इस लेख में आप जानेंगे टाइप 3 डायबिटीज क्या होता है, इसके लक्षण, कारण, रिस्क फैक्टर, निदान, उपचार और बचाव –

टाइप 3 डायबिटीज क्या होता है? – What is type 3 diabetes in hindi?

डायबिटीज मेलिटस एक ऐसी कंडीशन होती है जिसमें हमारा शरीर शुगर को एनर्जी में बदल नही पाता है. आमतौर पर हम लोग 3 प्रकार की डायबिटीज के बारे में सोचते है जिसमें –

  • टाइप 1 डायबिटीज – यह एक क्रोनिक हेल्थ कंडीशन होती है जिसमें पैंक्रियास का एंडोक्रिन पार्ट हार्मोन इंसुलिन का विकास नही कर पाता है जिससे शरीर में ब्लड ग्लूकोज लेवल हाई हो जाते है.
  • टाइप 2 डायबिटीज – इस कंडीशन के दौरान शरीर इंसुलिन के प्रति संवेदनशील नही रहता है और ब्लड ग्लूकोज लेवल हाई हो जाते है.
  • गेस्टेशनल डायबिटीज – यह गर्भावस्था के दौरान होती है और इसमें ब्लड शुगर लेवल बहुत ज्यादा हाई रहता है.

कुछ रिसर्च अध्ययनों के अनुसार अल्ज़ाइमर रोग को टाइप 3 डायबिटीज के रूप में जानना जाना चाहिए.

अल्ज़ाइमर रोग को डिमेंशिया के मुख्य कारण के रूप में जाना जाता है जो एक प्रकार की इंसुलिन असंवेदनशीलता के कारण ट्रिगर हो जाता है जिससे दिमाग में डिस्फंक्शन हो जाता है.

इस कंडीशन को कुछ टाइप 2 डायबिटीज वाले रोगियों में भी देखा जाता है. टाइप 3 डायबिटीज को लेकर अभी चर्चाएं जारी है और मेडिकल विशेषज्ञों द्वारा इसपर चर्चाएं जारी है.

टाइप 3 डायबिटीज को टाइप 3सी डायबिटीज मेलिटस के साथ भ्रमित नही करना चाहिए. 

हमारी पैंक्रियाज में एंडोक्रिन और एक्सोक्रिन दो ग्लैंड होते है जिनके अपने फंक्शन होते है. जबकि इंसुलिन एक हार्मोन है जो पैंक्रियाज में बनती और शरीर के दूसरे हिस्सों में जाती है.

डायबिटीज और अल्जाइमर रोग के बीच लिंक

  • अल्जाइमर रोग और टाइप 2 डायबिटीज के बीच लिंक होता है. ऐसा कहा जाता है कि इंसुलिन असंवेदनशीलता के कारण अल्जाइमर पीड़ित के दिमाग में ट्रिगर होता है.
  • कुछ लोगों के अनुसार अल्जाइमर को दिमाग की डायबिटीज भी कहा जाता है.
  • लंबे समय तक डायबिटीज का इलाज न होने पर दिमाग समेत पूरे शरीर की ब्लड वेसल्स को नुकसान होता है.
  • इसलिए जिन लोगों का टाइप 2 डायबिटीज का समय से इलाज नही होता है उन्हें इस नुकसान के होने का रिस्क ज्यादा रहता है.
  • डायबिटीज के कारण दिमाग में केमिकल असंतुलन हो जाता है जिससे अल्जाइमर ट्रिगर हो सकता है.
  • हाई ब्लड शुगर के कारण इंफ्लामेशन होती है जिससे ब्रेन सेल्स के नुकसान का रिस्क रहता है.
  • इस कारण डायबिटीज को वैस्कुलर डिमेंशिया का रिस्क फैक्टर माना जाता है.
  • वैस्कुलर डिमेंशिया एक रोग होता है जिसके अपने लक्षण होते है या समय के साथ यह अल्जाइमर रोग के साथ आ सकता है.

टाइप 3 डायबिटीज के कारण और रिस्क फैक्टर क्या है? – What are the causes and risk factors of type 3 diabetes in hindi?

  • एक अध्ययन के अनुसार टाइप 2 डायबिटीज से ग्रिसत 60 फीसदी से अधिक लोगों को अल्जाइमर रोग या अन्य प्रकार के डिमेंशिया का रिस्क रहता है.
  • इसी अध्ययन में यह भी देखा गया कि टाइप 2 डायबिटीज वाली महिलाओं में वैस्कुलर डिमेंशिया विकसित होने का रिस्क अधिक रहता है.

रिस्क फैक्टर –

  • डायबिटीज की फैमिली हिस्ट्री
  • डिप्रेशन
  • पीसीओएस
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • मोटापा

टाइप 3 मधुमेह के लक्षण क्या होते है?– What are the symptoms of type 3 diabetes in hindi?

