आज इस लेख में आप जानेंगे आंखों की सूजन या फुल जाने पर किए जाने वाले घरेलू उपायों के बारे में – (जानें – आंखों की रोशनी कैसे बढ़ाएं)

आंखों की सूजन से छुटकारा पाएं – home remedies for swollen or puffy eyes

पानी पीना

  • शरीर में पानी की कमी के कारण आंखों की सूजन हो सकती है.
  • इसलिए ध्यान रहें कि खूब सारा पानी पिएं जिससे आपकी स्किन हेल्दी रह सकें.
  • आमतौर पर कम से कम दिन में 8 गिलास पानी पिया जाना चाहिए.

पूरी नींद लेना

  • नियमित रूप से रात को अच्छी नींद लेने से आप आंखों की सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है.
  • व्यस्कों को रात को 7 से 9 घंटों की नींद लेने की जरूरत पड़ती है.
  • अच्छी नींद लेने के लिए रात को समय से सोना चाहिए जिससे रूटीन बन जाए.
  • साथ ही सोने से कम से कम 6 घंटे पहले कैफीन का सेवन न करें. (जानें – गुलाब जल के फायदे)
  • रात को सोने से पहले शराब का सेवन न करें, कम से कम 3 घंटे पहले डिनर कर लें.
  • सोने से 1 से 2 घंटे पहले किसी इलेक्ट्रोनिक उपकरण का उपयोग न करें.
  • नींद लेने से कुछ घंटों पहले ही एक्सरसाइज आदि खत्म कर लें.

शराब से बचें

  • शरीर में पानी की कमी करने वाली ड्रिंक्स और शराब के सेवन को सीमित करना चाहिए.
  • इससे आंखों की सूजन हो सकती है तो ऐसे में बेहतर है कि पानी पिएं.
  • सादा पानी के अलावा आप ताजा जूस भी पी सकते है.
  • फलों के जूस में अपनी मर्जी के फल को चुन सकते है.

पोटेशियम का सेवन

  • पोटेशियम के सेवन से शरीर से ज्यादा फ्लूइड को कम किया जा सकता है.
  • इसके लिए आप केला, दही, हरी पत्तेदार सब्जियों को डाइट में सेवन कर सकते है. (जानें – आंखों के लिए जरूरी विटामिन)
  • अगर आप पहले से ही पोटेशियम रिच डाइट ले रहें है तो डॉक्टर से बात कर सलाह लें.

तकीया लगाना

  • सिर के नीचे कुछ तकीये लगाकर सोने से फ्लूइड आंखों के आसपास जमा नहीं होता है.
  • इसके लिए आप थोड़ा ऊंचा तकीया लेकर सो सकते है जिससे यह इफेक्ट का लाभ उठाया जा सके.

ठंडी सिकाई

  • आंखों की सूजन को कम करने के लिए आप ठंडी सिकाई कर सकते है जिसमें करीब 10 मिनट के लिए पलकों पर ठंडी कपड़ा रख सकते है.
  • ग्रीन या ब्लैक टी के बैग को भी आंखों पर रखा जा सकता है.
  • इसमें एंटीऑक्सिडेंट और कैफीन होता है जो इंफ्लामेशन और ब्लड वैस्लस के सिकुड़ने को कम करता है.

नमक को सीमित करना

  • ज्यादा नमक खाने से शरीर में फ्लूइड रिटेंशन बढ़ सकता है.
  • जिससे कई सारे हेल्थ समस्याएं हो सकती है जैसे हार्ट समस्याएं और स्ट्रोक का रिस्क बढ़ जाना.
  • नमक का सेवन कम करने के लिए आपको पूर्ण अनाज वाले फ़ूड्स, फल सब्जियां खाने चाहिए.

आंखों की क्रीम

एलर्जी का इलाज

  • अगर आपको मौसमी एलर्जी आदि है तो डॉक्टर से सलाह लें.
  • एलर्जी के कारण आंखे लाल होना, सूजन और फूल जाना हो सकता है.
  • जिससे आप आंखों को रगड़ते है और सूजन बढ़ जाती है.
  • डॉक्टर आपके लक्षणों के आधार पर ट्रीटमेंट प्लान दे सकते है.
  • इसमें ओटीसी समेत अन्य प्रीस्क्राइब दवाएं शामिल है.

आंखों की सूजन के कारण – what causes puffy eyes?

  • इसके प्रमुख कारणों में से एक एजिंग है.
  • आंखों के नीचे की स्किन काफी पतली होती है. आयु बढ़ने के साथ शरीर में कोई बदलाव होने पर यह बदलाव दिखने लगती है.
  • समय बढ़ने के साथ पलक के टिश्यू कमजोर हो जाते है.
  • इससे आपकी पलकों के ऊपर फैट जमा होने के कारण आंखों की सूजन हो जाती है.
  • आपकी उम्र के कम होने के साथ-साथ आपकी कम पलक में भी फंसे होने की संभावना हो सकती है.
  • फ्लूइड रिटेंशन को एडिमा भी कहा जाता है.
  • आपकी पलक के आसपास की पतली त्वचा फ्लूइड रिटेंशन का कारण बन सकती है, जिसके परिणामस्वरूप आंखों की फूलावट दिखाई देती हैं.
  • जब आप सुबह सोकर उठते है तो आंखें बहुत अधिक फूली हुई दिखाई दे सकती है जो एडिमा के कारण होती है. (जानें – लेजी आई के बारे में)
  • उठ जाने के बाद पलक झपकाना शुरू करने पर आंखें कम फूली हुई दिखाई देने लगती है.

अन्य कारण

  • जेनेटिक्स
  • फ्लूइड रिटेंशन
  • एलर्जी
  • पूरी नींद न लेना
  • अनहेल्दी डाइट
  • रोना
  • अधिक सूर्य की रोशनी
  • अन्य हेल्थ कंडीशन

डॉक्टर से कब मिलें

निम्न कंडीशन का अनुभव होने पर गंभीर समस्या हो सकती है –

  • पलकों की इंफ्लामेशन
  • डर्माटाइटिस
  • लटकी हुई पलके
  • मोतियाबिंद
  • थायरॉइड आई रोग

अंत में

आंखों के आसपास सूजन को कम करने के कई तरीके है. इनमें कुछ उपाय काफी आसान है जैसे ज्यादा पानी पीना, जबकि कुछ लोग कॉस्मेटिक सर्जरी को चुनते है.

आप उम्र बढ़ने के साथ या नींद की कमी, खराब आहार या मौसमी एलर्जी जैसे कई अस्थायी कारणों से आंखों की सूजन को देख सकते हैं. 

जबकि हेल्दी लाइफ़स्टाइल आदतों से थोड़े समय के भीतर इस समस्या से राहत मिल सकती है. (जानें – पलक फड़कने के बारे में)

क्रोनिक आंखों की फूलावट के मामलों में डॉक्टर से बात करें. कुछ मामलों में यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकती है. ऐसे में डॉक्टर से सलाह कर इसके बारे में चर्चा करें.

References –

 

Share: