इस लेख में आप जानेंगे पेप्टिक अल्सर क्या है, इसके कारण, लक्षण, निदान, इलाज, जटिलताएं और बचाव –

पेप्टिक अल्सर क्या है? – what is peptic ulcer?

  • पेट की लिनिंग, लोवर एसोफेगस या छोटी आंत में विकसित होने वाले छाले को पेप्टिक अल्सर कहा जाता है. (जानें – पेट में अल्सर होने पर क्या डाइट लें)
  • पेट के एसिड और बैक्टीरिया के कारण होने वाली इंफ्लामेशन के चलते पेप्टिक अल्सर हो जाते है.

इसके तीन प्रकार होते है जैसे –

  • गैस्ट्रिक अल्सर – अल्सर जो पेट के अंदर विकसित होते है.
  • एसोफेगल अल्सर – यह एसोफेगस के अंदर विकसित होते है.
  • डुओडनल अल्सर – छोटी आंत के ऊपरी हिस्से में विकसित होने वाला अल्सर होता है.

पेप्टिक अल्सर के कारण क्या होते है? – what are the causes of Peptic Ulcer

  • एच. पायलोरी एक प्रकार का बैक्टीरिया है जो पेट के इंफेक्शन और इंफ्लामेशन का कारण बनता है.
  • कुछ एंटी इंफ्लामेटरी दवाओं के उपयोग के कारण भी यह हो सकते है.
  • पेट का कैंसर
  • रेडिएशन थेरेपी
  • ज्यादा शराब का सेवन करने

पेप्टिक अल्सर के लक्षण क्या है? – what are the symptoms of Peptic Ulcer

  • इसके सबसे आम लक्षणों में पेट दर्द के साथ साथ पेट में जलन महसूस होती है.
  • यह जलन नाभी से लेकर सीने तक महसूस होती है जो हल्के से लेकर गंभीर हो सकती है.
  • कुछ मामलों में दर्द के कारण नींद में दखल हो सकता है.
  • जबकि छोटे पेप्टिक अल्सर शुरूआत में कोई लक्षण विकसित नहीं करते है.

अन्य पेप्टिक अल्सर के संकेत में –

  • मतली
  • भूख में बदलाव
  • अपच
  • उल्टी
  • सीने में दर्द
  • बिना वजह वजन कम होना
  • मल में खून या डार्क होना

पेप्टिक अल्सर का निदान कैसे होता है? – how to diagnose Peptic Ulcer

इसके लिए दो प्रकार के टेस्ट उपलब्ध है जिससे पेप्टिक अल्सर का निदान किया जा सकता है. जिनको एंडोस्कोपी और ऊपरी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (GI) सिरीज कहा जाता है.

ऊपरी एंडोस्कोपी

  • इस प्रक्रिया में, आपका डॉक्टर आपके गले के नीचे और आपके पेट और छोटी आंत में कैमरे के साथ एक लंबी ट्यूब सम्मिलित करता है ताकि अल्सर क्षेत्र की जांच की जा सके.
  • यह उपकरण आपके डॉक्टर को भी जांच के लिए टिश्यू के नमूने निकालने की अनुमति देता है.
  • सभी मामलों में इसकी जरूरत नहीं पड़ती है.
  • हालांकि, इस प्रक्रिया को सबसे अधिक पेट कैंसर के रिस्क होने पर ही किया जाता है.
  • जिन लोगों की आयु 45 से अधिक होने के अलावा अनेमिया, वजन घटना, निगलने में परेशानी, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग का अनुभव होने पर यह प्रक्रिया की जाती है.

अप्पर जीआई

  • यदि आपको निगलने में कठिनाई नहीं है और पेट के कैंसर का खतरा कम है, तो आपका डॉक्टर इसके बजाय ऊपरी जीआई परीक्षण की सिफारिश कर सकता है.
  • इस प्रक्रिया के लिए, आपको बेरियम नामक एक मोटी तरल पिलाया जाता है.
  • इसके बाद पेट, एसोफेगस और छोटी आंत का एक्स-रे किया जाता है.
  • तरल पीने से डॉक्टर के लिए अल्सर को देख पाना और इलाज करना आसान हो जाता है.
  • डॉक्टर द्वारा पेट के इंफेक्शन की जांच भी की जा सकती है.

