इस लेख में आप जानेंगे स्वाइन फ्लू क्या है, कारण, रिस्क फैक्टर, लक्षण, निदान, ट्रीटमेंट, घरेलू उपाय और बचाव –

स्वाइन फ्लू क्या होता है? – What is swine flu in hindi?

  • स्वाइन फ्लू को H1N1 वायरस भी कहा जाता है.
  • यह इंफ्लूएंजा वायरस का नया रूप है जो सामान्य फ्लू जैसे लक्षणों के साथ आता है.
  • इसकी शुरूआत सुअरों से हुई और बाद में यह एक से दूसरे इंसान में फैल गया.
  • साल 2009 में सबसे पहले यह देखने को मिला था जहां इसे महामारी घोषित किया गया था.
  • माहमारी उन रोगों को माना जाता है जो एक ही समय पर पूरे विश्व के लोगों को प्रभावित कर रही हो.
  • जबकि साल 2010 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने घोषणा कर इस महामारी का अंत घोषित किया.
  • तभी से  H1N1 वायरस इंसानों में एक रेगुलर फ्लू वायरस बन गया है. (जानें – कोराना वायरस के बारे में)
  • अन्य फ्लू के जैसे ही यह मौसम के अनुसार फैलता है.
  • दूसरे फ्लू के प्रारूप के अनुसार ही यह फ्लू भी जानलेवा है जो एक से दूसरे व्यक्ति में तेज़ी से फैलता है.
  • सार्वजनिक स्थानों पर छींकने मात्र से यह फैल सकता है.
  • इसे रोकने का सबसे बेहतर तरीका है कि इससे बचा जाएं.
  • जिसमें नियमित अंतराल पर हाथों को धोते रहें.
  • साथ ही संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें.

स्वाइन फ्लू के कारण क्या होते है? – What are the causes of swine flu in hindi?

  • स्वाइन फ्लू इन्फ्लूएंजा वायरस के एक तनाव के कारण होता है जो आमतौर पर केवल सूअरों को संक्रमित करता है.
  • इसका संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है न कि जानवरों से इंसान में.
  • आपको स्वाइन फ्लू ठीक से न पके हुए पॉर्क प्रोडक्ट खाने से हो सकता है.
  • यह लार और म्यूकस पार्टिकलों से फैल सकता है.
  • जैसे छींकना, खांसना, संक्रमित वस्तु आदि को छूने के बाद आंख या नाक को छूना.

स्वाइन फ्लू से जुड़े रिस्क फैक्टर क्या है? – What are the risk factors of swine flu in hindi?

  • जब इसकी शुरूआत हुई तो यह 5 साल या उससे अधिक आयु वाले युवाओं में आम था.
  • लेकिन आज के समय में इसकी जटिलताएं अन्य फ्लू के जैसे ही है.
  • अधिक संक्रमित लोगों के बीच ज्यादा समय बिताने से आपको इफेक्टिड होने का रिस्क रहता है.
  • कुछ लोगों को निम्न कंडीशन में स्वाइन फ्लू जानलेवा हो सकता है.
  • जैसे 5 साल से कम आयु के बच्चे, 65 से अधिक आयु वाले लोग, कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग, गर्भवती महिलाएं, अस्थमा, हार्ट रोग, डायबिटीज मैलिटस आदि क्रोनिक रोग वाले मरीज़.

स्वाइन फ्लू के लक्षण क्या है? – What are the symptoms of Swine flu in hindi?

  • बुखार
  • ठंड लगना
  • खांसी
  • शरीर में दर्द
  • डायरिया
  • थकान
  • नाक बहना
  • उल्टी
  • मतली
  • गले में खराश

स्वाइन फ्लू का निदान कैसे होता है? – How to diagnose swine flu in hindi?

  • आपका डॉक्टर आपके शरीर से तरल पदार्थ का नमूना लेकर निदान कर सकता है.
  • नमूना लेने के लिए, आपका डॉक्टर या नर्स आपकी नाक या गले स्वैब कर सकते हैं.
  • जिस कई तरीकों और जेनेटिक्स रूप से वायरस की पहचान करने के लिए उपयोग किया जाता है.

स्वाइन फ्लू का इलाज क्या है? – What is the treatment of Swine flu in hindi?

  • स्वाइन फ्लू के अधिकांश मामलों में उपचार के लिए दवा की आवश्यकता नहीं होती है.
  • जब तक आप फ्लू से चिकित्सा जटिलताओं को विकसित करने का जोखिम नहीं उठाते, तब तक आपको डॉक्टर देखने की आवश्यकता नहीं है.
  • आपको अपने लक्षणों को दूर करने और अन्य लोगों को H1N1 के प्रसार को रोकने पर ध्यान देना चाहिए.
  • डॉक्टर से सलाह अनुसार दवा ली जानी चाहिए.
  • जो लोग आमतौर पर स्वस्थ होते हैं और स्वाइन फ्लू होते हैं, वे अपने दम पर संक्रमण से लड़ने में सक्षम होंगे.

स्वाइन फ्लू के लक्षणों से राहत पाने के घरेलू उपाय क्या है? – Home remedies to get relief from swine flu symptoms

  • ठीक से आराम करें इससे इम्यून सिस्टम को इंफेक्शन से लड़ने में मदद मिलेगी.
  • पानी की कमी से बचने के लिए खूब सारा पानी पीना चाहिए.
  • सूप और जूस आदि पीने से शरीर खोए हुए पोषण को फिर से प्राप्त कर सकता है.
  • सिरदर्द या गले में खराश के लिए ओटीसी दर्द निवारक दवाएं ली जानी चाहिए.

स्वाइन फ्लू से बचाव कैसे किया जाता है? – Swine flu prevention

  • नियमित रूप से सैनिटाइज़र के साथ अपने हाथों को धोते रहें.
  • किसी भी सार्वजनिक स्थान पर वस्तु को छूने के बाद अपने आंख, नाक, मुंह को न छूएं.
  • बिमार होने पर घर में रहें.
  • फ्लू के मौसम में भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें. 

अंत में

स्वाइन फ्लू के कई मामलों जानलेवा हो सकते है. किसी दूसरे रोग जैसे एचआईवी या एड्स होने पर जान की हानि का खतरा रहता है. इससे पीड़ित अधिकतर लोग रिकवर करने के बाद सामान्य जीवन जी सकते है.

References –

 

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