आज के भागदौड़ और कम समय वाले दौर में लोगों को अच्छी नींद की बहुत जरूरत होती है. जब बात आती है अच्छी नींद की तो ऐसे में लोगों को कमरे में अंधेरा, कम तापमान समेत अन्य हेल्दी वातावरण जैसी आदत चाहिए होती है.

इसके अलावा अच्छी नींद के लिए सोने की दिशा हमारे शरीर की पोजीशन आदि बहुत सारी बातें होती है जो अच्छी नींद आने के लिए जरूरी होती है.

ऐसे में वास्तु या फेंगशुई के अनुसार अपने बेड की पोजीशन को रखना और सही दिशा में सोना आपके दिमाग को शांत रखने के साथ साथ पॉजिटिव रहने में मदद करता है.

आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है आपको किस दिशा में सिर करके सोना चाहिए जिससे आपकी हेल्थ अच्छी रहने के साथ साथ आपको साकारात्मकता मिलें –

किस दिशा में सिर करके सोए? – Best direction to sleep in hindi?

वास्तु शास्त्र के अनुसार सोने की दिशा – best direction to sleep as per vastu in hindi

  • किसी भी जगह का वास्तु उसके एरिया पर निर्भर करता है.
  • इसलिए वैज्ञानिक मान्यताओं को भारतीय शिल्पकारी में डिजाइन और इस्तेमाल किया जाता है.
  • जब बात आती है सोने की दिशा की तो ऐसा माना जाता है कि हमारी सेहत पांच तत्वों – हवा, सूरज आदि से सीधा इंटरैक्ट करती है. (जानें – नंगा होकर सोने के फायदो के बारे में)
  • इसलिए वास्तु के अनुसार सोते समय सिर की पोजीशन दक्षिण की ओर होनी चाहिए.
  • जबकि सिर को उत्तर दिशा की ओर और पैरों को दक्षिण दिशा की तरफ करके सोने को सबसे खराब दिशा माना जाता है.
  • ऐसा इसलिए क्योंकि मानव सिर को पोलर जैसे आकर्षण के रूप में जाना जाता है.
  • इसलिए सिर को दक्षिण की तरफ करके सोना चाहिए जिससे दूसरे पोल आकर्षित हो.

वास्तु कितना प्रभावी होता है

  • आधुनिक विज्ञान में वास्तु को लेकर अध्ययन जारी है.
  • लेकिन काफी सारी रिसर्च में हमारे पूरे स्वास्थ पर इसके फायदे देखे गए है.
  • वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार सिर को दक्षिण दिशा में रखकर सोने से हाई ब्लड प्रेशर का रिस्क कम हो जाता है.
  • जबकि पश्चिम दिशा की तरफ सिर करके सोने से बुरे सपने आते है.

वास्तु शास्त्र के हिसाब से अन्य सुझाव

  • अपने आसपास कोई इलैक्ट्रोनिक गैजेट न रखें.
  • बेड को देखते हुए शिशा न रखें.
  • बेडरूम से कल्टर हटा दें.
  • कमरे के खिड़की और दरवाज़े बंद रखें.
  • दीवारों पर हल्के रंग रखें जैसे सफेद, क्रीम या हल्के लाइट रंग.

फेंगशुई के अनुसार सोनी की दिशा

  • वास्तु शास्त्र की ही तरह फेंगशुई को भी अच्छी सेहत के लिए सही नींद के रूप जाना जाता है.
  • हालांकि, फेंगशुई में सोने की दिशा और एरिया के तत्वों और एनर्जी के फ्लो को देखा जाता है.
  • प्राचीन फेंगशुई विशेषज्ञों द्वारा दक्षिण दिशा की एनर्जी को सोने के लिए सही माना जाता था.
  • ऐसा इसलिए क्योंकि चीन के वातावरण में दक्षिण दिशा से गर्म हवाओं का अनुभव होता था.

क्या फेंगशुई प्रभावी है

  • फेंगशुई विशेषज्ञों द्वारा आपको अपना बेड खिड़की और दरवाज़ों के पास नही रखने की सलाह दी जाती है.
  • ऐसा माना जाता है कि इससे एनर्जी बाधित होती है.

फेंगशुई के अन्य सुझाव

फेंगशुई को मुख्य रूप से एनर्जी के फ्लो को बिना किसी रूकावट के आपके रहने वाले एरिया में होने के रूप में काम करता है. लेकिन आपको खिड़की और दरवाज़ों के पास नही सोना चाहिए. इसके अलावा आप अन्य जगहों पर सो सकते है –

  • दरवाज़े के विपरीत दिशा में अपने बेड को रखें.
  • बेड को दीवार से मिलाकर न रखें लेकिन खिड़की के नीचे न हो.
  • बुकशेल्व और शिशों को बेड से थोड़ा दूर रखें.
  • बेडरूम से इलैक्ट्रोनिक को बाहर रखें. (जानें – नींद में पादने के बारे में)

दीवारों पर अलग रंग कर सकते है

  • पूर्व दिशा के लिए हरा रंग जो परिवार और हेल्थ के लिए होता है.
  • पश्चिम दिशा के लिए सफेद जो बच्चों और रचनात्मकता के लिए होता है.
  • दक्षिण के लिए लाल जो फेम और अच्छी छवि के लिए होता है.
  • नीला या काला जो करियर और जिंदगी के लिए होता है.

अंत में

अगर बात करें वास्तु की तो यह प्राचीन भारतीय विज्ञान है जिसका पूरा आधार साइंस है. वहीं फेंगशुई एक चाइनीज़ तरीका है जो संतुलन को बनाए रखने के लिए एनर्जी पर फोकस करते हुए रोजाना की वस्तुओं का प्लेसमेंट है.

इन दोनों तरीकों का अपना ही इतिहास है लेकिन दोनों का मूल सिद्धांत एक है जिसमें आसपास की वस्तुओं को सेहत के फायदे या नुकसान के रूप में रखना शामिल है.

दोनों प्राचीन तरीकों में चारों दिशाओं और प्रकृति के 5 तत्वों – वायु, आग, पानी, पृथ्वी और अंतरिक्ष को प्राथमिकता दी जाती है.

इन सभी बातों के अलावा फेंगशुई और वास्तु सोने के तरीके के अलावा दोनों तरीकों में आपके सोने का तरीका पूरी सेहत पर प्रभाव डालता है.

अगर आपको सोने में परेशानी होती है तो आपको अपनी सोने की दिशा बदलकर देखना चाहिए या डॉक्टर से मिलकर अन्य जरूरी टिप्स ली जानी चाहिए.

जिससे वह आपकी नींद की समस्या जैसे स्लीप अपेनिया और रेस्टलेस लेग सिंड्रोम आदि समस्या का पता लगाया जा सकें.

रोजाना पूरी नींद नही लेने से रोगों के रिस्क बढ़ सकते है जिसमें हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट रोग और डायबिटीज़ आदि शामिल है.

References –

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