प्राकृतिक रूप से बनी दवाओं को आयुर्वेदिक दवा कहा जाता है. आज इस लेख में हम जानेंगे कि सोरायसिस के इलाज में आयुर्वेद कितना कारगर है. 

सोरायसिस का आयुर्वेदिक इलाज – Psoriasis Treatment Ayurveda in hindi

आयुर्वेद में सोरायसिस का इलाज पंचकर्मा से किया जाता है. जिसमें डाइट बदलाव के साथ प्लांट आधारित उपाय दिए जाते है. पंचकर्मा से शरीर को डिटॉक्स किया जाता है. इसके साथ हमेशा शाकाहारी डाइट की ही सलाह दी जाती है.

पंचकर्मा उपचार में –

  • मक्खने के रूप में दवा वाला घी खाना
  • पेट की गंदगी निकालना जिसमें खूब सारा पानी पीकर उल्टी की जाती है.
  • रोगी के सिर पर छाछ का टपकाव किया जाता है.
  • शरीर पर दवा के पेस्ट का लेप लगाया जाता है.
  • पेट से मल निकालने के लिए एनिमा दिया जाता है.

उपचार का समय और सफलता सोरायसिस की गंभीरता और उपचार के लिए प्रतिबद्धता पर निर्भर करता है.

सोरायसिस के लिए अन्य आयुर्वेदिक उपचार – other ayurvedic psoriasis treatments in hindi

  • उत्तेजना कम करने के लिए मकोए का जूस
  • ब्लड साफ करने के लिए लहसुन और प्याज का उपयोग
  • खुजली और जलन को कम करने के लिए चमेली के फूल का रस
  • उत्तेजना कम करने के लिए गुगल
  • इम्यून सिस्टम बूस्ट करने और ब्लड को साफ करने के लिए नीम 
  • सूजन, जलन और लाली को कम करने के लिए हल्दी
  • इम्यून सिस्टम को बेहतर करने और सूजन के लिए शल्लकी का उपयोग

सोरायसिस के कारण तनाव को कम करने के उपाय – remedies for stress caused by psoriasis in hindi

  • सोरायसिस के कारणों में से एक तनाव – शरीरिक व मानसिक को भी माना जाता है.
  • दवा के साथ एक्सरसाइज करने से तनाव संबंधी सोरायसिस को कम किया जा सकता है.
  • इसके लिए आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट प्लान की जरूरत होती है.
  • कुछ हर्ब्ल उपाय भी तनाव को कम करने में मदद कर सकते है.
  • उदाहरण के लिए अश्वगंधा एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग कई तरह के रोगों में किया जाता है.
  • इसमें एंटी-स्ट्रेस गुण सोरायसिस की समस्या होने पर लाभ देते है. इसे भारतीय जिनसेंग भी कहा जाता है.

आयुर्वेदिक उपचार कितना सुरक्षित है – safety of ayurvedic treatments in hindi

  • दूसरे उपचारों की तुलना में आयुर्वेदिक उपचार के लिए कोई स्ट्रीक्ट टेस्टिंग की जरूरत नही होती है.
  • इस उपचार का इस्तेमाल कई हजारों सालों से चला आ रहा है. कुछ उपचार असुरक्षित है जिनके बारे में अध्ययन जारी है.
  • इस उपचार को लेने से पहले आयुर्वेद डॉक्टर से सलाह लेकर उनके द्वारा बताए गए तरीके से प्रयोग करना चाहिए.

आयुर्वेद क्या है – what is ayurveda in hindi

भारत में प्राचीन काल से इस्तेमाल की जा रही उपचार की विधि जिसमें माना जाता है कि अच्छे स्वास्थ के लिए हमारे शरीर, दिमाग और आत्मा का हेल्दी होना जरूरी है.

इसके अलावा सबसे जरूरी कि यह हर्बल उपाय और हेल्दी लाइफस्टाइल पर आधारित है जिसमें शामिल है –

आयुर्वेद डॉक्टरों का मानना है कि हर किसी व्यक्ति के अंदर अलग-अलग एनर्जी का पैटर्न होता है. इन्हें दोष कहा जाता है जिसमें –

  • वात – जो शरीर के फंक्शन को कंट्रोल करता है.
  • पित्त – जो मेटाबॉलिक फंक्शन कंट्रोल करता है.
  • कफ – जो शरीर की ग्रोथ को नियत्रित करता है.

अगर यह दोष असंतुलित हो जाते है तो आपको तनाव या बीमारी महसूस होने लगती है. जबकि आयुर्वेद का काम इन दोषों के बीच संतुलन बनाए रखना है.

डॉक्टर से बात करना

सोरायसिस का पता लगने के बाद उसकी स्थिति के आधार पर उपचार लिया जाना चाहिए. जिसमें सबसे पहले जरूरी है कि ट्रींटमेंट शुरू करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह ली जाएं. दिमाग और शरीर के कनेक्शन हमें पूर्ण रूप से स्वास्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है.

लाइफस्टाइल बदलाव को मुख्यधारा वाले डॉक्टर भी सही मानते है जिसमें –

  • हेल्दी डाइट लेना
  • योगा करना
  • मेडिटेशन
  • एक्सरसाइज करना शामिल है.

आयुर्वेदिक उपाय का असर एस से दूसरे व्यक्ति पर अलग होता है. सोरायसिस के उपचार में आयुर्वेदिक उपचार को शामिल करके अच्छे नतीजे देखे जा सकते है. 

कोई भी नई दवा या उपचार शुरू करने से पूर्व अपने डॉक्टर को पहले से चल रही दवाएं, सप्लीमेंट या ड्रग के इस्तेमाल के बार में बताना चाहिए. इससे दवाओं के नेगेटिव इफेक्ट से बचा जा सकता है.

अंत में

एलोपैथी इलाज के अपने फायदे और नुकसान दोनों होते है. उसी तरह अगर सोरायसिस के उपचार की बात करें तो इसके एलोपैथी उपचार के कुछ लाभ और साइड इफेक्ट दोनों है.

जिस कारण से बहुत सारे लोग आयुर्वेदिक उपचार की ओर आकर्षित होते है. इससे उन्हें सोरायसिस के लक्षणों को मैनेज करने में मदद मिलती है.

References –

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