इस लेख में आप जानेंगे स्टेरॉयड इंजेक्शन क्या होता है, इलाज में उपयोग, प्रक्रिया और साइड इफेक्ट के बारे में –
स्टेरॉयड इंजेक्शन क्या होते है? – what is steroid injection?
- ऑटोइम्यून डिसऑर्डर जैसे रूमेटाइड अर्थराइटिस और टेंडोनाइटिस जैसी जोड़ों की कंडीशन का होना आम नहीं है.
- हालांकि, इन दोनों प्रकार की कंडीशन में एक बात सामान्य है – इनका इलाज स्टेरॉयड इंजेक्शन द्वारा होता है.
- ऑटोइम्यून रोग और कुछ विशेष जोड़ों और मांसपेशियों की कंडीशनों के कारण इंफ्लामेशन होती है जिसको कम करने में स्टेरॉयड मदद करते है.
- वैसे को स्टेरॉयड कई सारे तरीकों में उपलब्ध है, लेकिन इंजेक्शन को बेस्ट ट्रीटमेंट कोर्स माना जाता है.
स्टेरॉयड क्या होते है?
- इन इंजेक्शन में मौजूद स्टेरॉयड को कोर्टिकोस्टेरॉयड कहा जाता है.
- यह मांसपेशी बनाने वाले एनाबॉलिक स्टेरॉयड से अलग होते है.
- कोर्टिकोस्टेरॉयड मानव द्वारा बनाए गए कोर्टिसोल के संस्करण है.
- कोर्टिसोल एक नैचुरल हार्मोन होता है जो किडनी के ऊपर बैठता है और एड्रेनल ग्लैंड द्वारा बनता है.
- यह हार्मोन शरीर में किसी चोट या रोग के कारण होने वाले तनाव को कम करता है.
- साथ ही इम्यून सिस्टम की एक्टिविटी को कम करता है जो इंफ्लामेशन में आराम देता है.
- स्टेरॉयड इंजेक्शन आपके नैचुरल हार्मोन को बढ़ाने में मदद करता है.
स्टेरॉयड इंजेक्शन का उपयोग क्या होता है? – what are steroid injections used for?
स्टेरॉयड इंजेक्शन का उपयोग कई प्रकार के रोगों, कंडीशन और इंजरी में किया जाता है. इनका उपयोग कई प्रकार के इम्यून संबंधी रोग जैसे –
- ल्यूपस
- एलर्जी
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस
- इंफ्लामेटरी बाउल रोग
- रूमेटाइड अर्थेराइटिस
इनका उपयोग जोड़ों और मांसपेशियों की कंडीशन जैसे –
- गाउट
- ऑस्टियोआर्थराइटिस
- टेंडनाइटिस
- जोड़ों का दर्द
- बर्साइटिस
- प्लांटर फासिया
- साइटिका
स्टेरॉयड इंजेक्शन लेने पर क्या उम्मीद रखें और प्रक्रिया क्या है? – what to expect after taking Steroid Injection
- इंजेक्शन लेने से पहले आपको कुछ विशेष दवाओं के उपयोग को बंद करना होगा.
- साथ ही आपको द्वारा सेवन की जाने वाली दवाओं के बारे में डॉक्टर को सूचित करना चाहिए.
- बिना डॉक्टर की सलाह के दवाओं में कोई भी बदलाव आदि न करें.
- स्टेरॉयड इंजेक्शन आपको अस्पताल या डॉक्टर के ऑफिस में लेना चाहिए.
- जहां पर आपकी अनुमति के बाद ही आपको इंजेक्शन दिया जाता है.
- इंजेक्शन देने के लिए डॉक्टर द्वारा अल्ट्रासाउंड भी किया जा सकता है जिससे वह पता लगा सके कि इंजेक्शन कहा देना है.
- एक बार सही जगह का पता लगने पर, स्टेरॉयड और सुन्न करने वाली दवाओं को मिलाकर इजेक्ट किया जाता है.
- इंजेक्शन लगने पर असहजता हो सकती है लेकिन सुन्न करने वाली दवा तुरंत प्रभावशीलता दिखाती है.
- यह इंजेक्शन जोड़ों, मांसपेशी या टेंडन, स्पाइन, जोड़ों और टेंडन के बीच की फ्लूइड से भरी थैली में दिया जाता है.
