त्वचा का ढ़ीला होना परेशान करने वाला और किसी के भी आत्म विश्वास को प्रभावित कर सकता है. स्किन के लूज होने के कई कारण हो सकते है, एक बार स्किन के लूज हो जाने पर उसे फिर से टाइट करना मुश्किल होता है.

वजन कम होना, प्रेगनेंसी, आयु बढ़ना आदि स्किन के ढीले होने के कारण होते है. जबकि हाथ, चेहरा, पैर, नीतंबू, गर्दन आदि पर त्वचा का ढ़ीलापन अनुभव होता है.

जबकि कुछ कॉस्मेटिक सर्जरी आपकी स्किन को टाइट करने में मदद कर सकती है. लेकिन इसके अलावा भी अनेक तरीके है जिनकी मदद से त्वचा का ढीलापन ठीक किया जा सकता है जिसमें मसाज, वजन घटाना, एक्सरसाइज, फर्मिंग प्रोडक्ट, गैर सर्जरी प्रोसीजर आदि.

आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है लूज स्किन को टाइट करने के ऐसे ही कुछ तरीके –

लूज़ स्किन को टाइट कैसे करें? – How to tighten loose skin in hindi?

एक्सरसाइज

  • वजन कम होने के कारण लूज स्किन को वेट ट्रेनिंग के साथ मांसपेशियों को बनाने से स्किन का ढ़ीलापन दिखना कम हो सकता है.
  • अगर ज्यादा फैट स्किन में लंबे समय तक रहता है तो वजन कम होने के कारण सिकुड़ने के मौके कम हो जाते है.
  • खोए हुए फैट को मांसपेशियों में बदलने पर लूज स्किन कम दिखने लगती है.
  • अगर आपको हाल ही हुई प्रेगनेंसी के कारण लूज स्किन हुई है तो डॉक्टर से सलाह कर कुछ एक्सरसाइज को नहीं करना चाहिए.

वजन घटाने

  • स्किन के अंदर फैट इसे लूज दिखने में मदद करते है.
  • प्रभावित एरिया को छूने और खींचने से कुछ एमएम से ज्यादा स्किन खींच जाती है.
  • इस तरह के फैट को लूज करने से स्किन टाइट दिखती है.

मसाज करने

  • लूज स्किन को मसाज करने से ब्लड फ्लो बढ़ता है जिससे एंटी एजिंग प्रतिक्रिया बढ़ती है.
  • एक अध्ययन में एंटी एजिंग क्रीम से स्किन मसाज करके देखा गया.
  • जिसके नियमित रूप से उपयोग में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिले.
  • मसाज के साथ आप नमय या चीनी के स्क्रब की मदद से ब्लड फ्लो बढ़ा सकते है.

कॉस्मेटिक प्रक्रिया

कई गैर सर्जरी प्रक्रियाएं लूज स्किन के मामलों में मदद कर सकती है जिनमें –

  • अल्ट्रासाउंड स्किन टाइटनिंग – इस प्रोसेस में हीट की मदद से कोलेजन प्रोडक्शन को उत्तेजित किया जाता है. एक जगह पर फोकस की गई अल्ट्रासाउंड एनर्जी को स्किन सर्फेस पर ट्रांसमिट किया जाता है जिससे हीट अंदर की लेयर तक पहुँच सके.
  • न्यूरोमॉड्यूलेटर – इसको बोटॉक्स के रूप में जाना जाता है. जिसमें स्किन के अंदर इंजेक्ट करके झुर्रियों को रिलैक्स किया जाता है. इसमें रिकवरी समय बहुत कम होता है और इंजेक्ट करने के बाद लूज स्किन दिखना कम हो जाती है.
  • केमिकल पील्स – चेहरे और गर्दन के आसपास पुरानी स्किन की बाहरी लेयर को हटाने से लूज, लटकी हुई या झुर्रियों वाली स्किन का दिखना कम किया जा सकता है.
  • लेजर पीलिंग – केमिकल पीलिंग की ही तरह यह भी बाहरी लेयर की पुरानी स्किन को हटाता है. इसके अलावा टॉप लेयर के नीचे लेजर द्वारा उसे गर्म किया जाता है जिससे कोलेजन प्रोडक्शन बढ़ता है.
  • रेडियोफ्रिक्वेंसी ट्रीटमेंट – सुरक्षित रूप से एनर्जी ट्रांसफर करने का एक तरीका है जिसमें स्किन को हीट कर कोलेजन का प्रोडक्शन बढ़ता है. इस मेथड में स्किन की बाहरी लेयर पर फोकस होता है.
  • संयोजन ट्रीटमेंट – इसमें दो ट्रीटमेंट को मिलाकर उपचार दिया जाता है. जिसमें इंटेंस पल्स लाइट और रेडियोफ्रीक्वेंसी शामिल है. इस प्रक्रिया के दौरान केलेजन प्रोडक्शन के उत्तेजित करने के लिए बाहरी और गहरी लेयर पर हीट दी जाती है.

यह सभी बिना सर्जरी वाले स्किन को टाइट करने वाले उदाहरण थे. इसके अलावा लूज स्किन के लिए सर्जरी भी होती है जिनको बॉडी-कॉन्टूरिंग सर्जरी भी कहा जाता है.

बॉडी-कॉन्टूरिंग सर्जरी को टक या लिफ्ट सर्जरी के रूप में भी जाना जाता है. जिसमें फालतू फैट को हटाने के लिए हल्का से चीरा लगाया जाता है. इस सर्जरी को अस्पताल में किया जाता है और रिकवर करने के लिए घर में समय चाहिए होता है.

अगर लूज स्किन को टाइट करने की तकनीक प्रभावी नहीं होती है तो ऐसे में बेहतर है कि आप डॉक्टर से बात कर सलाह लें.

अंत में

लूज स्किन समस्या का कारण हो सकता है. लेकिन इसे कम और घटाने के कई तरीके है. स्किन के लचीलेपन के लिए कोलेजन बहुत बड़ा फैक्टर है. लूज स्किन को कम करने के लिए कोलेजन प्रोडक्शन को बढ़ाना बहुत जरूरी है.

त्वचा के ढीलेपन का कारण होने फैक्टर जैसे स्मोकिंग, टैनिंग, खराब केमिकल वाले स्किन प्रोडक्ट आदि से बचना चाहिए. किसी अन्य समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से बात कर सलाह ली जानी चाहिए.

References –

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