इस लेख में आप जानेंगे योनि के ढीलापन के बारे में, इससे जुड़े मिथक, टाइट योनि का मतलब, समय के साथ योनि में बदलाव, पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज –

योनि का ढीलपान – loose vagina

  • जब बात वेजाइना की आती है तो इससे जुड़ी बहुत सारी भ्रांतियां और मिथक सामने देखने को मिलते है.
  • उदाहरण के लिए कुछ लोगों के लिए वेजाइना अपना लचीलापन खोकर हमेशा के लिए ढीली हो जाती है, लेकिन यह सच नहीं है. (जानें – योनि को साफ कैसे करें)
  • वेजाइना लचीली होती है, जिसका अर्थ है कि इसमें पेनिस या सेक्स टॉय के प्रवेश से लेकर शिशु की सामान्य डिलीवरी तक संभव है.
  • लेकिन आपकी वेजाइना को फिर से अपने आकार में आने में ज्यादा समय नहीं लगता है.
  • आयु बढ़ने या बच्चे होने के बाद आपकी योनि थोड़ी ढीली हो सकती है.
  • लेकिन सामान्यतः मांसपेशियों का खुलना और फिर से पहले जैसा होना उदाहरण के लिए रबर बैंड जैसा जिसे खींचने पर भी वह पहले जैसा हो जाता है.

योनि के ढीलेपन से जुड़े मिथक

  • सबसे पहले – योनि का ढीलापन जैसा कुछ होता ही नहीं है.
  • समय के अनुसार, आयु बढ़ने और शिशु को जन्म देने के बाद योनि स्थाई रूप से स्ट्रेच नहीं हो जाती है.
  • योनि का ढीलापन जैसा मिथक ऐतिहासिक रूप से महिलाओं को उनकी सेक्स लाइफ के प्रति शर्मिंदा करने के लिए किया जाता रहा है. (जानें – ऑपरेशन से बच्चा होने के बाद सेक्स के बारे में)
  • लूज वेजाइना को उन महिलाओं के लिए उपयोग नहीं किया जाता है जिनके काफी सारे सेक्स पार्टनर होते है.
  • परंतु इसका मुख्यता उपयोग उन महिलाओं के लिए होता है जिन्होंने एक से अधिक पुरुषों के साथ संबंध बनाए हुए होते हैं.
  • लेकिन सच्चाई इसके विपरित है कि आपके द्वारा कितनी बार या नियमितता से सेक्स किया गया है, पेनिट्रेशन से योनि अपना लचीलापन स्थाई रूप से नहीं खोती है.

जरूरी नहीं कि टाइट वेजाइना का मतलब अच्छा हो

  • यह जानना जरूरी है कि टाइट वेजाइना होना किसी अंतनिर्हित समस्या का संकेत हो सकता है खासकर आपको पेनिट्रेशन के दौरान असहजता महसूस करने पर.
  • आपके सेक्स के प्रति उत्तेजित होने पर योनि की मांसपेशियां नैचुरल रूप से रिलैक्स हो जाती है.
  • जबकि उत्तेजित, इच्छा या सेक्स के लिए शारीरिक रूप से तैयार न होने पर योनि रिलैक्स नहीं होती है साथ ही वह खुद से लूब्रिकेट और स्ट्रेच भी नहीं होती है.
  • जिस कारण टाइट वेजाइना मांसपेशियां ऐसे में आपके सेक्स को दर्दनाक या पूरा करने में असमर्थ बना सकती है. (जानें – एंटीवर्टेड यूटेरस के बारे में)
  • इसके अलावा बहुत अधिक वेजाइना टाइट हो जाने को वेजिनीस्मस का संकेत भी माना जा सकता है.
  • वेजिनीस्मस ऐसे दर्द है जो पेनिट्रेशन से पहले या दौरान होता है.
  • जिस कारण सेक्स करने, टेम्पॉन को लगाने या पेल्विक एक्जाम के दौरान भी यह दर्द होता है.
  • ऐसे किसी लक्षण के होने पर डॉक्टर से बात कर सलाह ली जानी चाहिए जिससे वह लक्षणों को जानकर समस्या का निदान कर सकें.
  • वेजिनीस्मस के मामलों में डॉक्टर द्वारा कीगल या अन्य पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज करने की सलाह दी जा सकती है..
  • साथ ही वेजाइनल डाइलेटर थेरेपी या मांसपेशियों को रिलैक्स करने के लिए बोटॉक्स इंजेक्शन दिए जा सकते है.

समय के साथ होने वाले योनि में बदलाव

  • योनि के लचीलापन को सिर्फ दो चीज़े प्रभावित कर सकती है – आयु और शिशु का जन्म.
  • नियमित सेक्स या कभी कभी सेक्स करने से योनि अपना स्ट्रेच नहीं खोती है.
  • आयु और शिशु जन्म के कारण नेचुरल रूप से योनि हल्का ढीला हो सकती है.
  • जो महिलाएं एक से अधिक शिशु को योनि के जरिए जन्म देती है उनकी योनि मांसपेशियां कमजोर होने के आसार अधिक होते है. (जानें – योनि में खुजली के बारे में)
  • हालांकि, आयु बढ़ने के साथ ही आपकी योनि हल्का लचीलापन खो सकती है फिर चाहे आपने शिशु को जन्म दिया हो या नहीं.

