इस लेख में आप जानेंगे स्लिप डिस्क क्या है, लक्षण, कारण, निदान, जटिलताएं, इलाज और बचाव –

स्लिप डिस्क क्या है? – what is slip disc?

  • स्लिप डिस्क को हर्नियेटिड डिस्क भी कहा जाता है.
  • हमारी स्पाइनल कॉलम कई सारे हड्डियों से मिलकर बना होता है जो एक क्रम में एक दूसरे से जुड़ी होती है. (जानें – कमर के निचले हिस्से में दर्द के घरेलू उपाय)
  • शुरू से लेकर अंत तक कॉलम में सात हड्डी सर्वाइकल स्पाइन, 12 थोरैसिस स्पाइन, 5 लम्बर स्पाइन और बेस से सेक्रम और कॉसिक्स तक फॉलो होती है.
  • इन हड्डियों को डिस्क से सपोर्ट मिलती है.
  • इसके अलावा चलने, वजन उठाने और मुड़ने आदि जैसी रोजाना की एक्टिविटी के कारण होने वाले शॉक को सोखने के लिए डिस्क मदद करती है.
  • हर एक डिस्क के दो भाग होते है – जिसमें मजबूत बाहरी रिंग और सॉफ्ट, पतला अंदरूनी भाग.
  • इंजरी या कमजोरी के कारण डिस्क का अंदरूनी भाग आउटर रिंग से बाहर आ जाता है जिसे स्लिप, हेर्नियेटिड, प्रोलैप्सड डिस्क कहा जाता है.
  • इस कंडीशन के दौरान काफी तेज दर्द और असहजता होती है.
  • स्लिप डिस्क के कारण किसी भी स्पाइनल नर्व के संकुचित हो जाने पर आपको प्रभावित नसों के सुन्न होने के साथ दर्द महसूस होता है.
  • गंभीर मामलों में आपको स्लिप डिस्क को रिपेयर या हटाने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है.

स्लिप डिस्क के लक्षण क्या होते है? – what are the symptoms of slip disc?

  • आपको स्पाइन के किसी भी हिस्से में स्लिप डिस्क हो सकती है उदाहरण के लिए गर्दन से लेकर कमर के निचले हिस्से तक.
  • स्लिप डिस्क के अधिकतर मामले कमर के निचले हिस्से में देखने को मिलते है.
  • स्पाइनल कॉलम में नसों और ब्लड वैसल्स का नेटवर्क होता है.
  • स्लिप डिस्क हो जाने के कारण इसके आसपास की नसों और मांसपेशियों पर अधिक प्रेशर आ जाता है.
  • यह दर्द एक से दूसरे व्यक्ति में अलग अलग होते है.
  • टिंगलिंग, दर्द या सुन्नाहट के कारण आपकी मांसपेशियों की क्षमता प्रभावित हो जाने के मामलों में डॉक्टर से बात करें. (जानें – पैरों के तलवों में जलन होने पर क्या करें)

स्लिप डिस्क के लक्षणों में –

  • शरीर के एक तरफ दर्द और सुन्नाहट
  • दर्द का हाथ या पैरों तक फैलना
  • कुछ विशेष गतिविधियों के साथ या रात को दर्द का असहनीय हो जाना
  • छोटी दूरी पर चलने पर दर्द महसूस होना
  • उठने या बैठने पर दर्द खराब होना
  • बिना कारण मांसपेशियों की कमजोरी
  • प्रभावित क्षेत्र पर टिंगलिंग, ऐंठन या जलन जैसी सनसनी महसूस होना

स्लिप डिस्क के कारण क्या होते है? – what are the causes of slip disc?

  • यह कंडीशन तब होती है जब आउटर रिंग कमजोर या टूटने के कारण अंदरूनी हिस्सा बाहर आ जाता है उसे स्लिप डिस्क कहा जाता है.
  • आमतौर पर यह आयु के साथ होता है.
  • इसके अलावा कुछ मोशन के कारण भी स्लिप डिस्क हो सकती है.
  • किसी वस्तु को उठाने या मुड़ने के दौरान डिस्क अपनी जगह से हिल सकती है.
  • भारी, बड़ी वस्तु को लिफ्ट करने से भी लोवर बैक पर तनाव आने के कारण स्लिप डिस्क हो सकती है.
  • अगर आप कोई ऐसा काम करते है जिसके कारण आपको शारीरिक रूप से ज्यादा वजन उठाना पड़ता है तो आपको स्लिप डिस्क का रिस्क रहता है.
  • ज्यादा वजन वाले लोगों को भी स्लिप डिस्क का रिस्क रहता है क्योंकि उनकी डिस्क अतिरिक्त वजन को सपोर्ट करती है. (जानें – लोवर बैक दर्द से राहत के लिए)
  • कमजोर मांसपेशियां और बैठे रहने वाली लाइफस्टाइल के कारण स्लिप डिस्क के विकसित होने का खतरा रहता है.
  • आयु बढ़ने के साथ ही आपको स्लिप डिस्क का खतरा अधिक रहता है.
  • ऐसा इसलिए क्योंकि डिस्क अपना बचाव करने वाला पानी वाला कंटेट खोना शुरू कर देता है.
  • परिणाम स्वरूप यह अपनी जगह से हिल जाती है. यह परेशानी महिलाओं की तुलना में पुरूषों में आम है.

