इस लेख में आप जानेंगे पालके के पोषण मूल्य, प्लांट कंपाउंड, फायदे और नुकसान –

पालक – Spinach

  • हरी पत्तेदार सब्जी पालक के कई लाभ होते है – आंखों के लिए, ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने, कैंसर से बचाव, ब्लड प्रेशर लेवल को कम करना आदि.
  • पालक को आप कई तरीकों से पकाकर या कच्चा भी खा सकते है.
  • इसके अलावा पालक को बहुत सारे पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फ़ूड्स में से एक माना जाता है.

पालक खाने के फायदे क्या है? – what are the health benefits of spinach?

ब्लड प्रेशर

  • पालक में मौजूद हाई नाइट्रेट की मात्रा ब्लड प्रेशर लेवल को सामान्य रखने और हार्ट रोग के रिस्क को कम करने में मदद करती है.
  • एक अध्ययन में पाया गया है कि पालक खाने से ब्लड प्रेशर लेवल को लो करने समेत हार्ट हेल्थ को अच्छा करने में मदद मिलती है.

आंखों की हेल्थ

  • पालक में मौजूद ज़ेक्साथिन और लूटेन की मात्रा अधिक होती है साथ ही यह पालक को रंग भी देते है. (जानें – आंखों के लिए जरूरी विटामिन के बारे में)
  • मानव आंखों में भी यह पिगमेंट अच्छी मात्रा में होते है जो आंखों को सूर्य से होने वाले नुकसान से बचाते है.
  • पालक में मौजूद तत्व अंधेपन का कारण मोतियाबिंद और मैकुलर डिजनरेशन से बचाव करती है.

कैंसर से बचाव

  • पालक में मौजूद तत्व कैंसर की ग्रोथ को धीमा करके कार्य करते है.
  • एक अध्ययन में यह भी पाया गया है कि पालक में मौजूद कंपाउंड ट्यूमर के साइज को कम भी कर देते है.
  • कई अध्ययनों में देखने को मिला है कि पालक के सेवन से प्रोस्टेट कैंसर के रिस्क को कम किया जा सकता है.
  • जबकि पालक के पत्तों का सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर से बचाव किया जा सकता है.
  • पालक में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा भरपूर होती है जिस कारण यह कैंसर से बचाव करने में मदद करती है.

ऑक्सीडेटिव तनाव

  • मेटबॉलिज्म के सात शरीर में मुक्त कण भी रहते है.
  • मुक्त कणों को फ्री रेडिकल्स भी कहा जाता है जो ऑक्सीडेटिव तनाव को ट्रिगर कर सकते है.
  • ऑक्सीडेटिव तनाव के ट्रिगर होने से एजिंग समेत डायबिटीज और कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है.
  • पालक में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते है जो ऑक्सीडेटिव क्षति के कारण होने वाले नुकसान को कम करते है. (जानें – क्या होता है टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज के बीच अंतर)

ज्यादा पालक खाने के संभावित साइड इफेक्ट क्या है? – what are the potential side effects of spinach?

ब्लड क्लॉटिंग

  • पालक विटामिन के1 में हाई होती है जो शरीर के कई फंक्शन के लिए बहुत जरूरी है.
  • लेकिन विटामिन के1 को ब्लड क्लॉटिंग के लिए मुख्य रूप से जाना जाता है.
  • पालक का सेवन करने से ब्लड को पतला करने वाली दवाएं इंटरैक्शन कर सकती है.

किडनी स्टोन

  • किडनी स्टोन का कारण एसिड और मिनरल सॉल्ट का बिल्डअप होता है.
  • इसके सबसे आम प्रकार में कैल्शियम स्टोन का होना शामिल है.
  • पालक कैल्शियम में हाई होती है जिस कारण ज्यादा सेवन करने से लोगों में किडनी स्टोन को रिस्क बढ़ जाता है.

पालक में मौजूद विटामिन और मिनरल – Vitamins and Minerals in Spinach

  • विटामिन ए
  • फॉलिक एसिड
  • विटामिन बी9
  • आयरन
  • विटामिन के1
  • कैल्शियम
  • विटामिन सी
  • पोटेशियम
  • विटामिन ई
  • मैग्नीशियम
  • विटामिन बी6

पालक में मौजूद प्लांट कंपाउंड

  • आंखों के लिए जरूरी लूटेन नाम का कंपाउंड.
  • हार्ट की हेल्थ को अच्छा करने वाला नाइट्रेट.
  • लूटेन की तरह ज़ैक्साथिन भी आंखों को अच्छा करने में मदद करता है.
  • क्रोनिक रोग और कैंसर के रिस्क को कम करने वाला एंटीऑक्सीडेंट कैम्पफेरॉल.
  • इंफेक्शन और इंफ्लामेशन को कम करने वाला एंटीऑक्सीडेंट क्वेरसेटिन.

पालक का पोषण मूल्य – Nutrition facts about Spinach

प्रति 100 ग्राम कच्चे पालक में –

FAQs – Spinach

पालक का जूस कितने दिन तक पीना चाहिए?

  • कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग हफ्ते में 3 से 4 बार पालक के जूस का सेवन कर सकते है.

पालक कैसे खाये?

  • उबाल कर खाने से विटामिन ए की कमी दूर होती है.
  • सब्जी में डाला जा सकता है.
  • पनीर के साथ पालक खाने से प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है.
  • पालक का सूप बनाकर पी सकते है.

ज्यादा पालक खाने से कौन सा रोग होता है?

  • किडनी स्टोन
  • डायरिया
  • पेट फूलना
  • गाउट आदि

क्या पालक की सब्जी खाने से गैस बनती है?

  • ज्यादा सेवन करने से पेट में दर्द या गैस बन सकती है.
  • पालक फाइबर का अच्छा सोर्स होती है जो पाचन के लिए बहुत जरूरी है.

पालक कब खाना चाहिए?

  • सामान्यता लोग पालक की सब्जी या अलग रेसिपी में उपयोग कर इसका लाभ उठाते है.
  • लेकिन पालक का जूस सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है जो इसका पूरा फायदा देता है.

अंत में

पालक पोषक तत्वों से पूर्ण हरी सब्जी है जिसके कई सारे हेल्थ बेनिफिट्स है. साथ ही पालक को डाइट में शामिल करना काफी आसान है. (जानें – मिनरल की कमी के बारे में)

References –

 

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