शिशुजन्म

  • योनि से शिशु जन्म के बाद उसमें बदलाव आना नैचुरल है.
  • ऐसा इसलिए क्योंकि आपकी योनि की मांसपेशियां इस तरीके से स्ट्रेच करती है जिससे वेजाइनल कैनाल के जरिए शिशु बाहर आ सके.
  • जबकि शिशु के बाहर आ जाने पर आप नोटिस करेंगे कि योनि सामान्य से थोड़ी ढीली हो गई है.
  • ऐसा होना बिल्कुल सामान्य है और इसे फिर से असली आकार में आने में थोड़ा समय लग सकता है.
  • वहीं एक से अधिक शिशु के जन्म लेने पर योनि मांसपेशियां थोड़ा ज्यादा लचीलापन खो देती है.
  • इससे असहज महसूस करने पर आप गर्भावस्था से पहले, दौरान या बाद में वेजाइनल फ्लोर एक्सरसाइज कर सकती है. (जानें – जुड़वा बच्चों के साथ गर्भधारण कैसे करें)

आयु

  • 40 की आयु के बाद आप योनि के लचीलेपन में बदलाव देखने शुरू कर देंगी.
  • ऐसा इसलिए क्योंकि रजोनिवृत्ति पूर्व स्टेज में प्रवेश करने पर महिलाओं का एस्ट्रोजन लेवल कम होना शुरू हो जाता है. (जानें – योनि मसाज थेरेपी के बारे में)
  • जिस कारण योनि का सूखापन, योनि टिश्यू का पतला, कम एसिडिक, स्ट्रेच होना आदि होता है.
  • जबकि मेनोपॉज के पास पहुंचने पर यह लक्षण अधिक नोटिस किए जा सकते है.

वेजाइनल मांसपेशियों को मजबूत कैसे करें

  • पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों को मजबूत करने का सबसे बेहतर तरीका इसकी एक्सरसाइज करना है.
  • यह मांसपेशियों हमारे कोर का हिस्सा होती है जो ब्लैडर, रेक्टम, यूटेरस, छोटी आंत को सपोर्ट करती है.
  • आयु बढ़ने या शिशु जन्म से पेल्विक फ्लोर के कमजोर होने पर आपको अचानक से यूरिन लीक होना, बार बार पेशाब जाने, पेल्विक एरिया में दर्द, सेक्स के दौरान दर्द आदि महसूस हो सकते है. (जानें – योनि से डिस्चार्ज के बारे में)
  • पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज से आपको हल्का यूरिनरी असंयमिता में मदद के अलावा यूरिनरी लीकेज महसूस करने वाली महिलाओं को मदद मिलती है.

पेल्विक टिल्ट एक्सरसाइज

  • अपने कंधे और नितंबू को दीवार की तरफ करके खड़े हो जाएं.
  • दोनों घुटनों के सॉफ्ट रखें.
  • अपनी नाभी को अंदर की ओर स्पाइन की तरफ खींचे.
  • ऐसा करने पर आपकी कमर दीवार से चिपकी रहेंगी.
  • नाभी को 4 सेकेंड तक टाइट रखें और रिलीज करें.
  • इसे 10 बार और दिन में 5 बार कर सकते है.

वेजाइनल कोन

  • यह वजन वाले टेम्पॉन के आकार की वस्तु होती है जिसे योनि में डालकर होल्ड किया जा सकता है.
  • इसे करने के लिए सबसे हल्के कोन को योनि में डालें.
  • अपनी मांसपेशियों को भींचे, जिसे दिन में 2 बार 15 मिनट तक होल्ड करें.
  • आपके होल्ड करने में सक्षम हो जाने पर आप कोन का वजन बढ़ा सकते है.

कीगल एक्सरसाइज

  • सबसे पहले आपको पता होना चाहिए कि आपकी पेल्विक फ्लोर मांसपेशियां कहा है.
  • इसका पता लगाने के लिए पेशाब करने के दौरान बीच में रूक जाए.
  • ऐसा करने में सफल होने पर आपको पता लग जाएगा कि आपकी मांसपेशी कहां पर है.
  • एक्सरसाइज की पोजीशन चुनें, अधिकांश लोग लेटकर कीगल एक्सरसाइज करना पसंद करते है.
  • पेल्विक फ्लोर को टाइट करें जिसमें 5 सेकेंड के लिए खींचे और 5 सेकेंड के लिए रिलैक्स करें.
  • इसे लगातार 5 बार रिपीट करें.
  • स्ट्रेंथ बन जाने पर समय के 10 सेकेंड तक बढ़ा दें.
  • अपनी जांघ, एब्स या नितंबू को टाइट न करें सिर्फ पेल्विक फ्लोर पर फोकस करें.

अंत में

याद रहें कि लूज वेजाइन एक मिथक है. आयु और शिशु को जन्म देने के कारण नेचुरल रूप से योनि अपनी हल्का लचीलापन खो देती है. लेकिन योनि की मांसपेशियां स्थाई रूप से लूज नहीं होती है. समय के साथ यह अपनी असल आकार में लौट आती है. (जानें – जांघों का कालापन दूर कैसे करें)

अगर आप योनि में बदलावों को लेकर चिंतित है तो डॉक्टर से बात कर सलाह लें, जिससे बेहतर सलाह के साथ सही कदम उठाने में मदद मिलें.

References –

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