन कैंसर का खतरा कम हो जाता है.
  • साथ ही यह पुरूषों में प्रोस्टेट कैंसर और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम करता है.

बच्चों में अस्थमा

  • गंभीर फेफड़ो के रोग में से एक अस्थमा के लक्षण खांसी, सांस न आना और घरघराहट होते है.
  • गंभीर अस्थमा अटैक का होना सांस की नली में सूजन और जलन पैदा कर सकता है.
  • ओमेगा 3 का सेवन इस रिस्क को भी कम करता है.

लिवर फैट कम करना

  • नॉन अल्कोहोलिक फैटी लिवर रोग(NAFLD) इसका सबसे आम प्रकार है.
  • यह मोटापे के कारण होता है.
  • ओमेगा 3 का सेवन करने से लिवर से फैट और सूजन कम हो जाती है.

गठिया जैसी हड्डियों की समस्या

  • ओमेगा 3 का सेवन करने से हड्डियों की ताकत बेहतर होती है.
  • इससे हड्डी में कैल्शियम की मात्रा बूस्ट होती है जिससे गठिया जैसे रोगों का खतरा कम हो जाता है.

पीरियड्स के दर्द को कम करने

  • मासिक धर्म के दौरान पेट के निचले हिस्से, पेल्विस, पीठ के निचले हिस्से और जांघ के ऊपरी हिस्से में दर्द आदि हो सकते है.
  • अध्ययनों की माने तो जो महिलाएं ओमेगा 3 का नियमित सेवन करती है उन्हेंं मासिक धर्म के दौरान माइल्ड दर्द होता है.

नींद बेहतर आती है

  • पूरी हेल्थ के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी है.
  • नींद के पूरे न होने से मोटापा, मधुमेह और अवसाद जैसे रोगों का रिस्क बड़ जाता है.
  • ओमेगा 3 का कम लेवल होना नींद से जुड़ी समस्याओं से संबंधित होता है.
  • इसकी सेवन करने से अच्छी नींद आती है.

त्वचा के लिए

  • हमारी स्कीन की बनावट के लिए डीएचए (DHA) बहुत जरूरी तत्व है जो सेल मेमब्रेन के लिए जिम्मेदार होता है.
  • सेल मेमब्रेन के हेल्दी होने पर सॉफ्ट, नमी और झुर्रियों से मुक्त स्कीन रहती है.
  • साथ ही एक्ने का रिस्क, समय से पहले एजिंग आदि को भी रोकता है.

अंत में

ओमेगा 3 फैटी एसिड हमारे संपूर्ण स्वास्थ के लिए काफी लाभदायक होते है. इन्हें अपने भोजन के साथ लेना ओमेगा 3 की जरूरत को पूरा कर सकता है. इसके लिए आप लोग मछली खा सकते है लेकिन जो लोग शाकाहारी है वे इसके सप्लीमेंट आदि ले सकते है.

References –

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