आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है बार बार हिचकी आने के कारण और हिचकी को रोकने के घरेलू नुस्खे, जिनकी मदद से हिचकी से छुटकारा कैसे पाएं –

हिचकी से छुटकारा कैसे पाएं – how to get rid of hiccups in hindi

नीचे बताई गई टिप्स कम समय वाली हिचकी के लिए है. अगर आपको हिचकी 48 घंटों से अधिक रहती है तो ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. ऐसा होना किसी रोग की स्थिति की ओर ईशारा करता है.

हिचकी से छुटकारा पाने के लिए सांस लेने की तकनीक

  • सांस को होल्ड करें – सांस भरे और उसे 10 से 20 सेकेंड के लिए होल्ड करें, जिसके बाद धीरे से सांस को छोड़े. इस प्रक्रिया को दोहराए.
  • पेपर बेग में सांस लें – अपने मुँह और नाक पर पेपर बेग रखें. बेग के अंदर ही धीरे से सांस लें और छोड़े. ध्यान रहें इसके लिए कभी भी प्लास्टिक बेग का प्रयोग न करें.
  • सांसों की क्रिया – धीरे धीरे सांस लें, पांच तक गिनने पर सांस लें और पांच गिनने के बाद सांस छोड़े.
  • घुटनों के चेस्ट से मिलाएं – आरामदायक पोजीशन पर बैठे और अपने घुटनों को चेस्ट के पास लाकर कम से कम 2 मिनट के लिए होल्ड करें.
  • नाक को बंद करें – नाक को बंद करके मुँह से सांस लेने से हिचकी बंद हो सकती है.
  • चेस्ट को कंप्रेस करें – आगे की ओर चेस्ट की तरफ झुककर डायाफ्राम पर प्रेशर डाला जाता है.

हिचकी आने पर दबाएं जाने वाले प्रेशर पॉइंट

हमारे शरीर में बहुत सारे बिंदु (पॉइंट्स) ऐसे होते है जो प्रेशर डालने को लेकर संवेदनशील होते है. इन हाथ व पैरों में मौजूद पॉइंट्स पर प्रेशर डालने से डायाफ्राम को आराम मिलता है. इसके लिए निम्न कार्य किए जा सकते है. 

  • डायाफ्राम को प्रेस करें – डायाफ्राम हमारे पेट और फेफड़ो को अलग करता है. इसके लिए स्टेरनम के नीचे एरिया पर अपने हाथों से प्रेशर डालना चाहिए.
  • जीभ को बाहर निकालें – इससे गले की नसों और मांसपेशियों पर असर पड़ता है. इसके लिए जीभ की टिप को एक या दो बार आराम से बाहर निकालना चाहिए.
  • नाक बंद करके पानी गटकना
  • हथेली को बंद करना – अपने अंगूठे की मदद से अपने दूसरे हाथ की हथेली पर प्रेशर डालें.
  • कैरोटिड धमनी को मसाज करें – हमारे गले के दोनों तरफ कैरोटिड धमनी होती है. यह गर्दन पर हाथ रखकर नब्ज़ चेक करने पर महसूस होती है. इसके लिए लेट जाएं और अपना सिर लेफ्ट साइड में कर लें. इसके बाद राइट साइड की धमनी की मसाज करें. यह मसाज गोल मोशन में 5 से 10 सेकेंड तक करनी है.

हिचकी के दौरान क्या खाएं या पीएं

  • सांस लेन के साथ साथ थोड़े गुनगुने पानी को पीएं.
  • ठंडा पानी पीएं – धीरे धीरे ठंडा पानी पीने से हिचकी बंद हो सकती है.
  • कपड़ा या पेपर टोवल से पानी पीएं – ठंडो पानी के गिलास को कपड़ा या पेपर टोवल से ढ़क कर उसे पीने से लाभ मिलता है.
  • ठंडे पानी से गरारे – कम से कम 30 सेकेंड के लिए ठंडे पानी से गरारे करें.
  • बर्फ की क्यूब – कुछ मिनटों के लिए बर्फ की क्यूब को मुँह में रखें, छोटी हो जाने पर उसे निगल लें.
  • नींबू को चूसे – नींबू को काटकर उसपर थोड़ा नमक का छिड़काव करके उसे सीधे मुँह में रखकर चूसे या पानी में मिलाकर भी इसे किया जा सकता है.
  • चीनी खाएं – अपनी जीभ पर 5 से 10 सेकेंड के लिए चीनी रखें और फिर उसे निगल लें.
  • शहद या पीनट बटर – एक चम्मच शहद या पीनट बटर खाएं और निगलने से पहले उसे मुँह में घुलने दें.
  • अपनी जीभ पर सिरके की कुछ बूँदे डाले.

