इस लेख में आप जानेंगे विटामिन डी2 और विटामिन डी3 के बीच अंतर के बारे में –

विटामिन डी2 और डी3 के बीच क्या अंतर होता है – what is the difference between vitamin d2 vs d3

  • विटामिन डी सिर्फ एक विटामिन से कहीं अधिक होता है. (जानें – इम्यूनिटी को बूस्ट कैसे करें)
  • यह पोषक तत्वों का एक परिवार है जिसके केमिकल संरचना में बहुत सारी समानताएं देखने को मिलती है.
  • डाइट में सबसे अधिक पाए जाने वाले पोषक तत्वों में विटामिन डी2 और विटामिन डी3 होते है.
  • यह दोनों प्रकार आपकी विटामिन डी की जरूरत को पूरा करते है लेकिन दोनों में कुछ मुख्य अंतर होते है.
  • रिसर्च के अनुसार, खून में विटामिन डी के लेवल बढ़ाने में विटामिन डी3 की तुलना में विटामिन डी2 थोड़ा कम प्रभावशाली होता है.

विटामिन डी क्या होता है?

  • विटामिन डी एक फैट सॉल्युबल है जो कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाने, हड्डियों की ग्रोथ को रेगुलेट करने और इम्यून फंक्शन में भूमिका निभाता है.
  • सूर्य की रोशनी लेने से आपकी स्किन विटामिन डी बनाने लगती है.
  • अगर आप कहीं पहाड़ों पर जहां धूप नहीं होती है या बाहर सूर्य की रोशनी में नहीं निकलते है तो आपको विटामिन डी अपनी डाइट से लेने की जरूरत होती है.
  • विटामिन डी के डाइटरी सोर्स में बटर, फैटी फिश, अंडे का यॉल्क आदि है.
  • सिर्फ डाइट से इस विटामिन की सही मात्रा प्राप्त करना काफी कठिन है.
  • काफी सारे फूड बनाने वाली कंपनी अपने दूध, ब्रेकफास्ट सीरियल आदि में इस सप्लीमेंट को जोड़कर बनाते है.
  • विटामिन डी की कमी से बचने के लिए आप इसकी अच्छी मात्रा वाले फ़ूड्स या सप्लीमेंट का नियमित सेवन कर सकते है.
  • विटामिन डी के दो प्रकार होते है – विटामिन डी2 और विटामिन डी3.
  • इन दोनों का अंतर इनके फ़ूड सोर्स पर निर्भर करता है.

विटामिन डी2

  • यह प्लांट और फोर्टिफाइड फ़ूड्स से प्राप्त किया जाता है.
  • विटामिन डी2 के सोर्स में सूर्य की रोशनी में बड़े होने वाले मशरूम, डाइटरी सप्लीमेंट और फोर्टिफाइड फ़ूड्स शामिल है.

डी2 सप्लीमेंट कम गुणवत्ता वाले हो सकते है

  • डी3 की तुलना में डी2 सप्लीमेंट थोड़ी कम गुणवत्ता वाले हो सकते है.
  • अध्ययनों में देखने को मिला है कि विटामिन डी2 उमस और तापमान कम ज्यादा होने के प्रति अधिक संवेदनशील होते है.
  • इसी कारण समय के साथ विटामिन डी2 सप्लीमेंट की प्रभावशीलता कम हो सकती है.
  • हालांकि, मानव हेल्थ पर इसकी जरूरत पर कोई अध्ययन उपलब्ध नहीं है.
  • अपने सप्लीमेंट को किसी बंद कंटेनर, कमरे के तापमान और सूखी जगह पर सूर्य की रोशनी से दूर रखें.

विटामिन डी3

  • यह जानवर आधारित फ़ूड सोर्स से प्राप्त होता है.
  • विटामिन डी3 के सोर्स में ऑयली फिश, बटर, डाइटरी सप्लीमेंट, अंडे का यॉल्क आदि शामिल है.

स्किन में बनता है

  • यह स्किन में बनता है उदाहरण के लिए जब आप सूर्य की रोशनी में निकलते है तो आपकी स्किन विटामिन डी3 बनाती है.
  • सूर्य की रोशनी से यूवीबी रेडिएशन ट्रिगर होकर स्किन में विटामिन डी3 को बनाती है.
  • ऐसी ही प्रक्रिया प्लांट और मशरूम में काम करती है जिससे प्लांट में विटामिन डी2 बनता है.
  • अगर आप नियमित रूप से बाहर हल्के या बिना सनस्क्रीन के समय गुजारते है तो आपको जरूरत का सारा विटामिन डी प्राप्त हो जाता है.
  • ध्यान रहें कि सूर्य की रोशनी में समय बिताना का समय भूमध्य रेखा से दूर देशों में अलग रहेगा.
  • अगर आपकी स्किन टोन लाइट कलर की है तो आपको सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए.
  • ऐसे लोगों को सनबर्न के कारण स्किन कैंसर का रिस्क रहता है.
  • आप अगर ऐसे देश में रहते है जहां सर्दियों के मौसम में सूर्य की रोशनी कम रहती है उनको विटामिन डी रिच फ़ूड्स का सेवन करना चाहिए.

विटामिन डी की मात्रा को अच्छा करने

  • विटामिन डी के लेवल बढ़ाने के बात आती है तो विटामिन डी2 और डी3 एक जैसे नहीं है.
  • दोनों प्रकार प्रभावशाली तरीके से ब्लडस्ट्रीम में अवशोषित होते है. हालांकि, लिवर इनको अलग रूप से मेटाबॉलाइज करता है.

शरीर में विटामिन डी का मात्रा कैसे बढ़ाएं

अगर आप विटामिन डी सप्लीमेंट का सेवन करता है. ध्यान रहें कि इसके अधिकांश सेवन के लेवल को सुरक्षित रखें जो 100 माइक्रोग्राम प्रति दिन किसी व्यस्क द्वारा ली जानी चाहिए.

अंत में

विटामिन डी कोई एक कंपाउंड नहीं है लेकिन यह इससे जुड़े पोषक तत्वों का एक परिवार जैसा होता है. इसके सबसे आम डाइटरी प्रकार में विटामिन डी2 और डी3 है.

विटामिन डी3 फैटी जानवर आधारित फ़ूड सोर्स में मिलते है. जबकि सूर्य की रोशनी के प्रतिक्रिया स्वरूप स्किन में बनने लगता है. वहीं विटामिन डी2 प्लांट से मिलता है.

ब्लड में विटामिन डी के लेवल बढ़ाने के लिए डी3 काफी प्रभावी है. विटामिन डी लेवल को सही रखने के लिए नियमित रूप से विटामिन डी रिच फ़ूड्स का सेवन करें.

References –

 

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