शरीर में खराब फैट जमा होने के कारण कई सारे रोग हो जाते है जिसमें से एक कृत्रिम ट्रांस फैट फ़ूड्स भी होते है – जानें ऐसे ही फ़ूड्स के बारे में जिनमें ट्रांस फैट होते है.

ट्रांस फैट फ़ूड्स – Trans fat foods in hindi

तले हुए फ़ास्ट फ़ूड्स

  • बाजार में मिलने वाले तले हुए जंक फ़ूड्स में ट्रांस फैट का लेवल काफी ज्यादा होता है.
  • जंक फ़ूड या फ़ास्ट फ़ूड्स जैसे बर्गर, पिज़्ज़ा वेजीटेबल ऑयल में पके होते है जिस कारण ट्रांस फैट में बहुत अधिक होते है.
  • इसके अलावा ज्यादा भोजन पकाने वाले तापमान में भोजन को तलने से ट्रांस फैट की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है.
  • जबकि एक ही तेल का उपयोग बार बार भोजन पकाने के लिए करने से उसमें ट्रांस फैट की मात्रा बढ़ जाती है.
  • इसी कारण तले हुए भोजन से ट्रांस फैट को निकालना मुश्किल हो जाता है.

(लो कैलोरी फ़ूड्स के होते है कई सारे फ़ायदे – अधिक जानने के लिए क्लिक करें)

बेकरी प्रोडक्ट

  • केक, पेस्ट्री, डोनट्स आदि बेकरी में मिलने वाले प्रोडक्ट काफी नुकसान देते है.
  • ऐसा इसलिए क्योंकि बेकरी प्रोडक्ट्स में ट्रांस फैट की मात्रा ज्यादा होती है.
  • इनमें ट्रांस फैट होने का कारण हाइड्रोजेनेटिड ऑयल को माना जाता है.

विशेष वेजीटेबल ऑयल

  • कुछ वेजीटेबल ऑयल के भीतर ट्रांस फैट होता है विशेष रूप से हाइड्रोजेनेटिड के मामलों में ऐसा संभव है.
  • किसी भी वस्तु का हाइड्रोजेनेशन करने से उसे लंबे समय तक उपयोग किया जा सकता है.
  • जिस कारण इनमें हाई ट्रांस फैट की मात्रा बढ़ जाती है.
  • हालांकि, नॉन हाइड्रोजेनेटिड वेजीटेबल ऑयल में भी ट्रांस फैट होता है जो नैचुरल होता है.
  • ट्रांस फैट का सेवन कम करने के लिए हाइड्रोजेनेटिड ऑयल के सेवन से बचें.
  • इसके स्थान पर हेल्दी ऑयल जैसे कच्चा जैतून का तेल या नारियल का तेल उपयोग कर सकते है.

आलू चिप्स

  • अगर आप आलू चिप्स खाते है तो उसके पैकेट पर लिखे सामग्री को जरूरी पढ़ें.
  • इनमें ट्रांस फैट की मात्रा काफी होती है.
  • जबकि इन्हें सड़ने से बचाने के लिए हाइड्रोजन का उपयोग किया जाता है ताकि लंबे समय तक खराब न हो.

क्रैकर

  • हाइड्रोडेनेटिड ऑयल के उपयोग के कारण इनमें ट्रांस फैट की मात्रा काफी अधिक हो जाती है.
  • कुछ ब्रैंड ट्रांस फैट फ्री होने का दावा करते है लेकिन उपयोग करने से पहले सामग्री की मात्रा को जानना चाहिए.

नॉन डेयरी क्रीमर

  • काफी सारे लोग चाय, कॉफी आदि में दूध का उपयोग न करके नॉन डेयरी क्रीमर डालते है.
  • इन नॉन डेयरी क्रीमर में शुगर और ऑयल मुख्य सामग्री के रूप में मौजूद होते है.
  • साथ ही नॉन डेयरी क्रीमर में भी हाइड्रोजेनेटिड ऑयल उपयोग होता है जिस कारण इसमें ट्रांस फैट बढ़ जाता है.
  • ऐसे में आप नॉन-डेयरी प्रोडक्ट जिनमें हाइड्रोजेनेटिड ऑयल या अन्य विकल्प जैसे पूर्ण दूध, क्रीम आदि का उपयोग करें.

पॉपकॉर्न

  • वैसे तो इन्हें काफी लोकप्रिय हेल्दी स्नैक्स फ़ूड्स में से एक माना जाता है.
  • फाइबर से भरपूर होने के अलावा यह लो फैट और कैलोरी वाले होते है.
  • लेकिन पॉपकॉर्न के कुछ माइक्रोवेव में बनने वाले पॉपकॉर्न में ट्रांस फैट मौजूद होता है.
  • फ़ूड कंपनियों द्वारा माइक्रोवेव में पकने वाले पॉपकॉर्न में हाइड्रोजेनेटिड ऑयल का उपयोग किया जाता है.
  • इस कारण पॉपकॉर्न का गर्म होने का पॉइंट ज्यादा होने के अलावा यह पॉपकॉर्न बैग को सख्त रखता है.
  • ट्रांस फैट के रिस्क को कारण बहुत सारे कंपनियों ने ट्रांस फैट फ्री ऑयल का उपयोग करना शुरू कर दिया है.

अंत में

ट्रांस फैट एक प्रकार के अनसैचुरेटिड फैट होते है जिसके हमारे स्वास्थ्य पर कई सारे नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते है.

अध्ययनों में देखने को मिला है कि ट्रांस फैट का अधिक सेवन करने से हार्ट रोग, इंफ्लामेशन, खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ना आदि होता है.

वहीं कृत्रिम ट्रांस फैट हाइड्रोजिनेशन की प्रक्रिया के दौरान विकसित होते है. इसके अलावा ट्रांस फैट नैचुरल रूप मांस और डेयरी में होता है.

(क्या होता है सैचुरेटिड फैट और कैसे पहुंचाता है ये हेल्थ को नुकसान)

ध्यान रहें कि जब भी कोई बाजार में मिलने वाले फ़ूड प्रोडक्ट का उपयोग करने से पहले उसपर छपी सामग्री और मात्रा को जरूर पढ़ें. इसके स्थान पर हेल्दी फ़ूड्स का सेवन करें.

References –

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