हिचकी रोकने के अन्य तरीके

  • रेक्टल मसाज – अध्ययन के अनुसार, रेक्टल मसाज करने से हिचकी को रोका जा सकता है. इसके लिए रबर ग्लव पहनकर लूब्रिकेंट ले लें और अपनी फिंगर को रेक्टम में डालकर मसाज करें.
  • ऑरगेज़म – हिचकी कुछ दिनों तक रहती है तो ऐसे में ऑरगेज़म से वह तुरंत चली जाती है. 

हिचकी के अन्य घरेलू उपचार

  • गर्दन को पीछे की ओर से रब करें – इससे फ्रेनिक नर्व उत्तेजित होती है और मदद मिलती है.
  • खुद को किसी और चीज़ में व्यस्त करें – अगर आप इनपर फोकस न करें तो यह अपने आप चली जाती है. इसके लिए खुद का ध्यान किसी दूसरे चीज़ में लगाएं.

बार-बार हिचकी क्यों आती है – hiccups causes in hindi

हिचकी तब आती है जब हमारे डायाफ्राम में आनायास ऐंठन होने लगती है. डायाफ्राम एक बढ़ी मांसपेशी होती है जो हमें सांस अंदर और बाहर लेने में मदद करती है. ऐंठन होने पर जब आप कुछ निगल लेते है तो वोकल कॉर्ड भी खुलती व बंद होती है जिससे अजीब आवाज़ आती है.

अधिकतर मामलों में हिचकी आती और अपने आप ठीक हो जाती है लेकिन कुछ लाइफस्टाइल फैक्टर के कारण हिचकी आ सकती है –

  • शराब पीने
  • तापमान से ज्यादा बदलाव के कारण
  • तनाव के कारण
  • तीखा भोजन
  • जल्दी से भोजन खाने
  • तीखा भोजन खाने

डॉक्टर को कब दिखाएं

अधिकतर मामलों में हिचकी अपने आप कुछ मिनटों या घंटो में ठीक हो जाती है. अगर आपको हिचकी लंबे समय जैसे कुछ घंटों या 2 दिनों तक रहती है तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए. इसके अलावा हिचकी जारी रहना निम्न स्थितियों के कारण हो सकता है –

  • स्ट्रोक
  • मल्टीपल स्कलेरोसिस
  • गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स (गर्ड)

काफी बार हिचकियाँ जाती नही है तो ऐसे में डॉक्टर आपको कुछ दवाएं दे सकते है.

हिचकी की रोकथाम – preventing hiccups in hindi

आमतौर पर हिचकी हमारे लाइफस्टाइल फैक्टर के कारण होती है. ऐसे में लाइफस्टाइल बदलाव करके इसे रोका जा सकता है. अगर आपको ऐसा लगता है तो आप कुछ चीज़े आज़मा सकते है –

  • धीरे धीरे खाना खाएं
  • तीखा खाना न खाएं
  • एक बार में थोड़ी थोड़ी मात्रा में खाना खाएं
  • शराब कम पीएं
  • गहरी सांसे लें या मेडिटेशन आदि कर सकते है.

अंत में

हर किसी को कभी न कभी हिचकी आती है और ऐसा होना आम भी है. वैसे तो हिचकियाँ आती है और अपने आप बंद हो जाती है. लेकिन खाने या बात करने के दौरान हिचकी आना काफी परेशान कर सकता है.

आधुनिक समय की बात करें तो हिचकी के घरेलू उपचार के प्रभावों को लेकर कोई खासा अध्ययन नही है. लेकिन यह ऐसे तरीके है जिनका उपयोग प्राचीन समय से होता आ रहा है. जैसे पानी पीना, अपने नाक कान मुँह बंद करके सांस लेना आदि.

References –

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