मुँह के अंदर से बैक्टीरिया को हटाने और ओरल हाइजिन को बेहतर करने के तरीकों में से एक ऑयल पुलिंग है. यह प्राचीन समय से इस्तेमाल की जा रही आयुर्वेद प्रक्रिया है जिसमें मुंह से बैक्टीरिया साफ करने में मदद मिलती है.

अध्ययनों के अनुसार, ऑयल पुलिंग मुंह में मौजूद बैक्टीरिया को मारकर डेंटल हेल्थ को बेहतर करता है. इसके अलावा कुछ स्वास्थ विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रक्रिया अन्य गंभीर रोगों को इलाज करने में मदद करती है.

हालांकि, ऑयल पुलिंग कैसे काम करती है इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं है. यह बैक्टीरिया को मुंह से बाहर करके मसूड़ों के मॉइस्चराइज़ करने, सलाइवा प्रोडक्शन बढ़ाने और बैक्टीरिया कम करने में मदद करती है.

कुछ प्रकार के ऑयल में विशेष गुण होते है जो प्राकृतिक रूप से इंफ्लामेशन और बैक्टीरिया को कम करके ओरल हेल्थ को अच्छा करने में मदद करते है.

ऑयल पुलिंग को लेकर रिसर्च सीमित है. आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है ऑयल पुलिंग के फायदे और इससे जुड़ी जानकारी जिससे इस प्रक्रिया का बेहतर लाभ उठाया जा सके.

ऑयल पुलिंग के फायदे – benefits of oil pulling in hindi

मुंह में खतरनाक बैक्टीरिया को मारने

  • हमारे मुंह के अंदर कम से कम 700 से अधिक प्रकार के बैक्टीरिया रहते है.
  • जिसमें से 350 से अधिक किसी भी समय मुंह में पाए जा सकते है.
  • कुछ प्रकार के हानिकारक बैक्टीरिया समस्याएं जैसे दांतों की सड़न, सांसों की बदबू और मसूड़ों के रोगों का कारण बनते है.
  • कई अध्ययनों के अनुसार ऑयल पुलिंग की मदद से मुंह में अनेक बैक्टीरिया कम हो सकते है.
  • हाल के अध्ययन में देखा गया है कि माउथवाश, पानी या नारियल तेल से ऑयल पुलिंग करने से लार में पाए जाने वाले कई बैक्टीरिया कम हो जाते है.
  • मुंह में बैक्टीरिया के कम होने से ओरल हाइजिन बनाने और कुछ कंडीशन से बचाव करने में मदद मिलती है.

सस्ता और रोजाना के रूटीन में शामिल करना

  • इसके सबसे बेहतर फायदे, ऑयल पुलिंग का सस्ता और आसानी से रोजाना इस्तेमाल कर पाना है.
  • इसके लिए आपको रसोई से तिल का तेल चाहिए जिससे ऑयल पुलिंग की जा सके.
  • इसके अलावा अन्य तेल भी उपयोग किए जा सकते है उदाहरण के लिए नारियल का तेल.
  • शुरूआत करने के लिए रोजाना 20 मिनट ऑयल पुलिंग करें, इससे ओरल स्वच्छता बनाए रखने में मदद मिलती है.

इंफ्लामेशन कम करने और मसूड़ों के अच्छे स्वास्थ

  • मसूड़ों के लाल, सूजन और आसानी से खून निकलने को जिंजीवाइटिस के रूप में जाना जाता है.
  • प्लेग में मिलने वाला बैक्टीरिया जिंजीवाइटिस के मुख्य कारणों में से एक है जिसमें मसूड़ों की सूजन और ब्लीडिंग होना होता है.
  • मसूड़े के अच्छे स्वास्थ और सूजन कम करने के लिए ऑयल पुलिंग बहुत ही बेहतर विकल्प है.
  • यह मुख्यता मुंंह से खतरनाक बैक्टीरिया और प्लेग को कम करने से मदद करती है जो मसूड़ों की समस्या का मुख्य कारण होती है.
  • एंटी इंफ्लामेटरी गुणों वाले कुछ ऑयल जैसे नारियल तेल मसूड़ों से जुड़ी समस्याओं को कम करने में मदद करते है.