स्लिप डिस्क का निदान कैसे होता है? – how are slip disc diagnosed?

  • डॉक्टर द्वारा शारीरिक जांच की जाती है.
  • जिसके दौरान दर्द और असहजता के कारण को देखा जाता है. (जानें – घुटनों में दर्द के घरेलू उपाय)
  • जिसमें नर्व फंक्शन और मांसपेशियों की ताकत, छूने या हिलने पर दर्द महसूस होना आदि देखा जाता है.
  • इसके अलावा डॉक्टर द्वारा मेडिकल हिस्ट्री और लक्षणों के बारे में भी जानकारी ली जाती है.
  • किन एक्टिविटी के कारण दर्द बढ़ता या कम होता है इसका पता लगाया जाता है.
  • प्रभावित एरिया की हड्डियां और मासंपेशियों का पता लगाने के लिए – एक्स-रे, एमआरआई, सीटी स्कैन, डिस्कोग्राम आदि किए जाते है.
  • इन सभी से दर्द, कमजोरी या असहजता को पता लगाने में मदद मिलती है.

स्लिप डिस्क में क्या क्या जटिलताएं होती है? – what are the complications of slip disc?

  • गंभीर स्लिप डिस्क समस्या का इलाज न करने पर स्थाई रूप से नर्व को क्षति हो सकती है.
  • इसके अलावा बहुत ही रेयर मामलों में स्लिप डिस्क के कारण पैरों और कमर की नर्व कट सकती है.
  • जिससे बाउल या ब्लैडर कंट्रोल का नुकसान हो सकता है. (जानें – पैरों में ऐंठन के घरेलू उपाय)
  • अन्य लंबे समय की जटिलताओं में स्लिप डिस्क नर्व की सिकुड़न के कारण जांघ के अंदरूनी हिस्से, पैरों के पिछले हिस्से और रेक्टम के आसपास सेंशेसन का नुकसान होना होता है.
  • स्लिप डिस्क के लक्षण बेहतर या खराब हो सकते है.

स्लिप डिस्क का इलाज कैसे होता है? – how are slip discs treated?

  • इसका इलाज अपरिवर्तनवादी से लेकर सर्जरी तक हो सकता है.
  • आपकी असहजता के स्तर का अनुभव और स्लिप डिस्क के बाहर आने की सीमा के आधार पर होता है.
  • अधिकांश लोग एक्सरसाइज जिसमें स्ट्रेचिंग और कमर की मांसपेशियों को मजबूत करना शामिल होता है.
  • पोजीशन जिनके कारण दर्द बढ़ता है उनसे बचना चाहिए.
  • साथ ही भारी वस्तु उठाने से बचें और दर्द से बचने के लिए ओटीसी दवाएं ली जा सकती है.
  • स्लिप डिस्क होने पर दर्द होता है साथ ही मांसपेशियों की कमजोरी और जोड़ो की ऐंठन, तो ऐसे में कम से कम स्ट्रैचिंग या हल्की वाल्क जरूर करनी चाहिए. (जानें – नंगे पैर चलने के बारे में)
  • स्लिप डिस्क दर्द पर ओटीसी दवाओं का असर न पड़ने पर डॉक्टर द्वारा मजबूत दवाएं दी जा सकती है.
  • इसके अलावा लक्षणों के 6 हफ्तों में कम न होने या मांसपेशी फंक्शन के प्रभावित हो जाने के मामलों में सर्जरी अनुशंसित की जा सकती है.
  • सर्जन द्वारा पूरी डिस्क को न हटाकर सिर्फ प्रभावित एरिया की नसों को हटाया जा सकता है.
  • अधिक गंभीर मामलों में डॉक्टर डिस्क को रिप्लैस या हटा सकते है जिसमें वर्टिब्रे को साथ में फ्यूज कर दिया जाता है.

क्या स्लिप डिस्क से बचाव संभव है? – is it possible to prevent a slip disc?

  • वजन को लिफ्ट करते समय सही तकनीक का उपयोग करें.
  • शरीर के हेल्दी वजन बनाए रखना.
  • लंबे समय तक बैठ रहने से बचें.
  • कमर, पैर, पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज करें.

अंत में

स्लिप डिस्क वाले अधिकतर लोगों पर परिवर्तनवादी इलाज काफी अच्छे से काम करता है. छह हफ्तों के भीतर दर्द और असहजता धीरे धीरे कम होने लगती है. (जानें – वजन घटाने के टिप्स)

References –

 

Share: