काफी सारे जोड़ों को प्रजनन संंबंधी समस्याएं होती है जिसके कई कारण हो सकते है. कुछ के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता है लेकिन आप इस समस्या से पीड़ित अकेले जोड़े नहीं है. कुछ हेल्थ और लाइफस्टाइल बदलाव के साथ फर्टिलिटी को बूस्ट करने में मदद मिल सकती है.

प्रजनन क्षमता बढ़ाने के नैचुरल उपाय – Natural ways to boost fertility in hindi

शाकाहारी हाई प्रोटीन सोर्स

  • इंफर्टिलिटी के रिस्क को कम करने के लिए शकाहारी प्रोटीन सोर्स का सेवन करने से लाभ मिलता है. इसके लिए नट्स, सीड्स, बीन्स, आदि का सेवन कर सकते हैं.
  • अध्ययनों में देखने को मिला है कि कुल कैलोरी का 5 फीसदी सब्जी आधारित प्रोटीन का सेवन करने से ऑव्यूलेटरी इंफर्टिलिटी के रिस्क को 50 फीसदी तक कम किया जा सकता है.

नैचुरल सप्लीमेंट

  • माका रूट – इसे स्पर्म की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए जाना जाता है.
  • अश्वगंधा – इसका उपयोग कई सारे फंक्शन को बेहतर करने समेत फर्टिलिटी को बूस्ट करने के लिए भी किया जाता है.
  • शिलाजीत – इस नैचुरल हर्ब को सेक्स ड्राइव बढ़ाने, समेत कई सारे हेल्थ बेनिफिट्स और प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है.

हाई फैट डेयरी चुनें

  • लो फैट डेयरी का ज्यादा सेवन करने से इंफर्टिलिटी का रिस्क बढ़ सकता है.
  • जबकि हाई फैट डेयरी फ़ूड का सेवन करने से इसे कम किया जा सकता है.
  • हाई फैट डेयरी का लाभ उठाने के लिए एक गिलास दूध या फुल फैट दही का सेवन कर सकते है.

ट्रांस फैट से बचें

  • संपूर्ण हेल्थ और प्रजनन क्षमता को बेहतर करने के लिए रोजाना हेल्दी फैट खाना बहुत जरूरी है.
  • हालांकि, ट्रांस फैट को इंसुलिन संवेदनशीलता पर नकारात्मक प्रभाव के कारण जाना जाता है.
  • जिसके परिणामस्वरूप ऑव्यूलेटरी इंफर्टिलिटी का रिस्क बढ़ जाता है.
  • सामान्यता ट्रांस फैट आपको हाइड्रोजेनेटिड वेजीटेबल ऑयल, तले हुए भोजन, प्रोसेस्ड भोजन, आदि में मिलते है.
  • अध्ययनों के अनुसार, हाई ट्रांस फैट डाइट के साथ ही लो अनसैचुरेटिड डाइट को महिला और पुरूषों में इंफर्टिलिटी से लिंक करके देखा जाता है.

सक्रिय रहें

  • एक्सरसाइज करने के फायदे बहुत सारे होते है इससे शरीर की प्रजनन क्षमता अच्छी होती है.
  • मोटापे से ग्रसित लोगों की तुलना में मध्यम एक्सरसाइज करने से महिला और पुरूषों में प्रजनन क्षमता अच्छी होती है.
  • जबकि बहुत ही अधिक तीव्र एक्सरसाइज करने से महिलाओं में प्रजनन क्षमता कम हो जाती है.
  • ज्यादा एक्सरसाइज करने से शरीर का एनर्जी संतुलन बदल जाता है और इसका प्रजनन सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है.

मल्टीविटामिन को डाइट में शामिल करें

  • अगर आप मल्टीविटामिन का सेवन करते है तो ऑल्यूलेटरी इंफर्टिलिटी का अनुभव होने का रिस्क कम हो जाता है.
  • एक अनुमान के अनुसार, प्रति हफ्ते 3 या उससे अधिक मल्टीविटामिन का सेवन करने से महिलाओं में इंफर्टिलिटी को 20 फीसदी तक कम किया जा सकता है.
  • विटामिन में पाए जाने वाले माइक्रोन्यूट्रिएंट प्रजनन में अहम भूमिका निभाते है.
  • जो महिलाएं गर्भवती होना चाहती है उन्हें फोलेट वाले मल्टीविटामिन खाने से लाभ मिलता है.

शराब के सेवन से बचें

  • शराब का सेवन करने से प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
  • हालांकि, यह कितनी मात्रा के साथ होता है इसका कोई साक्ष्य नहीं है.
  • अगर आप गर्भावस्था धारण करने का प्रयास कर रहें हैं तो बेहतर है कि शराब के सेवन से बचें.

मेडिटेशन

  • शरीर में तनाव और घबराहट का स्तर अधिक रहने के कारण गर्भधारण करने के मौके कम हो जाते है.
  • जबकि ध्यान लगाने समेत कई अन्य तरीकों से खुद को रिलैक्स रखकर गर्भधारण करने के मौकों को बढ़ाया जा सकता है.

हेल्दी वजन बनाए रखने की कोशिश

  • जब बात महिलाओं और पुरूषों में प्रजनन क्षमता की आती है तो वजन का संतुलित रहना बहुत जरूरी होता है.
  • कम वजन या अधिक वजन होने के कारण इंफर्टिलिटी का रिस्क बढ़ सकता है.
  • ऐसा इसलिए क्योंकि महिला शरीर में जमा फैट मासिक फंक्शन को प्रभावित करता है.
  • ऑव्यूलेशन और मासिक अनियमितता मोटापे से जुड़े होते है जो अंडे के विकास को प्रभावित करते है.
  • गर्भावस्था के मौके अधिक होने के लिए वजन ज्यादा होने पर डॉक्टर आपको वजम घटाने और कम होने के मामले में वजन बढ़ाने में मदद मिल सकती है. 

कैफीन मात्रा को कम करें

  • चाय और कॉफी में कैफीन की मात्रा काफी ज्यादा होती है.
  • इसका सीमित मात्रा में सेवन करने से लाभ मिलता है.
  • जबकि काफी अधिक मात्रा में सेवन करने से प्रजनन समस्या का रिस्क बढ़ जाता है. 

पीसीओएस के मामलों में कार्ब्स का सेवन कम करें

  • सामान्यता पीसीओएस वाली महिलाओं को वजन कम करने के लिए लो कार्ब्स डाइट लेने की सलाह दी जाती है.
  • जबकि कई स्टडी में देखने को मिला है कि कार्ब्स को मैनेज करने से पीसीओएस के कुछ पहलूओं पर लाभ मिलता है.
  • लो कार्ब डाइट की मदद से पीसीओएस ग्रसित महिलाओं को हेल्दी वजन बनाए रखने, इंसुलिन लेवल कम करने, फैट लॉस समेत नियमित मासिक धर्म में मदद मिलती है.

अच्छा ब्रेकफास्ट

  • काफी सारे लोग ब्रेकफास्ट हल्का करते है जबकि ब्रेकफास्ट थोड़ा बड़ा और भारी किया जाना चाहिए.
  • ऐसा करने से प्रजनन संबंधी समस्याओं वाली महिलाओं को लाभ मिलता है.
  • एक अध्ययन के अनुसार, इंफर्टिलिटी का सबसे बड़ा कारण पीसीओएस जैसी समस्या को अच्छे ब्रेकफास्ट खाने से बेहतर कर हार्मोनल प्रभाव को कम किया जा सकता है.
  • जबकि ध्यान देने वाली बात यह है कि ब्रेकफास्ट का साइज बढ़ाने के अलावा शाम के भोजन को हल्का न करने से वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है.

फाइबर का सेवन अधिक करना

  • फाइबर का सेवन करने से न सिर्फ पेट बल्कि शरीर में मौजूद अतिरिक्त हार्मोन को बाहर करने और ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मदद मिलती है.
  • कुछ विशेष प्रकार की फाइबर का सेवन करने से आंतों में जमा अतिरिक्त एस्ट्रोजन को बाहर करने में मदद मिलती है.
  • हाई फाइबर फ़ूड्स जैसे साबुत अनाज, फल, सब्जी, दाल, आदि.
  • इसके अलावा एवोकाडो, शकरकंदी, ओट्स, आदि में प्रोजेस्ट्रोन और एस्ट्रोजन का लेवल कम होता है और यह सॉल्यूबल फाइबर होते है.

रिफाइंड कार्ब्स कम करने

  • जब बात कार्बोहाइड्रेट की आती है तो उनकी मात्रा से ज्यादा इनके प्रकार निर्भर करते है.
  • मैदा, सफेद पास्ता, ब्रेड, चावल, ड्रिंक्स, शुगर फ़ूड्स आदि रिफाइंड कार्ब्स के कुछ उदाहरण है.
  • इनका सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल में तेज़ी देखने को मिलती है.
  • साथ ही इनका ग्लाइसैमिक इंडैक्स काफी ज्यादा होता है.
  • इंसुलिन केमिकल रूप से ओवेरियन हार्मोन से मिलती जुलती होती है जो अंडे को मैचयोर करने में मदद करती है.
  • लगातार इंसुलिन लेवल का बढ़ा रहना प्रजनन सेल्स के विकास को कम कर सकता है.

एंटीऑक्सीडेंट रिच फ़ूड्स

  • महिलाओं और पुरूषों में प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के उपाय में फोलेट और जिंक को सबसे महत्तवपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है.
  • यह पुरूषों में स्पर्म और महिलाओं में अंडे सेल्स को होने वाले नुकसान से बचाते है.
  • अध्ययनों की मानें तो पुरूषों द्वारा एंटीऑक्सीडेंट रिच वॉलनट्स रोजाना खाने से स्पर्म की गुणवत्ता बेहतर होती है.
  • वहीं अध्ययनों में देखा गया कि महिलाओं द्वारा हाई फोलेट का सेवन करने से प्रेगनेंसी के मौके अधिक देखने के अलावा शिशु जन्म का रेट काफी अधिक था.
  • फल, सब्जियां, नट्स, अनाज, जो विटामिन सी, फोलेट, विटामिन ई, आदि एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते है इनका सेवन करना चाहिए.

अंत में

प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए शरीर और प्रजनन तंत्र का हेल्दी रहना जरूरी है. इससे प्रेगनेंट होने में आसानी रहती है.

पोषक तत्वों से भरपूर डाइट का सेवन करने के साथ ही लाइफस्टाइल बदलाव और मध्यम एक्सरसाइज करने से शरीर को गर्भावस्था के लिए तैयार किया जा सकता है.

किसी अन्य समस्या या सवाल के लिए आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

References –

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