इस लेख में आप जानेंगे एलर्जी के घरेलू उपाय, किन चीज़ो से बचें और सावधानियां –
एलर्जी के घरेलू उपाय – home remedies for allergies
- किसी भी एलर्जी के लिए घरेलू उपाय तब तक कारगर नहीं होते है जब तक कि आप एलर्जी के कारक से बचें नहीं. (जानें – ग्लूटेन फ्री फ़ूड लिस्ट के बारे में)
- ऐसे में डॉक्टर व देसी दवाओं के विशेषज्ञ आदि एलर्जी रिएक्शन का कारण बनने वाली वस्तुओं को सीमित या बचने की सलाह देते है.
- इसके अलावा आपको एलर्जी कारक एक्सपोज़र से बचना चाहिए.
- उदाहरण के लिए किसी दवा के सॉल्ट से एलर्जी होने पर डॉक्टर को उसके बारे में सूचित किया जाना चाहिए.
- ऐसे में डॉक्टर आपको दूसरी वैकल्पिक दवा लेने की सलाह दे सकते हैं.
- कुछ एलर्जी के कारकों से बचना कठिन होता है, ऐसे में लक्षणों को डॉक्टर से साझा करें.
शहद
- शहद को कई प्रकार के रोगों और समस्याओं से बचाव में प्रभावी माना जाता है.
- ऐसे ही समस्याओं में से एक एलर्जी है जिसमें शहद का सेवन करने से लाभ मिलता है.
एसी और ह्यूमिडफ़ायर
- हवा से मॉइस्चराइजर को निकाल कर यह एलर्जी के नाकारात्मक प्रभाव को कम कर देते है.
ब्रोमेलैन
- यह एक प्रकार का एंजाइम होता है जो पपीता और अनानास में पाया जाता है.
- आयुर्वेद विशेषज्ञ ब्रोमेलैन को सूजन कम करके सांस लेने की क्रिया को प्रभावी बनाने के रूप में प्रयोग करते है.
नीलगिरी तेल
- इसे नैचुरली काफी लाभदायक माना जाता है. (जानें – हेयर ग्रोथ के लिए ऐसेंशियल ऑयल के बारे में)
- इसमें मौजूद एंटीमाइक्रोबायल गुण एलर्जी के मौसम में हर बार वॉश करने के साथ फ़ायदा देते है.
स्पिरुलिना
- अध्ययनों में देखा गया है कि स्पिरुलिना का डाइट में इस्तेमाल करने से एलर्जी आदि परेशानियों से बचाव होता है.
लोबान तेल
- अध्ययनों के अनुसार, इस ऑयल के एलर्जी में काफी सारे लाभ मिलते है.
- लेकिन उपयोग करते समय इसके साथ कोई दूसरा तेल मिलाया जाना चाहिए.
- इसे आप कान में या भाप में भी ले सकते है या ह्यूमिडफायर के जरिए हवा में फैला सकते है.
विटामिन सी
- विशेषज्ञों की माने तो शरीर में हिस्टामिन लेवल को कम करने के लिए 2000 एमजी विटामिन सी की रोजाना जरूरत होती है.
प्रोबायोटिक्स
- अध्ययनों में देखा गया है कि प्रोबायोटिक्स न केवल अन्य समस्याओं बल्कि एलर्जी राइनाइटिस में भी मदद करते है.
एक्यूपंचर
- कुछ अध्ययनों में देखने को मिला है कि एक्यूपंचर से मौसमी और अन्य एलर्जी राइनाइटिस में पॉजिटिव परिणाम मिलते है.
पेपरमिंट ऑयल
- अध्ययनों में देखा गया है कि पेपरमिंट ऑयल में ब्रोंकियल अस्थमा और एलर्जी राइनाइटिस को कम करने वाले एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते है.
- ऐसेंशियल ऑयल हवा में फैल जाते है लेकिन लगाने के लिए इन्हें किसी दूसरे ऑयल के साथ मिलाकर उपयोग किया जाना चाहिए.
क्वेरसेटीन
- यह ब्रोकली, ग्रीन टी, रसीले फ़लो में मौजूद होता है.
- इसे एलर्जी के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए जाना जाता है.
फिल्टर
- आप अपने घर में अच्छी गुणवत्ता वाले हवा को फिल्टर करने वाले सिस्टम लगा सकते हैं.
- यह आपके घर में धूल, मिट्टी, प्रदूषण, पालतू जानवर के बाल आदि जैसे हवा में फैलने वाले दूषकों को दूर रखता है.
कारण और किन चीज़ों से बचें
- जब हमारा इम्यून सिस्टम किसी चीज़ से रिएक्ट करता है और दूसरों को उससे परेशानी नहीं होती तो उसे एलर्जी रिएक्शन कहा जाता है.
एलर्जी के कारण
- धूल
- फ़ूड
- दवाएं
- किसी कीड़े के काटने
- पालतू पशुओं की रूसी
- पॉलन
एलर्जी से निम्न लक्षण हो सकते है
- खुजली
- छींकना
- रैश
- सूजन
- अस्थमा
- नाक बहना
सावधानियां
गंभीर एलर्जी रिएक्शन या सांस लेने में परेशानी आदि होने पर घरेलू उपायों के इस्तेमाल से बचना चाहिए. इसके लक्षणों में –
- सांस लेने में परेशानी
- सिर चकराना
- सीने में दर्द
- फेफड़ो में कठोरता
- रैश
- उल्टी
- बेहोशी
- ब्लड प्रेशर में बदलाव
ऐसे किसी समस्या का अनुभव करने पर तुरंत मेडिकल सहायता ली जानी चाहिए. इसके अलावा इस्तेमाल किए जा रहे प्रोडक्ट की गुणवत्ता को चेक जरूर करें. वहीं किसी ऑयल आदि के स्किन पर उपयोग से पहले स्किन के किसी थोड़े से एरिया जैसे हाथ पर लगाकर चेक करें कि कहीं कोई एलर्जी तो नहीं हो रही है.
अंत में
एलर्जी के घरेलू उपायों की प्रभावशीलता को लेकर कुछ अध्ययन मौजूद है. लेकिन उपयोग से पहले डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें. ध्यान रहें कि हर किसी की निजी स्थिति अलग हो सकती है, ऐसे में बेहतर रहता है कि आप डॉक्टर से बात कर सलाह लें और निदान करने के आधार पर ट्रीटमेंट लें.
References –
- https://www.jacionline.org/article/S0091-6749(97)70136-2/pdf
- https://www.nccih.nih.gov/health/providers/digest/seasonal-allergies-and-complementary-health-approaches-science
- https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/9889172/
- https://journals.sagepub.com/doi/10.2500/ajra.2012.26.3787
- https://www.hindawi.com/journals/ecam/2016/7896081/