इस लेख में आप जानेंगे आयरन की कमी के संकेत और लक्षणों के बारे में –

आयरन की कमी क्या होती है – what is iron deficiency?

  • जब हमारे शरीर में जरूरी मिनरल आयरन नाम के मिनरल की कमी हो जाती है तो उसे आयरन की कमी कहा जाता है. (जानें – हीमोग्लोबिन लेवल कैसे बढ़ाएं)
  • मानव शरीर को हीमोग्लोबिन बनाने के लिए आयरन की जरूरत पड़ती है. हीमोग्लोबिन हमारे रेड ब्लड सेल्स में मौजूद एक प्रोटीन होता है जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन को पहुँचाता है.
  • जबकि शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा सही नहीं होने पर, टिश्यू और मांसपेशियों तक जरूरी ऑक्सीजन नहीं पहुँच पाती है जिससे यह प्रभावी रूप से काम नहीं कर पाते है.
  • इस स्थिति को अनेमिया के रूप में जाना जाता है. हालांकि, अनेमिया कई प्रकार के होते है लेकिन आयरन की कमी के कारण अनेमिया पूरी दुनिया में सबसे आम है.
  • आयरन की कमी के परिणामों में जीवन की गुणवत्ता पर असर पड़ना शामिल है.
  • जिसमें सांस लेने में परेशानी, थकान रहना और एकाग्रता की कमी शामिल है.

आयरन की कमी के सबसे आम कारणों में –

आयरन की कमी के संकेत और लक्षण निम्न पर आधारित होते है –

  • अनेमिया की गंभीरता
  • आयु
  • हेल्थ
  • इसके विकसित होने
  • कुछ मामलों में कोई लक्षण नहीं होते है.

आयरन की कमी के संकेत और लक्षण – what are the signs and symptoms of iron deficiency in hindi?

धड़कन तेज़ होना

  • दिल की धड़कन तेज़ होना आयरन की कमी के कारण अनेमिया हो सकता है.
  • यह ऑक्सीजन की सप्लाई से संबंधित होता है.
  • हीमोग्लोबिन लेवल कम होने से हार्ट को ज्यादा काम करना पड़ता है जिससे अनियमित दिल की धड़कन हो सकती है. (जानें – हार्ट रोग के बारे में)
  • गंभीर मामलों में हार्ट फेलियर, हार्ट का साइज बढ़ना आदि हो सकता है.

स्पून-शेप नाखून

  • हालांकि यह लक्षण आम नहीं होता है लेकिन इसकी शुरूआत में नाकून काफी कच्चे और आसानी से टूटने वाले होते है.
  • आयरन कमी के चलते इसकी बाद वाली स्टेज में बीच से नाखून नीचे की ओर घुसकर ऊपर की तरफ उठता है जो स्पून जैसा दिखता है. (जानें – नाखूनों पर आधा चांद होना)

सांस लेने में परेशानी

  • हीमोग्लोबिन पूरे शरीर में रेड ब्लड सेल्स को पहुंचाने के लिए सुचारू रूप से काम करता है.
  • हीमोग्लोबिन लेवल की कमी होने पर आयरन की कमी हो जाती है जिससे ऑक्सीजन लेवल कम हो जाते है.
  • इसका अर्थ है कि आपकी मांसपेशियों को वाल्क आदि करने के लिए भी जरूरी ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है.
  • जिस कारण तेजी से सांस लेने की दर बढ़ जाती है जिस कारण सांस की कमी एक लक्षण बन जाता है.
  • सामान्य कार्य जैसे वाल्क करना, सीढी चढ़ना, वर्कआउट करने में सांस सामान्य नहीं रहने पर आयरन की कमी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है.

ड्राई स्किन और बाल

  • आयरन की कमी होने के कारण बालों और स्किन को नुकसान हो सकता है.
  • ब्लड में हीमोग्लोबिन के लेवल कम होने के कारण हेयर ग्रोथ के लिए जरूरी सेल्स तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है.
  • जबकि स्किन और हेयर तक जरूरी ऑक्सीजन न पहुंच पाने के कारण बाल कमजोर होना और स्किन ड्राई होना हो जाता है. (जानें – ड्राई स्किन को ठीक कैसे करें)
  • कुछ रिसर्च के अनुसार आयरन की कमी हेयर लॉस से जुड़ी होती है.

ज्यादा थकान रहना

  • थकान महसूस करना आयरन की कमी के सबसे आम लक्षणों में से एक है.
  • यह लक्षण उन लोगों में सबसे अधिक देखने को मिलता है जिनके शरीर में जरूरी आयरन की मात्रा नहीं होती है.
  • जबकि थकान इसलिए महसूस होती है क्योंकि शरीर आयरन बनाने वाले जरूरी प्रोटीन हीमोग्लोबिन को नहीं बना पाता है.
  • हीमोग्लोबिन का काम पूरे शरीर में ऑक्सीजन को पहुंचाना होता है.
  • पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं होने पर, टिश्यू और मांसपेशियों तक कम ऑक्सीजन पहुंचती है जिससे एनर्जी कम रहती है.
  • जिस कारण आपके हार्ट को शरीर के अलग हिस्सों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए ज्यादा काम करना पड़ता है और थकान महसूस होती है.
  • आज के आधुनिक समय में समय की कमी के कारण थकान जीवन का अहम हिस्सा है जिससे अकेले आयरन की कमी का निदान कर पाना मुश्किल है.
  • हालांकि, आयरन की कमी वाले कई लोगों को एकाग्रता की कमी, कमजोरी, लो एनर्जी का अनुभव भी होता है.