सांसों की बदबू कम करने

  • सांसों की बदबू के सबसे आम कारणों में इंफेक्शन, मसूड़ो का रोग, खराब ओरल हाइजिन, जीभ साफ न करना आदि के कारण मुंह में बैक्टीरिया जमा रहना हो सकता है.
  • इसका इलाज करने के लिए नियमित रूप से ब्रश करने या एंटीसेप्टिक माउथवाश का उपयोग करना चाहिए.
  • इसके अलावा तिल के तेल का उपयोग करके सांसों की बदबू जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है.

अन्य लाभ

  • ऑयल पुलिंग का प्रयोग करने वाले बहुत से लोगों का मानना है कि इसके कई सारे हेल्थ बेनेफिट्स होते है.
  • इसके अलावा रिसर्च का मानना है कि ऑयल पुलिंग के एंटी इंफ्लामेटरी प्रभाव होते है जिससे सूजन को कम करने में मदद मिलती है.
  • कुछ शोधकर्ताओं की मानें तो इससे दांतों को सफेद करने में मदद मिलती है.

कैविटी से बचाव

  • दांतों के सड़ने में सबसे आम कारण कैविटी है.
  • खराब ओरल हाइजिन, बहुत अधिक शुगर खाने और मुंह में बैक्टीरिया बनने के कारण यह कंडीशन हो सकती है.
  • कैविटी के दौरान दांतो में छेद होने लगते है.
  • प्लेग के कारण भी कैविटी हो सकती है जिसमें दांतों के ऊपर कोटिंग होने लगती है.
  • जिसके चलते बैक्टीरिया, सलाइवा और फूड के कण होते है.
  • बैक्टीरिया फूड के कण को तोड़ने के लिए एसिड बनाने लगते है जिससे दांतों के इनेमल और सड़न शुरू हो जाती है.
  • कई स्टडी की माने तो ऑयल पुलिंग से मुंह में बैक्टीरिया कम होने और दांतों की सड़न से बचाव होता है.
  • कुछ अन्य रिसर्चों की माने तो माउथवाश के बराबर ऑयल पुलिंग से सलाइवा और प्लेग जैसे खतरनाक बैक्टीरिया कम हो जाता है.
  • साथ ही इससे कैविटी बनने का रिस्क कम हो जाता है और दांतों की सड़न से बचाव होता है.

ऑयल पुलिंग करने का तरीका – how to do oil pulling in hindi

इसे करने के सबसे आसान तरीके –

  • 1 चम्मच ऑयल लें (ऑलिव ऑयल, तिल का तेल या नारियल तेल)
  • मुंह में रखकर 15 से 20 मिनट तक घूमाते रहे. ध्यान रहें कि इसे निगले नहीं.
  • इसके बाद इसे धुक दें.
  • इसके बाद पानी आदि या कुछ भी पीने से मुंह को कुल्ला करें.
  • इस स्टेप को हफ्ते में कुछ दिनों तक दोहराएं.
  • शुरूआत करने के लिए 5 मिनट से शुरू कर सकते है.
  • अच्छे परिणाम के लिए खाली पेट, सुबह सुबह ऑयल पुलिंग करने में फायदा मिलता है.

अंत में

कुछ अध्ययनों के अनुसार ऑयल पुलिंग की मदद से मुंह में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया, प्लेग बनने को रोकना, मसूड़ों के स्वास्थ और ओरल हाइजिन को बनाए रखने में मदद मिलती है.

इसके अलावा याद रखें कि ओरल हाइजिन को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से दांतों के साफ करना, फ्लॉसिंग, रोजाना साफ करने का रूटीन और समस्या होने पर डॉक्टर से बात करनी चाहिए.

References –

Share: