आज के समय में दुनियाभर में ऐसे बहुत से लोग है जो डायबिटीज के रोग से पीड़ित है. अनियत्रित मधुमेह के कारण कई अन्य रोग होने का रिस्क रहता है जिसमें किडनी रोग, अंधापन समेत अन्य जटिलताएं शामिल है.
प्रीडायबिटीज को इन कंडीशन से लिंक किया जा सकता है. लेकिन सबसे जरूरी बात यह है कि आप क्या खाते है उसका सीधा असर आपके ब्लड शुगर, इंसुलिन लेवल और इंफ्लामेशन विकसित होने के कारक होते है. आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है मधुमेह या प्रीडायबिटीज होने पर किन फ़ूड़्स से बचना चाहिए –
शुगर में क्या नहीं खाना चाहिए? – Avoid food in diabetes in hindi
सफेद चावल, पास्ता और ब्रेड
- यह हाई कार्ब्स वाले प्रोसेस्ड फ़ूड्स होते है.
- ब्रेड आदि समेत अन्य मैदा खाने से टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में ब्लड शुगर लेवल बढ़ाते है.
- एक अध्ययन में ग्लूटेन फ्री पास्ता को भी ब्लड शुगर लेवल बढ़ाने के रूप में देखा गया है.
- अन्य अध्ययन के अनुसार हाई कार्ब भोजन न केवल ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाते है बल्कि टाइप 2 डायबिटीज वाले रोगियों में दिमाग के फंक्शन को धीमा कर देते है.
- इन प्रोसेस्ड फ़ूड्स में थोड़ा बहुत फाइबर होता है जो खून में शुगर के अवशोषण को धीमा कर देता है.
- अन्य अध्ययन में देखा गया है कि सफेद ब्रेड की जगह पर हाई फाइबर ब्रेड लेने पर मधुमेह वाले रोगियों में ब्लड शुगर लेवल कम होते है.
- साथ ही ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रोल लेवल कम होते है.
चीनी वाले मीठे पेय पदार्थ
- मधुमेह वाले रोगियों के लिए यह सबसे खराब चॉइस होते है.
- साथ ही इनमें कार्ब्स की मात्रा काफी ज्यादा होती है. उदाहरण के लिए 354 एमएल सोडा में 38 ग्राम कार्ब्स होते है.
- वही बिना चीनी वाली आईस टी में 36 ग्राम कार्ब्स होते है.
- अध्ययन के मुताबिक शुगर वाले ड्रिंक्स को पीने से डायबिटीज समेत फैटी लिवर का रिस्क बढ़ जाता है.
- शुगरी ड्रिंक्स में मिलने वाले हाई फ्रूक्टोज लेवल के कारण मेटाबॉलिक बदलाव होते है जिससे बैली फैट, कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड लेवल बढ़ते है.
- ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए और रोगों को रिस्क को कम करने के लिए बिना चीनी वाले हेल्दी फ़ूड्स खाने चाहिए.
मीठे ब्रेकफास्ट सीरियल
- डायबिटीज वाले रोगियों के लिए ब्रेकफास्ट सीरियल्स से दिन की शुरूआत करना बेहद खराब हो सकता है.
- अधिकतर सीरियल्स हाई प्रोसेस्ड होने के अलावा बहुत अधिक कार्ब्स वाले होते है.
- इनमें बहुत कम प्रोटीन की मात्रा होने के अलावा पेट भरा महसूस कराने वाला और दिन के दौरान ब्लड शुगर लेवल सामांतर रखने में मदद करता है.
- डायबिटीज वाले रोगियों को सीरियल्स के स्थान पर प्रोटीन वाला लो कार्ब ब्रेकफास्ट करना चाहिए.
ट्रांस फैट
- बाजार में मिलने वाले प्रोडक्ट्स में मिलने वाली ट्रांस फैट काफी अनहेल्दी होती है.
- इन्हें हाईड्रोजन के माध्यम से जोड़ा जाता है जिससे यह अनसैचुरेटिड फैटी एसिड बन जाते है ताकि लंबे समय तक खराब न हो.
- ट्रांस फैट आपको पीनट बटर समेत कई फ़ूड्स में मिलते है.
- साथ ही यह सीधे रूप से आपके ब्लड शुगर लेवल को नही बढ़ाते है.
- लेकिन इससे इंफ्लामेशन बढ़ाने, इंसुलिन संवेदनशीलता और मोटापा प्रभावित होता है.
फ्रूट फ्लेवर दही
- मधुमेह वाले रोगियों के लिए सादा दही काफी अच्छी रहती है.
- जबकि फ्लेवर वाली दही लो फैट मिल्क से बने होने के अलावा कार्ब्स और शुगर से पूर्ण होती है.
- 245 ग्राम फ्लेवर दही में 47 ग्राम शुगर होती है.
- वही फ्रोजन दही में आईसक्रीम से भी अधिक शुगर होती है.
- हाई शुगर दही चनने से बेहतर है कि आप सादा दही को चुने से भूख के साथ वजन कंट्रोल करने में मदद मिलें और आपके पाचन तंत्र के लिए अच्छी रहें.
