इस लेख में आप जानेंगे विटामिन ई की कमी के कारण, प्रति दिन जरूरत, यह क्यों जरूरी है और इसे सही कैसे करें –
विटामिन ई की कमी का कारण क्या होता है – what causes vitamin e deficiency
- विटामिन ई की कमी किसी पहले से जारी कंडीशन के कारण हो सकता है.
- ऐसी कई कंडीशन है जो शरीर को सही रूप से फैट का अवशोषण जिसमें फैट सॉल्यूबल पोषक तत्व और विटामिन ई शामिल है.
- इन कंडीशन में सिस्टिक फिब्रोसिस, सिरोसिस, शॉर्ट बाउल सिंड्रोम, क्रोनिक पेंक्रियाटाइटिस, क्रोहन रोग आदि शामिल है.
- कुछ मामलों में विटामिन ई की कमी किसी रेयर जेनेटिक कंडीशन के कारण भी हो सकती है.
- रेयर जेनेटिक कंडीशन को अटैक्सिया कहा जाता है.
- यह न्यूरोलॉजिकल कंडीशन होती है जो मांसपेशियों के कंट्रोल और समन्वय को प्रभावित करते है.
- अधिकतर 5 से 15 साल की आयु के बच्चों में विकसित होने के आसार रहते है.
आपको कितने विटामिन ई की जरूरत पड़ती है?
- 14 साल और इससे अधिक आयु वाले लोगों को प्रति दिन 15 एमजी विटामिन ई की जरूरत पड़ती है.
- जबकि इससे कम आयु वाले लोगों को डॉक्टर से बात कर जानकारी लेनी चाहिए.
- स्तनपान कराने वाली महीलाओं को 19 एमजी प्रति दिन विटामिन ई की जरूरत पड़ती है.
- जबकि 28 ग्राम सूरजमूखी सीड्स में 7.4 एमजी, 2 चम्मच पीनट बटर में 2.9 एमजी और आधा कप पालक में 1.9 एमजी विटामिन ई होता है.
विटामिन ई क्यों जरूरी है?
- यह एक फैट सॉल्यूबल विटामिन होता है जिसमें एंटीऑक्सिडेंट गुणों के साथ साथ इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के गुण होते है.
- प्राकृतिक रूप से विटामिन ई काफी सारे फ़ूड्स में होता है और कुछ विशेष फ़ूड प्रोडक्ट में मिलाकर बढ़ाया भी जा सकता है.
- जिससे विटामिन ई की कमी को विकसित करना काफी रेयर होता है बशर्ते आपको पहले से कोई रोग न हो.
- विटामिन ई के हाई डोज़ के कारण ब्लीडिंग का रिस्क बढ़ सकता है.
- कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द, देखने में परेशानी, चलने फिरने में परेशानी के अलावा समन्वय न हो पाने जैसे अनुभव करने पर कमी के लक्षण होते है.
कमी को दूर कैसे करें
डॉक्टर से सलाह लेने के बाद विटामिन ई की कमी को दूर किया जा सकता है. सप्लीमेंट के कारण जटिलताएं पैदा हो सकती है तो ऐसे में बेहतर है कि विटामिन ई से पूर्ण हेल्दी डाइट का सेवन करें.
डाइट
सप्लीमेंट
- सप्लीमेंट के जरिए डाइट में विटामिन और मिनरल को शामिल करना काफी पॉपुलर है.
- विटामिन ई को सप्लीमेंट के रूप में लेने पर सावधानी बर्ते.
- यह सप्लीमेंट कुछ दवाओं के साथ इंटरैक्शन कर सकती है.
- इन दवाओं में एंटीप्लेटलेट, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, एंटीकॉगुलेंट, नियासिन आदि शामिल है.
- कुछ सप्लीमेंट में एक ही प्रकार का विटामिन ई होता है जबकि अलग-अलग फ़ूड् सोर्स से मिलने वाले विटामिन ई अलग होते है.
- सप्लीमेंट के स्थान पर पूर्ण अनाज से पोषक तत्वों को ग्रहण करने का प्रयास करें.
डॉक्टर से कब मिलें
- विटामिन ई की कमी के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से बात करें.
- शरीर के फैट को अवशोषित करने की क्षमता को प्रभावित करने वाली कंडीशन होने पर भी डॉक्टर से सलाह लें.
- डॉक्टर द्वारा उचित उपचार निर्धारित किया जाएगा जिसमें डाइटरी बदलाव सबसे पहले होता है.
- विटामिन ई सप्लीमेंट को डॉक्टर द्वारा सलाह के बाद ही लिया जाना चाहिए.
अंत में
एक बार निदान हो जाने के बाद, आप अपनी आवश्यकताओं के अनुकूल उपचार योजना विकसित करने के लिए अपने डॉक्टर के साथ काम कर सकते हैं. यह आपके विटामिन ई के स्तर को बहाल करने में मदद कर सकता है और आपके द्वारा अनुभव किए जा रहे लक्षणों को कम करना चाहिए.
लेकिन अगर अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो समय के साथ आपके लक्षण बिगड़ सकते हैं. इससे अतिरिक्त जटिलताएं हो सकती हैं और आपके जीवन की समग्र गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है.
References –
- https://my.clevelandclinic.org/health/drugs/15847-vitamins-the-basics
- https://ods.od.nih.gov/factsheets/VitaminE-HealthProfessional/#h3
- https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK1241/
- https://rarediseases.org/rare-diseases/ataxia-with-vitamin-e-deficiency/
- https://newsnetwork.mayoclinic.org/discussion/possible-risks-associated-with-taking-vitamin-e-supplements/