- इंजेक्शन लगाए गए स्थान को आपको अगले 24 घंटों तक सूखा और साफ रखना होता है.
- जिपर आपको बाद के कुछ दिनों तक सूजन दिख सकती है.
- इसके लिए आप ठंडी सिकाई कर सकते है जिसके लिए 10 मिनट तक एक समय पर सिकाई करें.
- इसके अलावा इंजेक्शन साइट पर 24 घंटे बाद ही हीट देनी चाहिए.
- स्टेरॉयड को नसों के जरिए भी दिया जा सकता है जिसे ऑटोइम्यून फ्लेयर कहा जाता है.
यह कितनी तेज़ी से काम करता है?
- अधिकांश स्टेरॉयड इंजेक्शन को असर दिखाने में कुछ दिन लग सकते है.
- कुछ मामलों में यह थोड़ा जल्दी शुरू होकर कुछ घंटों में असर दिखा सकता है.
इसका असर कब तक रहता है?
- स्टेरॉयड के शॉट का असर एक या दो महीने तक रहता है.
- हालांकि यह लंबे समय तक बने रहने, विशेष रूप से अन्य ट्रीटमेंट और शारीरिक थेरेपी के साथ बने रह सकते है.
- एक साल में स्टेरॉयड इंजेक्शन को तीन से चार बार सीमित करना चाहिए.
- इसके अलावा तीव्र जोड़ों के दर्द आदि कंडीशन में इंजेक्शन लंबे समय तक काम कर सकता है.
- ज्यादा इंजेक्शन लगवाने से इंजेक्शन साइट के आसपास की स्किन और हड्डी कमजोर हो सकती है.
क्या स्टेरॉयड इंजेक्शन के कोई साइड इफेक्ट होते है?
स्टेरॉयड इंजेक्शन के संभावित साइड इफेक्ट में –
- इंजेक्शन साइट के आसपास स्किन छिलना
- अनिद्रा
- भूख बढ़ना
- फैट लॉस के कारण इंजेक्शन साइट के आस पास डिंपल
- डायबिटीज के मामलों में कुछ दिनों तक हाई ब्लड शुगर रहना
- इंजेक्शन साइट के आसपास दर्द रहना जो हल्के से लेकर तीव्र हो सकता है
- कुछ दिनों तक हाई ब्लड प्रेशर रहना खासकर इसकी समस्या होने
- इंफेक्शन जो गंभीर हो सकता है
- इंजेक्शन साइट पर स्किन पीली या पतली होना
रेयर मामलों में स्पाइन में इंजेक्शन के कारण खराब सिरदर्द हो सकता है जिसमें सिर्फ लेटने पर राहत मिलती है. जबकि निम्न कंडीशन में तुरंत डॉक्टर से सलाह जरूर लें –
- प्रेगनेंट या स्तनपान
- खून पतला करने वाली दवा लेने
- इंफेक्शन
- स्टेरॉयड से एलर्जी
- पिछले कुछ महीनों के दौरान स्टेरॉयड इंजेक्शन लेने
- डायबिटीज
- हाई बीपी
- लिवर, किडनी या हार्ट समस्या
- हाल ही कोई वैक्सीनेशन लेने
अंत में
कई सारे ऑटोइम्यून और जोड़ों की कंडीशन के लिए स्टेरॉयड इंजेक्शन जरूरी होता है. इसे जोड़ों आदि में इंजेक्ट करके या ऑटोफ्लेयर किया जा सकता है.
जबकि अन्य उपचारों के साथ जैसे फिजिकल थेरेपी के साथ लेने पर कई महीनों तक लक्षणों से राहत मिल सकती है. वहीं साल में 3 से 4 स्टेरॉयड इंजेक्शन से ज्यादा नहीं लेने चाहिए.
स्टेरॉयड इंजेक्शन के बाद कोई समस्या विकसित होने पर डॉक्टर से फॉलो-अप लेना चाहिए.
References –
- https://my.clevelandclinic.org/health/treatments/4934-steroid-injections#procedure-details
- https://www.nhs.uk/conditions/steroid-injections/
- https://www.arthritis.org/drug-guide/corticosteroids/corticosteroids
- https://www.mayoclinic.org/steroids/art-20045692
- https://www.health.harvard.edu/pain/back-pain-what-you-can-expect-from-steroid-injections