इस लेख में आप जानेंगे स्कैल्प सोरायसिस के घरेलू उपाय, कारण, डर्मेटाइटिस और मेडिकल मदद कब लें –

स्कैल्प सोरायसिस के घरेलू उपाय – scalp psoriasis home remedies

सोरायसिस एक आम स्किन कंडीशन है जिसमें स्किन के सरफेस पर स्किन सेल्स तेज़ी से जमा हो जाते है. सेल्स के जमा होने के कारण पपड़ी पड़ना, सिल्वर लाल पैच में खुजली महसूस होना आदि होता है.

कुछ मामलों में यह पैच दर्दनाक और इनमें क्रैक के साथ ब्लीडिंग आदि हो सकती है. अधिकतर यह कंडीशन खोपड़ी, माथे, कान के पीछे और गर्दन को प्रभावित करती है जिसे स्कैल्प सोरायसिस कहा जाता है.

स्कैल्प सोरायसिस एक क्रोनिक कंडीशन है जो आती है और समय के साथ ठीक हो जाती है. जबकि यह तनाव, शराब का सेवन, स्मोकिंग आदि करने के कारण ट्रिगर या खराब हो सकती है.

इसलिए स्कैल्प सोरायसिस का इलाज और अन्य कंडीशन के लक्षणों को देखते रहना जरूरी है. रिसर्च के अनुसार, स्कैल्प सोरायसिस को क्रोनिक इंफ्लामेशन के साथ लिंक किया गया है जिसे अन्य हेल्थ समस्याओं जैसे इंसुलिन संवेदनशीलता, गठिया, मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, हार्ट रोग शामिल है.

अधिकतर डॉक्टरों द्वारा टॉपिकल दवाएं, लाइट थेरेपी और दवाएं जो पूरे शरीर को प्रभावित कर स्कैल्प सोरायसिस का इलाज करती है.

लेकिन यह मेडिकल ट्रीटमेंट को घरेलू उपायों के साथ उपयोग करने पर स्कैल्प सोरायसिस के लक्षणों को कम किया जा सकता है.

हमेशा ध्यान रहे कि घरेलू उपाय लक्षणों से राहत देने में मदद कर सकते है न कि सोरायसिस को पूर्ण रूप से ठीक कर सकते है. अधिकांश घरेलू उपाय सुरक्षित होने के साथ हल्के से लेकर मध्यम स्कैल्प सोरायसिस के लक्षणों को ठीक कर सकते है.

ओमेगा-3 फैटी एसिड

  • इसे अलसी के बीज या फिश ऑयल सप्लीमेंट के रूप में लिया जा सकता है.
  • इसे इंफ्लामेशन को कम करने के रूप में जाना जाता है.
  • स्कैल्प सोरायसिस में इसके प्रभाव साबित नहीं हुए है लेकिन इसे सुरक्षित माना जाता है.

टी ट्री ऑयल

  • इसे इंफ्लामेटरी स्किन कंडीशन का इलाज करने के लिए जाना जाता है.
  • यह एंटीसेप्टिक के रूप में काम करके स्कैल्प सोरायसिस संबंधी इंफ्लामेशन और लालिमा को कम कर सकते है.
  • ध्यान रहें कि कुछ लोगों को टी ट्री ऑयल से एलर्जी या संवेदनशीलता हो सकती है.
  • इसमें मौजूद तत्व कुछ लोगों में हार्मोन बदलाव का कारण बन सकते है.

विटामिन डी

  • सूर्य की रोशनी मिलने से स्कैल्प सोरायसिस के लक्षणों से राहत में मदद मिल सकती है.
  • इसके लिए सुबह सुबह उठकर 10 से 15 मिनट की धूप लेने से लाभ मिल सकता है.
  • अन्य समय पर एसपीएफ 30 वाली सनस्क्रीन लगाकर सूर्य की रोशनी में निकलना चाहिए.