(डायबिटीज रोगियों के लिए बेस्ट रहते है यह स्नैक्स – जाननें के लिए क्लिक करें)
फ्लेवर वाली कॉफी
- कॉफी के कई हेल्थ बेनेफिट्स होते है जिसमें से एक मधुमेह का रिस्क कम होना है.
- फ्लेवर कॉफी को लिक्विड डेजर्ट के रूप में देखना चाहिए.
- अध्ययन के अनुसार हमारा दिमाग ठोस और तरल भोजन को एक तरीके से प्रोसेस नही करता है.
- कैलोरी पीने पर आप उसे कम खाने के साथ कमी पूर्ती नही कर पाते है जिससे वजन बढ़ता है.
- फ्लेवर कॉफी में कार्ब्स होते है, इसके हल्के प्रकार में भी काफी सारे कार्ब्स होते है जिनसे ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है.
- ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने और वजन बढ़ाने से बचाव करने के लिए सादा कॉफी और बहुत थोड़ी शुगर लें.
ड्राई फ्रूट्स
- यह बहुत सारे जरूरी विटामिन और मिनरल के सोर्स होते है जिसमें विटामिन सी और पोटेशियम शामिल है.
- इन मेवो के सूखने पर इनमें से पानी निकल जाता है जिससे पोषक तत्वों की संद्रता हो जाती है.
- साथ ही इनमें शुगर और कार्ब्स भी सांद्रित हो जाती है.
- मधुमेह होने पर आपको फल खाना छोड़ना नही चाहिए.
- आप लो शुगर फल खा सकते है जिससे आपको हेल्थ बेनेफिट्स मिलें.
फ्रूट जूस
- फलों के जूस को सुरक्षित हेल्थी ड्रिंक माना जाता है यह सोडा आदि जैसे ही ब्लड शुगर को प्रभावित करता है.
- बिना चीनी वाले फलों के जूस में शुगर मिलाकर लेने से वह सोडा से ज्यादा चीनी और कार्ब्स वाली हो जाती है.
- आप नींबू पानी ले सकते है जिसमें कम कार्ब्स और कैलोरी न के बराबर होती है.
फ्रैंच फ्राइज़
- मधुमेह होने पर आलू बिल्कुल भी नही खाए जाने चाहिए.
- यह हाई कार्ब्स होने के अलावा तेल मे तले होने के कारण यह ब्लड सुगर लेवल को तेज़ी से बढ़ाते है.
- तले होने के कारण इनमें हाई टॉक्सिक कंपाउंड होते है जो इंफ्लामेशन और रोगों का रिस्क बढ़ाते है.
- कई अध्ययनों में देखा गया है कि फ्रैंच फ्राइज नियमित खाने से हार्ट और कैंसर रोग का रिस्क बढ़ जाता है.
- आलू का सेवन करने के स्थान पर शकरकंदी खानी चाहिए.
(डायबिटीज कंट्रोल करने वाली डाइट)
मधुमेह वाले रोगियों में कार्ब्स का सेवन मुद्दा क्यों होता है?
- कार्ब, प्रोटीन और फैट शरीर को एनर्जी देने वाले माइक्रोन्यूट्रीएंट होते है.
- इनमें मुख्यता कार्ब्स का हमारे ब्लड शुगर लेवल पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है.
- ऐसा इसलिए क्योंकि यह शुगर या ग्लूकोज में टूटकर खून में अवशोषित हो जाती है.
- कार्ब्स में स्टार्च, शुगर और फाइबर होती है. हालांकि, फाइबर को हमारे शरीर द्वारा पाचन और अवशोषित नही किया जा सकता है. साथ ही इससे ब्लड शुगर का स्तर नही बढ़ता है.
- मधुमेह रोगियों द्वारा बहुत अधिक कार्ब्स का सेवन कर लेने पर ब्लड शुगर का स्तर खतरनाक लेवल तक बढ़ जाता है.
- लंबे समय तक हाई लेवल रहने पर नर्व और ब्लड वेसल्स को नुकसान हो सकता है.
- जिससे हार्ट रोग, किडनी रोग समेत अन्य गंभीर हेल्थ कंडीशन हो सकती है.
- लो कार्ब डाइट लेते रहने से ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल में रखने के साथ मधुमेह के रिस्क को कम किया जा सकता है.
अंत में
मधुमेह होने पर कुछ फ़ूड्स को न खाना मुश्किल हो सकता है लेकिन डायबिटीक होने पर खाएं जाने वाले फ़ूड्स का पता होना इसे आसान बना सकता है.
इसके लिए मुख्य गोल अनहेल्दी फैट, तरल शुगर, प्रोसेस्ड फ़ूड्स और रिफाइंड कार्ब्स से बचना शामिल है. ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने वाले फ़ूड्स और इंसुलिन संवेदनशीलता को ठीक रखने के साथ भविष्य में होने वाली मधुमेह जटिलताओं को कम किया जा सकता है.
(टाइप 4 डायबिटीज क्या होती है, इसके कारण, लक्षण, इलाज और बचाव)
किसी अन्य समस्या व सवाल के लिए डॉक्टर से बात करके सलाह ली जानी चाहिए.
References –