टाइप 3 डायबिटीज के लक्षणों को डिमेंशिया के लक्षणों के रूप में बताया जाता है जो अल्जाइमर रोग की शुरूआत में दिखते है. जो इस प्रकार है –

टाइप 3 डायबिटीज का निदान कैसे किया जाता है? – How to diagnose type 3 diabetes in hindi?

  • न्यूरोलॉजिकल परिक्षण
  • मेडिकल हिस्ट्री
  • न्यूरोसाइकोलॉजिकल टेस्टिंग
  • इसके अलावा डॉक्टर आपसे कई सवाल, फैमिली हिस्ट्री और लक्षण पूछ सकते है.
  • सिर का एमआरआई, सीटी स्कैन से दिमाग के फंक्शन की जांच की जाती है.

टाइप 3 डायबिटीज का इलाज क्या होता है? – What is the treatment of type 3 diabetes in hindi?

लोगों को निम्न कंडीशन के आधार पर उपचार दिया जाता है – 

  • प्री टाइप 2 डायबिटीज
  • टाइप 2 डायबिटीज
  • अल्जाइमर

इसके अलावा लाइफ़स्टाइल बदलाव जैसे मधुमेह रोगियों के लिए डाइट में बदलाव के साथ साथ रोजाना एक्सरसाइज करना उपचार का बहुत बड़ा हिस्सा है.

मोटापा के कारण शरीर में किसी अंग के नुकसान के साथ साथ हाई ब्लड शुगर का रिस्क अधिक रहता है.

लो फैट डाइट और फल, सब्जियाँ ज्यादा खाने से लक्षणों को बेहतर किया जा सकता है. 

साथ ही स्मोकिंग और शराब पीने से बचना चाहिए. डॉक्टर से मिलकर सलाह अनुसार उचित उपचार लिया जाना चाहिए. 

टाइप 3 डायबिटीज से बचाव कैसे किया जाता है? – How to prevent type 3 diabetes in hindi?

टाइप 2 डायबिटीज होने पर, टाइप 3 डायबिटीज के विकसित होने के रिस्क को कम किया जा सकता है. जिसके लिए निम्न चीज़े की जा सकती है –

  • हफ्ते में कम से कम 4 दिन 30 मिनट एक्सरसाइज करना.
  • हाई प्रोटीन, हाई फाइबर, लो सैचुरेटिड फैट और हेल्दी फ़ूड्स खाएं.
  • ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच
  • कोलेस्ट्रोल लेवल की जांच
  • हेल्दी वजन बनाए रखना
  • डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं लें

अंत में

दिमाग के अंदर होने वाली इंसुलिन असंवेदनशीलता के कारण अल्जाइमर को टाइप 3 डायबिटीज कहा जा सकता है. कई अन्य फैक्टर जिसमें डायबिटीज उपचार और डिमेंशिया की गंभीरता के आधार पर उपचार दिया जाता है.

डायबिटीज को डाइट, एक्सरसाइज और दवाओं से इलाज करने पर अल्जाइमर या वैस्कुलर डिमेंशिया के बढ़ने को धीमा किया जा सकता है.

लेकिन समस्या का जल्दी से जल्दी पता लगाने के बाद उपचार किया जाना चाहिए. जिससे रोग को बढ़ने से रोका जा सके.

FAQS – टाइप 3 मधुमेह – Type 3 diabetes in hindi

शुगर कितने टाइप का होता है?

  • टाइप 1 मधुमेह
  • टाइप 2 मधुमेह
  • टाइप 3 मधुमेह
  • गेस्टेशनल मधुमेह
  • प्रीडायबिटीज
  • डायबिटीज मैलिट्स

मधुमेह रोग से कौन सा अंग प्रभावित होता है?

  • किडनी
  • आंख
  • हार्ट
  • स्किन
  • रक्त वाहिका धमनियां

डायबिटीज में परहेज क्या है?

  • तले हुआ, मीठा भोजन या ड्रिंक्स, मैदा से बनी खाद्य, आदि से बचना चाहिए.
  • भोजन का सेवन करने से पहले उसका ग्लाइसेमिक इंडैक्स जांचे और लो ग्लासेमिक इंडैक्स वाले फूड्स का सेवन करें.
  • साबुत अनाज को डाइट में शामिल करें इससे लाभ मिलता है.

शुगर होने की क्या पहचान है?

शुगर का लेवल लंबे समय तक बढ़े रहने पर निम्न लक्षण देखने को मिलते है –

  • बार बार प्यास लगना
  • भूख लगते रहना
  • थकान महसूस होना
  • शरीर में पानी की कमी
  • घावों का जल्दी से न भरना
  • इंफेक्शन बार बार होना
  • कमजोर इम्यून सिस्टम, आदि

References –

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