शैम्पू

  • ऐसे काफी सारी ओटीसी शैम्पू है जो स्कैल्प सोरायसिस का इलाज करने में मदद करते है.
  • यह विशेष रूप से इस समस्या को देखते हुए बनाए जाते है.

सेब का सिरका

  • इसे स्कैल्प सोरायसिस से जुड़ी खुजली को कम करने के लिए जाना जाता है.
  • इसे हफ्ते में कुछ बार खोपड़ी पर लगाने से लाभ मिलता है.
  • इसका उपयोग करने के लिए सेब का सिरका और पानी की बराबर मात्रा लें.
  • उपयोग करने के बाद इसे धो लें जिससे इर्रिटेशन से बचा जा सके.
  • स्किन के कटने, फटने या खून निकलने के मामलों में सेब के सिरका का उपयोग न करें.
  • परिणाम दिखने में कुछ हफ्तों का समय लग सकता है.

बेकिंग सोडा

  • खुजली वाले स्कैल्प के लिए बेकिंग सोडा फटाफट और आसान ट्रीटमेंट है.
  • इसके लिए छोटे गिलास में पानी लें और उसमें एक चम्मच बेकिंग सोडा मिला लें.
  • इसके बाद कॉटन पैड या साफ कपड़े से इस मिक्सचर को सिर के प्रभावित हिस्से पर लगाए.
  • बालों के नीचे इंफ्लामेशन और खुजली से राहत पाने के लिए सॉल्यूशन को सिर पर डाल सकते है.

हल्दी

  • यह एक हर्ब है जो एंटी इंफ्लामेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जानी जाती है.
  • स्कैल्प सोरायसिस से ग्रसित लोग रोजाना हल्दी का सेवन कर इसके लक्षणों को कम कर सकते है.
  • इसके अलावा वह भोजन में हल्दी को शामिल कर लाभ भी उठा सकते है.

लहसुन

  • इसके एंटी इंफ्लामेटरी गुण काफी मजबूत होते है.
  • लहसुन के एंटीऑक्सीडेंट गुण स्किन की कंडीशन को बेहतर करने और स्किन इंफेक्शन से बचाव करते है.
  • हालांकि, इसमें गंध होती है लेकिन यह स्कैल्प सोरायसिस के लक्षणों को कम करने में मदद करता है.
  • लहसुन की पीसकर उसे एलोवेरा जैल के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर पेस्ट बनाया जा सकता है.
  • मिक्सचर को प्रभावित एरिया पर 15 से 20 मिनट तक लगाकर रखें.
  • जिसके बाद उसे ठंडे पानी से धो लें, इस ट्रीटमेंट को रोजाना करना भी सुरक्षित रहता है.

एवोकाडो या नारियल तेल

  • एवोकाडो और नारियल में हेल्दी फैट मौजूद होते है जो स्किन की हेल्थ को बूस्ट करते है.
  • इनके कुछ ड्रॉप्स को ठंडा या हल्का गर्म करके खोपड़ी पर मसाज करने से लाभ मिलता है.
  • इसे लगाने के बाद 20 मिनट तक कैप लगाकर रखें और फिर बालों को धो लें.
  • इससे सोरायसिस से संबंधित स्कैलिंग से राहत पाने में मदद मिलेगी.

कैप्साइसिन

  • चिल्ली पेपर को हीट इसमें मौजूद कंपाउंड कैप्साइसिन से मिलती है.
  • जर्मन रिसर्च में पाया गया है कि कैप्साइसिन से दर्द, लालिमा, इंफ्लामेशन और पपड़ी पड़ने के कारण सोरायसिस से राहत मिलती है.
  • जिन प्रोडक्ट में कैप्साइसिन होती है वह स्किन पर डंक जैसे काटना महसूस कर सकते है.
  • इसे खुले घावों पर लगाने से बचें और छूने के बाद आंखों, मुंह, जनानंग आदि अन्य संवेदनशील स्थानों पर लगाने से बचें.

