हम जब भी डायबिटीज की बात करते है तो हमारे दिमाग में टाइप 1 या टाइप 2 का विचार आता है. लेकिन मधुमेह के प्रकार इससे भी अधिक होते है. जानें क्या होती है टाइप 4 डायबिटीज? इसके लक्षण, कारण, प्रकार इलाज और बचाव कैसे किया जा सकता है?

टाइप 4 डायबिटीज क्या होती है? – What is Type 4 Diabetes in hindi?

  • अधिक आयु वाले लोगों (जिनको मोटापा या अधिक वजन की समस्या नहीं है) में इंसुलिन प्रतिरोध के कारण होने वाली डायबिटीज के लिए टाइप 4 का उपयोग प्रस्तावित है.
  • टाइप 4 डायबिटीज कोई ऑटोइम्यून कंडीशन नहीं होती है.
  • लेकिन मधुमेह का यह टाइप 4 प्रकार एजिंग प्रक्रिया से लिंक होता है.
  • जैसे की टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज को मोटापा या ज्यादा वजन होने से जोड़ कर देखा जाता है.
  • टाइप 4 डायबिटीज रोगी को मोटापा या अधिक वजन की समस्या नहीं होती, लेकिन आयु अधिक होती है. 
  • हालांकि, अभी टाइप 4 मधुमेह के बारे में शोध जारी है लेकिन वैज्ञानिकों द्वारा कुछ कनेक्शन खोजे गए है.

टाइप 4 डायबिटीज के लक्षण क्या होते है? – What are the symptoms of Type 4 diabetes in hindi?

लक्षणों के सबसे आम प्रकारों में –

  • थकान
  • प्यास लगना
  • घाव जिनको भरने में समय लगता है
  • भूख बहुत ज्यादा लगना
  • बार बार पेशाब जाना
  • बिना कारण वजन कम होना
  • धुंधली  दृष्टि

(डायबिटीज से बचाव कैसे करें – जाननें के लिए क्लिक करें)

टाइप 4 डायबिटीज के कारण क्या है? – What are the causes of type 4 diabetes in hindi?

  • वैज्ञानिकों ने हाल फिलहाल में इसपर शोध करना शुरू किया है.
  • टाइप 4 मधुमेह के कारण को पता करने के लिए अध्ययन अभी जारी है.
  • वर्ष 2015 में चूहे पर हुए अध्ययन में टाइप 4 डायबिटीज संबंधी कई लिंक देखने को मिले जो इम्यून सिस्टम को प्रभावित करते है.
  • अध्ययनकर्ताओं ने माना कि यह लिंक एजिंग प्रक्रिया से जड़ा है.
  • हालांकि, इस पर अभी अधिक मानव शोध करने की अवश्यकता है.

मधुमेह के प्रकार

सामान्य रूप से मधुमेह को टाइप 1, टाइप 2 और गेस्टेशनल डायबिटीज कुछ मामलों के रूप में अधिकांश लोगों द्वारा जाना जाता है.

  • टाइप 1 डायबिटीज – यह अधिकतर बच्चों या किशोरावस्था में देखने को मिलती है. जिसमें इम्यून सिस्टम पैंक्रियाज़ से निकलने वाले इंसुलिन सेल्स को अटैक करना शुरू कर देते है.
  • टाइप 2 डायबिटीज – यह दो समस्याओं के कारण होती है – एक शरीर द्वारा इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया नहीं होती है – दूसरा समय के साथ पैंक्रियाज इंसुलिन बनाना बंद कर देता है.
  • गेस्टेशनल डायबिटीज – यह गर्भवस्ता के दौरान हार्मोन बदलाव के चलते देखने को मिलती है जो शिशु को जन्म देने के बाद स्वत: ठीक हो जाती है.

अन्य कारणों के चलते होने वाली विशेष मधुमेह –

  • टाइप 3सी डायबिटीज – सिस्टिक फिब्रोसिस और पैंक्रियाटिक कैंसर के कारण यह प्रकार हो सकता है.
  • MODY – मधुमेह का यह प्रकार 25 वर्ष की आयु पास तक जेनेटिक्स बदलाव के कारण विकसित हो जाता है. 
  • नियोनेटल डायबिटीज – शिशु के जन्म लेने के 6 महीने के भीतर इसका निदान हो जाता है. ऐसे बच्चे जेनेटिक्स बदलाव के साथ जन्म लेते है जो उनकी इंसुलिन विकसित करने की क्षमता को प्रभावित करती है. यह टाइप 1 डायबिटीज से अलग होती है और इसे ऑटोइम्यून कंडीशन नहीं माना जाता है.
  • अन्य कंडीशन – इस प्रकार की डायबिटीज का कारण अन्य कंडीशन होती है जैसे – पैंक्रिएटिक कैंसर, सिस्टिक फिब्रोसिस, आदि के कारण इंसुलिन विकसित होने की क्षमता प्रभावित होती है.
  • स्टेरॉयड-इंडयूस्ड डायबिटीज – हार्मोन को प्रभावित करने वाले स्टेरॉयड लेने के कारण मधुमेह का यह प्रकार हो सकता है.
  • मोनोजेनिक डायबिटीज – इसमें MODY और नियोनेटल शामिल होते है.

हाल फिलहाल में डायबिटीज के नए प्रकार पर चर्चाएं होने लगी है –

  • टाइप 3 डायबिटीज – जब दिमाग में मौजूद न्यूरॉन तक जरूरी मात्रा में इंसुलिन नहीं पहुंत पाती है या इंसुलिन प्रतिरोध के कारण अल्जाइमर रोग या एक प्रकार का डिमेंशिया देखने को मिलता है.
  • टाइप 4 डायबिटीज – यह अधिक आयु वाले लोग जिन्हें मोटापा या अधिक वजन नहीं है उनमें इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बनती है.

टाइप 4 डायबिटीज का इलाज क्या है? – What is the treatment of Type 4 diabetes in hindi?

  • आधिकारिक रूप से टाइप 4 डायबिटीज को माना नहीं गया है.
  • इस कंडीशन से संबंधित बहुत सारी चीज़ों पर अध्ययन जारी है जिसमें इलाज शामिल है.
  • काफी सारे शोधकर्ताओं का मानना है कि वह इस कंडीशन से संबंधित एंटीबॉडी दवाओं को जल्द खोज लेंगे.
  • जब तक टाइप 4 के लिए दवा विकसित नहीं होती है तब तक टाइप 2 डायबिटीज वाली दवाओं को इसके लिए प्रीस्क्राइब किया जाता रहेगा.
  • इसके अलावा टाइप 2 मधुमेह रोगियों को वजन कम करने की सलाह दी जाती है जबकि टाइप 4 मधुमेह में ऐसा नहीं होता है.

टाइप 4 डायबिटीज से बचाव कैसे किया जाता है? – Type 4 diabetes prevention in hindi?

  • हाल फिलहाल के अध्ययनों में टाइप 4 मधुमेह को एजिंग प्रक्रिया से लिंक देखा गया है.
  • इस पर अभी अधिक मानव अध्ययन की जरूरत है.

अंत में

आपने हो सकता है कि पहले टाइप 1, टाइप 2 या टाइप 3 डायबिटीज के बारे में भी सुना या पढ़ा हो, लेकिन आजकल टाइप 4 डायबिटीज भी काफी प्रचलन में है.

हालांकि, शोधकर्ताओं द्वारा इसे कोई आधिकारिक नाम नहीं मिला है परंतु रिसर्चरों ने इसे टाइप 4 नाम से बुलाना शुरू कर दिया है.

References –

 

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