पेप्टिक अल्सर का इलाज – what is the treatment of Peptic Ulcer

  • इसका उपचार अल्सर के कारण पर निर्भर करता है.
  • टेस्ट में एच. पायलोरी इंफेक्शन दिखने पर डॉक्टर आपको दवाएं प्रीस्क्राइब कर सकते है.
  • इन दवाओं को कम से कम दो हफ्ते लिया जाना चाहिए.
  • इंफेक्शन को मारने के लिए एंटीबायोटिक्स और पेट के एसिड को कम करने के लिए प्रोटोन पंप इंहैबिटर्स से किए जाते है.
  • इसके हल्के फुल्के साइड इफेक्ट जैसे डायरिया या पेट खराब हो सकता है.
  • इन साइड इफेक्ट के ज्यादा होने पर डॉक्टर से बात करनी चाहिए.
  • इंफेक्शन नही होने के मामलों में डॉक्टर आपको पेट का एसिड कम करने वाली और अल्सर को ठीक करने वाली दवाएं लिख सकते है.
  • अल्सर दर्द और पेट के एसिड को कम करने के लिए एसिड ब्लॉकर भी प्रीस्क्राइब किए जा सकते है.

पेप्टिक अल्सर की जटिलताएं – Peptic Ulcer complications

  • इलाज न मिलने पर अल्सर काफी ज्यादा खराब हो सकते है.
  • जिससे काफी सारी जटिलताएं जन्म ले सकती है जैसे इंटरनल ब्लीडिंग.
  • इंटरनल ब्लीडिंग के मामलों में अल्सर से ब्लीडिंग होने लगती है और तुंरत मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ती है.
  • अंदरूनी ब्लीडिंग के संकेत में चक्कर आना, काला मल आदि होते है.
  • स्कार टिश्यू किसी चोट के बाद होने वाला टिश्यू है. जिसके कारण भोजन को पाचन तंत्र से गुजरने में परेशानी होती है. इसके संकेतों में उल्टी और वजन कम होना शामिल है.
  • इंफेक्शन के कारण पेट की लिनिंग या छोटी आंत में छेद हो सकता है. यह अचानक, गंभीर पेट दर्द का कारण बनता है.

निम्न कंडीशन में तुरंत मेडिकल सहायता लें

  • अचानक, तेज़ पेट दर्द होना
  • उल्टी या मल में खून आना
  • पेट जिसको छुने पर काफी सख्त महसूस होता है
  • किसी भी मूवमेंट के साथ पेट दर्द खराब होना
  • बेहोशी
  • बहुत अधिक पसीना आना
  • भ्रम की स्थिति

पेप्टिक अल्सर से बचाव – Peptic Ulcer prevention

  • कुछ जीवनशैली आदतों की मदद से पेप्टिक अल्सर विकसित होने का रिस्क कम हो सकता है.
  • जिसमें शराब को दवाओं के साथ मिक्स न करना, शराब के सेवन से बचना, कुछ दवाओं के सेवन को सीमित करना और इंफेक्शन से बचने के लिए हाथों को बार बार धोना शामिल है.
  • स्मोकिंग आदि से बचकर संतुलित आहार जिसमें फल, सब्जियां और पूर्ण अनाज शामिल है.

अंत में

सही उपचार के साथ अधिकतर पेप्टिक अल्सर का इलाज हो जाता है. हालांकि, दवाएं न लेने या जल्दी बंद कर देने के अलावा तंबाकू, शराब और दर्द निवारक दवाओं के सेवन को बंद कर देने से अल्सर ठीक होना बंद हो सकता है.

कुछ अल्सर ट्रीटमेंट से ठीक नहीं होते है जिसके कारण – पेट में एसिड का ज्यादा बनना, पेट में बैक्टीरिया की मौजूदगी, क्रोहन रोग या पेट कैंसर आदि रोगों का होना हो सकता है.

आपका डॉक्टर उपचार की एक अलग विधि की पेशकश कर सकता है या पेट के कैंसर और अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों का उपचार करने के लिए अतिरिक्त परीक्षण करा सकते है.

References –

 

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