ओटमील बाथ

  • एक कप कच्चे बिना फ्लेवर वाले ओट्स की वार्म बाथ और उसे सिर पर 15 मिनट तक लगाए रखने से स्कैल्प सोरायसिस के लक्षणों को कम किया जा सकता है.
  • खुजली, पपड़ी पड़ना, इंफ्लामेशन में ओट्स विशेष रूप से प्रभावी होते है.

एलोवेरा

  • एलोवेरा को इसके स्किन को ठीक करने वाले गुणों के लिए जाना जाता है.
  • यह स्किन पर खुजली, इंफ्लामेशन, पपड़ी पड़ना और स्कैल्प के लाल होने को कम करता है.
  • यह बाजार में क्रीम के रूप में भी उपलब्ध है जिसे दिन में तीन बार लगाने से स्किन को मॉइस्चराइज रखने में मदद मिलती है.
  • इसका सकारात्मक असर देखने और महसूस करने में एक महीने तक का समय लग सकता है.

स्कैल्प सोरायसिस के कारण क्या है?

  • खोपड़ी और अन्य प्रकार के सोरायसिस का कारण इम्यून सिस्टम का ठीक से कार्य न कर पाना होता है.
  • स्किन सेल्स बहुत तेजी से बढ़ते है उदाहरण के लिए कुछ हफ्तों में बढ़ने वाले सेल्स कुछ दिनों में बढ़ने लगते है.
  • इस नई ग्रोथ को मैच करने के लिए शरीर जरूरी स्किन सेल्स नहीं बना पाता है.
  • जिससे वह स्किन पर जमा होकर सोरायसिस का कारण बनते है.
  • पारिवारिक इतिहास वाले लोग जिनको स्कैल्प सोरायसिस है उनको इस कंडीशन के होने के रिस्क अधिक होते है.

स्कैल्प सोरायसिस के सामान्य कारण

  • इंफेक्शन
  • तनाव
  • स्मोकिंग
  • विटामिन डी की कमी
  • शराब का उपयोग
  • हाई बीपी, एंटीमलेरिया आदि दवाएं.
  • स्किन इंजरी

स्कैल्प सोरायसिस बनाम डर्मेटाइटिस

  • यह दोनों स्किन कंडीशन स्कैल्प को प्रभावित करती है.
  • इन दोनों कंडीशनों के कुछ लक्षण एक जैसे होते है जैसे लालिमा और स्किन पर पपड़ी पड़ना.
  • हालांकि, इनके कारण अलग होते है जो डॉक्टर से बात कर जानने चाहिए.
  • स्कैल्प सोरायसिस के संकेतों में स्किन पर सिल्वर लाल स्कैल्स जो समय के साथ हेयरलाइन से बड़े हो जाते है और इनमें कभी कभी दर्द और खुजली होती है.
  • जबकि डर्मेटाइटिस में, स्किन लाल होना और सफेद पीले स्कैली पैच के साथ डैंड्रफ और खुजली होती है.
  • सोरायसिस का इलाज डर्मेटाइटिस की तुलना में अधिक आक्रामक होते है.

डॉक्टर से कब मिलें

  • स्कैल्प सोरायसिस का अंदेशा होने पर स्किन विशेषज्ञ डॉक्टर के साथ अपॉइंटमेंट लें.
  • डॉक्टर द्वारा स्कैल्प को एक्जाम किया जाएगा जिससे कंडीशन का पता लगाने में मदद मिलेगी.

अंत में

स्कैल्प सोरायसिस एक क्रोनिक कंडीशन है जो इम्यून सिस्टम में समस्या होने के कारण होती है. इस समस्या की अन्य जटिलताओं से बचने के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है. (जानें – सोरायसिस का आयुर्वेदिक इलाज)

जबकि लक्षणों को कम करने और मैनेज करने के लिए घरेलू उपायों की उपयोग किया जा सकता है.

References –

 

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