जीभ और मुंह की सूजन

  • कभी कभी आपको अपने मुंह के अंदर भी देख लेना चाहिए जिससे आयरन की कमी अनेमिया का पता लगाया जा सके.
  • इसके संकेतों में जीभ की सूजन, पीलापन, छाले जैसा हो सकता है.
  • ड्राई माउथ, मुंह के छाले, मुंह में जलन समेत लाल छाले आदि आयरन की कमी के कारण हो सकते है. 

सिरदर्द और चक्कर आना

  • खासकर महिलाओं में आयरन की कमी के कारण सिरदर्द हो सकता है.
  • दूसरे लक्षणों के स्थान पर यह सामान्य नहीं है लेकिन अधिकांश मामलों में यह चक्कर आने के साथ हो सकता है.
  • दिमाग तक जरूरी ऑक्सीजन न पहुंच पाने के कारण भी सिरदर्द हो सकता है.
  • जिस कारण ब्लड वैस्लस का सूजना, प्रेशर बनाने के कारण सिरदर्द होता है.  

रेस्टलेस लेग सिंड्रोम

  • आयरन की कमी और रेस्टलेस लेग सिंड्रोम में लिंक होता है.
  • रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के दौरान आराम करने के दौरान पैरो को हिलाने की तीव्र इच्छा होती है.
  • साथ ही इसमें पैरो के तलवों में जलन समेत खुजली आदि उत्तेजना हो सकती है.
  • रात के समय यह काफी खराब हो सकती है जिससे सोने में परेशानी का सामना करना पड़ता है.

पीलापन

  • स्किन का पीलापन या पलको के नीचे पीला दिखना आयरन की कमी का संकेत है.
  • खून को लाल रंग रेड ब्लड सेल्स में हीमोग्लोबिन के होने के कारण मिलता है.
  • इसलिए आयरन की कमी होने के कारण ब्लड कम लाल दिखाई देता है.
  • साथ ही स्किन अपना हेल्दी रंग खो देती है और पीलपन पूरे शरीर पर फैल सकता है.
  • आमतौर पर पीलापन – चेहरा, मसूड़े, लिप्स के अंदर, पलकों के निचले हिस्से, नाखूनों पर दिखाई देता है.
  • आयरन की कमी का पता लगाने के लिए डॉक्टर सबसे पहले इन्हीं संकेतों को देखते है.
  • जबकि इसको कंफर्म करने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है. (जानें – चेहरे से बाल हटाने के तरीके)
  • मध्यम से लेकर गंभीर अनेमिया के मामलों में पीलापन देखने को मिलता है.

अन्य संकेत

  • बार बार इंफेक्शन – हेल्दी इम्यून सिस्टम के लिए आयरन जरूरी है जिसकी कमी के कारण बार बार इंफेक्शन आदि होता है.
  • अचानक भूख लगना – इसमें बहुत से लोगों को चाल्क, मिट्टी, पेपर खाने की इच्छा होती है. यह प्रेगनेंसी के दौरान देखने को मिलता है.
  • हाथ पैर ठंडे पड़ना – इसके दौरान हाथ और पैरों तक कम ऑक्सीजन पहुंचती है जिससे यह ठंडे पड़ जाते है.
  • डिप्रेसड महसूस करना – व्यस्कों में डिप्रेशन से इसको लिंक किया जा सकता है. आयरन की कमी वाली प्रेगनेंट महिलाओं को इसका रिस्क ज्यादा होता है. 

आयरन की कमी होने पर क्या करें

  • डॉक्टर से बात करें – जिससे आयरन की कमी के कारण पता लगाया जा सकें. लक्षणों के आदार पर ट्रीटमेंट लिया जा सकता है. जिसमें आयरन सप्लीमेंट लेना आदि शामिल है.
  • आयरन रिच फ़ूड्स खाएं – पालक, काले, हरी पत्तेदार सब्जियां, दाले, सीड्स, नट्स शामिल है.
  • आयरन अवशोषण को बेहतर करें – जिसके लिए विटामिन सी फ़ूड्स का सेवन करना चाहिए.
  • डॉक्टर की सलाह पर आयरन सप्लीमेंट लें – इसके साइड इफेक्ट में काले मल, पेट दर्द, कब्ज, डायरिया, उल्टी और मतली होते है.

डॉक्टर से सलाह कब लें

  • आयरन की कमी के लक्षण होने पर डॉक्टर से बात करें. 
  • इलाज न मिलने पर जटिलताएं बढ़ सकती है जैसे – हार्ट समस्या, प्रेगनेंसी परेशानी, इंफेक्शन का रिस्क, डिप्रेशन आदि.
  • पुरूषों की तुलना में यह महिलाओं में अधिक आम है.
  • प्रेगनेंट या भारी पीरियड्स ब्लीडिंग के कारण आयरन की कमी का रिस्क रहता है.
  • डॉक्टर द्वारा प्रीस्क्राइब करने के बाद ही आयरन सप्लीमेंट लें.
  • आयरन के अधिक होने से हार्ट, लिवर और अग्नाशय प्रभावित हो सकता है.
  • आयरन सप्लीमेंट सेवन के बाद उल्टी या मेटेलिक स्वाद आने पर डॉक्टर को जरूर बताएं.

अंत में

दुनियाभर में आयरन की कमी के कारण अनेमिया काफी आम है. कुछ लक्षण सवभाविक है, इसके अलावा अनेमिया की गंभीरता पर लक्षण निर्भर करते है. (जानें – अनार के फ़ायदे)

आयरन की कमी का अंदेशा होने पर डॉक्टर से बात करें, खुद से निदान कर दवाएं न लें. अधिकांश आयरन की कमी को आसानी से उपचार कर लिया जाता है. लेकिन डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही डाइट या सप्लीमेंट ली जानी चाहिए.

References –

 

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